नमस्कार दोस्तों हम सभी सर्दी के दिनों में हीटर का उपयोग तो करते ही है पहले पानी गर्म करने में काफी समय बर्बाद होता था लेकिन हीटर के आविष्कार के बाद लोगों के काफी समय की बचत हुई है तो दोस्तों यदि आप भी जानना चाहते हों की हीटर का आविष्कार किसने किया? हीटर का आविष्कार कब हुआ तथा हीटर कैसा होता है तो हमारे साथ इस लेख को अंत तक पढ़िए चलिए हीटर के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
हीटर क्या होता है (What is Heater)
पृथ्वी पर कई आविष्कार होते आए हैं और वर्तमान में भी आविष्कार जारी है इन नए नए प्रयोग से मानव जीवन आसान बन जाता है। ये आविष्कार मानव ने ही स्वयं की सुविधा तथा सुरक्षा के लिए किए है कुछ आविष्कार समय तथा संसाधन की बचत के लिए भी किए गए हैं उन्ही में से एक आविष्कार हीटर भी है।
हीटर एक ऐसा यंत्र है जो इलेक्ट्रिक ऊर्जा को ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित करता है वस्तु अथवा स्थान को गर्म करता है, बिजली द्वारा इलेक्ट्रिक ऊर्जा को ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है। हीटर कई प्रकार का होता है तथा उसके अलग अलग कार्य होते हैं हीटर को हिन्दी में Heater in Hindi उष्मावर्धक यंत्र भी कहा जाता है।
हीटर का आविष्कार किसने किया
हीटर एक ऐसा यंत्र है जो वस्तु अथवा स्थान को गर्म करता है सबसे पहले रूस में 19वीं शताब्दी में रेडिएटर ने तथा 1883 में थॉमस एडीसन ने इलेक्ट्रिक हीटर का आविष्कार किया। फाइलोडोल्फिया नॉर्वेजियन मेकेनिकल इंजीनियर एडवीन रूड ने सबसे पहले पानी का हीटर बनाया उन्होंने 1889 में स्वचालित Storage Tank Type पानी वाले हीटर का निर्माण किया
रूड ने 1897 में स्वयं की एक कंपनी बनाई जिसमें कई इंजीनियर के साथ मिलकर अपने आविष्कार को पेटेंट कराया। हीटर में नाइक्रॉम के तार का उपयोग किया जाता है क्योंकि इसका Melting point बहुत ज्यादा होता है।
हीटर कैसा होता है
सर्दियों में पानी गर्म करना हो या कमरे का तापमान हीटर सबसे उपयोगी है, चाय बनाने और खाना पकाने में भी हीटर का इस्तेमाल किया जाता है यहां तक कि बड़े उद्योग में हिटर को अंगीठी के रुप में काम में लिया जाता है। हीटर 1000 वाट, 1500 वाट, तथा 2000 वाट तक की Range के बनाए जाते है।
इसका Heating Element नाइक्रोम का बना होता है जो Heat Produce करता है नाइक्रोम 50-60 Cm लम्बा होता है यह तार हीटिंग एलिमेंट के लिए 26-28 SWG क्वाईलनुमा नाइक्रोन का उपयोग किया जाता है। हीटिंग एलिमेंट के खराब हो जाने पर उसे उतने ही वाटेज के एलीमेंट से बदल दिया जाता है।
हीटर के प्रकार
हीटर चाय बनाने और खाना पकाने में सहायक होता है साथ ही हीटर से पानी भी गर्म किया जा सकता है, हीटर के कई कार्य होते है तथा उनके कार्यों के हिसाब से ही उसकी आकृति भी बनी होती है। अब तक हम हीटर क्या होता है, हीटर कैसा होता है, तथा हीटर का आविष्कार किसने किया, जैसी All information about Heater ले चुके हैं तो चलिए अब हीटर के कोन कोन से प्रकार होते हैं वह देखते हैं -:
