आचार्य बालकृष्ण का जीवन परिचय। Acharya Balkrishna Biography in Hindi

नमस्कार, दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं पतंजलि के सीईओ के बारे में जो कि सबसे कम उम्र में अरबपति बन गए जी हां, हम बात कर रहे हैं आचार्य श्री बालकृष्ण के बारे में इन्हें भारत ही नहीं पूरी दुनिया भी जानती है। इन्होंने देश के लिए कई प्रकार से सहायता की है और इनके जन्म दिवस को पतंजलि योगपीठ हर साल जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाता है। इन्होंने कोई बड़ी विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर ज्ञान प्राप्त नहीं किया है

बल्कि उन्होंने अपने दम पर और अपने ज्ञान कौशल से पतंजलि को इतना बड़ा नाम दिया है कि आज पूरा देश पतंजलि की सामग्री को पसंद करता है। इनका नाम दुनिया के अरबपति लोगों की गिनती में लिया जाता है। भारत से आयात को कम कर स्वदेशी अपनाने के लिए बड़े जोरों शोरों से पतंजलि काम कर रहा है। तो चलिए आचार्य बालकृष्ण के इस मुकाम तक पहुंचने की कहानी को पूरा जानते हैं। (आचार्य बालकृष्ण की जीवनी)

आचार्य बालकृष्ण का जीवन परिचय (सामान्य)

  • नाम – बालकृष्ण सूवेदी
  • जन्म – 4 अगस्त 1972
  • मूलनिवासी – नेपाल (नेपाली)
  • जन्म स्थान – हरिद्वार, उत्तराखंड, भारत
  • माता – सुमित्रा देवी
  • पिता – जय बल्लभ
  • शादी – नहीं की है (सन्यासी तथा योगी है)

बचपन तथा शिक्षा

इनका जन्म 4 अगस्त 1972 को उत्तराखंड में हरियाणा में हुआ यह मूल रूप से नेपाली है किंतु इनका जन्म भारत में हुआ है। इनके पिता का नाम जय बल्लभ तथा माता का नाम सुमित्रा देवी है। इनके पिता हरिद्वार में चौकीदार थे तब ही इनका जन्म हुआ (आचार्य बालकृष्ण का जन्म) इनका बचपन नेपाल के सियांजा जिले में बिता है।

उन्होंने सियांजा से ही अपनी पांचवी कक्षा तक की शिक्षा प्राप्त की है , इनके माता-पिता भी अपने पुश्तैनी घर में नेपाल में ही रहते हैं। भारत लौटकर हरियाणा के खानपुर में कालवा गुरुकुल से आगे की शिक्षा ग्रहण की। अपनी शिक्षा पूर्ण कर पौधों के औषधीय मूल्यों के विषय में अध्ययन करने के लिए पूरे भारत की यात्रा की।

बाबा रामदेव तथा आचार्य जी

बाबा रामदेव और आचार्य जी ने 1990 में “दिव्य फार्मेसी” की स्थापना की है जिसमें आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण किया जाता है। आचार्य जी ने योग गुरु रामदेव बाबा के साथ मिलकर 2006 में पतंजलि की स्थापना की थी। इन्होंने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड में 97 फीसदी में फॉर्ब्स लिस्ट में मालिकाना हक़ के साथ अपनी जगह बनाई है।

बाबा रामदेव निजी हैसियत से पतंजलि कंपनी में कोई मालिकाना हक नहीं रखते परंतु हाईप्रोफाइल के योग गुरु होने के नाते बाबा रामदेव इस कंपनी के आयुर्वेद का मुख्य चेहरा है। बाबा रामदेव पतंजलि के उत्पादों का विज्ञापन तथा प्रमोशन ब्रांड एंबेसडर के तौर पर करते हैं। (बाबा रामदेव तथा आचार्य बालकृष्ण) पतंजलि का सबकुछ आचार्य श्री बालकृष्ण को ही मानते हैं और ये ही पतंजलि के सारे मुख्य फैसले लेते हैं।

