नमस्कार दोस्तो आपका हमारे ब्लॉग jivanijano पर स्वागत है। दोस्तो आजकल एक देश का किसी न किसी दूसरे देश से मनमुटाव तथा झगड़ा काफी सामान्य बात है इन झगड़ो के चलते हमारे मन में हमेशा डर लगा रहता है की लड़ाकू विमान से कभी भी हमारे देश पर हमला हो सकता है तो अब आपके मन से यह डर हटा दे क्योंकि किसी भी वायुयान अथवा समुद्री जहाज से अचानक से हमला करना असंभव है।
यह अचानक होने वाला हमला रडार के कारण असंभव हो पाता है। आप सभी ने Radar का नाम तो सुना ही होगा यदि नहीं सुना अथवा सिर्फ नाम के अलावा इसके बारे मे आपको ज्यादा जानकारी नहीं है तो आप बिल्कुल सही जगह आए है यहा हम आपको रडार क्या होता है रडार का आविष्कारक कौन है Radar कैसे काम करता है तथा all information about radar in Hindi की सारी जानकारी देने वाले है इसके लिए पोस्ट को पूरा पढ़े।
रडार क्या है (What is Radar)
रडार के द्वारा गतिमान वस्तुओं का पता लगाया जाता है यह एक डिटेक्शन प्रणाली है इस प्रणाली में रेडियो तरंग तथा मारक्रो तरंग के माध्यम से वस्तुओं के Angle, Range, Hight, Direction व Speed का पता लगाया जाता है। Radar की help से हम जल, स्थल तथा नभ में हो रही हलचल का पता लगा सकते है।
मौसम में चल रहे परिवर्तन अथवा आने वाले परिवर्तनों (आंधी, धुंध, तुफान आदि) का पता पूर्व में लगाया जा सकता है। रडार बिल्कुल स्पष्ट तो नहीं दिखा सकता है लेकिन बड़े-बड़े विमान को एक बिन्दु के रूप में दर्शाता है कई बार रडार में छोटे बिन्दु को पक्षी समझने की भुल हो जाती है
क्योंकी यह छोटे विमान एवं बड़े पक्षियों दोनो को छोटे बिन्दु के रूप में दिखाता है जिससे समझने वाला confused हो जाता है कि आने वाली चीज़ विमान है या पक्षी जब वह चीज़ थोड़ी पास आती है तब पता चलता है कि वह पक्षी था या विमान।
रडार का अर्थ (Radar meaning in Hindi)
रडार का प्रयोग अमेरिका की नौसेना ने ‘Radio detection and ranging’ के लिए 1940 मे किया उसके पश्चात Radio को इसके पुरे नाम के तौर पर “रेडियो डिटेक्शन एण्ड रेजिंग” के नाम से ही जाना गया।
Radar एक मूल शब्द है जिसमें Ra का संक्षिप्त रूप Radio, d का संक्षिप्त रूप Detaction, a का संक्षिप्त रूप And तथा r का संक्षिप्त रूप Ranging है। Radar मे Radio का मतलब radio wave, Detection का मतलब Radio wave को detect करना या भापना तथा Ranging का अर्थ उन detect की गई Radio wave की दूरी तय करना है ।
रडार किस तरह कार्य करता है
रडार एक तरह की Electromagnetic Wave को भेजता है जिससे Short pulses के रूप में Signal निकलते है जो पुरे आसमान तथा धरती पर फैल जाते है उसके मार्ग में कोई वस्तु आती है तो signal टकराकर पुनः रड़ार तक पहुंच जाते है तथा जिस signal के मार्ग में कोई वस्तु नहीं आती वह signal या wave आगे की ओर निकल जाती है।
जो Signal किसी वस्तु अथवा पक्षी से टकराते है वे उनसे टकराकर रडार को एक टारगेट इको सिग्नन देता है उससे पता चलता है की आगे किस दिशा में, कितनी दूरी पर कोई वायुयान, जहाज अथवा पक्षी है। रडार पर बनी जानकारी 90% सही होती है।