इलेक्ट्रिक हीटर– इलेक्ट्रिक हीटर का उपयोग चाय बनाने, खाना पकाने, तथा बड़े बड़े उद्योगों में अंगीठी के रूप में भी काम में लिया जाता है, इन हीटर को टेबल हीटर (Table Heater) भी कहा जाता है। इलेक्ट्रिक हीटर एक हजार वाट, 1500 वाट, तथा 2000 वाट तक की रेंज के बनाए जाते हैं इन हीटर के मुख्य भाग हीटर का ढाँचा (body of Heater), हीटिंग एलीमेंट, हीटर प्लेट, सॉकेट, ग्रिल, कनेक्टिंग लीड, एप्लाइंस Connector प्लग – टॉप लीड और मेन लीड आदि है।
रूम हीटर– गर्मियों में कमरे को ठंडा रखने के लिए पंखे तथा कुलर का इस्तेमाल किया जाता है बिल्कुल उसी प्रकार सर्दियों में कमरे को गर्म रखने के लिए रूम हीटर का इस्तेमाल किया जाता है। रूम हीटर मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं -:
Rod type room heater – रॉड टाइप रूम हीटर में एक या दो Rod लगी होती है और एक स्विच से जुड़ी होती है, रॉड टाइप रूम हीटर का हीटिंग एलिमेंट नाइक्रोम wire का बना होता है, जिसे 2cm व्यास की तथा 30cm लंबी चीनी मिट्टी की बनी रॉड पर लपेटा हुआ होता है।नाइक्रोम wire से लिपटी हुई रॉड को हीटर की बॉडी में फिट किया जाता है और बॉडी पर लोहे का बना रिफ्लेक्टर लगा होता है जिस पर कॉपर या निकल की परत चढ़ी हुई होती है।
Bowl type room heater -बाउल टाइप रूम हीटर कमरे को गर्म करता है इसमें बाउल के आकार के चीनी मिट्टी की रॉड पर 1000W का एक हीटिंग एलिमेंट लपेटा होता है। इसके पीछे की तरफ एक रिफ्लेक्टर लगा हुआ होता है जो उत्पन्न की गई ऊष्मा को आगे की ओर भेजता है, रिफ्लेक्टर पर कॉपर या निकल की परत चढ़ी हुई होती है।
वाटर हीटर – वाटर हीटर सर्दियों में पानी को गर्म करने में सहायक होता है यू तो इमर्सन रॉड से भी पानी गर्म किया जा सकता है लेकिन उसमें समय ज्यादा लगता है और बिजली के झटके लगने का डर भी रहता है। वाटर हीटर के रुप में संचायक वाटर हीटर काम में लिया जाने लगा ये दो प्रकार के होते हैं
Tank type water heater – टैंक टाइप वाटर हीटर में पानी आधे घण्टे में नहाने जैसा गर्म हो जाता है यह हीटर 20 से 50 लीटर के होते हैं जिसमें 1500W से 2000W तक की एक इमर्सन रॉड लगी होती है और यह हीटर ऊपर से एक ढक्कन से ढके हुए होते हैं।
टैंक टाइप वाटर हीटर में ऊपर से पानी भरा जाता है तथा पानी गर्म करने के लिए इसे एक सॉकेट से जोडा जाता है हीटर में जल निस्तारण हेतु निचे एक नल या टोंटी भी लगी होती है। टैंक टाइप वाटर हीटर में एक बार गर्म किया हुआ पानी खत्म होने के बाद ही नया पानी भरा जाता है, इन हीटर को दबाव रहित वाटर हीटर भी कहा जाता है।
Geyser type water heater – गीजर टाइप वाटर हीटर घर, होटल आदि स्थानों पर उपयोग में लिए जाते है ये हीटर 4 लीटर से 100 लीटर तक के आते हैं किंतु बाजार में ज्यादातर 4 लीटर से 30 लीटर तक के गीजर उपलब्ध होते है। ये कम क्षमता वाले गीजर 1500 W के आते हैं और मध्यम क्षमता वाले गीजर 2000 W व ज्यादा क्षमता वाले गीजर 3000 W से 4000 W पावर के होते है।
गीजर कैसा होता है
गीजर एक प्रकार का बेलनाकार वाटर हीटर है जो 4 से 100 लीटर तक के आते हैं इसकी बनावट बेलनाकार होती है। सबसे अंदर वर्टिकल स्थिति में एक U shape की हीटिंग एलिमेंट लगाई जाती है जो पानी को गर्म करती है और एक थर्मोस्टेट भी लगाया जाता है जो पानी को उचित ताप तक गर्म करता है इसे 32°C से 88°C तक सेट किया जाता है। इसे एक तांबे की बेलनाकार बर्तन से ढका जाता है और उस तांबे के बेलनाकार बर्तन के अंदर की तरफ़ टीन की परत का लेपन किया जाता है ताकि करंट ना लगे और तांबे पर जंग भी नहीं लगे।
