कैलकुलेटर का अविष्कार किसने किया और कब किया

आज के आधुनीक युग में बहुत कम समय में बड़ी से बड़ी गणना की जा सकती है और हर कोई कैलकुलेटर का उपयोग आसानी से कर सकता है लेकिन अक्सर लोग इस छोटे से यंत्र को नजर अंदाज कर देते है लेकिन यह छोटा सा यंत्र काफी बड़े बड़े काम चुटकी बजाने तक के समय में कर देता है।

सभी कैलकुलेटर का उपयोग करते है चाहे वह बीजनसमैन हो चाहे दुकानदार और इनके अलावा कैलकुलेटर विद्यार्थीयों की भी काफी सहायता करता है। जो लोग इस यंत्र का उपयोग करते है वे यह भी जानना चाहते है की यह यंत्र कब व कैसे बना तथा यह किस तरह कार्य करता है

यह सारी जानकारी आपको किताबों मे पूरी तरह से नहीं मीलती है और यदि मिल भी जाए तो वह कठिन शब्दों में होती है जो समझ नही आती है इसलिए आपको यहाँ पर सारी जानकारी सरल भाषा में और कम शब्दों में मील जाएगी तो पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए लेख को अन्त तक अवश्य पढ़े।

कैलकुलेटर क्या होता है

कैलकुलेटर शब्द लेटिन भाषा के “calculare” शब्द से बना है जिसका अर्थ होता है गणना करना। कैलकुलेटर एक अंग्रेजी शब्द है जिसका हिन्दी अर्थ गणना करना अथवा गणक/परिकलन होता है। “यह तो हुआ कैलकुलेटर शब्द का अर्थ परन्तु वास्तव मे कैलकुलेटर होता क्या है?

कैलकुलेटर एक Software है यह एक इलेक्ट्रॉनिक Hardware यंत्र है जो गणित की सांक्रियाए जोड़, घटाव, गुणा, भाग आदि को बडी आसानी से कर देता है। सबसे पहले बने केलकुलेटर काफी बड़े थे तथा सिर्फ जोड़ और घटाव ही कर सकते थे लेकिन अब के कैलकुलेटर काफी छोटे मात्र हथेली के आकार के बन गए है तथा आज के केलकुलेटर में गणित की और कई सक्रियाएँ जैसे गुणा, भाग, प्रतिशत, ब्याज इत्यादि कर सकते है।

अब तो कैलकुलेटर को अपने Smart Phone मे भी एक app बनाकर Launch कर दिया है। मतलब की आज जीसके पास मोबाइल फोन है उसके पास मिनी केलकुलेटर भी है। आजकल केलकुलेटर का हर कोई उपयोग करता है चाहे वह घरेलु महिला जो घर के सामान का हिसाब रखने के लिए केलकुलेटर का उपयोग करती है या फिर चाहे वह कोई बीजनमेन हो जो कार्य का लेखा जोखा जांचने के लिए केलकुलेटर का उपयोग करता है।

वर्तमान समय मे वैज्ञानिक कैलकुलेटर की मांग बेहद ज्यादा है क्योंकी यह न सिर्फ गणना (जोड़, बाकि, गुणा, भाग, प्रतिशत) को हल करता है बल्की यह कैलकुलेटर विज्ञान के Sums आसानी से हल कर देता है जिसमे वास्तुकार (Architect) वैज्ञानीक तथा यंत्र-विशेषज्ञ (Engineer) को काफी मदद मीलती है।

वैज्ञानिक कैलकुलेटर क्या होते हैं (What is Scientific Calculators)

जहाँ सामान्य केलकुलेटर गणित की सामान्य जोड, घटाव, गुणा, भाग को हल कर सकते हैं वहीं पर ये वैज्ञानिक केलकुलेटर
Trignometrig sum, Statistic Sum, Logirithum Sum, Squares, जेसी कठिन संक्रियाओं को भी हल कर सकते है। ये दिखने में सामान्य केलकुलेटर से अलग होते हैं तथा सामान्य केलकुलेटर से महंगे भी होते है इस कैलकुलेटर पर Sin, cos, तथा log, √ जैसे बटन अंकित होते है।

कैलकुलेटर का इतिहास (History of Calculator)

