दोस्तों यदि आप भी बजरंगबली के सच्चे भक्त है और उनकी आराधना के लिए इंटरनेट पर हनुमान आरती सर्च कर रहे है, तो एकदम सही जगह पर आये है।
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हिन्दू धर्म में बजरंगबली को शिव का अवतार माना गया है। साथ ही हिन्दू धर्म के सभी देवी-देवताओं में से बजरंगबली विशेष स्थान रखते है, क्योकि इन्हे हिन्दू धर्म में कलयुग के देवता कहा गया है। यदि आप बालाजी के सच्चे भक्त है और उनकी आरधना करने के लिए हनुमान जी की आरती का पाठ करना चाहते है तो इस पोस्ट को शुरू से लेकर अंत तक ध्यानपूर्वक जरूर पढ़े।
Hanuman Aarti PDF Details
PDF Title | Hanuman Aarti PDF |
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Language | Hindi |
Category | Religion |
Total Pages | 2 |
PDF Size | 0.2 MB |
Download Link | Available |
PDF Source | jivanijano.com |
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Hanuman Ji Aarti Lyrics
![Hanuman Aarti PDF Download Free | हनुमान आरती पाठ [2023] Hanuman Aarti PDF | हनुमान आरती पाठ](https://jivanijano.com/wp-content/uploads/2023/10/Hanuman-Aarti-PDF--300x160.webp)
आरती की जय हनुमान लला की। दल दुष्टन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न हुंके॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई। सन्तन के प्रभु सदा सहाय॥
आरती की जय हनुमान लला की।
दे बीरा पठाए। लंका जारि सिया सुधि ला॥
लंका सो कोट समुद्र-सी खाँ। जात पवनसुत बर न लै॥
आरती की जय हनुमान लला की।
लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज सवारे॥
लक्ष्मण मूर्च्छित पड़े सकारे। आनि संजीवन प्राण उबारे॥
आरती की जय हनुमान लला की।
पतित पाताल तोरि जम-कारे। अहिरावण की भुजा उखारे॥
वाम भुजा असुरदल मारे। दायीं भुजा संतजन तारे॥
आरती की जय हनुमान लला की।
सुर नर मुनि आरती उद्घाटित। जय जय जय हनुमान् उचारें॥
कंचन था कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई॥
आरती की जय हनुमान लला की।
जो हनुमानजी की आरती गावे। बसि बैकुण्ठ परम पद पावे॥
आरती की जय हनुमान लला की। दल दुष्टन रघुनाथ कला की॥
जय श्रीराम, जय हनुमान्, जय हनुमान्।
हनुमान आरती की सही विधि
हनुमान जी की आरती सुबह-शाम दोनों समय की जाए तो शुभ माना जाता है, लेकिन यदि आपके पास समय की कमी है तो आप हनुमान जी की आरती शाम के समय कर सकते है। हनुमान आरती की सही विधि निम्न है –
- आरती के आरम्भ होने से पूर्व मुँह को ऊपर की दिशा में रखते हुए शंख को 3 बार जोर से बजाए तथा शंख के स्वर को धीरे-धीरे बढ़ाये।
- आरती के लिए शुद्ध कपास यानी रूई से बनी घी की बत्ती होनी चाहिए। तेल की बत्ती का उपयोग करने से बचें।
- इसके बाद आरती आरम्भ करे।
- आरती को घड़ी के कांटो की दिशा में लयबद्ध तरीके से करें। इसके साथ ही ॐ के अकार में आरती करने का प्रयास करे, क्योकि ॐ में सर्वशक्ति विध्यमान होती है।
- घंटी को एक लय में बजाते हुए आरती के पाठ को सुव्यवस्थित स्वर में गाये।
- आरती करते समय दोनों हाथो से ताली बजाए।
- इसके साथ ही झांझ, मझीरा, तबला, हारमोनियम आदी वाद्य यंत्र बजाएं।
हनुमान जी आरधना करने से मिलने वाले लाभ
यदि आप बालाजी महाराज की सच्चे मन से भक्ति करते है तो आपको निम्न लाभ प्राप्त होते है –
- यदि आप निरंतर रूप से हनुमानजी की आरधना करते है तो आपको सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
- हनुमानजी की भक्ति करने से भुत-प्रेत जैसी बुरी शक्तियाँ सदैव ही आपसे दुरी बनाये रखती है।
- जहाँ हनुमानजी की शक्ति की ऊर्जा होती है, वहां पर बड़ी से बड़ी नकारात्मक शक्ति प्रभावहीन हो जाती है।
- हनुमानजी की आरधना से भौतिक जगत और आध्यात्मिक जगत, दोनों जगत में उन्नति के द्वार खुलते है।
- सच्चे दिल से आरधना करने वाले व्यक्ति को हनुमानजी के किसी भी रूप में दर्शन प्राप्त होते है और स्वयम हनुमान उनके जीवन के मार्गदर्शन में सहायता करते है।
- किसी भी मुश्किल वक्त में हनुमाजी अपने भक्तो को असहाय स्थिति में नहीं छोड़ते है।
- हनुमानजी की वंदना से भक्त को आशीर्वाद प्राप्त होता है
FAQs : Hanuman Aarti PDF
Hanuman Aarti PDF मुफ्त में कैसे डाउनलोड करे?
यदि आप हनुमान आरती PDF फॉर्मेट में डाउनलोड करना चाहते है तो पोस्ट में दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके आसानी से फ्री में डाउनलोड कर सकते है।
आरती कीजै हनुमान लला की प्रसिद्ध हनुमान आरती किसकी रखी हुई है?
‘आरती कीजै हनुमान लला की’ के रचयिता रामानन्द हैं।
हनुमान जी की कृपा कब होती है?
मंगलवार का दिन हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित होता है। साथ ही इस दिन कुछ विशेष उपायों को करने से संकटमोचन भक्तों के सारे बिगड़े काम बना देते हैं।
Conclusion:-
इस पोस्ट में Hanuman Aarti PDF मुफ्त में उपलब्ध करवाई गयी है। साथ ही हनुमान आरती के पाठ की सही विधि के बारे में जानकारी प्रदान की गयी है। उम्मीद करते है कि Hanuman Ji Ki Aarti Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हुई होगी।
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