पूज्य जया किशोरी जी का जीवन परिचय। Biography of Jaya Kishori In Hindi

जय श्री कृष्णा, दोस्तों आज के आधुनिक और तकनीकी युग में इंसान भगवान को पुजना भूल सा गया है लेकिन किशोरी जी के भक्तिमय भजन तथा कथा से भगवान के प्रति आस्था बढ़ जाती है आज पूरी दुनिया में किशोरी जी के भजन, कथा को सुना जाता है। किशोरी जी अपने बचपन से ही “नानी बाई का मायरा” गाने लगी और आज उन्हें सभी लोग ‘पूज्य जया किशोरी जी’ के नाम से जानते हैं,

अपने आराध्य भगवान श्री कृष्ण को वे अपना भाई मानती है तथा भगवान श्री कृष्ण और अपने परिवार के बड़े बुजुर्ग जिनमें उनके नाना-नानी, दादा-दादी, माता-पिता है इन सभी के आशीर्वाद से किशोरी जी आज अपनी मधुर वाणी से भक्ति भरे भजन तथा कथा वाचन करती है और करोड़ों लोगों के दिल पर राज करती है। आज भजन कथा तथा भक्ति का नाम एक साथ आते ही जया किशोरी जी ही दिखाई देती है,

वे दिखने में जितनी सुंदर है उससे भी कहीं ज्यादा सुंदर उनके विचार है जिन्हें लोगों को प्रेरणा के रूप में प्रदान करती हैं । लोग उन्हें देवी अथवा साध्वी मानते हैं परंतु वे स्वयं को मात्र भगवान श्री कृष्ण की भक्त तथा उन्हें अपना भाई मानती है और वह स्वयं को साध्वी ना मानकर साधारण लड़की मानती है।

जया किशोरी जी का जीवन परिचय (सामान्य)

  • नाम – जया शर्मा
  • प्रसिद्ध नाम – जया किशोरी
  • उपनाम – किशोरी, राधा
  • जन्म – 13 जुलाई 1995
  • जन्म स्थान – सुजानगढ़ , राजस्थान, कोलकाता
  • पिता – शिव शंकर शर्मा
  • माता – गीता देवी
  • बहन – चेतना शर्मा (पूज्य जया किशोरी जी की जीवनी)

प्रारंभिक जीवन तथा शिक्षा

पूज्य किशोरी जी का जन्म 13 जुलाई 1995 को कोलकाता के एक गांव सुजानगढ़ में गौड़ ब्राह्मण परिवार में हुआ, उनके पिता शिव शंकर शर्मा तथा माता गीता देवी शर्मा है। इनका जन्म चंद्र वंश में हुआ इसी वंश में श्री कृष्ण भगवान का भी जन्म माना जाता है अतः इस वंश में जन्म लेने से वे बेहद किस्मत वाली तथा अपने चेहरे पर चमक लिए हुए हैं।बचपन में श्री कृष्ण की भांति वह भी अपने घर पर टिकने की बजाए आसपास के घरों में खेलती नजर आती और स्वभाव से काफी चंचल थी।

उनके घर में सदैव भक्ति का वातावरण बना रहता उनके दादा-दादी रेडियो तथा कैसेट पर भगवान के भजन तथा कथाएं सुनते जिन्हें किशोरी जी भी बेहद चाव से सुनते और बड़े बुजुर्ग उन्हें कई भक्ति मय तथा प्रेरणाप्रद कहानियां भी सुनाते थे जिनसे सीख लेकर जया जी आज हमें अपने अनुभव से लाभांवित करती हैं ।

बचपन से ही अच्छे संस्कारों में पली-बढ़ी किशोरी जी आज कई लोगों की प्रेरणा स्त्रोत है तथा लोग उन्हें सुनना पसंद करते हैं (जया किशोरी जी की पढ़ाई) किशोरी जी ने श्री शिक्षायाटन कॉलेज कोलकाता व महादेवी बिरला वर्ल्ड अकैडमी स्कूल कोलकाता से अपनी पढ़ाई तथा बीकॉम की डिग्री पूरी की है, किशोरी जी पढ़ाई में काफी होशियार है ।

