नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले हैं अमेरिका के 16वे राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के बारे में जो कि 1861 से 1865 तक अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर कार्यरत रहे, उन्होंने कई भारी दुखों को सहन कर इस पद को प्राप्त किया और अपने जीवन में कई बार हारने के बाद यह सफलता प्राप्त की उन्होंने काले-गोरे तथा जात-पात के भेदभाव को खत्म करने के लिए कई प्रयास किए थे। लिंकन ने अमेरिका से लंबे समय से चल रही दास प्रथा को जड़ से खत्म कर दिया और नागरिकों को गुलामी की इस प्रथा से मुक्ति दिला दी।
जब लिंकन 9 साल के थे तब उनकी मां की मृत्यु हो गई और जब 31 साल के थे तब एक बिजनेस में हार गए। उसके बाद 32 साल की उम्र में राज्य के विधायक के चुनाव में हारे और 33 साल की उम्र में पुनः बिजनेस में फेल हो गए, सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि 35 साल की उम्र में प्रेमिका का निधन हो गया और 44 वर्ष की उम्र में चुनाव में हारने के बाद 48 वर्ष में पुनः चुनाव लड़े
लेकिन वापस उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। 55, 56 तथा 59 वर्ष की उम्र में बार-बार चुनाव लड़ने के पश्चात उन्हे हार ही मिली लेकिन वो कहते हैं “कोशिश करने वाले की हार नहीं होती” तो लिंकन ने कभी हार नहीं मानी और 1860 में पुनः चुनाव लड़े और अमेरिका के 16वे पहले गणतंत्रवादी राष्ट्रपति बन गए।
अब्राहम लिंकन का जीवन परिचय (सामान्य)
- नाम – अब्राहम लिंकन
- पूरा नाम – अब्राहम थॉमस लिंकन
- जन्म – 12 फरवरी 1809
- जन्म स्थान – अमेरिका केंटूकी
- माता – नैंसी
- पिता – थॉमस लिंकन
- भाई – थॉमस
- बहन – सारा
- पत्नी – मेरी टोड़
- बच्चे – एडवर्ड, विल्ली, टेड , रोबोट
- राष्ट्रीयता – अमेरिकन
- मृत्यु – 15 अप्रैल 1865 (अब्राहम लिंकन की जीवनी)
प्रारंभिक परिचय
अब्राहम लिंकन का जन्म 12 फरवरी 1809 को अमेरिका में कैंटूकी के एक गरीब परिवार में हुआ, उनके वंशज इंग्लैण्ड से आकर यहां और आस-पास की जगह में बिखरे बिखरे रहने लग गए। इनके पिता थॉमस लिंकन और माता नैंसी है। इनके दादा अब्राहम लिंकन केंटूकी में आकर बसे और यही एक हमले में उनका निधन हो गया,
अब्राहम लिंकन के निधन के बाद थॉमस लिंकन को कठिन परिश्रम कर अपना गुजर-बसर करना पड़ता और कुछ समय बाद उन्होंने शादी कर ली तथा 12 फरवरी 1809 को एक पुत्र को जन्म दिया जिसका नाम भी ‘अब्राहम लिंकन’ ही रखा। (Abraham lincoin biography in hindi)
A. लिंकन को गरीबी के कारण बचपन से ही काफी मेहनत और परिश्रम करना पड़ा परंतु उन्हें यह बिल्कुल पसंद नहीं था, वह अपना ज्यादातर समय कविता लिखने तथा किताबें पढ़ने में ही मिटा दिया करते थे। 1817 में चल रहे जमीन के विवादों के कारण उनके परिवार को कैंटूकी छोड़ना पड़ा और इंडियाना के पैरीकाउंटी में आकर रहना पड़ा।