आचार्य जी का पतंजलि में योगदान

आयुर्वेद जड़ी-बूटियों के अच्छे जानकार होने के कारण पतंजलि के सारे फैसले आचार्य जी ही लेते हैं। हरिद्वार में रहकर पूरी दुनिया में तथा भारत में अपने काम को अच्छे से संभालते हैं और दिन-ब-दिन पतंजलि का नाम आगे बढ़ाते हैं। (आचार्य बालकृष्ण जी का पतंजलि में योगदान) ये पतंजलि में कई पदों पर कार्य करते हैं परंतु पतंजलि से सैलरी के नाम पर एक रुपया भी नहीं लेते हैं तो चलिए देखते हैं ये पतंजलि कंपनी में कौन-कौन से पद पर कार्यरत हैं:-

  • चांसलर – पतंजलि यूनिवर्सिटी
  • जनरल सेक्रेटरी ऑफ पतंजलि योगपीठ
  • जनरल सेक्रेटरी ऑफ दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट
  • महासचिव, पतंजलि ग्रामोद्योग ट्रस्ट
  • महासचिव, पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन
  • मुख्य संपादक योग संदेश
  • MD वैदिक ब्रांड कास्टिंग लिमिटेड
  • MD पतंजलि बायो अनुसंधान संस्थान
  • आस्था चैनल के मालिक (सबसे ज्यादा शेयर)
  • पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क के प्रबंधक
  • President एंड MD पतंजलि आयर्वेद , हरीद्वार

ये पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के महासचिव है जो लगभग एक लाख से ज्यादा योग कक्षाओं का संचालन तथा लमसम 5000 पतंजलि क्लीनिक की देखरेख करते हैं। ये पतंजलि के 97 फीसदी शेयर है। (पतंजलि के शेयर) ये पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति है जहां की योजनाएं “जड़ी-बूटी पर आधारित दवाओं की शिक्षा का विस्तार” करने की है।

आचार्य जी द्वारा लिखित ग्रंथ

आचार्य जी ने कम उम्र में कई बड़े बड़े ग्रंथ की रचना की है जो निम्न है (आचार्य रामकृष्ण द्वारा लिखित ग्रंथ) -:

  • आयुर्वेद के सिद्धांत और रहस्य ,
  • भोजन और कोतूहलम,
  • आयुर्वेद जड़ी-बूटियों का रहस्य ,
  • आयुर्वेद महोदधि,
  • आजीनामृत मंजरी ,
  • विचार क्रांति (यह एक नेपाली ग्रंथ है)

लेखन तथा शोधकर्ता

आचार्य जी लेखक भी हैं इन्होंने आयुर्वेद से संबंधित कई पुस्तकें भी लिखी है। इन्होंने अपने लेखकों के साथ मिलकर अब तक 41 शोध पत्र लिख शोध के क्षेत्र में भी अपना योगदान दिया है। सारे शोध पत्र आयुर्वेद, दवाइयां, जड़ी-बूटी, तथा योग से संबंधित है। इन्होंने कई विद्यालय में मिलने के वाले खाद्य पदार्थ का अध्ययन किया है एवं प्रयोगशाला में परीक्षण कर इनकी विश्वसनीयता का पता लगाया है। आयुर्वेद के प्रचार के साथ उन्होंने कई छोटे-बड़े घरेलू नुस्खे और योग के बारे में जानकारी दी जो लोगों को बेहद काम आई हैं। (आचार्य बालकृष्ण का जीवन परिचय)

आचार्य जी का परिचय संस्कृत भाषा, वेद, और आयुर्वेद के ज्ञाता के रूप में पतंजलि की वेबसाइट पर मिलता है। ‘जड़ी-बूटियों का विश्वकोश’ तैयार करने के लिए वैज्ञानिकों को शोध के कार्य में लगाया हुआ है, उनके अनुसार यह विश्वकोश लगभग डेढ़ लाख पन्नों का होगा। उन्होंने लगभग 65000 प्रकार की जड़ी-बूटियों पर कार्य किया है एवं ये अपना प्रेरणास्रोत अपनी मां को मानते हैं।