भक्ति मय जीवन की शुरुआत

किशोरी जी को अपने घर पर भक्ति मय वातावरण मिला तथा उसी का मार्गदर्शन करते हुए उन्होंने अपनी छोटी सी उम्र से ही भगवान से लगन लगा दी। जिस उम्र में बच्चे अपनी किताबों को खोलने में भी सोचते हैं उस नन्ही उम्र में उन्होंने भगवत गीता जैसे महान ग्रंथ का पठन तथा गायन शुरू कर दिया। (जया किशोरी बायोग्राफी इन हिंदी)

मात्र 6 वर्ष की जया भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव को त्योहार की तरह मनाती तथा उन्हें अपना सर्वस्व समझ कर पूजा करती, प्रत्येक जन्माष्टमी पर विशेष पूजन करती और अपने भगवान को प्रसन्न करती।

7 वर्ष की आयु में कोलकाता में आयोजित बसंत महोत्सव के समारोह पर सत्संग में भाग लिया और कान्हा का भजन बहुत ही मधुर वाणी में गाकर अपने गायन की शुरुआत की।

मात्र 9 वर्ष की उम्र में शिवतांडव स्तोत्रम, राधाष्टकम , लिंगाष्टकम आदि स्त्रोतों को न केवल पढ़ा बल्कि गायन भी शुरू कर दिया । जयाअपने घर में बच्चों में सबसे बड़ी है इनसे छोटी बहन चेतना है। (किशोरी जी का बचपन)

किशोरी जी 10 वर्ष की उम्र में अपनी मीठी वाणी से सुंदरकांड गाया करती और लाखों भक्तों के दिलों पर राज करती (जया किशोरी जी की भक्ति मय शुरुआत)

इनके गुरु गोविंद राम मिश्र ने इन्हें “राधा” नाम दिया तथा भगवान श्री कृष्ण के प्रति लगाव व प्रेम देखते हुए जया को “किशोरी जी” की उपाधि भी इन्हीं गुरुदेव ने दी । (जया किशोरी को मिले नाम) किशोरी जी के भक्तगण जो उनकी कथा को बड़े लगन से सुनते हैं उन्होंने किशोरी जी को देवी कहा है तथा वे इस देवी का सम्मान एवं पूजा करते हैं ।

किशोरी जी के दान पुण्य

किशोरी जी अपनी कथाओं में आने वाली समस्त भेटराशि को राजस्थान के उदयपुर में नारायण सेवा संस्थान में दान कर देती है जहां पर विकलांग लोगों की मदद, विकलांग लोगों का इलाज, तथा गरीब बच्चों के खाने पीने की व्यवस्था व उन बच्चों के विद्यालय की सुविधा का ध्यान रखा जाता है। (किशोरी जी के दान)

नारायण सेवा संस्थान उदयपुर में महिलाओ के लिए विशेष सुविधाए की गई है तथा उस संस्थान की गौशाला भी है जिसमें गायों को माता मानकर पूजा जाता हैं।

पूज्य किशोरी जी का विवाह

हमारी पूज्य जया किशोरी जी के विवाह का सभी भक्तों को बेसब्री से इंतजार है और उनके विवाह को लेकर कई अफवाहें भी सुनने में आई है, कुछ लोग अपने व्यापार में मुनाफा प्राप्त करने के लिए भी किशोरी जी के विवाह की अफवाह फैला रहे हैं परंतु यह बात साफ है कि उनकी अब तक शादी नही हुई है ।

वे कोई साध्वी नहीं है वह एक साधारण लड़की है जो शादी अवश्य करेगी परंतु ठीक समय आने पर, अभी उनका यह मानना है कि यदि वे अभी विवाह या शादी कर लेती है तो शायद गृहस्त जीवन के साथ कथा वाचन ना कर सके। (जया किशोरी जी का विवाह) और विवाह के पश्चात कथा वाचन बंद भी करना पड़े लेकिन अभी वे भजन तथा कथाए करना चाहती है ।