रडार का इतिहास (History of Radar)
ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी (फिजिसिस्ट) James Clerk Maxwell ने 1864 में Electromagnetic तरंग के व्यवहार को नियंत्रित करने वाली Technique develop की इसकी Equations में radio waves reflection का नियम होता है।
जर्मन भौतिक विज्ञानी (फिजिसिस्ट) हैनरीच हर्टस ने 1886 में Radio Wave Reflection के नियमों का पहली बार प्रयोग किया तथा इन तरंगो का परावर्तन Proof किया।
ब्रिटिश फिजिसिस्ट सर एडवर्ड विक्टर एप्लीटन ने 1924 में Radio echoes का प्रयोग Ionosphere की height पता लगाने हेतु किया। 1925 मे Radio Pulse के Reflection द्वारा Distance पता लगाने का प्रयोग पुर्ण हो चुका था।
ब्रिटिश भौतिक वैज्ञानीक द्वारा 1935 में प्रथम Practical Radar System का निर्माण Robert वाटसन वाट के द्वारा किया गया तथा इन्होने “The Detetion of Aircraft by Radio Methods” नाम का एक Paper entitled लिखा। इस Idea को Air Defense के चैयरमैन Henry Tizard के समक्ष प्रस्तुत किया जिसे उन्होंने बेहद पसंद किया।
Watson – watt ने अपना यह idea Daventry में पेश किया Watson- Watt का आइडिया किसी वस्तु के Opposite किसी रेडियो तरंग के Bouncing व Target information को प्राप्त करने हेतु इसकी दूरी को मापने पर depend था, इसी को Radar (Radio detection & ranging) कहते थे।
1935 से इस पर लगातार कई वर्षों तक कई सफल प्रयोग होते रहे 1939 मे Second world war में इसका पूर्ण सफल उपयोग किया गया।
रडार का आविष्कारक कौन है
1912 में USA के टेलर व लियो यंग ने रडार का आविष्कार किया। रडार (Radio detective and ranging) वायुमंडल के वायुयान तथा पक्षियों व जल मंडल के जहाज की दिशा, स्थिति दुरी तथा आकार ज्ञात करता है।
LIDAR (Light detection and ranging) जो की microwave radar है यह वायुमण्डल के प्रदुषण को मापने तथा संचार के लिए उपयोगी है। प्रथम Behaviour Radar System ब्रिटिश फिजिसिस्ट सर रॉबर्ट वाटसन वाट ने 1935 निर्मित किया।
रडार के अवयव (Components of Radar)
रडार के कई अवयव होते है जैसे- एंटीना, ट्रांसमीटर, तरंग नियंत्रक, डुप्लेक्सर, मॉड्यूलेटर, रीसीवर, रडार नियंत्रक आदि। इन सभी components के अलग- अलग कार्य होते है।
ट्रांसमीटर (Transmitter) यह ऊर्जा संकेत को पैदा करता है।
ऐंटीना (Antenna) यह वायुमण्डल में संकेत (Pulses) छोड़ते है तथा परावर्तीत संकेतो को ग्रहण करते है।
ट्रांसमीट/ग्राही switch यह antenna को बताता है कि pulses (संकेत) को कब भेजना है तथा कब recive करना है।
मॉडयुलेटर (Modulator) इसके द्वारा Radio Frequency Oscillator तक पहुँचने वाली Electric Power के आवश्यक blast मिलते हैं।
सूचक (Indicator) रडार पर रेडियो तरंगो से इकट्ठी से गई information को दर्शाता है।
रडार से दो रूप reflectivity तथा velocity में आउटपुट मिलते हैं velocity आकाश से आने वाली वस्तु की दिशा तथा गति को दर्शाता है एवं reflectivity आकाश से आने वाली वस्तु के माप व आकार को दर्शाता है।
रडार से दिशा का ज्ञान
