नमस्कार, दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं भारत के मशहूर, प्रतिभाशाली गायिका अनुराधा पौडवाल की अनुराधा पौडवाल ने फिल्मी गानों के साथ कई सारे भक्तिमय भजन तथा मंत्र को भी गाया है और अपनी पतली तथा सुरीली आवाज से सभी के मन को जीत लिया है। मंगेशकर की आवाज को टक्कर देने वाली एकमात्र आवाज पौडवाल की ही है। तो चलिए अनुराधा पौडवाल के जीवन परिचय को विस्तार से जानने का प्रयास करते हैं।
अनुराधा पौडवाल का जीवन परिचय(सामान्य)
- जन्म नाम – अल्का नदकरनी
- प्रसिद्ध नाम – अनुराधा पौडवाल
- उपनाम – टी सीरीज क्वीन
- जन्म – 27 अक्टूबर 1954
- जन्म स्थान – करवार, कर्नाटक (अनुराधा पौडवाल का जीवन परिचय)
- पति – अरुण पौडवाल
- बेटा – आदित्य पौडवाल
- बेटी – कविता पौडवाल
प्रारंभिक जीवन तथा शिक्षा
कर्नाटक के करवार गांव में जन्मी अल्का नदकरनी का पालन-पोषण मुंबई में हुआ। अल्का का जन्म 27 अक्टूबर 1954 को कोंकणी परिवार में कर्नाटक में हुआ। इनके माता-पिता का नाम ज्ञात नहीं है। करवार जैसे गांव में जन्म लेने के बाद भी अल्का नदकरनी (अनुराधा पौडवाल का जन्म नाम) का लालन-पालन मुंबई में हुआ।
उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मुंबई के किसी विद्यालय से ग्रहण की तथा कॉलेज की पढ़ाई उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज मुंबई से पूर्ण की। (अनुराधा पौडवाल की शिक्षा)
परिवार तथा शादी
अल्का नदकरनी ने अरुण पौडवाल से प्रेम विवाह किया और बाद में अनुराधा पौडवाल बन गई हालांकि उनके पिता अरुण से शादी नहीं करवाना चाहते थे परंतु महज 17 वर्ष की उम्र में ही अनुराधा ने अरुण से शादी कर ली और आगे बढ़ी। (अनुराधा पौडवाल की शादी)
अरुण पौडवाल स्वयं म्यूजिक कंपोजर थे। अनुराधा पौडवाल और अरुण पौडवाल का छोटा सा परिवार है जिसमें उनका बेटा आदित्य पौडवाल तथा बेटी कविता पौडवाल थे । (अनुराधा पौडवाल का परिवार) उनके बेटे आदित्य पौडवाल का किडनी की बीमारी से मात्र 35 वर्ष की उम्र में 12 सितंबर 2020 को निधन हो गया।
आदित्य पौडवाल की मृत्यु के साथ ही अनुराधा पूर्ण रूप से टूट गई थी। इससे पहले अनुराधा अपने पति अरुण पौडवाल को एक लंबी बीमारी के चलते खो चुकी थी पति की मृत्यु के बाद अपने बच्चों को संभाला और टी सीरीज में अपनी आवाज भी दी।
गायकी में करियर
अल्का नदकरनी लता मंगेशकर की आवाज को सुनकर घंटों गायकी का अभ्यास करती रहती परंतु कभी संगीत में करियर बनाने का नहीं सोचा था।
एक बार अपने पति अरुण पौडवाल के साथ लता मंगेशकर की रिकॉर्डिंग देखने गई। अल्का नदकरनी लता जी की बहुत बड़ी फैन थी और उन्हें अच्छे से सुनती भी थी।
अल्का नदकरनी ने लता जी की रिकॉर्डिंग को ध्यान से सुना और वही के किसी मराठी प्रोग्राम में एक गीत “युवा वाणी” में गा दिया। इसे बहुत सारे लोगों ने सुना और पसंद भी किया। (अनुराधा पौडवाल का संगीत में करियर)