उनका यह भी कहना है कि उनके अभी कथा वाचन बंद कर देने से उनकी पूरी टीम को समस्या हो सकती है अतः अभी उनके विवाह को लेकर कोई अफवाह सच ना माने। जया किशोरी जी एक साधारण लड़की है तथा वह कभी झूठ नहीं बोलती है वह हमेशा सत्य बोलती है तथा उन्होंने स्वयं बताया है कि वे शादी अवश्य करेगी परंतु अभी तक उनकी शादी को लेकर कोई खबर सच नहीं है।

पूज्य किशोरी जी के सुप्रसिद्ध भजन

पूज्य किशोरी जी ने मात्र 6 वर्ष की आयु से ही श्रीकृष्ण से लगन लगा दी तथा कई भजन एवं कथाएं गाना शुरू कर दिया उनके मीठे स्वर तथा मीठी वाणी को लोगों ने काफी पसंद किया और किशोरी जी के उपदेशों को ग्रहण कर उन्हें देवी की उपाधि दे दी है। किशोरी जी ने कई एल्बम में गाने गाए तथा यूट्यूब पर भी उनका चैनल है। उन्होंने लाखों भजन तथा हजारों कथाओं का वाचन किया है (जया किशोरी जी के भजन) जिनमें से कुछ नीचे दी गई है -:

किशोरी जी के भजनों की बात करे तो

  • राधिका गोरी से,
  • थाली भरकर लाई रे खीचड़ो ,
  • मां बाप को मत भूलना ,
  • लिंगाष्टकम मृत्युंजय जाप ,
  • आज हरी आए विदुर घर ,
  • जगत के रंग क्या देखूं,
  • गाड़ी में बिठाले रे बाबा,
  • मीठे रस से भरियोरी ,
  • सबसे ऊंची प्रेम सगाई ,
  • इतनी खातिर करवावे इको काई लागे,
  • मेरा आपकी कृपा से,
  • बता मेरे यार सुदामा

आदि भजन उनके प्रसिद्ध भजनों की सूची में आते हैं। उन्होंने और खूब सारे भजन गाए हैं परंतु उनके सारे भजनों को बता पाना बहुत मुश्किल हो जाता है क्योंकि उनके एक से बढ़कर एक भजन मीठे स्वर में तथा लोगों को काफी पसंद है उनकी कथाओं की बात करें तो

  • नानी बाई रो मायरो,
  • सुंदरकांड,
  • राधाष्टकम,
  • लिंगाष्टकम,
  • भागवत गीता,
  • नरसी की भात

आदि कथाएं उन्होंने बड़े ही मधुर स्वर में तथा बड़ी सरलता से वाचन किया है (जया किशोरी जी की कथाएं) इन सभी कथाओं को सकुशल गाने व वाचन के पश्चात उन्हें जो प्रशंसा मिली है वह लाजवाब है। अब किशोरी जी भागवत गीता का अंग्रेजी में वाचन भी करना चाहती है जिससे भारत के अलावा विदेशों में भी लोग भगवान से जुड़ सके और भगवान कहीं न कहीं अस्तित्व में है यह मान सके तथा अपने जीवन को सही और सुगम तरीके से जीने के रास्ते खोज सकें।

किशोरी जी के बारे में कुछ बातें

1• किशोरी जी सादा जीवन उच्च विचार रखने वाली साधारण लड़की है जिन्हें उनके प्रशंसकों ने साध्वी , देवी, तथा पूज्य जया कहा है लेकिन किशोरी जी कोई साध्वी नहीं है बल्कि एक साधारण लड़की है जो गायन के माध्यम से लोगों को भगवान से जोड़ती है । (जया किशोरी जी का जीवन परिचय)

2• देवी हम उन्हें मान सकते हैं क्योंकि हमें भगवान से जोड़ने का एक मार्ग बताने वाली कोई देवी से कम नहीं होगी।

