नमस्कार दोस्तों, आज हम एक ऐसे प्रतिष्ठित व्यक्ति के बारे में जानने वाले हैं जिन्होंने भारत को काफी योगदान दिया जो कि भारतीय सेना के 4 स्टार जनरल थे इनका नाम “जनरल बिपिन रावत” है इन्हें भारत के प्रथम CDS के रूप में 30 दिसंबर 2019 को नियुक्त किया तथा 1 जनवरी 2020 को पद ग्रहण किया। इससे पहले CDS के पद पर कोई नहीं था और जनरल बिपिन रावत ने पहली बार यह पद ग्रहण कर अपना और भारत का नाम रोशन किया।
उन्हें बचपन से ही अपने घर में देश प्रेम का माहौल मिला तथा बड़े होकर उन्होंने भी देश प्रेम दिखाते हुए देश की सेवा में लग गए, हमेशा से भारत के सीडीएस के खाली रहे पद पर नियुक्त होकर भारत के प्रथम सीडीएस बने और देश की रक्षा करते रहे। तो चलिए , दोस्तों इस लेख को अंत तक पढ़ते हैं और जनरल के बारे में सारी जानकारी प्राप्त करते हैं।
बिपिन रावत का जीवन परिचय (सामान्य)
- नाम – बीपिन रावत
- जन्म – 16 मार्च 1958
- जन्म स्थान – पौड़ी, उत्तराखंड
- पिता – लक्ष्मण सिंह रावत
- माता – पॉलिन कोच
- पत्नी – मधुलिका रावत
- बच्चे – दो लड़कियां
- मृत्यु – 8 दिसंबर 2021 (बीपिन रावत की जीवनी)
- मृत्यु स्थान – तमिलनाडु , कुन्नूर
प्रारंभिक जीवन तथा शिक्षा
इनका जन्म पौड़ी , उत्तराखंड में 16 मार्च 1958 को लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पहुंचे लक्ष्मण सिंह रावत (पिता) के घर हुआ, इनकी माता उत्तरकाशी-उत्तराखंड के एक विधायक की बेटी थी जिनका नाम पॉलीन कोच था जिन्होंने बीपिन रावत को बचपन से ही देश प्रेम की शिक्षा दी और भारतीय फौज के माहौल में पले बढ़े रावत बचपन से ही भारतीय सेना में जाने के सपने देखने लगे। (बिपिन रावत का परिवार)
उन्होंने कैंब्रियन हॉल स्कूल देहरादून तथा सेंट एडवर्ड विद्यालय शिमला से अपने विद्यालय की शिक्षा प्राप्त की इसके बाद देहरादून की खड़कवासला, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) एवं भारतीय सैन्य अकादमी में शामिल होकर अपना जज्बा दिखाया तथा वहां उन्हें ‘स्वार्ड ऑफ ऑनर’ से पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया। (प्रथम भारतीय CDS कि शिक्षा)
उन्होंने मैनेजमेंट तथा कंप्यूटर स्टडीज में मद्रास से डिप्लोमा किया है तथा एम. फील. डिफेंस स्टडीज में की है। उन्होंने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (DSSC) वेलिंगटन, तमिलनाडु से स्नातक पूरा किया और उसके बाद (जनरल बिपिन रावत का जीवन परिचय)
हायर कमांड कोर्स करने अमेरिका चले गए तथा कमांड एंड जनरल स्टाफ कॉलेज से यह कोर्स पूरा किया । मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से पीएचडी की तथा मिलिट्री मीडिया स्ट्रैटेजिक स्टडीज पर की गई शोध के लिए उन्हें “डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी” से सम्मानित किया गया।
भारत के प्रथम CDS का सैन्य कैरियर

16 मार्च 1958 को जन्मे बिपिन रावत के पिता लेफ्टिनेंट जनरल के पद तक पहुंच चुके इनका नाम लक्ष्मण सिंह रावत तथा इनकी माता पॉलिन कोच उत्तरकाशी-उत्तराखंड के एक विधायक की बेटी थी। बिपिन रावत को 16 दिसंबर 1978 को ग्यारह गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन में सेकंड लेफ्टिनेंट के रुप में शामिल कर लिया गया यह इकाई उनके पिता लक्ष्मण सिंह के अंडर मे थी।
उन्होंने 10 वर्षों तक आतंक विरोधी अभियानों का संचालन किया पूरे हिम्मत और हौसले से उन्होंने अपना कार्य किया और अपना नाम आगे बढ़ाते रहे और धीरें-धीरें कैप्टन के पद पर पहुंच गए। जम्मू-कश्मीर के उरी के समय मेजर पद पर कार्यरत थे और उन्होंने एक कंपनी की कमान संभालने का कार्य किया तथा अपनी बटालियन की कमान संभाली ।
इसके बाद उन्हें ब्रिगेडियर के पद पर पदोन्नत किया गया, इस पद पर कार्यरत होने के दौरान राष्ट्रीय रायफल्स के 5 सेक्टर सोपोर में तथा कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में मिशन की बहूराष्ट्रीय ब्रिगेड की कमान संभालने का कार्य मिला जिसे बखूबी पूर्ण करने के लिए उन्हें फोर्स कमांडर की प्रशस्ति से दो बार सम्मानित किया गया।
