फाल्गुनी पाठक का जीवन परिचय। Falguni Pathak Biography in Hindi

नमस्कार, दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं उस व्यक्ति की जिसने अपनी संस्कृति को एक नई पहचान दिलाई और अपना नाम विश्व में मशहूर कर दिया। पूरा विश्व जिनके लोक गायन की गूंज को सुनने को बेकरार रहता है और विश्व भर जिन्हें “गरबा क्वीन” के नाम से जानता है हम बात करने वाले हैं फाल्गुनी पाठक की जिन्होंने लोगों को भक्तिमय गानो पर नाचने को मजबूर कर दिया है।

चाहे आप फिल्मी गानों पर कितना भी नाच लो मगर भक्तिमय गानो पर नाचने की कला कुछ कठिन लगती है परंतु फाल्गुनी पाठक के भक्ति भरे गानों पर आप स्वयं को नाचने से रोक नहीं सकते तो चलिए गरबा क्वीन के जीवन परिचय को विस्तार से जानने का प्रयास करते हैं। (गरबा क्वीन का जीवन परिचय)

फाल्गुनी पाठक का जीवन परिचय (सामान्य)

  • नाम – फाल्गुनी पाठक
  • प्रसिद्ध नाम – गरबा/डांडिया क्वीन
  • जन्म – 12 मार्च 1964
  • जन्म स्थान – मुंबई, महाराष्ट्र
  • माता-पिता – ज्ञात नहीं
  • बहने – 4

प्रारंभिक जीवन तथा शिक्षा

गुजराती परिवार में जन्मी फाल्गुनी पाठक का जन्म 12 मार्च 1964 को मुंबई में हुआ अपने माता पिता की पांचवी संतान है उनसे बड़ी चार बहने और है । फाल्गुनी के माता-पिता ने चार लड़कियों के बाद एक लड़के के जन्म की उम्मीद की परंतु पांचवी भी लड़की ही आई

इसीलिए फाल्गुनी पाठक लड़कों की तरह ही जीवन जीने लगी। (फाल्गुनी पाठक का परिवार) फाल्गुनी ने अपने कॉलेज की शिक्षा श्रीमती एम एम के कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से बीकॉम की डिग्री हासिल की।

गायकी में करियर

फाल्गुनी के पिता को उनके स्टेज शो के बारे में पता चलने पर उन्होंने उसे फटकारा और हाथ भी उठाया इस बात से साफ समझ आता है कि वे उन्हें गायक नहीं बनाना चाहते थे परंतु फाल्गुनी को तो गायकी में ही अपना भविष्य दिखता था। (फाल्गुनी पाठक का जीवन परिचय)

संगीत में अपना करियर बनाने की सोच को सच करने के लिए वे रेडियो सुनती और साथ ही गरबा के गाने भी सुनती थी। भारत के स्वतंत्रता दिवस के समारोह पर 9 वर्ष की उम्र में उन्होंने आई एन एस उदयगिरि जहाज में अपना प्रथम स्टेज शो किया यहीं उन्होंने 1980 में ‘लैला ओ लैला’ गाना ‘कुर्बानी’ फिल्म के लिए गाया था।

फाल्गुनी ने 1998 में अपने करियर की शुरुआत की उनकी पहली एल्बम 1998 में लॉन्च हुई। इसके बाद फाल्गुनी ने अनगिनत गाने गाए और भारत ही नहीं विदेशों में भी नाम बनाया। भारत में तो उन्होंने अपने गाने की आवाज से फेन फॉलोअर्स इतने बढ़ा दिए कि बॉलीवुड का रिकॉर्ड ही तोड़ डाला।

1994 में फाल्गुनी पाठक उर्फ़ गरबा क्वीन ने ‘ ता – थाईया’ नाम का स्टेज बैंड शुरू किया जो सिर्फ भारत ही नहीं विदेशों में भी प्रदर्शन देता । इस बैंड को प्रारंभ में ‘डांडिया’ एल्बम के साथ लांच किया जाना था परंतु प्रोडक्शन कंपनी पॉलीग्राम ने अपना फैसला बदल कर एक एल्बम के रूप में इसे लॉन्च किया। (फाल्गुनी पाठक की पॉप एल्बम)

1998 में फाल्गुनी पाठक ने यूनिवर्सल म्यूजिक के साथ ‘याद पिया की आने लगी’ डेब्यू एल्बम से नई प्रसिद्धि और शोहरत प्राप्त की। Falguni Pathak biography in hindi

