आज की इस पोस्ट में हम आपको Harchat Vrat Katha in Hindi PDF उपलब्ध करवाने वाले है, जिसे आप पोस्ट में दिए गए Download Link की सहायता से आसानी से Download कर सकते है।
दोस्तों अगर आप भी हलषष्ठी व्रत कथा के बारे में सर्च कर रहे हो तो आप एकदम सही पोस्ट पर आए हो क्योकि इस पोस्ट में Harchat Mata ki Katha की पीडीऍफ़ उपलब्ध कराई है। जो आप लोगो के लिए काफी मददकार साबित होगी।
दोस्तों हलषष्ठी व्रत भगवान बलराम को समर्पित है। भगवान विष्णु के 8वें अवतार के रूप में पूजा जाता है भगवान बलराम को । हल षष्ठी अथवा ललाही छठ के रूप में भगवान बलवान की जयंती को मनाया जाता है। यह व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है और इस व्रत को रखने से बहुत बड़ा लाभ भी होता है। हलषष्ठी व्रत को अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नाम से जाना जाता है जैसे हलषष्ठी या ललही छठ भी कहते है। इस व्रत का पालन सुहागिन स्त्रियाँ ही कर सकती है।
Harchat Vrat Katha in Hindi PDF Overview
PDF Title | Harchat Katha in Hindi |
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No. of Pages | |
PDF Size | MB |
Language | Hindi |
Download Link | Available |
NOTE - दोस्तों अगर आप हलछठ व्रत कथा पीडीऍफ़ प्राप्त करना चाहते है तो कृपया नीचे दिए गए Download लिंक पर क्लिक करके Harchat Katha in Hindi PDF Download कर ले।
हलछठ की कथा हिंदी में
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प्राचीन काल की बात है एक ग्वालिन थी, जिसका प्रसव काल निकट चल रहा था। एक ओर तो वह प्रसव से पीड़ित थी तो दूसरी और वह गौ-रस (दूध-दही) बेचने में लगी हुई थी। उसके मन में था की यदि प्रसव हो गया था गौ-रस यूँ ही पड़ा रह जाएगा और खराब हो जायेगा।
इसी विचार के साथ दूध-दही के घड़े अपने सिर पर रखे और बेचने के लिए चल पड़ी परन्तु कुछ दुरी तय करने के बाद उसे बहुत जोर से असहनीय प्रसव पीड़ा होने लगी तो वह पास में एक झरबेरी के ओट में चली गई।
वहाँ पर उसने एक बच्चे को जन्म दिया और उस बच्चे को उसी स्थान पर छोड़कर पास के गावो में दूध और दही बेचने के लिए वहां से चली गई। संयोग यह था की उस दिन हलषष्ठी थी। उसने पास गाय-भैंस का मिक्स दूध था तो वह गांव वालो को भैंस का दूध बताकर सारा दूध बेच दिया। वह अपने बच्चे को जिस झरबेरी के निचे छोड़ा था।
वहां पास में एक किसान अपने खेत में हल जोत रहा था। अचानक से उस किसान के बैल भड़क गए और हल का फल उस बच्चे के शरीर में घुस गया जिससे उस बच्चे की मृत्यु हो गई।
इस घटना से वह किसान बहुत दुखी हुआ। फिर उसने अपने आप को संभालते हुए हिम्मत और धैर्य से सोचा और उसने झरबेनी के काँटों से बच्चे के शरीर पर जिस जगह पर सिरा पड़ा था वहा पर टांके लगाए और उस बच्चे को वंही पर छोड़ कर चला गया।
कुछ समय के बाद ग्वालिन दूध बेचकर वहां पर आई। यह सब देखकर ग्वालिन समझ गई की यह दशा उसके पापो की सजा है। मन में सोचने लगी की यदि में गांव वालो के साथ धोका नहीं किया होता और झूठ बोलकर दूध नहीं बेचा होता व गांव की स्त्रियों का धर्म भ्रष्ट किया मेने जिससे मेरे बच्चे की यह दशा हो गई।
अतः मुझे गांव वालो के साथ माफ़ी मांगकर सारी बात बता देनी चाहिए और अपने पाप का प्रायश्चित करना चाहिए। यह बात सोचकर वह गांव वालो के पास पहुंची। जहां पर वह दूध और दही बेचकर आई थी। वह गांव की हर गली में जाकर अपनी करतूत और उसके फलस्वरूप मिले दंड के बारे में बताने लगी और गांव की स्त्रियों से माफ़ी मांगने लगी।
तभी गांव की स्त्रियाँ स्वधर्म रक्षार्थ और उस पर रहम खाकर क्षमा कर दिया और आशीर्वाद दिया। बहुत सारी स्त्रियों ने आशीर्वाद दिया था वह आशीर्वाद लेकर वापस झरबेनी के निचे पहुंची तो वहाँ पर कुछ ऐसा देखा जिसे देखकर आश्चर्यचकित रह गई और वहाँ पर उसका पुत्र जीवित अवस्था में था। तभी से स्वार्थ के लिए झूट बोलना ब्रह्म हत्या के जैसा समझा और कभी भी झूठ नहीं बोलने का प्रण कर लिया।
हलछठ पूजन विधि | Hal Shashti Puja Vidhi | Lalahi Chhath Puja Vidhi
दोस्तों हलषष्ठी व्रत की विधि और Harchat Pooja निम्न प्रकार से करते है –
- हलषष्ठी के दिन प्रात: काल स्नान करने के बाद और निवृत्त होकर दीवार पर गोबर से हरछठ चित्र बनाया जाता है।
- गोबर से गणेश-लक्ष्मी, सूर्य-चंद्रमा, शिव-पार्वती और गंगा-जमुना आदि के चित्र बनाए जाते हैं।
- इसके बाद हरछठ के पास कमल के फूल, छूल के पत्ते और हल्दी से रंगा कपड़ा रखें।
- हलषष्ठी की पूजा में पसाई के चावल, दही और महुआ का प्रसाद चढ़ाया जाता है।
- इस पूजा में सात प्रकार का भुना हुआ (सतनजा) अनाज चढ़ाया जाता है।
- इसमें भूने हुए गेहूं, चना, मक्का, मटर, बाजरा, ज्वार और अरहर आदि शामिल होते हैं।
- इसके बाद हलषष्ठी माता की कथा सुनी जाती है।
निष्कर्ष
इस पोस्ट में Harchat Vrat Katha in Hindi PDF मुफ्त में उपलब्ध करवाई गयी है। उम्मीद करते है की Harchat Vrat Katha Pdf Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हुई होगी।
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