पुराने समय में गणना करने के लिए ईशानगो हड्डी का उपयोग किया जाता था लेकिन समय के साथ कई बदलाव आए और आज एक मोबाइल में भी इसका उपयोग कर सकते है। यह पूरा सफर बहुत लम्बा रहा एवं हर बार कैलकुलेटर को कई प्रयोगो से गुजरना पडा तब जाकर आज का आधुनिक कैलकुलेटर सामने आया है।

पहले के लोग हाथ की उंगली से गणना करते थे व उसके बाद हड्डियों का प्रयोग गणना के लिए किया जाने लगा। धीरे-धीरे लोगों ने लगभग 2700 वर्ष पूर्व अबेकस का निर्माण किया इससे गणना में थोड़ी आसानी हुई लेकिन फिर भी गणना जल्दी नहीं होती थी बड़ी गणना इससे नहीं जा सकती। उसके बाद लोगो ने नए तरिके खोजे जिससे गणना सरल व आसानी से जल्दी की जा सके।

1623 में विल्हेम शिकार्ड ने “Calculating Clock” का निर्माण किया। इस कैल्कुलेटिंग क्लोक पर Multiplaying यंत्र लगे हुए थे तथा 6-digit decimal adding यंत्र भी लगे हुए थे। पहला मेकेनिकल कैलकुलेटर 1648 में विल्हेम शिकार्ड ने अविष्कार किया तथा इसका नाम “ब्लेज पास्कल” रखा।

1672 में “दुनिया का पहला आधुनिक कैलकुलेटर” के नाम से जाना जाने वाले ‘स्टीप्ट रेगोनर कैलकुलेटर’ को गोटफ्राइड वोन लाइबनिट्स ने बनाया।

1773 में फिलीप Matthaus Hahn ने पहला FUNCTIONAL कैलकुलेटर खोजा उनका कैलकुलेटर ‘स्टीप्ड रेकॉनर’ कैलकुलेटर पर आधारित था। फंक्शनल कैलकुलेटर में 22 ड्रम्स का set एक Circular arrangment में arrange होता था जिसे चालु करने के लिए crank का use होता जो की drum के एक्सीज मे होता था।

1820 में विश्व का पहला सफल Mechanical Calculator का आविष्कार ‘चार्ल्स Xavier थॉम्स de Colmar’ ने किया इसका नाम “अरिथमोमीटर” रखा। इसमें सभी Arithmetic operations (+, -, ×, ÷) किए जा सकते है।

1887 में Pascal कैलकुलेसन यंत्र के आधार पर ‘कोम्प्लोमीटर’ को बनाया गया जीसमे गणना को प्रिंट करने की सुविधा उपलब्ध थी।

1893 मे लेओन बोली ने ‘मिलीनेयर कैलकुलेटर’ को बनाया जिसमे गुणा बेहद आसानी से तथा कम समय में किया जा सकता था।

1954 IBM ने IBM 608 का आविष्कार किया जो की पहला TRANSISTOR कैलकुलेटर था। इसमें Vaccum tubes की जगह पर Solid-State transistor का प्रयोग किया गया। इसकी मुख्य Memory 40-nine digit संख्या को Store करती तथा लगभग 4500 addition प्रति सैकण्ड operate करती थी। इसमें 3000 से ज्यादा germanium transistors का उपयोग किया गया है।

1961 में बेल पंच ने “ANITA MK -8” को बनाया जिसमें तकरीबन 170 कोल्ड केथोड वैक्यूम ट्युब, डिक्रेटोन decade काउण्टर ट्युब तथा न्यूमीकैटर डिस्प्ले ट्युब का उपयोग किया गया था।

1967 में ‘Taxas Instruments (TI) Website’ ने “Cal tech” कैलकुलेटर नाम दिया इसे 1970 मे Commercially release किया गया। इस कैलकुलेटर में एक छोटा Key board होता है जिसपर 18 कुंजी व एक विजुअल आउटपुट थे जो 12 decimal digit तक को दिखा सकते थे।

1971 में Busicom ने “Busicom LE-120A” नाम का कैलकुलेटर बनाया जिसे “HANDY” के नाम से भी जाना जाता है। यह पहला HAND HELD कैलकुलेटर था जो काफी महंगा भी था इसे गिरने से बचाने के लिए इसके Base में wrist strap लगाया गया था। यह “Calculator on a chip” इन्टीग्रेटेड सक्रिट का प्रयोग करता था।

