नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग Jivanijano.com पर जैसा की आप सभी जानते ही हैं कि हम अपने ब्लॉग पर नए पुराने सभी आविष्कारों तथा खोज के बारे में जानकारी देते रहते हैं तो चलिए आज भी हम आपके साथ शेयर करने वाले हैं ऐसी ही रोचक जानकारी। आज हम बात करने वाले हैं कैमरा के बारे में जी हां हम उसी कैमरे की बात कर रहे हैं जिससे हम फोटोग्राफी करते हैं और वही कैमरा जो हमारे मोबाइल में भी हमारी फोटो क्लिक करता है
फोटोग्राफी का कैमरा तथा हमारे मोबाइल का कैमरा अलग-अलग नहीं होता है यह दोनों कैमरे एक ही होते हैं बस इनका मॉडल तथा आकार अलग होता है।कैमरे को सबसे पहले किसने बनाया, कैमरा कैसे काम करता है, तथा कैमरा कब बनकर तैयार हुआ इस सब के बारे में हम इस लेख में जानेंगे तो चलिए शुरू करते हैं पूर्ण जानकारी प्राप्त करने हेतु अंत तक हमारे साथ लेख में बने रहिए।
कैमरा क्या होता है
कैमरा यूनानी भाषा के शब्द “kamera” से बना है जिसे सरल भाषा में “Camera Obsecure” कहा जाता है इसका अर्थ अंधेरा कमरा होता है। कैमरा एक ऐसा यंत्र है जिसमें Light (प्रकाश) के प्रति संवेदनशील तत्व में सेंसर का उपयोग किया जाता है और दृश्य कैद किया जाता है। कैमरा कुछ ही पल में फोटो ले लेता है, आजकल सभी मोबाइल फोन मे भी कैमरा उपलब्ध होता है जिससे आप आसानी से फोटो क्लिक कर सकते हैं।
कैमरे का आविष्कार किसने किया
जिस कैमरे से आज हम एक सैकंड में क्लिक करते ही फोटो प्राप्त कर लेते है वे पहले ऐसे नहीं होते थे पहले के लोग अपने खास पलों को ताजा रखने के लिए उसका चित्र बनवाते थे लेकिन इसके लिए उन्हें लंबे समय तक एक ही स्थान पर बैठे रहना पड़ता था। एक इराकी वैज्ञानिक इब्न अल हयथम ने 1021 में अपनी पुस्तक जिसका नाम ‘किताब अल मनाजिर’ था उसमें कैमरे जैसे ही किसी यंत्र की बात की थी लेकिन तब कैमरा बना नहीं था।
सबसे पहले कैमरे का डिजाइन 1685 में John जहान ने तैयार किया था और 1814 में सबसे पहले जोसेफ निकोरेप निएप्से ने कैमरा ऑब्सक्योरा से फोटो खींचा था। कैमरा ओब्सक्योरा से फोटो खींचने में कई घंटे लग जाते थे और लिया गया फ़ोटो कुछ समय बाद गायब हो जाता यह इसकी सबसे बड़ी समस्या थी।
1829 में सबसे पहले फोटोग्राफी कैमरे का निर्माण Louis Daquerre ने किया था इन्हे फोटो खींचने का तरीका खोजने में 10 वर्ष लग गए तथा जिस प्रक्रिया से Photo को बनाया गया उसने इस कैमरे को “Daguerreotype” कहा था। Louis Daquerre ने यह सारी प्रक्रिया निकोरेप निएप्से की सहायता से पूर्ण की थी। 1839 में Louis Daquerre और निकोरेप निएप्से इन दोनो के बच्चो ने “Daguerreotype” कैमरा Franch Govt. को बेच दिया लेकिन यह कैमरा अभी भी फ़ोटो खींचने के बाद Negative Photos नहीं देता था।
William Hanery Fox ने 1840 में Negative Photos की समस्या को दूर करने हेतु Calotype नामक कैमरे का निर्माण किया इस कैमरे में Negative Photos उपलब्ध हो जाते थे।