शिक्षा
A. लिंकन एक ऐसे गरीब परिवार के थे जहां उन्हें दो वक्त का खाना भी बड़ी मुश्किल से प्राप्त होता। गरीबी के कारण किसी विद्यालय में दाखिला नहीं ले पाए वे घुमंतू शिक्षकों से पढ़ा करते और उन शिक्षकों ने भी लिंकन के हुनर को देखते हुए कम वक्त में ज्यादा ज्ञान दिया। (A. लिंकन की पढ़ाई)
शुरू में कुछ समय तक वे स्वयं काम करके पैसे कमाते और पास ही के स्कूल में पढ़ने जाया करते परंतु पिता के निधन के बाद घर का सारा काम काज उन्हें संभालना पड़ा और उनको पढ़ाई छोड़नी पड़ी। लिंकन की सौतेली माता ने उन्हें पढ़ने के लिए काफी प्रोत्साहित किया और वो पढ़ने भी गए लेकिन आर्थिक कमजोरी के कारण उन्होंने अपनी पढ़ाई घर पर रहकर ही पूरी कर ली।
मां की मृत्यु
34 वर्ष की नैंसी 5 अक्टूबर 1818 को यह दुनिया छोड़ कर चली गई। नैंसी की मृत्यु से मानो लिंकन का परिवार उजड़ सा गया अब घर की सारी जिम्मेदारी अब्राहम की बहन सारा और अब्राहम पर आ गई।
कुछ वक्त बाद दिसंबर 1819 को थॉमस लिंकन ने एक विधवा महिला से शादी की जिसका नाम सारा बुश जॉनसन था तथा उसके पहले से 3 बच्चे भी थे । जॉनसन ने अब्राहम को बिल्कुल अपने बेटे की तरह प्यार से रखा और उसको पढ़ने के लिए भी काफी प्रोत्साहित किया।
विवाह
A. लिंकन ने 1843 को मेरि टोड से शादी कर ली, मेरि टोड को घमंडी तथा महत्वाकांक्षी लड़की समझते और मेरी हमेशा कहा करती की “मैं उस व्यक्ति से विवाह करूंगी जो राष्ट्रपति बनेगा।” मेरी कि इस बात पर सभी लोग उनकी हंसी उड़ाते थे (अब्राहम लिंकन की शादी) मेरी ने 4 बच्चों को जन्म दिया जिनके नाम -: ऐडवर्ल्ड, विल्ली, टेड, और रॉबर्ट है इनमें से रोबर्ट टोड ही जीवित बचा बाकी तीन की बचपन में ही मृत्यु हो गई।
कैसे बने वकील
22 वर्ष की उम्र में भी अपने परिवार के साथ आकर मेकोन काउंटी में रहने लग गए वहां मजदूरी कर अपने परिवार की आर्थिक सहायता करते और कुछ वर्षों तक ऐसे ही छोटा बड़ा काम कर पैसे कमाया करते । सन 1837 में उन्होंने व्हिग पार्टी के नेता बन कर राजनीति में कदम रखा, गरीबों को न्याय दिलाने वाले इस नेता ने कई चुनाव लड़े परंतु गरीबी के कारण हार गए और फिर गरीबों को सही न्याय दिलाने के लिए उन्होंने वकील बनने का फैसला कर लिया। (अब्राहम लिंकन की वकालत)
वकालत की पढ़ाई शुरू की और 1856 में विलियम हेर्नदो के साथ ही प्रशिक्षण पूरा किया, प्रशिक्षण पूरा कर जल्द ही वे वकील बन गए किंतु वे किसी से भी ज्यादा फीस नहीं लेते और अपना केस पूरी इमानदारी से लड़ते बस इन्हीं कारणों से वे वकालत करने के बाद भी ज्यादा पैसे नहीं कमा पाए। उनकी ईमानदारी और सच्चाई के कारण उन्हें काफी मान सम्मान तथा पहचान मिली और आज भी उन्हें याद किया जाता है।
इमानदार अब्राहम लिंकन