आलोचना तथा विवाद

आचार्य जी के कार्यों की प्रशंसा के साथ उनसे कुछ विवाद तथा आलोचनाएं भी जुड़ी है। वे अपनी शैक्षणिक योग्यता और भारतीय नागरिकता के विषय में विवाद से जुड़ गए (आचार्य बालकृष्ण बायोग्राफी इन हिंदी) सीबीआई ने वर्ष 2011 में उन्हें जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया एजेंसी ने उनके पासपोर्ट तथा शैक्षणिक प्रमाणपत्रों के लिए दावा किया।

ये सारे आरोप गलत सिद्ध करने के लिए उन्होंने अपनी सफाई पेश की और बताया कि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से मिला प्रमाण पत्र उनके पास है और जरूरत पड़ने पर कागजात पेश करने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय की है। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लोडरिंग के आरोप में आचार्य जी के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया जिससे उनके विरुद्ध कोई सबूत ना मिलने से क्लीन चिट दे दी गई।

सम्मान तथा पुरस्कार

◆ योग और आयुर्वेद के क्षेत्र में आचार्य जी के योगदान के लिए उन्हें प्रशंसा पत्र, प्रमाण पत्र, ढाल तथा और कई पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया है। Acharya Balkrishna Biography in Hindi

◆ भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ अब्दुल कलाम द्वारा राष्ट्रपति भवन में 23 अक्टूबर 2004 को योग शिविर के दौरान सम्मानित किया गया। (आचार्य बालकृष्ण कृष्ण को मिले सम्मान)

◆ नेपाल के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, तथा कैबिनेट मंत्रियों के समक्ष अक्टूबर 2007 को योग, संस्कृति, आयुर्वेद, तथा हिमालय की जड़ी-बूटी के ज्ञान के क्षेत्र में अच्छे काम के लिए सम्मानित किया गया।

◆ योग और औषधीय पौधों के क्षेत्र में अहम योगदान के लिए 2012 में “सुजाना श्री” पुरस्कार ‘श्री निरंजनया फाउंडेशन’ द्वारा दिया गया है।

प्रमुख तथ्य

✓• इनके जन्मदिन को जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

✓• आचार्य जी तथा बाबा रामदेव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से जुड़े हैं।

✓• बिना कोई बिजनेस की पढ़ाई किए ये बिजनेस में सबसे आगे निकल गए हैं।

✓• दुनिया के अरबपति लोगों में इनका नाम गिना जाता है।

✓• 1990 में बाबा रामदेव और आचार्य जी ने साथ मिलकर “दिव्य फार्मेसी” की शुरुआत हरिद्वार में की यही बाद में जाकर “पतंजलि” बन गया है।

✓• बाबा रामदेव के साथ आचार्य जी भी 1993 में हिमालय की गुफाओं में रहते थे। (आचार्य बालकृष्ण की जीवनी 10 लाइन में)

✓• पतंजलि कंपनी को शुरू करने के लिए पहला कर इन्होंने एक एनआरआई(NRI) दंपति सुनीता व सर्वान पोद्यार से लिया था।

✓• इनके अनुसार पतंजलि बाजारों में लगभग साडे 300 उत्पाद बेचती है और भारतीय उपभोक्ता के भरोसे को जीतते हैं , इसका जीता जागता साक्ष्य है कि इन्हें अरबपति की गिनती में गिना जाता है।

✓• उनके पास पतंजलि का 97 फीसदी शेयर है और ये इस कंपनी में कई पदों पर कार्य करने के बावजूद सैलरी के नाम पर एक रूपया भी नहीं लेते हैं।