फाल्गुनी पाठक के ज्यादातर गाने की थीम प्यार होता है परंतु नवरात्रि के समय में बजाए जाने वाले भक्तिमय गाने भी फाल्गुनी ने हि गाए हैं। नवरात्रि तो फाल्गुनी पाठक के गानों की बिना अधूरी सी लगती है। नवरात्रि में उनके सुपरहिट गाने अच्छी डिमांड में रहते हैं। (फाल्गुनी पाठक बॉयोग्राफी इन हिंदी)

फाल्गुनी पाठक जिन्होंने अपनी संस्कृति को उभारा है और जिन्हे गरबा क्वीन के नाम से जाना जाता है। भले ही पूरे वर्ष वे देश विदेश में अपने शो देती हो परंतु नवरात्रि के दिन आते ही अपने देश लौट आती है और अपने “गरबा” गानों को एक नए जोश और उमंग के साथ गाती है।

गरबा क्वीन के प्रमुख गाने एवं एल्बम

ओ पिया – 2001, अर्पण – 2008, मेरी चुनर उड़ उड़ जाए – 2000, ये कैसा जादू किया – 2002, दिल झूम झूम नाचे – 2004, मैंने पायल है छनकाई – 1999, श्री कृष्ण गोविंद – 2003, (फाल्गुनी पाठक के गाने) रंगीला बंबइया – 2015, डांडिया क्वीन हिट्स – 2014, द गोल्डन मेलोडी – 2014, बेस्ट ऑफ धुन्स एंड भजन – 2013, दे टाली – 1999, याद पिया की आने लगी – 1998, लैला ओ लैला – 1980

कुछ खास बातें

✓• “गरबा क्वीन” के नाम से प्रसिद्ध फाल्गुनी पाठक कभी “घाघरा चोली” की पोशाक नहीं पहनती है।

✓• गरबा क्वीन फाल्गुनी पाठक ने कई टीवी शो में काम किया जिनमें से कुछ यह है – तारक मेहता का उल्टा चश्मा, कॉमेडी नाइट्स विद कपिल, एवं कौन बनेगा करोड़पति।

✓• गरबा क्वीन के अनुसार उन्हें स्वयं के आध्यात्मिक गुरु से शक्ति एवं प्रेरणा मिलती है।

✓• उनके आध्यात्मिक गुरु श्री अनिरुद्ध बापू है।

✓• उन्होंने भवदीप जयपुर वाले से 5 वर्षों तक मुखर संगीत में औपचारिक प्रशिक्षण लिया है । (गरबा क्वीन का जीवन परिचय 10 लाइन में)

✓• उनके पसंदीदा संगीतकार शुभा मुद्गल, शंकर महादेवन व किशोर कुमार है।

✓• गरबा क्वीन को तैरने का शौक है।

✓• डांडिया क्वीन के प्रिय अभिनेता देवानंद व अक्षय कुमार है।

✓• फाल्गुनी पाठक अपने माता-पिता की खुशी एवं संतुष्टि के लिए लड़कों की तरह जीवन यापन करती है।

✓• नवरात्रि के दिन हो और फाल्गुनी पाठक (गरबा क्वीन) के “गरबा” गाने सुनाई ना दे तो नवरात्रि का रंग फीका सा लगता है।

अवार्ड

2017 में दादा साहेब फाल्के एक्सीलेंस अवार्ड (एमटीवी इंडिया के लिए इंटरनेशनल व्युअर चॉइस अवॉर्ड)

तो दोस्तों आज हमने भारत के मशहूर संगीतज्ञ फाल्गुनी पाठक के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की है। हर व्यक्ति में कुछ विशेषता होती है बस उसे पहचानने को और बढ़ाने की जरूरत है। “गरबा क्वीन” के नाम से विख्यात फाल्गुनी पाठक ने अपनी संस्कृति को बढ़ावा दिया है और एक नई पहचान दिलाई है।

इस लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद लेख को लाइक करें और आपको यह लेख कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताएं। फाल्गुनी पाठक की जीवनी

Tushar Shrimali Jivani jano के लिए Content लिखते हैं। इन्हें इतिहास और लोगों की जीवनी (Biography) जानने का शौक हैं। इसलिए लोगों की जीवनी से जुड़ी जानकारी यहाँ शेयर करते हैं।

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