रडार के एंटिना को घुमाकर Aim का पता लगाते है जब Aim के सामने एंटिना आ जाता है तब उसका मॉनीटर पर एक प्रतिरूप बन जाता है इसी प्रतिरूप को Pip (पिप) कहा जाता है। वह (पिप) तभी ज्यादा होगा जब एंटिना को सीधे Aim के Direction मे रखा जाएगा।
ये एंटिना अंतरिक्ष तक की ऊँचाई को देख सकते है तथा संकरे किरणपुंजो में Radio Wave को फेंकते है जो यंत्र/विमान से टकराकर सघन किरणपुंजों में पुन: लौट आती है। इन छोटी wave को बनाने हेतु Multicavity Magnetron नाम के device की जरूरत होती है इनके बिना वर्तमान के रडार के कार्य संभव नहीं है।
रडार के उपयोग (Use of Radar)
अब तक हमने रडार (Radar in hindi) के बारे मे जानकारी प्राप्त की है लेकिन इसके उपयोग के बारे में नहीं जाना तो चलिए अब देखते है रडार का उपयोग किन-किन कार्यों में होता है -:
- वायुमंडल में वायुयान का नियंत्रण करने में उपयोगी है।
- युद्ध के अचानक के हमलो को रोका अथवा संभला जा सकता है।
- Radar के केन्द्रिय नियंत्रक वाली जगह के 299 मील चारो तरफ की हलचल का पता लगाया जा सकता है।
- मौसम में हो रहे परिवर्तन तथा आने वाले परिवर्तनो का पूर्व मे पता लगा सकते है।
- समुद्री जहाज तथा पनडुब्बी नौकाओं की दिशा, माप तथा आकार का पता चलता है।
- वायुयान को अंधेरे में हवाई अड्डे पर उतरने में आसानी तथा पृथ्वी की सतह से ऊँचाई का निर्धारण किया जाता है।
- सैन्य ऑपरेशन (Military) में कई कार्यों में उपयोगी।
- अपराधी का पीछा करने में रडार पुलीस की सहायता करता है।
- अंतरिक्ष मे सेटेलाइट का पता लगाने हेतु उपयोगी।
- स्टील्थ टेक्नोलॉजी द्वारा रडार को भ्रमित किया जा सकता है तथा रडार को भ्रमित करने के और कई तरीके हैं।
रडार से बचने के तरीके
ऐसे कई तरीके हैं जिसको अपनाकर रडार के network में आने से बचा जा सकता है तथा रडार को भ्रमित किया जा सकता है उन तरीकों में से कुछ इस तरह है।
स्टील्थ टेक्नालाजी द्वारा रडार से बचाव – जिस तरह हम आंखो से किसी वस्तु को देखते है उसी तरह इस प्रक्रिया में आंखो के स्थान पर Radar एवं प्रकाश के स्थान पर Radio wave होती है। इन रडार में स्टील्थ को अदृश्य करने या रडार से छुपाने हेतु स्टील्थ विमान पर एक special metal का लेप किया जाता है यह लेप लगभग 40% Radio wave को Absorb कर देता है।
इसके लेपन से जब भी विमान से Radio wave टकराती है तो वह यही Absorb कर ली जाती है और पुनः लोटकर नहीं जा पाती इससे Radar पर स्टील्थ का प्रतिरूप नहीं बन पाता। इसके अलावा स्टील्थ को नुकीला बनाया जाता है जिससे लगभग 20% signals इसे Detect करने में असक्षम होते हैं।
इसके साथ ही इनके इंजन ऊपर की तरफ लगाए जाते है जो 20% Signals से स्टील्थ को बचा लेता है। स्टील्थ वीमान को रडार से अदृश्य किया जा सकता है लेकिन ये आँखो से साफ व स्पष्ट नजर आते है शर्त यह है की यह आंखो से देखने की सीमा से ज्यादा दुर ना हो दूरी ज्यादा होने पर ये दिखाई नहीं देते हैं।
अन्य तरीकों से रडार से बचाव
- जब विमान को नुकीले बनाए जाते है तब भी Radio wave उसका प्रतिरुप Radar तक नहीं पहुंचा सकते।
