Bhrigu Samhita PDF Book Free Download [2023]

आज की इस पोस्ट में हम आपको Bhrigu Samhita PDF उपलब्ध करवाने वाले है। आप पोस्ट में दिए गए Download लिंक की सहायता से आसानी से Bhrigu Samhita Pdf Free Download कर सकते है।

दोस्तों अगर आप भी ग्रहों के पैटर्न को समझना चाहते हो और इसके बारे में अन्य जानकारी विस्तार से जानना चाहते हो तो आज की यह पोस्ट काफी महत्वपूर्ण होने वाली है क्योकि इस पोस्ट में Bhrigu Samhita Hindi Pdf उपलब्ध कराई है।

दोस्तों भृगु महर्षि ऋषियों में बहुत ही प्रशिद्ध ऋषि है ये उन सप्तऋषियों में से एक है जिन्होंने ज्योतिषीय थीसिस के बारे में लिखा था। इनके द्वारा ही भृगु संहिता को लिखा गया है। भृगु संहिता में ज्योतिषी के बारे में विस्तार से जानकारी बताई गई है और इसे दक्षिण भारत में ब्रिघुनादि कहते है।

भृगु संहिता में आपको सभी नाड़ी पांडुलिपियों के समान नाम, दादा-दादी, माता-पिता, अंगूठे के निशान और 12 कारक भविष्यवाणियों, खतरों, परिणामों और उन पर किस प्रकार काबू पा सकते है उपायों का उल्लेख मिलता है।

दोस्तों भृगु संहिता के अर्थ के बारे में जाने तो संहिता का अर्थ संग्रह होता है तो इसमें हिन्दू सहित्य का संग्रह समझ सकते है। ग्रहो और सूर्य की स्थिति के अनुसार ही भविष्यवाणी की जाती है और इन ग्रहो के बारे में जानकारी के लिए इस बुक का अध्यन करना होगा।

Bhrigu Samhita PDF Overview

Bhrigu Samhita PDF
PDF Title Original भृगु संहिता गीता प्रेस PDF
Category General
PDF Size34.2 MB
Total Pages 714
LanguageHindi
Download LinkAvailable
Note - Bhrigu Samhita PDF Free Download करने के लिए निचे दिए गए Download बटन पर क्लिक करे। 

Bhrigu Samhita Book in Hindi

Bhrigu Samhita in Hindi PDF

दोस्तों भृगु संहिता की प्रशिद्धि की बात करे इसे राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के लोगो द्वारा काफी पसंद किया जाता है। भृगु संहिता की विशेषता की बात करे तो महर्षि उन लोगो की कुंडली बताते थे जिन लोगो को भविष्य के बारे में जानने की इच्छा होती थी और वे भविष्य के बारे में जानने के लिए आते थे।

जब कोई ज्योतिषी आपके बारे में राशि फल बताता है तो वह सामान्य राशि फल ही बताता है और किसी भी ज्योतिषी के द्वारा भविष्य के बारे में बताई गई जानकारी सामान्य ही होती है वे कभी भी आपको राशिफल के अनुसार पूर्ण जानकारी नहीं देते है।

जीवन की ऐसी बहुत सारी घटनाएं ऐसी होती है जो की भाग्य के द्वारा तय होती है या ले जाती है। इन घटनाओ में कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं होता है और इन घटनाओ को किसी भी प्रकार से बदला भी नहीं जा सकता है।

जैसे आपका जन्म जिस भी परिवार में हुआ है उसमे उन माता पिता का सौभाग्य है की आपने वहा पर जन्म लिया है या फिर संयोग है। आपकी शादी भी एक सौभाग्य है।

इसलिए जब मनुष्य इस धरती पर जन्म लेता है तब ग्रहो की जो स्थिति होती है वह स्थिति उसेके जीवन की निरन्तर प्रभावित ग्रहों की स्थिति के परिचायक होती है। यदि इन ग्रहो का गहन अध्ययन किया जाय तो उस जन्म लेने वाले व्यक्ति के जीवन में घटने वाली सभी घटनाओं का अनुमान लगाया जा सकता है।