1974 में Hewlett Packard ने “HP-65” नाम का कैलकुलेटर बनाया ये एक तरह के PC (पर्सनल कम्प्युटर) थे। उसकी किमत $795 थी तथा यह पहला outer Space मे भेजा जाने वाला कैलकुलेटर बना इसे पहले “Joint US. – Soviet space flight” मे लगाया गया |

1985 में Casio ने पहला ग्राफिंग कैलकुलेटर बनाया जिसका नाम ‘Casio fx – 7000G’ रखा इसे और develop करने पर यह लगभग 10 प्रोग्राम को अपने अंदर store कर सकता था तथा 422 bytes of मेमोरी के साथ बनाया गया था।

2003 मे Sharp ने “Sharp EL-9650” कैलकुलेटर बनाया। यह कैलकुलेटर टिचर्स के लिए काफी उपयोगी रहे उनमे slide show functionality उपलब्ध थी जो Pre-programed lesson & formulas को Teacher द्वारा पढ़ाने के लिए allow करती थी।

2010 में Casio ने पहला Colour Grapring Calculator “CASIO PRISM” बनाया। जब सभी मोबाइल यंत्र रंगीन बन गए तब इसने भी परिवर्तन कर “Casioprism ” का निर्माण किया।

आज के युग में कैलकुलेटर कई प्रकार के है जो गणना के अलावा और भी कई कार्य करते हैं। कई कैलकुलेटर मे बड़ी-बड़ी गणनाओं के लिए 00 व 000 कुंजी भी होती है जिससे गणना में आसानी हो जाती है।

कैलकुलेटर के प्रकार (Types of Calculator)

समय के साथ कैलकुलेटर का आकार तथा किमत के साथ उसके function में भी काफी बदलाव आया है पहले ईशानगो की हड्डी से गणना की जाती तथा वर्तमान में कैलकुलेटर मोबाइल फोन में एक app की तरह कार्य कर गणना करता है। अलग-अलग कैलकुलेटर के अलग गुण तथा कार्य होते है तथा वर्तमान मे आयु वर्ग के हिसाब से तथा व्यक्ति के पद के हिसाब से सबके अलग-अलग कैलकुलेटर होते है। कैलकुलेटर कई तरह के होते है लेकिन हम यहाँ मुख्य रूप से 5 प्रकार को जानेंगे।

  1. मुल कैलकुलेटर
  2. वैज्ञानिक कैलकुलेटर
  3. प्रिंटिंग कैलकुलेटर
  4. ऑनलाइन कैलकुलेटर
  5. ग्राफिंग कैलकुलेटर