✓• अपनी कंपनी में नई भर्ती आने पर उनका इंटरव्यू पूरे एक से डेढ़ घंटे तक आचार्य जी ही लेते हैं , इंटरव्यू से पूरी जानकारी प्राप्त कर व्यक्ति को कंपनी में रखते हैं।

✓• जब भी कोई मीटिंग होती है आचार्य जी सिर्फ 5 मिनट में तुरंत फैसला ले लेते हैं।

✓• ये हमेशा शुद्ध हिंदी में वार्तालाप करते हैं।

✓• उन्हें जनवरी 2016 तक विश्व की कई सरकारों द्वारा 13 पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया है।

✓• रोजाना 15 घंटे काम करते हैं तथा रविवार को भी छुट्टी नहीं लेते हैं।

✓• आयुर्वेद और योग से संबंधित 41 शोध पत्रों को लिखने के साथ आयुर्वेद में योग को बढ़ावा देने के लिए “योग संदेश” नामक पत्रिका का संपादक भी करते हैं।

FAQ

आचार्य बालकृष्ण का जन्म कब हुआ?

  • इनका जन्म 4 अगस्त 1972 को भारत के उत्तराखंड में हुआ परंतु ये नेपाल के मूल निवासी हैं।
  • आचार्य जी ने पतंजलि की स्थापना कब की?

    आचार्य जी ने बाबा रामदेव के साथ मिलकर 2006 में पतंजलि की स्थापना की है। आचार्य जी का पतंजलि में 97 फ़ीसदी मालिकाना हक है और बाबा रामदेव सिर्फ हाई प्रोफाइल योग गुरु होने से पतंजलि का मुख्य चेहरा है।

    क्या कभी आचार्य जी जेल गए हैं?

    हां, एक बार इन पर फर्जी पासपोर्ट और अन्य प्रमाण पत्र बनवाने का दावा किया परंतु कोई ठोस सबूत ना मिलने से उन्हें क्लीन चिट दे दिया गया।

    क्या आचार्य जी पतंजलि से सैलरी लेते हैं?

    आचार्य जी पतंजलि में कई पदों पर कार्य करते हैं परंतु सैलरी के नाम पर एक रुपया भी नहीं लेते हैं।

    क्या आचार्य जी ने कोई बिजनेस कोर्स किया है?

    नहीं, आचार्य जी ने कोई बिजनेस कोर्स नहीं किया है। बिना बिजनेस कोर्स किए ही इन्होंने अपनी कंपनी को टॉप नंबर पर ला दिया है।

    क्या पतंजलि कंपनी के कपड़े भी आते हैं?

    अब तक तो नहीं आए परंतु जल्दी ही कपड़ों में जींस से लेकर स्वदेशी पोशाक तक सभी की प्लानिंग चालू है, जल्द ही पतंजलि के कपड़े भी मार्केट में आ जाएंगे।

    जड़ी-बूटी दिवस कब मनाया जाता है?

    प्रतिवर्ष 4 अगस्त को आचार्य बालकृष्ण जी के जन्मदिवस को जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

    तो दोस्तों, आज हमने आचार्य श्री बालकृष्ण जी के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की है किस प्रकार उनका नाम अरबपति में गिना जाता है और उन्होंने बिना कोई बिजनेस कोर्स किए ही अपने पतंजलि कंपनी का बड़ा नाम बना दिया है। इसीलिए कहा जाता है कि कोई किताबों से हमें ज्यादा ज्ञान प्राप्त नहीं होता कुछ व्यावहारिक ज्ञान भी जरूरी है और इन्होंने अपना दिमाग लगाकर अपनी कंपनी को टॉप कंपनी में ला दिया है। आपको यह आलेख कैसा लगा कमेंट का जरूर बताएं और लेख को लाइक, शेयर जरूर करें।

    Tushar Shrimali Jivani jano के लिए Content लिखते हैं। इन्हें इतिहास और लोगों की जीवनी (Biography) जानने का शौक हैं। इसलिए लोगों की जीवनी से जुड़ी जानकारी यहाँ शेयर करते हैं।

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