दोस्तों जन्मकुंडली में कोनसा ग्रह किस प्रकार का प्रभाव दाल रहा है या फिर कोनसा ग्रह प्रभाव डालने वाला है इसके बारे में इस पुस्तक में जानकारी बताई गई है।

आप भी इस बूक अध्यन करके जन्मकुंडली निकाल सकते हो और ग्रहो की जन्मकुंडली में स्थिति किसी प्रकार से देखि जाती है उसके बारे में विस्तार से बताया गया है।

जन्म के समय सूर्य की स्थिति के अनुसार आपके कुंडली के गुणों के बारे में किस प्रकार से पता लगाया जा सकता है और सूय की स्थिति किसी प्रकार से देखि जाती है इसके बारे में भी विस्तार से समझाया गया है। बहुत सारे ऋषि होते है जो लोगो के भविष्य के बारे में बताते है और उनकी कही हुई बता भी सही होती है।

लेकिन आपके मन में भी एक सवाल जरूर आया होगा की उन्होंने किस प्रकार से आपके भविष्य के बारे में बता दिया और ऋषियों को ग्रहो का ज्ञान होता है और ग्रहो से जुडी हर प्रकार की जानकारी वे समझते है इसलिए वे आपके जन्म कुंडली से आपके भविष्य के ग्रहो को पहचान लेते है व भविष्य के बारे में बता देते है।

असली प्राचीन भृगु संहिता बुक में सभी राशियों से जुडी जानकारी क्रम बद्ध तरीके से बताई गई है। राशि के अनुसार किस प्रकार से ग्रहो के बारे में बताया जाता है इसके बारे में भी समझाया गया है।

आपने भी कभी न कभी अपनी राशि को जरूर पढ़ी होगी और जो खुश राशि में लिखा होता है वह आपके साथ घटित हो जाता है क्योकि राशि में बताई जानकारी ग्रहो पर आधारित होती है।

दोस्तों बहुत सारे लोग कहते है की हमारे जीवन में भाग्य का बहुत ही बड़ा रोल है। क्योकि भाग्य के अनुसार ही हमारी गरीबी, सुख-दुःख और हमारे जीवन के बारे में पता चलता है।

इसलिए भृगु संहिता से भाग्य के बारे में पल जाता है। लोगो के मन में हेमशा एक सवाल रहता है की कब हमें बहुत सारे धन की प्राप्ति होगी? कब हमारा अच्छा समय आएगा?

इन सभी प्रश्नो के जवाब आपको भृगु संहिता पुस्तक में आसानी से मिल जायेगे और किसी व्यक्ति के कुंडली के लग्न को देखकर यह पता लगाया जा सकता है कि किस संभावित उम्र में व्यक्ति को भाग्य का साथ और धन का सुख मिल सकता है उन्होंने इस बात को प्रमाणित किया है।

किसी भी व्यक्ति की कुंडली में 12 भाव होते हैं। इन 12 भावों के नाम के 12 राशियों के नाम पर ही हैं। ये 12 राशियां हैं कर्क, मेष, मिथुन, वृष, सिंह, तुला, कन्या, मकर, वृश्चिक, धनु, कुंभ और मीन।

कुंडली में प्रथम भाव जिस राशि का होता है उसी राशि के अनुसार कुंडली निर्धारित होता है। भृगु ऋषि भूत, भविष्य और वर्तमान को सम्मान दृष्टि से देखते है।

FAQs:- Bhrigu Samhita PDF in Hindi

भृगु संहिता में क्या है?

भृगु संहिता एक ऐसी पुस्तक है जिसमे ग्रहो के आधार पर कुंडली को किसी प्रकार से देखा जाता है इसके बारे में जानकारी विस्तार से बताई गई है।

Conclusion:-

दोस्तों उम्मीद करता हूँ की Bhrigu Samhita Pdf आसानी से डाउनलोड कर ली होगी और Bhrigu Samhita Giita Press के बारे में अच्छे से समझ में आ गया होगा।

अगर आपको यह Bhavprakash Samhita in Hindi Pdf पसंद आई हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। अगर आपको Bhrigu Samhita in Hindi PDF Download करने में कोई समस्या आ रही है तो हमे कमेंट करके जरूर बताये

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