कैमरा के प्रकार (Types of Camera)
कैमरा अलग-अलग प्रकार के और अलग-अलग रेट के होते हैं कैमरा के मुख्य प्रकार नीचे बताए गए हैं -:
डोम सीसीटीवी कैमरा (Dom CCTV Camera)
स्टीरियो कैमरा (Sterio Camera)
बुलेट कैमरा (Bullat Camera)
व्यू फाइंडर कैमरा (View Finder Camera)
बॉक्स टाइप कैमरा (Box Type Camera)
PTZ Camera
फील्ड कैमरा (Field Camera)
कॉम्पेक्ट कैमरा (Compect Camera)
ऑटो कैमरा (Auto Camera)
मिनिएचर कैमरा (Miniature Camera)
रिफ्लेक्स कैमरा (Reflex Camera)
पोलेराइड कैमरा (Polaride Camera)
कैमरा कैसे कार्य करता है
अब तक हमने कैमरा क्या होता है तथा कैमरे के प्रकार के बारे में जानकारी प्राप्त की है अब हम जानेंगे How to Click Photos In Camera तो आइए कैमरा कैसे कार्य करता है और हम कैमरे में फोटो कैसे क्लिक कर सकते हैं इस जानकारी को प्राप्त करते हैं। कैमरे में साफ फोटो लेने के लिए लेंस के माध्यम से Light को सेंटर में फोकस किया जाता है पुराने कैमरो में लाइट को फोकस करने के लिए कोई मीडियम नहीं होता था उसके लिए लेंस को हाथ से पकड़ कर आगे पीछे करना होता था
लेकिन वर्तमान समय के कैमरे में ऑटोफोकस की सुविधा सीधे ही कैमरे में दी गई है। अभी हमने मैन्युअल फोकस के बारे में बात की है लेकिन वर्तमान समय के मोबाइल फोन के कैमरा और डिजिटल कैमरा में मैन्युअल फोकस की जगह ऑटोफोकस की सुविधा होती है जिससे फोटो क्लिक करने में आसानी होती हैं।
जब Light सही से सेंसर पर नहीं पड़ती है तो तस्वीर धुंधली हो जाती है धुंधली तस्वीर देखकर हमें समझ जाना चाहिए कि लाइट सही से सेंसर पर नहीं पड़ रही है। लेंस के अंदर एक छोटा सा छेद होता है जिससे होकर के प्रकाश की किरण अंदर आती है, इस छोटे से छेद को अप्रचर कहा जाता है।
फोटोसेंसेटिव मीडियम और लेंस के बीच में शटर होता है जो प्रकाश को रोकता है जैसे ही कैमरे में शटर बटन को दबाया जाता है शटर ऊपर उठ जाता है और यह प्रकाश को फोटो सेंसेटिव मीडियम पर डाल देता है प्रकाश जैसे ही फोटोसेंसेटिव मीडियम पर पड़ता है फोटो क्लिक हो जाती है।
Parts of Camera
कैमरा कई छोटे-छोटे भागों से मिलकर बना है इसका प्रत्येक भाग बहुत अहम भूमिका निभाता है चलिए कैमरे के कुछ महत्वपूर्ण भागो को देखते हैं –
Viewfinder
Aperture
Shutter
Light
Exposure
Auto focus
Lens
Focus
Regional depth
Flesh
Tripod
पिनहोल कैमरा का आविष्कार कब हुआ
1856 में स्कॉटिश आविष्कारक डेविड बूस्टर ने अपनी पुस्तक “द स्टीरियोस्कोप” मैं पहले पिनहोल फोटोग्राफी कैमरे का जिक्र किया जिसमें बिना लेंस के कैमरे की बात कही गई थी। यह कैमरा “कैमरा ऑब्स्क्योरा” के सिद्धांत पर ही काम करता है इसमें बिना किसी लेंस के एक छोटे से छेद (अप्रचर) से लाइट को ट्रांसफर किया जाता है यह लाइट इस छेद से गुजर कर अंधेरे डब्बे के पिछे वाली साइड पर जाकर उल्टी तस्वीर बना देती है।