विस्तार देखे

  1. मूल कैलकुलेटर BASIC CALCULATOR इस तरह के कैलकुलेटर में 0 1 2 3 4 5 6 7 8 9 संख्या तथा जोड़ (+) बाकी(-) गुणा(×) भाग (÷) तथा प्रतिशत (%) की कुंजी होती है। यह कैलकुलेटर सामान्य तथा छोटी कक्षा के बालको के लिए उपयोगी है।
  2. वैज्ञानिक कैलकुलेटर Scientific Calculator यह वैज्ञानीक, इंजीनीयर तथा गणितज्ञ के लिए लाभदायक है। इसमें कई कुंजी होती है जो निम्न कार्य कर सकता है
    Addition
    Substraction
    Multiplication
    Division
    Percentage
    Degree
    Minutes
    Statistics
    Logarithams
    Square
    Roots
    Fractions
    Negative Indicator
    Power
    Radians
    Fermutation
    Quadratic regression
    Multi- replay
    Random number
    Table of function etc…
  3. प्रिंटिंग कैलकुलेटर Printing Calculator पहले घरो मे PC कंप्यूटर नही होते थे तब प्रिंटिंग कैलकुलेटर का प्रयोग किया जाता था। प्रिंटिंग कैलकुलेटर एक मूल कैलकुलेटर होता है जो परिणाम को LCD से एक कागज पर प्रिंट कर देता है।
  4. ऑनलाइन कैलकुलेटर Online Calculator आज के आधुनिक कैलकुलेटर थोड़े महंगे लेकिन छोटे होते है तथा और कई प्रकार के मिल जाते है। ऑनलाइन के जमाने में इन्टरनेट पर भी कई कार्यों के लिए अलग-अलग कैलकुलेटर्स बनाए गए है जिन्हें INTERNET से एक्सेस कर उपयोग से लाया जा सकता है।
    इसके उदाहरण -: BMI कैलकुलेटर्स जो ऊँचाई वजन बताने पर बॉडी इंडेक्स नापता है तथा एज कैलकुलेटर्स जो जन्म दिनांक के बताने पर वर्तमान में आपकी उम्र के वर्ष, महीने , दिन, घण्टे, तथा मिनट को बता देता है इतना हि नहि यदि आपको जन्म दिनांक नहि पता लेकिन आपकी उम्र पता है तो उम्र डालने पर यह आपके जन्म की दिनांक कुछ सैकंड में ही बता देता है।
  5. ग्राफिंग कैलकुलेटर Graphing calculator वर्तमान समय में वह यह कैलकुलेटर High resolution LCD स्क्रीन एवं सबसे hard graphics का प्रयोग करते है जल्दी गणना करने हेतु इसे वर्तमान समय में CPU के साथ प्रयोग में लाया जाता है। ग्राफिंग कैलकुलेटर में Data स्टोर करने की सुविधा उपलब्ध होती है। ये कैलकुलेटर निम्न कार्य कर सकते है -:
    Addition (+)
    Subtraction (-)
    multiplication (x)
    Division (÷)
    Angle measurements,
    Combination & permutation,
    Distribution,
    Fraction,
    Bar chart,
    Complex numbers,
    Dynamic graphing,
    Logerithoms,
    Pai chart,
    Inequality,
    Roots,
    Polar Power,
    Variables,
    Statistics,
    Parametric, etc…

यह कैलकुलेटर मुख्यतः architects तथा Graphics विद्यार्थी के लिए उपयोगी है।

कैलकुलेटर का उपयोग (uses of Calculator)

वर्तमान के आधुनीक युग में हर कोई कैलकुलेटर को मात्र जोड- बाकि की मशीन समझते है लेकिन यह जोड बाकि के साथ और मई operation कर सकता है। यदि इसका सही उपयोग किया जाए तथा सारे operation सही लगाए जाए तो कैलकुलेटर कुछ पल में ही सही result दे देता है।

कैलकुलेटर को इस्तेमाल करते समय कुछ ध्यान रखने योग्य बातें -:

✓ इसकी सभी कुंजी के बारे में जानकारी हो।
✓ एक ही बार में सारी गणना करने की समझ हो।
✓ सभी कुंजी के बारे में जानने हेतु इसके user manual को अच्छे से पढ़ लेना चाहिए।
✓ यदि सौर ऊर्जा वाला कैलकुलेटर है तो उसे निश्चित अवधि के लिए धुप में अवश्य रखे।
✓ कुंजी को बराबर pressure से press करे।

कैलकुलेटर के कई सारे कार्य होते है तथा इससे हमारे कई कार्य आसान हो जाते है इसकी मदद से हम क्या क्या कर सकते है –

✓. बड़े से बड़े Arithmetic Operation (+,-,×,÷) कर सकते है।

✓. इससे बीज गणित के सवालों को हल किया जा सकता है।

✓. इसकी मदद से लाभ हानि, प्रतिशत, ब्याज आदि निकाले जा सकते है।

✓. बड़े से बड़े theorms को भी वैज्ञानिक कैलकुलेटर की Help से Solve कर सकते है।

✓. कैलकुलेटर से गणना करना हमारे समय की बचत करता है तथा सही result बताता है।

✓. वर्तमान समय मे Sentific तथा ग्राफिंग कैलकुलेटर का उपयोग ज्यादा किया जाता है।

✓. कैलकुलेटर मे सारी INCOME तथा expenses को सही Solve कर सकते है।

✓. इससे दुकानदार सामान की बराबर गणना कर सकता है।

✓. घर, ऑफिस, दुकान सभी जगह पर यह उपयोगी है।

✓. इसका प्रयोग वैज्ञानिक तथा इंजीनीयर अपनी Scientific calculation के लिए उपयोग में लेते है।

