पेंसिल का अविष्कार किसने किया और कब किया

नमश्कार दोस्तों जीवनी जानो में आप सभी का स्वागत है आज हम बात करने वाले है पेंसिल के बारे में। आप सभी ने पेंसिल का इस्तेमाल तो बचपन में जरूर किया होगा। प्राथमिक कक्षा में लिखने के लिए पेंसिल का ही उपयोग किया जाता है जिसे रबर की सहायता से आसानी से मिटाया जा सकता है।

बचपन में आपने रबर वाली पेंसिल, नटराज पेंसिल ,जादू वाली पेंसिल के नाम सुने होंगे और इस्तेमाल भी किया ही होगा लेकिन क्या आप जानते है की पेंसिल का अविष्कार किसने किया और पेंसिल का अविष्कार कब हुआ अगर नहीं जानते है तो यह पोस्ट आपके लिए है इसमें हम आपको बताएंगे की पेंसिल का अविष्कार कब हुआ और किसने किया साथ ही पेंसिल के बारे रोचक तथ्यों को लेकर बात करेंगे तो लास्ट तक जरूर पढ़े।

पेन्सिल क्या है

पेंसिल पेन की तरह ही होती है पेंसिल के द्वारा ही बचो को लिखना सिखाया जाता है क्योकि पेंसिल से लिखे हुए अक्षर को हम रबर की सहायता से मिटा सकते है इसलिए छोटे बचो से पेन की तुलना में पेंसिल का उपयोग ज्यादा कराया जाता है पेंसिल लकड़ी की एक लम्बी छड़ होती है जिसमे ग्रेफाइट भरी होती है जिसके आगे के भाग को स्योपनेर से छीलकर नुकीला बनाया जाता है जो लिखने और चित्र बनाने में काम आता है।

पहले पेन्सिले कच्ची आती थी जिसमे ग्रेनाइट कम भरा जता था जिससे उसका नोक बार बार टूट जता था इससे लिखने में समस्या आती थी लेकिन अब कई प्रकार की पकी व रंगीन पेन्सिले मार्केट में है पेन्सिले भी अलग अलग ग्रेड की होती है जैसे H, B , 10H ,10B प्रकार की होती है जिसमे H का मतलब हार्ड और B का मतलब ब्लैक होता है और 10H जो ज्यादा हार्ड होती है व 10B जो ज्यादा ब्लैक होती है

पेंसिल को लेटिन भाषा में पेनिसिलल्स कहते है पेंसिल को लेकर आपके मन में एक विचार जरूर आता होगा की आखिर पेंसिल का भी कोई इतिहास तो होगा ही तो चलिए आपके विचार पर विस्तार से बात करते है ।

पेंसिल का इतिहास और अविष्कार

बात करे पेंसिल के अविष्कार को लेकर तो पेंसिल का अविष्कार ग्रेफाइट की खोज के बाद ही संभव हुआ। लगभग 1500 साल पहले ग्रेफाइट की खोज इंग्लैंड के Borrowdale में की गयी। ग्रेफाइट को ग्रीक भाषा ग्रेफो कहते है जिसका अर्थ कागज पर निसान या में लिखता हु होता है।

वर्ष 1564 में इंग्लैंड में बहुत ही भयानक तूफान आया जिस कारण इंग्लैंड में बड़े बड़े जंगल समाप्त हो गए पेड़ पौधे जड़ो सहित उखड गए। कुछ समय बाद किसान मवेशियों को चराने जंगल की तरफ गए तो देखा की जो पेड़ तूफान के कारण गिर गए थे।

उनकी जड़ो के वहा गहरे खढे हो गए है और वहा से कोयले जैसे काले भूरे रंग का प्रदार्थ मिला जिसे लोग कोयला ही समझने लगे और जलाने लगे लेकिन वो कोयले की तरह नहीं जला उसके बाद किसानो ने उस प्रदार्थ को लिखने के लिए व निशान बनाने के लिए काम में लिया इसके बाद इस काले भूरे प्रदार्थ को ग्रेफाइट कहा गया।

जब वनो का सर्वेक्षण किया गया तो ग्रेफाइट बहुत मात्रा में मिला बाद में इसका उपयोग लिखने में किया जाने लगा और इसको बाजार में बेचा जाने लगा। ग्रेफाइट अपने प्राकृतिक रूप बहुत नर्म और नाजुक होता है जिसको लोग कपडे और रसी में रखकर लिखते थे जब इस तरह से लिखा जाना पूरी तरह संभव नहीं हो पा रहा था तो कुछ लोगो ने पेड़ो की लकड़ियों को काटकर बिच से खोकला कर उसमे ग्रेफाइट भरके और गोंद से चिपका कर लिखने लगे जिससे लिखने में आसानी होने लगी।

पेंसिल का अविष्कार किसने किया

1790 में इंग्लैंड और फ़्रांस के मध्य विवाद हुआ जिस कारण दोनों प्रांतो ने अपने आयात निर्यात पर रोक लगा दी। इससे फ्रांस और इंग्लैंड दोनों को आर्थिक दृष्टि से नुकसान हुआ लेकिन फ्रासं को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ क्योकि उस समय सबसे ज्यादा मात्रा में ग्रेफाइट केवल इंग्लैंड में ही था और इंग्लैंड ने फ़्रांस के साथ विवाद होने के कारण फ़्रांस को ग्रेफाइट से बनी लेखन सामग्री देना बंद कर दिया।