गीजर में हर समय पानी भरा रहता है इसीलिए इसके तांबे की शीट के ऊपर टीन का लेपन किया जाता है सबसे बाहर माइल्ड स्टील या लोहे की बेलनाकार शीट लगाई जाती है जिसे इनेगल्ड से पेंट किया जाता है। तांबे और लोहे की बेलनाकार शीट के बीच में ग्लास वुल को भरा जाता है क्योंकि यह ऊष्मा रोधी होती है और यह बाहर की ठंडक को अंदर जाने से और अंदर की गर्मी को बाहर जाने से रोकती है। गीजर में पानी लगभग आधे घण्टे में नहाने योग्य हो जाता है और यह ज्यादा महंगे भी नहीं आते हैं।
Parts of Heater
दोस्तो आज हमने हीटर के बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर ली है घर में सुरक्षा की दृष्टि से सबसे अच्छे हीटर ऑयल हीटर होते हैं, घर में लगे 1000 W के हीटर 45 मिनट में एक यूनिट और 1200 W से ज्यादा के हीटर आधे घंटे में एक यूनिट बिजली की खपत करते हैं। चलिए दोस्तों अब हीटर के मुख्य भाग क्या होते है यह देखते हैं -:
बॉडी (Body) – हीटर की बॉडी लोहे से बनी होती है और यह गोलाकार, बेलनाकार, आयताकार, चौकोर आकार की होती है। हीटर की बॉडी पर इलेक्ट्रोप्लेटिंग द्धारा क्रोमियम या निकल की परत चढ़ी हुई होती है, इसी बॉडी के अंदर हीटिंग एलिमेंट, सॉकेट, हीटर प्लेट आदि लगे होते हैं।
ग्रिल (Grill) – ग्रिल को जाली या गार्ड के नाम से जाना जाता है, यह लोहे से बनी हुई होती है जिस पर क्रोमियम या निकल की परत चढ़ी होती है। इसको Heating Plate के ऊपर लगाया जाता है ताकि हीटर के ऊपर रखे हुए बर्तन को हीटर से अलग किया जा सकता है। ग्रिल हीटिंग एलिमेंट को हीटर के ऊपर रखे बर्तन से अलग करता है और बिजली के झटकों से हमे सुरक्षित रखता है।
हीटिंग एलिमेंट (Heating Element) – नाइक्रोम से बनी 50 से 60 cm लंबी रॉड को हीटिंग एलिमेंट कहते है यह Heat Produce करता है। हीटिंग एलिमेंट में 26 से 28 SWG क्वाइलनुमा नाइक्रोम Wire का इस्तेमाल किया जाता है, हीटर में उत्पन्न ऊष्मा को हीटिंग एलिमेंट ही बनाता है।
हीटर प्लेट (Heater Plate) – हीटर में चीनी मिट्टी से बनी गोल या चौकोर प्लेट को हीटर प्लेट कहते हैं जिसमे हीटिंग एलिमेंट को रखा जाता है एलिमेंट को रखने के लिए प्लेट में Special Type की झिरिया बनी होती है जिसमे क्वाइल Shape का नाइक्रोम Wire लगाया जाता है। हीटर प्लेट 1300°C तक का ताप सहन कर सकती है और यह प्लेट 10mm से 25 mm मोटी व 15 cm से 20 cm व्यास वाली होती है।
सॉकेट (Socket) – हीटर के अंदर लगा सॉकेट हीटिंग एलिमेंट तक कनेक्टिंग तार की सहायता से बिजली पहुंचाने का काम करता है, यह हीटर की बॉडी में लगा हुआ होता है।
कनेक्टिंग तार (Connecting Wire) – यह हीटिंग एलिमेंट के सिरो को सॉकेट से जोड़ता है, हीटिंग एलिमेंट को सॉकेट से तांबे के मोटे और नंगे तारो द्वारा जोड़ा जाता है। तार पर चीनी मिट्टी से बनी बीड्स की परत चढ़ाई जाती है और उसके बाद ऊपर से इंसुलेट किया जाता है
महत्वपूर्ण जानकारी
हीटर की खोज किसने की थी?