- विमान को इस तरह बनाया जाता है कि उसका धुआं ऊपर की तरफ से निकले तब उसका धुआं Radio Wave के संपर्क में नहीं आता है और विमान Radar को पता नहीं चलता।
- नकली संकेत देने वाली वस्तु से Real Radar संकेतो को भटकाया जा सकता है।
रडार, सोनार तथा लीडार में अंतर
रडार, सोनार तथा लीडार तीनो के कार्य कुछ भिन्न है इन्हें इस तरह से समझ सकते है
रडार Radar (Radio Detecting and Ranging) का उपयोग वायुमंडल मे किसी वस्तु की दूरी, चाल तथा आकार मापने के लिए किया जाता है। Radar से आसमान मे कई सारी Radio waves भेजी जाती है जो किसी वस्तु से टकराकर पुन: Radar पर गिरती है तथा इससे उस वस्तु के बारे मे जानकारी प्राप्त हो जाती है।
सोनार SONAR (Sound Navigation and Ranging) यह भी बिल्कुल Radar की तरह ही कार्य करता है लेकिन इसमें Radar की तरह Radio Wave के स्थान पर Sound wave का प्रयोग किया जाता है, SONAR से समुद्र के अन्दर की वस्तुओ का पता लगाया जाता है।
समुद्र के ऊपर चल रहे जहाज, पनडुब्बी नोकाए, तथा पहाड़ो को तो Radar के माध्यम से देखा जा सकता है लेकिन रेडियो तरंगे Liquid पदार्थ मे उस दक्षता से कार्य नहीं कर सकती जीतना Sound wave, इसलिए समुद्र के अन्दर की हलचल का पता SOLAR से चलता है।
लीडार LIDAR (Light detection and ranging) एक तरह की microwave Radar ही है जो वायुमण्डल के प्रदुषण का मापन तथा संचार के लिए उपयोगी है।
FAQs
रडार की खोज कब हुई?
रडार की खोज वर्ष 1922 में टेलर और लियो यंग ने की थी।
रडार का दूसरा नाम क्या है?
रडार का दूसरा नाम Radio detective and ranging है।
सोनार और रडार में क्या अंतर है?
सोनार संसूचक यांत्रिक तरंग पर आधारित है जबकि रडार डिटेक्शन विधुत चुम्बिकय तरंग पर आधारित है।
राडार के 3 उपयोग क्या हैं?
वायुमंडल में वायुयान का नियंत्रण करने में उपयोगी है।युद्ध के अचानक के हमलो को रोका अथवा संभला जा सकता है।Radar के केन्द्रिय नियंत्रक वाली जगह के 299 मील चारो तरफ की हलचल का पता लगाया जा सकता है।
राडार क्यों महत्वपूर्ण था?
वायुमंडल में वायुयान का नियंत्रण करने में उपयोगी है।युद्ध के अचानक के हमलो को रोका अथवा संभला जा सकता है।Radar के केन्द्रिय नियंत्रक वाली जगह के 299 मील चारो तरफ की हलचल का पता लगाया जा सकता है।सैन्य ऑपरेशन (Military) में कई कार्यों में उपयोगी।
रडार कितने प्रकार के होते हैं?
रडार 2 प्रकार का होता है प्राइमरी और सेकेंडरी।
रडार से कौन सी तरंगे निकलती है?
रडार में सूक्ष्म तरंगो(microwave) का प्रयोग किया जाता है यह electromagnetic waves विद्युत चुंबकीय तरंग होती है।
Conclusion –
तो दोस्तों आज आपने रडार क्या होता है? Radar in hindi , रडार का अर्थ क्या होता है और रडार का आविष्कार किसने व कब किया यह सारी जानकारी प्राप्त की आपको बता दे की रडार द्वारा सर्वप्रथम चंद्रमा से contact 1946 में USA के Army Signal Corps ने किया। क्या आप यह बात पहले से जानते थे? हां या ना कमेंट करके बताए और आपको यह जानकारी कैसी लगी यह भी अवश्य बताए धन्यवाद।
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