नमस्कार दोस्तों, आज हम एक ऐसी महिला के बारे में जानकारी प्राप्त करने वाले हैं जिनकी वास्तविक कहानी पर एक फिल्म “गुंजन सक्सेना – द कारगिल गर्ल” बनी है जिसमें उनका रोल जानवी कपूर निभाते हुए नजर आती है जी हां, हम बात करने वाले हैं गुंजन सक्सेना के बारे में जब महिलाओं को पुरुषों से कम समझा जाता और उन्हें उनके सही अधिकार प्राप्त नहीं थे
उस वक्त पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चली और नया इतिहास रच दिया। तो चलिए जानते हैं कौन है गुंजन सक्सेना और उन्होंने अपने जीवन में ऐसा क्या किया जिससे आज उन्हें पूरा भारत ‘कारगिल गर्ल’ के नाम से पहचानता है कारगिल गर्ल की कहानी को जानने के लिए बने रहिए हमारे साथ अंत तक।
गुंजन सक्सेना का जीवन परिचय (सामान्य)
- नाम – गुंजन सक्सेना
- प्रसिद्ध नाम – कारगिल गर्ल
- जन्म – 4 जून 1975
- जन्म स्थान – भारत
- पिता – अनूप सक्सेना (भारतीय सैनिक)
- माता – ज्ञात नहीं
- भाई – अंशुमन सक्सेना (भारतीय सैनिक)
- पति – ज्ञात नहीं (पेशे से पायलट है IAF अधिकारी)
- बच्चे – प्रज्ञा (गुंजन सक्सेना बायोग्राफी इन हिंदी)
परिवार तथा शिक्षा
भारतीय सैनिक अनूप सक्सेना की बेटी तथा अंशुमन सक्सेना की बहन गुंजन सक्सेना का जन्म 4 जून 1975 को भारत में हुआ इन्हें बचपन से ही देश के प्रति सम्मान तथा आदर का माहौल अपने आसपास देखने को मिला। इनके पिता तथा भाई दोनों भारतीय सेना में शामिल थे और इन्हें इन दोनों से प्रेरणा मिलती है। (गुंजन सक्सेना का परिवार)
बात करें इनकि शिक्षा की तो इन्होंने अपनी जन्मस्थली से विद्यालय की शिक्षा पूरी की और कॉलेज की पढ़ाई के लिए उन्होंने हंसराज विश्वविद्यालय दिल्ली में दाखिला ले लिया एवं इसी के साथ में सफदरजंग फ्लाइंग क्लब के साथ शामिल हो गई। इस क्लब में रहकर वे आधारभूत बातें सीखने लगी और
सशस्त्र सीमा बल की शिक्षा भी पूर्ण कर पायलट के रूप में वायु सेना में शामिल हो गई , इसके बाद उन्होंने IAF अधिकारी के साथ विवाह कर लिया। इनके पति पेशे से पायलट है और इनके बच्चों में बेटी का नाम प्रज्ञा है। (गुंजन सक्सेना की शादी)
पायलट बनने का सपना
गुंजन को उनके पिता एवं भाई दोनों ने सेना में जाने के लिए काफी प्रेरित किया है उनके पिता अनूप सक्सेना आर्मी मैन तथा उनके भाई अंशुमन सक्सेना भी भारतीय सेना में और घर पर सेना के माहौल में पली-बढ़ी गुंजन ने भी बचपन से ही सेना में जाने के लिए सपने सजा दिए। Gunjan Saxena Biography in Hindi
मात्र 8 से 10 वर्ष की लड़की जो अपनी पांचवी कक्षा की पढ़ाई कर रही थी उसने भारतीय वायुसेना विमान कॉकपिट को देखकर ही पायलट बनने के सपने देख लिए और वह लड़की और कोई नहीं स्वयं गुंजन सक्सेना थी जिन्होंने अपने सपनों को सारी मुश्किलों का सामना कर साकार किया है। (गुंजन सक्सेना के प्रेरणा स्त्रोत)
कारगिल युद्ध में गुंजन के कार्य
उनके बेच में 25 महिलाएं थी जिनमें कारगिल युद्ध के लिए 2 को ही चुना गया जिसमें गुंजन व विद्याश्री दोनों को चुना गया, युद्ध के दौरान द्रास सेक्टर के घायल सैनिकों को सुरक्षित लाने का कार्य उन्हें सौंपा गया और साथ में घायल सैनिकों को दवाइयां व भोजन पहुंचाना भी उन्हीं का कार्य था। इसके साथ पाकिस्तान की सेना की स्थिति का पता लगाना भी उन्हीं की जिम्मेदारी थी जिसे उन्होंने बखूबी निभाया और “कारगिल गर्ल” के नाम से मशहूर हो गई। (कारगिल गर्ल गुंजन सक्सेना की जीवनी)
कारगिल गर्ल नाम से रचा इतिहास
भारतीय वायुसेना की प्रथम महिला फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऑफिसर गुंजन सक्सेना है जो प्रथम बार युद्ध में गई और इतिहास रच दिया। वे कारगिल युद्ध में उस समय गई जब महिलाओं को युद्ध के समय युद्ध जोन में जाने की मंजूरी नहीं थी। उन्होंने 1994 में 25 महिला वायुसेना प्रशिक्षु पायलटों में अपनी जगह बना ली, महिला प्रशिक्षु पायलट का यह बेच प्रथम था और यह उधमपुर, जम्मू और कश्मीर में तैनात थी। (गुंजन सक्सेना का करियर)