यह तस्वीर सदा के लिए नहीं बनती है जैसे ही छेद के पास से वस्तु को हटा दिया जाता है यह तस्वीर भी हट जाती है यह फोटो परमानेंट नहीं था और पिनहोल कैमरा में और भी कई समस्याएं थी। पिनहोल कैमरा इतना सक्सेस नहीं था लेकिन इससे कुछ आईडिया लेकर वैज्ञानिकों ने और नए डिजिटल तथा फिल्म कैमरे का निर्माण किया।
फिल्म रोल कैमरा क्या होता है
जैसा की आप सभी को पता है पिनहोल कैमरा में फोटो कुछ समय बाद गायब हो जाता था इस समस्या को दूर करने के लिए फिल्म रोल कैमरा का उपयोग होने लगा। जॉर्ज ईस्टमैन ने 1889 में फिल्म रोल कैमरे का आविष्कार किया, फिल्म कैमरे में खींचे गए फोटो को स्थाई रखने के लिए फोटो सेंसेटिव केमिकल युक्त (silver bromide or silver chloride) कागज का प्रयोग किया गया।
अब इस केमिकल पर लाइट पडते ही एक केमिकल रिएक्शन होती और दृश्य छप जाता, यह छपा हुआ दृश्य सीधा और परमानेंट था। लाईट को एक जगह एकत्रित करने और सेन्टर पर फोकस लाने के लिए लेंस का इस्तेमाल किया जाता है, कुछ समय बाद फिल्म रोल में इन्हीं फोटो सेंसिटिव केमिकल को उपयोग में लिया गया जिससे ये फोटो को सहेज सकते थे। फिल्म रोल कैमरा सिर्फ फोटो खींच सकता है यह वीडियो नहीं बना सकता था।
डिजिटल कैमरा क्या है
डिजिटल कैमरा फिल्म का उन्नत रूप है यह ऐसा कैमरा है जो फोटो को डिजिटल माध्यम से क्लिक करता है डिजिटल कैमरे में लिए गए फोटो और वीडियो को वाईफाई और यूएसबी केबल के माध्यम से कंप्यूटर और लैपटॉप में लिया जा सकता है। डिजिटल कैमरा में फोटो और वीडियो लेना बहुत ही आसान है जिससे हर कोई फोटो क्लिक कर सकता है, 1975 में कोडक कंपनी के इंजीनियर स्टीवन सेंसन ने डिजीटल कैमरे का निर्माण किया।
यह Digital Camera 0.01 Megapixel का होता जो एक फोटो क्लिक करने में 23 सेकंड का समय लगाता था और इससे ब्लैक एंड वाइट फोटो लिया जा सकता था। पहले कैमरा में फिल्म रोल होते थे उनकी जगह पर अब इलेक्ट्रॉनिक सेंसर और मेमोरी कार्ड उपयोग होते हैं, 1990 में पहला डिजिटल कैमरा “डायकॉम मॉडल वन” बेचा गया जो कि 600 डॉलर का था डिजीटल कैमरा फोटो और वीडियो दोनों शूट कर सकता ह
प्रतिबिंब के resolution के आधार पर डिजिटल कैमरा तीन प्रकार का होता है।
- निम्न रिसोल्यूशन डिजिटल कैमरा
- मध्यम रिसोल्यूशन डिजिटल कैमरा
- उच्च रिसोल्यूशन डिजिटल कैमरा
CCTV Camera कब बना
1942 में जर्मनी में सबसे पहले CCTV Camera की तकनीक की शुरुआत हुई इंजीनियर वाल्टर ब्रूज ने इसे डिजाइन किया था। इसे सबसे पहले V-2 रॉकेट की निगरानी के लिए उपयोग में लिया गया और इस तकनीक का व्यवसायिक रूप से उपयोग 1949 से किया जाने लगा।
मोबाइल कैमरा
जापान की एक मोबाइल फोन निर्माता कंपनी ने सन 2000 में पहली बार Sharp J-SH 04 मोबाइल फोन में 0.1 Megapixel कैमरे का इस्तेमाल किया था। इसी वर्ष Samsung कंपनी ने भी अपना एक नया SCH-V 200 नाम का मोबाइल फोन लांच किया।
DSLR Camera कब बना