-: एक बार एक केस में उन्हें $25 मिले तो उन्होंने मुवक्किल को $10 पुनः लौटा दिए और कहा कि मेरी फीस $15 ही है। (अब्राहम लिंकन की इमानदारी)
-: वे अपनी फीस से $1 भी ज्यादा नहीं लेते और तो और जो लोग उन्हीं की तरह गरीब होते हैं उनसे फीस भी नहीं लिया करते उनका मानना था कि कुछ अच्छा करके अच्छा महसूस होता है तथा बुरा करके बुरा महसूस होता है तो क्यों ना अच्छा महसूस ही किया जाए और कार्य भी अच्छा ही किया जाए।
-: एक बार उनके साथ काम करने वाले ने एक महिला का केस जीतने पर 30 से ज्यादा पैसे ले लिए इस पर लिंकन काफी नाराज हुए और पैसे वापस लौटाने को भी कह दिया।
-: लिंकन बहुत से केस को कोर्ट के बाहर ही सॉल्व करवा देते और धन तथा समय दोनों की बचत कर देते वे काफी सच्चे और ईमानदार व्यक्तित्व वाले इंसान थे। (अब्राहम लिंकन का जीवन परिचय)
राजनीति में अब्राहम लिंकन
सन् 1937 में व्हिग पार्टी के नेता बन राजनीति में कदम रखा लेकिन गरीबों की सहायता करने और उन्हें न्याय दिलाने के कारण वे हार गए, उनकी हार का एक बड़ा कारण उनकी गरीबी भी थी इसके बाद उन्होंने वकालत शुरू की। सन् 1854 में पुनः राजनीति में आ गए और बहुत से चुनाव लड़े, कुछ वक्त बाद व्हिग पार्टी नष्ट हो गई तथा 1856 में नए गणतंत्रवाद के सदस्य के रूप में आ गए। इस पार्टी में वे काफी काबिल नेता रहे और इसी दौर में उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़े परंतु हार गए।
इसके बाद 1807 में राष्ट्रपति का चुनाव लड़े और पहले गणतंत्रवादी तथा 16वे राष्ट्रपति बन गए। अमेरिका में चल रही दास प्रथा के वे शख्त विरोधी थे उनका मानना था कि मानव को दास बना कर रखना, खरीदना, तथा बेचना गलत है। दास प्रथा को आधे लोग हटाना और आधे लोग रखना चाहते थे। लिंकन ने एक आदेश जारी कर 1 जनवरी 1863 को दास प्रथा खत्म कर दी।
सम्मान तथा पुरस्कार
• अमेरिका में डॉलर पांच के नोट पर लिंकन की तस्वीर होती है।
• अमेरिकी पेनी/सेंट पर इनकी फोटो होती है। (अब्राहम लिंकन को मिले सम्मान)
• कई डाक टिकट इन्हीं के सम्मान में जारी किए गए हैं जिनमें इनकी दाढ़ी वाली तस्वीर होती है।
• इनके घर के निकट ही इनकी कब्र बनाई गई।
• माउंट रश्मोर में लिंकन मेमोरियल बना हुआ हैं।
• पीटरसन हाउस, वॉशिंगटन डीसी में उनकी एक बड़ी मूर्ति बनाई गई।
• अब्राहम लिंकन लाइब्रेरी तथा संग्रहालय स्प्रिंगफील्ड इलिनॉय में बनाया गया है। (अब्राहम लिंकन की जीवनी 5 लाइन में)
मृत्यु
अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में 15 अप्रैल 1865 में एक सिनेमाघर में अब्राहम लिंकन को गोली मार दी गई, सिनेमाघर में वे “ओवर अमेरिकन कजीन” नाटक देखते हुए एक अभिनेता ‘जॉन वाइक्स बूथ’ ने उन्हें गोली मारकर उनकी हत्या कर दी, जब उन पर गोली चलाई गई (अब्राहम लिंकन की मृत्यु) तब लिंकन के निजी सुरक्षा गार्ड उनके आसपास नहीं थे। वर्जिनिया के एक फार्म में उनकी मृत्यु के 10 दिन पश्चात जोन वाइकस बूथ को पकड़ लिया और अमेरिका के सैनिकों ने उन्हें मार दिया।