✓. Financial कैलकुलेटर का उपयोग Finance Professionals Specialized & accountant अपने लॉन तथा बचत मे interest की गणना के लिए उपयोग करते हैं।

✓. Financial कैलकुलेटर से currency Conversions मे भी सहायता मिलती है।

✓. BMI (Body Mass Index) देखना तथा exercise से कितने calories burn की है यह calculaters से पता लगा सकते है।

✓. विद्यार्थीयों का grade or percentage का पता करना तथा प्रेगनेंट महिला की due दिनांक पता करने में सहायक।

क्या होता है कैलकुलेटर के अन्दर

आप सभी को यह तो पता चल गया की कैलकुलेटर क्या होता है लेकिन कैलकुलेटर को खोला जाए तो उसके अन्दर क्या होता है यह हम अब जानेंगे। 19वीं सदी के कैलकुलेटर के अन्दर Rode, levers, Precision gears, तथा axles नजर आते है कुंजी को press करने पर ये Whirl करते है लेकिन आधुनिक कैलकुलेटर ऐसे नहीं है।अभी के कैलकुलेटर कुछ अलग तरीके से बने होते हैं तथा इनके अन्दर जो चीजें दिखती है वो इस प्रकार है:

Input : Keyboard (कुंजीपलट) होता है जिस पर प्लास्टिक की छोटी 40 कुंजीया होती है। इन कुंजी के नीचे की तरफ रबर membrane लगा हुआ होता है तथा एक touch-Sensitive Circuit भी लगा होता है।

Processor : पुराने कैलकुलेटर में जो कार्य gears करते थे वही कार्य वर्तमान कैलकुलेटर के प्रोसेसर करते हैं। processor एक micro(छोटा) chip होती है जो कैलकुलेटर के सारे Hard Work को पूर्ण करते हैं।

Output : यह एक LCD (Liquid Crystel Display) होता है। जब भी हम कैलकुलेटर में किसी कुंजी को दबाते है तो उसका परिणाम, अंक दिखाई देते है यह LCD के कारण होता है।

Power Source : पुराने कैलकुलेटर में Solar cell का प्रयोग किया जाता था लेकिन वर्तमान में Long Life बेटरी का प्रयोग करते है ताकी लम्बे वक्त तक कार्य किया जा सके एव इस में button Cell का प्रयोग किया जाता है।

कैलकुलेटर कैसे काम करता है

जब हम कैलकुलेटर में किसी भी कुंजी को द‌बातें है तब उसके अन्दर बहुत सारे कार्य होने लगते है। जब हम कुंजी को दबाते है तब उस कुंजी के नीचे की तरफ लगी रबर membrane भी नीचे जाती है। यह रबर membrane नीचे जाती है जिससे Keyboard sensor में दो Layer के मध्य एक electrical Contact बनता है तथा इसे keyboard circuit detect करता है। किस कुंजी को press किया है यह Processe Chip के द्वारा पता चलता है।

वह कुंजी जीसे Press किया था वह एक circuit द्वारा Processer chip से display में appropriate segment को सक्रिय करती है। जब तक इस कोई operational कुंजी (+, -, ×, ÷) नहीं दबाते तब तक हम जीतने नम्बर दबाते है उन सभी को display में Processor chip दिखाता है।

जैसे ही हम किसी operational कुजी (+, -, ×, ÷) को दबाते है तब वह गणना कर उसे भण्डार (store) कर देता है store की गई गणना के result को Small memory में store किया जाता है जिसे register करते है। Register मे result को Store करने के बाद display साफ हो जाती है तथा नई संख्या enter करने के बाद Processor chip उसे एक के बाद एक संख्या दिखाएगा तथा उसे भी register में Save कर देगा। अंत मे जब = कुंजी को Press करते है तब केलकुलेटर निर्देशानुसार गणना कर परिणाम display पर लाता है।

पहले की गणना के तरीके (Calculation Method)