DSLR Camera का आविष्कार सबसे पहले जापान की Nikola कंपनी ने किया, जब यह कैमरा मार्केट में आया तो यह सबसे अच्छा कैमरा बना इसकी क्वालिटी सबसे अच्छी थी। फोटो और वीडियो तो इसके बहुत अच्छे होते हैं इसी के साथ फिल्म की शूटिंग के लिए भी DSLR कैमरे का उपयोग किया जाने लगा।
ड्रोन कैमरा (Draun Camera)
ड्रोन एक तरह का कैमरा है यह कैमरा रोबोट की तरह काम करता है, इसे इंसान अपने हाथों से चलाता है ड्रोन को एक रिमोट कंट्रोल से नियंत्रित किया जाता है । ड्रोन कैमरा हवा में ऊपर ऊंचाई तक उड़ कर भी नीचे के दृश्य को कैद कर सकता है ड्रोन को बच्चा-बच्चा जानता है तथा इसका उपयोग भी सामान्य रूप से लोगों को पता होता है लेकिन बहुत कम लोगों को यह पता होता है कि ड्रोन कैमरा सबसे पहले कहां उपयोग में लिया गया था।
तो चलिए जानते हैं कि ड्रोन कैमरा सबसे पहले कब और कहां उपयोग में लिया गया था। कंप्यूटर साइंस और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बढ़ोतरी होने के बाद ही ड्रोन का आविष्कार संभव हो पाया है। ड्रोन का चलन दो दशक पुराना है भारत देश में इसका चलन काफी बड़ा है।
योम कुप्पूर में 1973 में तथा लेबनान में 1982 में युद्ध में ड्रोन का उपयोग किया गया जिससे सब लोगों को ड्रोन की शक्ति का पता चला इसके बाद कई देशों में युद्ध में ड्रोन का उपयोग किया जाने लगा ड्रोन की सहायता से सेना में कितने सैनिक है तथा कौन-कौन से हथियार है इस सब का पता लगाया जा सकता है तथा कितनी दूरी पर सेना खड़ी है और कितनी बड़ी सेना है इसका पता भी लगाया जा सकता है उससे युद्ध को जीतने में आसानी होती हैं। भारत देश ने 200 से अधिक ड्रोन की सेवाए इजराइल से ली है, भारत में भी ड्रोन का चलन बहुत ही ज्यादा बड़ा है।
सबसे पहले ड्रोन का इस्तेमाल युद्ध में किया जाने लगा, ऑस्ट्रेलिया ने 1849 में मानव रहित एक बम बनाया जो उड़कर कहीं भी जाकर ब्लास्ट हो सकता था, इसकी आकृति गुब्बारे के जैसी थी तथा यह हवा में उड़ सकता था इसी के निर्माण के बाद ड्रोन बनाने की प्रेरणा ली गई होगी कुछ वर्षों बाद 1915 में निकोला टेस्ला ने मानव रहित लड़ाकू विमान बनाया जो बिना मानव की सहायता के उड़ सकता था।
अमेरिका ने द्वितीय विश्वयुद्ध में ड्रोन का इस्तेमाल काफी बड़े स्तर पर किया था। ड्रोन को बनाने में कई लोगों ने अपना योगदान दिया परंतु ड्रोन के बनाने में अहम योगदान Marilyn Monroe का माना जाता है। पहले आम नागरिक ड्रोन को नहीं खरीद सकता था तथा ना ही उसका उपयोग कर सकता था लेकिन अब इसको खरीदना और उपयोग में लेना आसान हो गया है। कृषि के क्षेत्र में भी 1987 के बाद से ड्रोन का उपयोग किया जाने लगा तथा मीडिया, समुद्र, समाचार, विज्ञान, फिल्म, पुलिस आदि के क्षेत्र में भी ड्रोन का उपयोग काफी मात्रा में किया जा रहा है और भविष्य में भी ड्रोन का काफी ज्यादा उपयोग होने वाला है।
कैमरा संबंधित कुछ शॉर्ट फॉर्म
SLR – Single Lens रिफ्लेक्स
DSLR – डिजिटल Single Lens रिफ्लेक्स
MILC – Mirrorless Interchangable Lens Camera
MFT – Micro Four Third
कैमरे का आविष्कारक कौन है?