अनमोल विचार
••• साधारण दिखने वाले मानव ही संसार में सबसे अच्छे मानव होते हैं इसी कारण ईश्वर बहुत सारे साधारण लोगों का सृजन करते हैं।
••• तुम जैसे भी हो जो भी हो नेक बनो।
••• मैं धीमी गति से जरूर चलता हूं मगर कभी भी पुनः नहीं चलता हूं।
••• पहले यह निश्चित करो कि आप सही जगह खड़े हो फिर सीधे से पैर जमा दो।
••• मैं जैसा भी हूं या जैसा बनने की उम्मीद करता हूं मेरी मां की वजह से ही हूं।
••• यदि एक बार जनता का भरोसा तोड़ दो तो वापस मान सम्मान नहीं पा सकते हो।
••• यदि आप 6 घंटे में एक पेड़ काटने को कहोगे तो मैं शुरू के 4 घंटों में कुल्हाड़ी की धार तेज कर आसानी से पेड़ काट लूंगा।
••• तुम आज को टाल कर कल की जिम्मेदारी से पीछा नहीं छुड़ा सकते हो।
••• यह बात हमेशा ध्यान में रखना की सफलता पाने के लिए किसी और से ज्यादा स्वयं का संकल्प महत्वपूर्ण है। (अब्राहम लिंकन की जीवनी 10 लाइन में)
••• यदि कोई अच्छा कर सकता है तो उसे ऐसा करने का अवसर अवश्य दें।
••• जब भी आपको कोई मान्यता ना दी जाए तो चिंतित ना हो और मान्यता प्राप्त करने के लिए दोगुना प्रयास करना शुरू कर दें।
••• अपने दुश्मनों को दोस्त बनाकर सभी दुश्मनों को नष्ट कर सकते हैं क्योंकि अब दुश्मन नहीं दोस्त बन चुके हैं।
रोचक तथ्य
∆. उनकी प्रिय पुस्तक “द लाइफ ऑफ जॉर्ज वॉशिंगटन” है।
∆. उनकी मृत्यु के कुछ घंटे पूर्व ही उन्होंने सीक्रेट सर्विसेज का गठन किया था।
∆. उन्होंने दुकानदारी, सर्वेक्षण, पोस्ट मास्टर, जैसी नौकरियों के साथ ही कुल्हाड़ी से लकड़ी काटने तक का काम भी किया हुआ है। (abraham linkion biography in short)
∆. थैंक्सगिविंग डे को राष्ट्रीय पर्व घोषित अब्राहम लिंकन ने ही किया है।
∆. लोकतंत्र नाम अब्राहम लिंकन ने ही दिया है।
तो दोस्तों, आज हमने अमेरिका के 16वे राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के बारे में विस्तार से जाना है, लिंकन अपने जीवन में कई बार हार गए और कई दुखों को भी सहन किया है लेकिन कभी भी अपने जीवन से हार नहीं मानी और अंत में राष्ट्रपति का चुनाव लड़े एवं जीत भी गए।
एक वक्त तो ऐसा भी आया कि लिंकन चाकू छुरी से स्वयं को दूर रखने लगे कि कहीं वे आत्महत्या ना कर ले परंतु फिर भी उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी और अंत में जीत हासिल कर ली। हमें भी उनसे हार कर जीतने की सीख लेनी चाहिए और छोटी मोटी हार को अपना हौसला बना कर हर वक्त जीतने की एक अच्छी कोशिश करनी चाहिए।
तो दोस्तो, आपको अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के बारे में जानकर कैसा लगा कमेंट कर अवश्य बताएं और हमारे लेख को सोशल मीडिया पर शेयर अवश्य करें।
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