3• जिस उम्र में लड़कियां किताबे के पन्ने खोलने पर भी सोचती है उस नन्हीं सी उम्र में किशोरी जी ने भगवत गीता जैसे महान ग्रंथ का पठन कर वाचन तथा गायन भी शुरू कर दिया।

4• वे सादे कपड़े पहनती है तथा सादगी में रहना पसंद करती है।

5• वे खाटू श्याम जी को अपना आराध्य देव मानती है तथा उनके भक्ति भरे भजनों को बड़े प्रेम से गाती है।

6• वे दिखने में काफी सुंदर है तथा उनके विचार उनसे भी कहीं ज्यादा सुंदर है। (jaya kishori biography in 10 line)

7• जिस उम्र में लड़कियां साज श्रृंगार करना तथा घूमना फिरना पसंद करती है उस उम्र में किशोरी जी ने भक्ति की राह चुनी और उसी राह पर अडिग रहकर कई लोगों को भी अपने साथ जोड़ती चली गई।

8• किशोरी जी अपने परिवार के साथ हर साल खाटू श्याम जी के मंदिर राजस्थान जरूर जाती है और वहां पर दो-तीन दिन पंचायती धर्मशाला में ही ठहर कर हर शाम भक्तिमय भजन गाकर दर्शनार्थियों को अपनी मधुर वाणी से प्रभु में लीन करती है।

9• वे अपने बचपन से डांस करना पसंद करती थी लेकिन माता-पिता तथा बड़ों के संस्कार और आशीर्वाद से उन्होंने अपने बड़ों की बात मानकर उसी डांस के रुझान को क्लासिकल नृत्य की ओर मोड़ दिया तथा आज वे उसी फैसले पर गर्व करती है।

10• किशोरी जी एक अच्छी क्लासिकल न्रत्यिका, कथा वाचक, तथा भजन गायिका है। (जया किशोरी जी के जीवन की बातें)

11• माता-पिता , दादा-दादी, नाना-नानी, के साथ ही भगवान श्री कृष्ण की कृपा तथा आशीर्वाद से आज किशोरी जी को पूरी दुनिया पूज्य जया किशोरी जी एवं कथा वाचक के नाम से पहचानती है।

सम्मान तथा पुरस्कार

पूज्य किशोरी जी को उनके गुरु ने “राधा” तथा “किशोरी” नाम की उपाधि दी है तथा उन्होंने कई समारोह में भाग लिया और उनका सम्मान भी किया गया है। किशोरी जी जहां भी जाती है उनके भक्तगण वहां पहले से मौजूद होते हैं तथा उनके भजन एवं कथा को सुनने के लिए दर्शनार्थियों की कतार लग जाती है।

फेम इंडिया एशिया पोस्ट सर्वे 2019 में 300 से अधिक नाम रखे गए तथा उन सभी के लिए अलग-अलग 10 प्रकार के मापदंड बनाए गए जिनमें आर्थिक व्यवस्था, सामाजिक स्थिति, छवि, व्यवहार, तथा अन्य मापदंड रखे गए । इन मापदंडों के आधार पर स्केटहोल्डर सर्वे की जिसमें

(जया किशोरी जी को मिले सम्मान तथा पुरस्कार) किशोरी जी अध्यात्म श्रेणी में प्रमुख रहे और उन्हें ‘युथ आइकन’ में युवा सर्वे रिपोर्ट के अनुसार 18320 प्रबुद्ध लोगों के मतानुसार किशोरी जी को “अध्यात्म” की श्रेणी में रखा है और ‘युवा आइकन’ की सर्वे में किशोरी जी को “युवा आइकन” मान लिया गया है।

जीवन यापन का नजरिया तथा अनमोल वचन

भजन गायिका तथा कथावाचक पूज्य जया किशोरी जी बेहद अच्छी मोटिवेशनल स्पीकर भी है इनकी मोटिवेशनल स्पीच से बच्चे, युवा, तथा बुजुर्ग सभी को प्रेरणा मिलती है, एक सही मार्ग मिलता है, एवं सही गलत का फर्क मालूम चलता है।