1999 में चल रहे कारगिल युद्ध के दौरान उन्होंने नया इतिहास रच दिया युद्ध क्षेत्र की तरफ उड़ान भरने वाली प्रथम भारतीय महिला बनी और अपनी अलग पहचान बना कर मशहूर हो गई। युद्ध के समय कोंबेट जोन में चिता हेलीकॉप्टर उड़ा कर कई भारतीय सैनिकों को बचाए एवं उस वक्त उनके पिता भी उसी सेना में थे। (गुंजन सक्सैना का कारगिल युद्ध में योगदान)
जहां पाकिस्तानी सैनिक लगातार गोलियां बरसा रहे वहीं उड़ान भरते हुए गुंजन सक्सेना ने अपनी जान की बाजी लगाकर अनेक घायल सैनिकों को बचाया। उनके एयरक्राफ्ट पर भी गोलियां चलाईं गई और वे बाल बाल बची, उनके ऊपर लगातार गोलियां बरसाई जा रही लेकिन उन्होंने बिना हिम्मत हारे घायल सैनिकों को बचाया उनके इसी वीरता और साहस भरे कार्य के लिए उन्हें “शौर्य चक्र पुरस्कार” से सम्मानित किया गया है और उन्होंने कारगिल गर्ल के नाम से इतिहास रचा है। (शौर्य चक्र पुरस्कार से सम्मानित गुंजन सक्सेना)
गुंजन का कार्यकाल
7 वर्षों तक भारतीय वायु सेना में चॉपर पायलट रहने के बाद इनका कार्यकाल 2004 में खत्म हुआ और ये उसके बाद गुजरात के जामनगर में अपने परिवार के साथ रहती है। उनके पति भी भारत की वायुसेना में पायलट है और उनकी बेटी का नाम प्रज्ञा है। (गुंजन सक्सेना का जीवन परिचय)
फिल्म – गुंजन सक्सेना द कारगिल गर्ल
गुंजन के जीवन पर आधारित करण जौहर की फिल्म 12 अगस्त 2020 को Netflix में रिलीज हुई जिसके निर्देशन नवोदित कलाकार शरण शर्मा है, इस फिल्म में इनके पिता की भूमिका पंकज त्रिपाठी और भाई की भूमिका अंगद बेदी निभाते हुए नजर आते हैं । इस फिल्म में मुख्य भूमिका जानवी कपूर ने निभाई है उन्होंने इस फिल्म में गुंजन का किरदार निभाया है। (फिल्म – गुंजन सक्सेना द कारगिल गर्ल)
रोचक तथ्य
✓• उनकी साथी विद्या राजन ने भी कारगिल वार में उन्हीं के साथ इतिहास रचा।
✓• अभी वह गुजरात के जामनगर में अपने परिवार के साथ सामान्य जीवन जीती है।
✓• उनके देश के प्रति त्याग और समर्पण की भावना के लिए उन्हें “शौर्य चक्र वीरता पुरस्कार” से सम्मानित किया गया और पूरा देश उन्हें “कारगिल गर्ल” के नाम से जानता है। (Gunjan Saxena in 5 line)
✓• उन्होंने 7 वर्ष तक देश के लिए कार्य किए और सन 2004 में उनका कार्यकाल खत्म हुआ व उन्होंने अपने पद से विदा ली।
FAQ
गुंजन सक्सेना का जन्म कब हुआ?
4 जून 1975 को गुंजन का जन्म भारत में हुआ।
गुंजन सक्सेना के पिता तथा भाई कौन है?
उनके पिता अनूप सक्सेना व भाई अंशुमन सक्सेना दोनों ही भारतीय सेना में शामिल है।
गुंजन सक्सेना को कारगिल युद्ध में क्या जिम्मेदारी सौंपी गई?
उन्हें घायल सैनिकों को दवाइयां और भोजन पहुंचाने व उन्हें सुरक्षित स्थान पर लाने के साथ पाकिस्तान की सेना की स्थिति का पता लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
गुंजन सक्सेना को किस नाम से जाना जाता है?
कारगिल गर्ल के नाम से मशहूर है।
गुंजन सक्सेना की बायोपिक पर कौन सी फिल्म बनी है?
“गुंजन सक्सेना – द कारगिल गर्ल” नामक मशहूर फिल्म गुंजन सक्सेना की बायोपिक है जिसमें इनका रोल जानवी कपूर निभाते हुए नजर आती है।
तो दोस्तों आज हमने भारतीय प्रथम महिला फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऑफिसर गुंजन सक्सेना के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की है गुंजन ने हर भारतीय महिला के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है कि महिलाएं भी पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चल सकती है
और इतिहास बदल सकती है तो दोस्तों आपको गुंजन सक्सेना की हिम्मत, हौसले और साहस भरे वीरता पूर्ण कार्यों को जानकर कैसा लगा और इनसे आप क्या सीख लेना चाहते या कमेंट कर अवश्य बताएं और हमारे लेख को लाइक व शेयर करें।
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