कैमरे का अविष्कारक लुइ के प्रिंस और जोहान जहन है।
सीसीटीवी कैमरे का आविष्कार कब हुआ?
1942 में जर्मनी में सबसे पहले CCTV Camera की तकनीक की शुरुआत हुई इंजीनियर वाल्टर ब्रूज ने इसे डिजाइन किया था। इसे सबसे पहले V-2 रॉकेट की निगरानी के लिए उपयोग में लिया गया और इस तकनीक का व्यवसायिक रूप से उपयोग 1949 से किया जाने लगा।
भारत में पहला कैमरा कब आया था?
भारत का पहला कैमरा रेप्लेक्स कैमरा था जो 1928 में टीएलआर के रूप में आया ,यह भोत पॉपुलर हुआ।
दुनिया का सबसे पहला कैमरा कौन सा है?
दुनिया का पहला कैमरा कैमरा ऑब्सक्यूरा था। इसकी खोज 400 ईशा पूर्व चीनी के पाण्डुलिपिओ में हुई थी।
कैमरे को हिंदी में क्या कहते हैं?
कैमरे को हिंदी में कैमरा ही कहते है लेकिन इसके लिए चित्रग्राही शब्द का प्रयोग भी किया जाता है।
पहली तस्वीर कहाँ ली गई थी?
1820 के करीब जोसेफ नाइसफोर और लुइस डॉगेर ने मिलकर फोटोग्राफिक प्रक्रिया डॉगोरोटाइप का आविष्कार किया। इसकी मदद से ही पहली तस्वीर 1826 में कैप्चर की गई। इसे फ्रेंच साइंटिस्ट जोसेफ नाइसफोर ने अपने घर की खिड़की से लिया था। ऑब्सक्यूरा कैमरे से तस्वीर को कैप्चर करने में 8 घंटे लगे थे।
भारत में सबसे पहला फोटो कौन सा है?
1848-49 में दूसरे सिख युद्ध के दौरान ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना की बंगाल स्थापना में एक सर्जन जॉन मैककोश द्वारा सबसे पहले ज्ञात तस्वीरें ली गई थीं।
भारत में कलर फोटो कब शुरू हुआ?
भारत में रंगीन फोटो भी सुरुवात रघुवीर सिंह ने प्रारम्भ किया। इन्होने मातृभूमि भारत के दृश्यों को कैप्चर करने के लिए रंगीन फिल्म के उपयोग का बीड़ा उठाया।
Conclusion
तो दोस्तों आज हमने कैमरे का आविष्कार किसने किया, कैमरा कितने प्रकार का होता है, Parts of Camera, डिजिटल कैमरा क्या होता है, All Information About Camera in Hindi, ड्रोन कैमरा तथा अन्य कैमरा के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की है तो दोस्तों आपको यह जानकारी कैसी लगी तथा इसके अलावा और कोई कैमरे से रिलेटेड फैक्ट आपको पता हो तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं धन्यवाद।