लेखन को लेकर फ़्रांसिसी लोगो में पहले की तरह ही समस्या आने लगी। लोगो की समस्या को देखते हुए वहा के वैज्ञानिको व शासको ने विचार किया की ऐसी लेखन सामग्री बनाये जिसमे कम ग्रेफाइट भरा जाये और शुद्ध लेखन भी हो पाए।

इसके कुछ समय बाद फ़्रांस के एक वैज्ञानिक निकोलस जक्कूएस कोंटे ने ग्रेफाइट का चूर्ण बनाया जिसको चिकनी मिटी के साथ मिलाकर मिश्रण तैयार किया व मिश्रण की पतली सलाइयाँ बनाई लेकिन यह मिश्रण कठोर नहीं था इसलिए इस मिश्रण की सलाइयाँ को धुप में सुखाकर भट्ठी में तपाया जिससे यह कठोर हो हुआ।

इसके बाद बहुत सारी पतली पतली रोड बनाकर उसे देवदार पेड़ को काटकर खोकला कर उसमे डाला जिसको गोंद से चिपकाकर एक तरफ से छील कर लिखा जाने लगा। लिखने में उपयोग किये जाने के कारण इसका नाम पेंसिल पड़ा।

निकोलस जक्कूएस कॉंटे को पेंसिल का अविष्कारक कहा जाने लगा। इसके बाद 1795 में इन्होने पेंसिल को पेटेंट करा लिया और अब फ़्रांस को पेंसिल का आधुनिक अविष्कार करने वाला माना गया। बहुत सारी पेंसिल बनाने के बाद निकोलस जक्कूएस कोंटे को पता चला की पेंसिल में कम ग्रेफाइट भरने पर उससे हल्का लिखा जाता है औरअधिक मात्रा में ग्रेफाइट भरने पर गहरा लिखा जाता है।

इसके बाद उन्होंने अलग अलग पेन्सिल बनाना शुरू कर दिया जिनके H ,B ,H10,B10 इस प्रकार से नाम रख दिए। जिसमे B का मतलब ब्लैक ,H का मतलब हार्ड ,B10 अधिक ब्लैक और H10 अधिक हार्ड नाम रखे गए। आज अलग अलग कम्पनियो की पेन्सिले बनती जा रही है लेकिन सबसे पहले पेंसिल का अविष्कार निकोलस कोंटे ने किया।

अब आपको पता पड़ ही गया होगा की पेंसिल का अविष्कारक कौन है ? या पेंसिल का अविष्कार किसने किया अब आगे पेन व पेंसिल में क्या अंतर है इसके बारे में बात करते है।

पेन और पेंसिल में अंतर

पेन और पेंसिल दिखने में एक जैसे ही होते है और इन दोनों का कार्य भी एक ही है लेकिन फिर भी इनमे बहुत अंतर है पेन प्लास्टिक का बना होता है व इसके अंदर श्याही भरी जाती है जबकि पेंसिल लकड़ी की बनी होती है व इसके अंदर ग्रेफाइट भरा जाता है

पेन से लिखे हुए अक्षर को मिटा नहीं सकते है लेकिन पेंसिल से लिखे अक्षर को रबड़ की सहायता से मिटा सकते है छोटे बचे ज्यादातर पेंसिल का उपयोग करते है क्योकि गलत लिखने पर उसे मिटा सकते है बड़ी कक्षा के विद्यार्थी लिखने के लिए पेन का इस्तेमाल करते हैं पेंसिल का उपयोग चित्र बनाने में भी किया जाता हैं तो यह पेन और पेंसिल में कुछ अंतर है।

FAQs

पेंसिल के अविष्कारक कौन है?

पेंसिल का अविष्कार निकोलस कोंटे है।

पेंसिल के अविष्कारक कब और किसने किया ?

पेंसिल का अविष्कार 1795 में फ्रांस के वैज्ञानिक निकोलस कोंटे ने किया।

पेंसिल का आविष्कार कहां हुआ था ?

पेंसिल का अविष्कार फ़्रांस में हुआ जबकि पेंसिल में उपयोग किये जाने वाले ग्रेफाइट का अविष्कार या खोज इंग्लैंड में हुई।

दुनिया की सबसे अच्छी पेंसिल कोनसी थी ?

HB पेंसिल दुनिया की सबसे अच्छी पेंसिल है क्योकि यह एक औसत रंग वाली पेंसिल है

पेंसिल की लीड को क्या कहते हैं?

पेंसिल की लिड को ग्रेफाइट कहते है।

पेंसिल की क्या स्पेलिंग है?

पेंसिल की स्पेलिंग PENCIL होती है।

पेंसिल में कौन सी धातु होती है?

पेंसिल के अंदर ग्रेफाइट की लिड होती है जो की कार्बन है पेंसिल सीसा धातु की बानी होती है।

निष्कर्ष

तो दोस्तों इस पोस्ट में हमने पेंसिल का अविष्कार किसने किया और कब किया इस बारे में जाना है इसके साथ ही अन्य जानकारी जैसे पेन्सिल का अविष्कारक कौन है पेंसिल क्या है पेंसिल के इतिहास के बारे में भी बात करी। आपको हमारी यह पोस्ट केसी लगी हमें कमेंट कर जरूर बताये और इसे ज्यादा से ज्यादा सेयर करे धन्यवाद ।

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