मेजर जनरल के पद पर पदोन्नत होने के पश्चात उन्होंने उरी में 19वीं इन्फैक्ट्री डिवीजन में जनरल ऑफिसर का पद संभाला। (जनरल बिपिन रावत का करियर)
दीमापुर में मुख्यालय की 3 कोर वाली कमान संभालने के पश्चात दक्षिणी सेना को पुणे में संभाला यहां पर में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पदोन्नत हो चुके थे इसके बाद दक्षिणी कमान में जीओसी-इन-सी का पद ग्रहण किया तथा कुछ समय पश्चात वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ का पद संभाला। (General bipin rawat biography in hindi)
भारत सरकार द्वारा 27वें सेनाअध्यक्ष के पद पर 17 दिसंबर 2016 को नियुक्त किया गया तथा 31 दिसंबर को उन्होंने इस पद को ग्रहण किया । 57वें और अंतिम अध्यक्ष के रूप में भारतीय सेना के चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के रूप में कार्य किया। उन्हें भारत के पहले सीडीएस के रूप में 30 दिसंबर 2019 को नियुक्त किया गया तथा 1 जनवरी को पदभार संभाला।
पद तथा पद नियुक्ति दिनांक
- जनरल (CDS) – 30 दिसंबर 2019
- जनरल (COAS) – 1 जनवरी 2017
- 27वें सेना अध्यक्ष – 17 दिसम्बर 2016
- लेफ्टिनेंट जनरल – 1 जून 2014
- मेजर जनरल – 20 अक्टूबर 2011
- ब्रिगेडियर – 1 अक्टूबर 2007
- कर्नल – 1 अगस्त 2003
- लेफ्टिनेंट कर्नल – 1 जून 1998
- मेजर – 16 दिसंबर 1989
- कैप्टन – 31 जुलाई 1984
- लेफ्टिनेंट – 16 दिसंबर 1980
- सेकंड लेफ्टिनेंट – 16 दिसंबर 1978
सम्मान तथा पुरस्कार
- परम विशिष्ट सेवा पदक,
- सैन्य सेवा पदक,
- मोनूस्को,
- उत्तम युद्ध सेवा पदक,
- 9 साल लंबी सेवा पदक,
- स्वतंत्रता पदक की 50 वीं वर्षगांठ,
- अति विशिष्ट सेवा पदक,
- 30 वर्ष लंबी सेवा पदक,
- विदेश सेवा पदक,
- युद्ध सेवा पदक ,
- सामान्य सेवा पदक ,
- उच्च ऊंचाई सेवा पदक,
- सेना पदक ,
- घाव पदक,
- 20 वर्ष लंबी सेवा पदक,
- विशिष्ट सेवा पदक,
- ऑपरेशन पराक्रम पदक, आदि और कई सम्मान तथा पुरस्कार मिले हैं।
जनरल बिपिन रावत की मृत्यु
तमिलनाडु के कोयंबटूर में 8 दिसंबर 2021 को एयर फोर्स चौपर mi-17 v5 क्रेश हो गया जिसमें जनरल बिपिन रावत के साथ उनकी पत्नी एवं अन्य 13 लोगों के साथ दुर्घटना हुई इन सभी में से मात्र एक अफसर ही जिंदा बच्चे वह भी काफी गंभीर हालत में काफि समय तक घायल अवस्था मे रहे, बाकी सभी का निधन हो गया। (जनरल बिपिन रावत की मृत्यु)
रावत अपनी पत्नी तथा अन्य 13 लोगों के साथ डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज वेलिंगटन के कार्यक्रम में जा रहे थे और विमान दुर्घटना में उनका निधन हो गया। रक्षा मंत्री , प्रधानमंत्री, तथा राष्ट्रपति,के साथ कई बड़े-बड़े नेता, तथा संपूर्ण देश के वासियों ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मृत्यु का शोक मनाया और उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी।
तो दोस्तों आज हमने भारत के प्रथम CDS जनरल बिपिन रावत के बारे में सारी जानकारी प्राप्त की है, वे बचपन से ही भारतीय सेना में जाना चाहते तथा अपने सपने को पूरा करने के लिए पूरी हिम्मत और हौसले से काम किया। सेकंड लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्त होकर अपने करियर की शुरुआत की अपने करियर की शुरुआत से अंत तक उन्होंने देश की रक्षा करने में लगा दिया।
उनके देश प्रेम और देशभक्ति की भावना को देखकर उन्हें भारत सरकार ने भारत के प्रथम CDS के पद पर नियुक्त कर दिया। हमारे प्रेरणा स्रोत और देश प्रेमी जनरल बिपिन रावत से हमें देश प्रेम की भावना ग्रहण करनी चाहिए और अपना संपूर्ण जीवन देश को समर्पित करने वाले इस महापुरुष को सदेव याद रखना चाहिए।
इन महापुरुष तथा देश प्रेमी को विनम्र श्रद्धांजलि दें और इस लेख को लाइक करें शेयर करें ताकि हम आगे और अनेक भारत के वीर सपूत तथा महापुरुष की जीवनी को पढ़ सकें और अपने जीवन को जीने के नए-नए तरीके सीख सके, हमारा यह लेख आपको कैसा लगा कमेंट कर अवश्य बताएं।
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