सबसे पहले रूस में 19वीं शताब्दी में रेडिएटर ने तथा 1883 में थॉमस एडीसन ने इलेक्ट्रिक हीटर का आविष्कार अथवा खोज की।
वॉटर हीटर का आविष्कार किसने और कब किया था?
वाटर हीटर का अविष्कार एडिशन रूड ने 1889 में किया था।
हीटर का हिंदी क्या होता है?
हीटर का हिंदी अर्थ ऊष्मावर्धक यन्त्र होता है। ये कमरे का तापमान बढ़ाने का विधुति उपकरण है।
एक हीटर कितने वाट का होता है?
हीटर अलग अलग वैट के होते है लेकिन 1000 -2000 वैट का हीटर बेस्ट माना जाता है।
हीटर कौन सी गैस देता है?
रूम हीटर में से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती है जिसका ज्यादा इस्तेमाल हानिकारक है।
हीटर कैसे फटता है?
रूम हीटर को हमेशा कम से कम 5 फीट की दूरी पर रखने की कोशिश करे। सर्दियों मे रूम हीटर का इस्तेमाल करते समय स्विच बोर्ड पर ओवर लोडिंग होने से रोकें व ऐसे में ओवर लोड होने से आपका हीटर फटने की आशंका रहती है जिससे घर में आग भी लग सकती है।
हीटर का साइड इफेक्ट क्या है?
गैस हीटर का इस्तेमाल करने से नींद में हों वाली मोत का खतरा ख़फ़ी ज्यादा बाद जाता है हीटर से निकलने वाली कार्बन मोनोक्साइड गैस आपके शरीर में खून की सप्लाई को बंद कर सकती है जिससे आपके दिमाग तक खून नहीं पहुंच पाता इस स्थिति में आपको ब्रेन हेमरेज और अचानक होने वाली मौत का सामना करना पड़ सकता है।
Conclusion
तो दोस्तों आज हमने हीटर क्या होता है, हीटर के मुख्य भाग व उनके कार्यों की जानकारी प्राप्त की है, वैसे तो सर्दी आते ही लोग हीटर का उपयोग करने लग जाते है लेकिन हीटर के ज्यादा उपयोग से त्वचा में रूखापन आने लगता है और स्कीन एलर्जी हो जाती है। वैसे हीटर ज्यादा महंगे नही आते हैं और ज्यादा बिजली की खपत भी नहीं करते हैं लेकिन यदि सबसे कम वाट के हीटर की बात की जाए तो Maharaja Whiteline Heater सबसे कम बिजली की खपत करते हैं।
ये हीटर लगभग 3000 ₹ के आते हैं और 800 W की खपत में ही पूरे कमरे को गर्म कर देते हैं। तो दोस्तों आपको हीटर के बारे में यह जानकारी कैसी लगी कमेंट कर बताए धन्यवाद।