इस गीत को कई शीर्ष संगीतकारों ने भी सुना और रेडियो स्टेशन पर फोन करके पता लगाया कि यह गीत किसने गाया है जब पता चला कि यह गीत अल्का नदकरनी ने गाया है तो सभी ने मिलकर “अनुराधा पौडवाल” को लॉन्च करने की इच्छा प्रकट की। अल्का नदकरनी अब अनुराधा पौडवाल बन चुकी थी। (अल्का से अनुराधा)
प्रसिद्ध संगीतकार एस.डी. बर्मन ने 1973 में अनुराधा के प्रथम गीत (एक श्लोक) को हिंदी फिल्म “अभिमान” में लांच किया। इस गीत को बेहद लोगों ने सुना और सराहा भी था।
इसके बाद अनुराधा पौडवाल ने कई गीत, गाने, भजन, तथा मंत्र गाए और अपना नाम चमका दिया। (अनुराधा पौडवाल के भजन) अनुराधा पौडवाल ने एकल गाने की शुरुआत फिल्म “आप बीती” से की है।
अनुराधा ने लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, जे देव, राजेश रोशन, कल्याणजी, आनंदजी, और एस.डी. बर्मन जैसे कई प्रसिद्ध संगीतकारों के साथ काम किया और सुप्रसिद्ध गानों को अपनी आवाज के साथ जोड़ा है।
अनुराधा जी की लोकप्रियता “हीरो” के गाने के बाद मिली तथा उनकी गिनती शीर्ष गायिकाओं में की जाने लगी। (अनुराधा पौडवाल की जीवनी)
अपने गानों की लोकप्रियता के बाद भी अनुराधा जी ने और कई प्रसिद्ध गाने गाए और सभी की प्रसिद्धि पा ली। अब अनुराधा जी ने गुलशन कुमार के साथ टी सीरीज के लिए हाथ मिलाया और बेहद सुंदर गाने गाए। अंतिम गाना “जाने होगा क्या” में 2006 में गाया । (प्रसिद्ध गायिका का जीवन परिचय)
इसके बाद अनुराधा जी ने फिल्मी गानो से ध्यान हटाया और भक्तिमय गाने, भजन, मंत्र आदि पर ज्यादा जोर दिया। अनुराधा जी ने एकल तथा सामूहिक रूप से कई भजन, मंत्र गाए और भक्तिमय गानों में अपनी एक नई पहचान बना ली है।
कई समय तक गाने तथा अपनी पहचान बना देने के बाद अनुराधा जी ने 5 वर्ष तक स्वयं को गायन से दूर रखा और 5 वर्षों बाद पुनः पाश्र्व गायन में आई परंतु उनकी वापसी में उन्हें ज्यादा सफलता नहीं दी। (Anuradha Paudwal biography in hindi)
सम्मान तथा पुरस्कार
✓• 1986 – प्लेबैक सिंगर के रूप में फिल्म फेयर अवार्ड “मेरे मन बाजे मृदंग” के लिए
✓• 1991 – प्लेबैक सिंगर के रूप में दो फिल्म फेयर अवार्ड “नजर के सामने” तथा “दिल है कि मानता नहीं” गानों के लिए
✓• 1993 – प्लेबैक सिंगर के रूप में फिल्म फेयर अवार्ड “धक-धक करने लगा” के लिए
✓• 2004 – महाकाल पुरस्कार , मध्य प्रदेश सरकार द्वारा
✓• 2010 – लता मंगेशकर पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया (अनुराधा पौडवाल को मिले पुरस्कार)
✓• 2011 – मदर टेरेसा अवार्ड से पुरस्कृत किया गया
✓• 2016 – डी लिट की उपाधि से नवाजा गया
✓• 2017 – पद्मश्री पुरस्कार से भारत सरकार द्वारा सम्मानित किया गया।
अनुराधा पौडवाल के जीवन के प्रमुख तथ्य/बिन्दु