तो दोस्तों देखते हैं किशोरी जी जीवन को किस नजरिए से जीना सिखाती है -:

उनका मानना है कि इस तकनीकी युग में बच्चे कंप्यूटर, लैपटाप, तथा मोबाइल तक ही सीमित रह गए हैं और संस्कारों को पीछे छोड़ते जा रहे हैं।

आजकल के युवा अपने संस्कार भूल कर मंदिर जाना छोड़ रहे हैं, मेहमान को भगवान मानना तो दूर, सही तरह सत्कार भी नहीं करते, साधु संतों का आदर नहीं करते , माता-पिता की सेवा तो दूर की बात है उन्हें बोझ समझते हैं।

इन सभी से समझा जा सकता है कि हम उन्नति कर रहे हैं या संस्कारों को पीछे छोड़ स्वयं के पांव पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं क्योंकि आज के युवाओं को देखकर बच्चे सीखेंगे और वैसा ही वे भी करेंगे। (जया किशोरी जी का जीवन जीने का नजरिया)

किशोरी जी स्वयं के अनुभव से लोगों को बताना चाहती है कि हमें संस्कारों को छोड़कर नहीं बल्कि अपने साथ लेकर चलना चाहिए तो ही हमारी उन्नति होगी।

किशोरी जी सादा जीवन जीने की सलाह देती है तथा वे स्वयं भी सादा जीवन ही जीती है।

किशोरी जी ने कई अनमोल विचार बताए हैं जिनमें से कुछ नीचे दिए गए हैं -:

• बीच रास्ते से लौटने का कोई फायदा नहीं क्योंकि लौटने पर आपको उतनी ही दूरी तय करनी है जितने में आप लक्ष्य तक पहुंच सकते हो।

• जो बदलता है वह आगे बढ़ता है (किशोरी जी के अनमोल वचन)

• महानता कभी ना गिरने में नहीं बल्कि हर बार गिरकर उठने में है।

• किसी ने कहा अच्छे कर्म करो स्वर्ग मिलेगा मैं कहती हूं मां बाप की सेवा करो धरती पर ही स्वर्ग मिलेगा।

• अनुभव एक कठोर शिक्षक है क्योंकि वह परीक्षा पहले लेता है और पाठ बाद में सिखाता है।

तो दोस्तों आज हमने भगवान श्री कृष्ण की परम भक्त पूज्य श्री जया किशोरी जी के बारे में सारी जानकारी प्राप्त की है। वास्तव में वे कृष्ण भगवान के जैसी किस्मती तथा चेहरे पर चमक लिए हुए हैं। उनके चेहरे की चमक उनके अध्यात्म को बताती है , कृष्ण भक्ति उनके चेहरे से साफ झलकती है तथा अपनी कथा की सारी दान राशि नारायण सेवा संस्थान उदयपुर में दान कर पुण्य प्राप्त करती है।

उन्हें बच्चों से बेहद लगाव है, उनकी मधुर वाणी, चमकता चेहरा, उच्चारण शुद्धि, तथा चेहरे की मुस्कुराहट, सभी भक्तों को अपनी और आकर्षित करता है। हमें किशोरी जी से अध्यात्म, धेर्य, सहनशक्ति , तथा और कई प्रेरणा लेनी चाहिए तथा भगवान से जुड़े रहना चाहिए। तो दोस्तों आपको यह लेख कैसा लगा यह कमेंट कर बताइए और कमेंट में “जय श्री कृष्णा” लिखिए , लेख को लाइक और शेयर कीजिए। “जय श्री कृष्णा”।

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Tushar Shrimali Jivani jano के लिए Content लिखते हैं। इन्हें इतिहास और लोगों की जीवनी (Biography) जानने का शौक हैं। इसलिए लोगों की जीवनी से जुड़ी जानकारी यहाँ शेयर करते हैं।

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