  1. इशानगो हड्डी से गणना -: लगभग 32 हजार वर्ष पूर्व के लोग गणना करने हेतु ईशानगो हड्‌डी का इस्तेमाल करते क्योंकी इन पर बनी लकीरें अलग तथा अनोखी दिखती इन्ही लकीरो से गणना की जाती थी लेकिन इसमे समय बेहद ज्यादा व्यर्थ होता।
  2. अबेकस से गणना -: विश्व की पहली कैलकुलेटर मशीन जिसका आविष्कार तकरीबन 2700 वर्ष पूर्व किया गया। इस मशीन को हिन्दू तथा अरेबीक Number System के लिए बनाया गया। इस मशीन को लकड़ी अथवा प्लास्टिक से बनाई गई Tiny frame को समांतर रखकर बनाई गई। इसकी प्रत्येक छड़/डण्डे में 1 to 9 Numbers होते है जिससे लोग बडी गणना को भी सही कर सकते थे लेकिन उसमे भी काफी समय नष्ट हो जाता।
  3. कैलकुलेटिंग क्लॉक से गणना -: विश्व की पहली AC एडिंग मशीन जिसे 1623 में विल्हम शिकार्ड ने बनाया इसमें गुणा आसानी से हो जाता है क्योंकी इसमे multiplying device लगाए गए है।
  4. स्लाइड रूल से गणना -: महान गणितज्ञ जॉन नेपियर ने 16वी शताब्दी में एल्गोरिदम की खोज की। इसमें दो पटरीया होती है जो इधर-उधर shift हो सकती है।
  5. स्टेप्पेड रेकोनर से गणना -: दुनिया की पहली मॉडर्न खोज स्टेप्पेड रेकोनर device जिसको “दुनिया का पहला आधुनिक कैलकुलेटर” भी कहा जाता है। इसकी मदद से Arithmetic operation (+, -, ×, ÷) सरलता से किए जा सकते है। इस device का आविष्कार गोटफ्राइड वॉन लाइबनिट्स ने किया।
  6. अरिथमोमीटर से गणना -: विश्व का पहला sucess mechanical कैलकुलेटर वर्ष 1820 में थॉमस Day ने बनाया। इसमे Arithmetic operation (+, -, ×, ÷) आसान तथा सरल तरीको से किया जाता तथा result भी जल्दी दिखा देता है। यह काफी सफल यंत्र रहा इसका सर्वाधिक उपयोग 1851 – 1890 तक हुआ।
  7. कोम्प्लोमीटर से गणना -: Pascal calculation device के आधार पर वर्ष 1887 में कॉम्प्तोमीटर का आविष्कार किया गया। वह एक मशीनी कैलकुलेटर था जिसमें नवीनता लाई गई एवं इसमे कि गई गणना की प्रिटिंग की सुविधा भी उपलब्ध थी। यह एक मीनी कम्प्युटर कैलकुलेटर था।
  8. एनालिटिकल इंजन से गणना -: यह दुनिया का पहला प्रोग्रामेटिक यंत्र था जो प्रोग्रामर के अधीन कार्य, गणना करता था।
  9. मिलिनेयर से गणना -: इसमे गुणा करने में बेहद कम समय लगता था। 1893 में लेओन बोली ने इसका आविष्कार किया।

Conclusion

तो दोस्तो आज हमने कैलकुलेटर क्या होता है, कैसे बनता है तथा कैलकुलेटर का आविष्कार किसने किया यह सारी जानकारी प्राप्त की है यदि आपको भी कैलकुलेटर के बारे में कोई बात पता हो जो इसमें नहीं बताई गई हो तो कमेंट करके बताए । आशा है आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी यदि आपका जवाब हां है तो इस जानकारी को अपने दोस्तो को शेयर करे ताकी ज्यादा लोग कैलकुलेटर के बारे में आसानी से समज सके धन्यवाद।

कैलकुलेटर का आविष्कार कब और किसने किया

1642 में विलियम शिकार्डे ने केलकुलेटर का अविष्कार किया इसे ब्लेज़ पास्कल नाम दिया गया।

कैलकुलेटर का अविष्कारक कौन है?

Texax instruments ,जैक किल्बी ,एडिथ क्लार्क केलकुलेटर के अविष्कारक है।

विश्व का प्रथम इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर किसने बनाया

Texax instruments ,जैक किल्बी ,एडिथ क्लार्क

कैलकुलेटर का हिंदी में क्या नाम है?

कैलकुलेटर को हिंदी में गणक या परिकलक कहा जाता है.

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