★ अनुराधा पौडवाल का जन्म 27 अक्टूबर 1954 को कर्नाटक में हुआ तथा शादी के वक्त उनकी उम्र मात्र 17 वर्ष थी।
★ अनुराधा जी ने शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण कभी नहीं लिया और ना ही किसी से संगीत की शिक्षा ली।
★ अनुराधा जी लता मंगेशकर को घंटों तक सुनकर स्वयं ही अभ्यास करती थी ।
★ अनुराधा जी 1990 के समय से 2020 तक की प्रसिद्ध गायिका रही है।
★ अनुराधा जी को फिल्म फेयर अवार्ड से 4 बार तथा राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड से 1 बार सम्मानित किया गया है। (अनुराधा पौडवाल का जीवन परिचय 10 लाइन में)
★ अनुराधा जी को 2017 में पद्मश्री पुरस्कार से भी पुरस्कृत किया गया है।
★ बचपन में 40 दिनों तक निमोनिया की बीमारी से ग्रस्त रही और लंबे समय तक बिस्तर पर ही रही। इस बीमारी के दौरान उन्होंने लगभग अपनी आवाज पूर्ण रुप से खो दी परंतु 40 दिनों तक लगातार लता मंगेशकर को सुनती रही और स्वस्थ हो गई।
★ अनुराधा जी लता मंगेशकर को अपना प्रेरणास्रोत मानती है और अपनी संपूर्ण सफलताओं का श्रेय लता जी को ही देती है।
★ अनुराधा जी ने सुभाष घई की ज्यादातर फिल्मों में अपनी आवाज दी है तथा उनके गायत्री मंत्र को मुक्ता आर्ट का प्रतीक बनाया गया है।
★ अनुराधा पौडवाल में “सूर्योदय” नाम के एक फाउंडेशन की स्थापना अपने स्वर्गीय पति अरुण की याद में की है। (अनुराधा पौडवाल बायोग्राफी इन 10 लाइन)
★ अनुराधा पौडवाल ने बॉलीवुड के साथ मराठी, पंजाबी, तमिल, बंगाली, नेपाली, उड़िया, एवं तेलुगु भाषा में भी कई प्रसिद्ध गाने गाए हैं।
अनुराधा पौडवाल की मुख्य एल्बम्स
शिवलीलामृत 2014, जैन सत्वम 1995, आजा मा 1990, माता रानी 2000, आरती संग्रह 1998, श्री दुर्गा सप्तशती 1996, श्री गणेश स्तुति 1993, दीवाना सनम 1994, प्यार भरा दिल 1991, बंधन टूटे ना 2005, धरम भाई 1987, जय मां वैष्णो देवी 2008, दो दिलों का संगम 1993, जय श्री राधे 1999, बृज रास 2015, शिव सुमिरन 1997 (अनुराधा पौडवाल के एलबम सोंग)
अनुराधा पौडवाल की मुख्य फिल्में
आशिकी 1990, दिल 1990, साजन 1991, सड़क 1991, शिव महिमा 1992, दिल है कि मानता नहीं 1991, सिर्फ तुम 1999, तुम बिन 2001, आई मिलन की रात 1991, बेटा 1992, दाग: द फायर 1999, साथी 1991, दूध का कर्ज 1990, हम साथ साथ हैं 1999, मेला 2000, दिल से 1998, फूल और कांटे 1991, बेवफा सनम 1995 , बद्रीनाथ की दुल्हनिया 2017, नसीब 1997 , बादल 2000, मिस्टर इंडिया 1987 , राम लखन 1989 , बाजीगर 1993 (अनुराधा पौडवाल के फिल्मी गाने)
तो दोस्तों, आज हमने टी सीरीज क्वीन अनुराधा पौडवाल का जीवन परिचय जाना, अगर आपको जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें। और ऐसी ही नई नई जानकारी पढ़ने के लिए बेल आइकॉन पर प्रेस करके सब्सक्राइब कर लें।