नमस्कार दोस्तों आपने रेडियो के बारे मे तो सुना ही होगा हम उसी रेडियो की बात कर रहे हैं जिसे अभी के लोग मोबाइल फ़ोन या किसी अन्य यंत्र मे कनेक्ट कर अपना मनोरंजन करते हैं और पुराने समय में लोग अपने सिरहाने एक डब्बे जैसा कुछ रखते जिसमें गाने और गजले सुनाई देती उस से पुराने लोग अपना मनोरंजन करते थे।ये दोनो रूप रेडियो के ही है
दोस्तों क्या आपको पता है कि रेडियो एक डब्बे जेसी आकृति से मोबाइल के एक एप तक कैसे पंहुचा अगर आपका जवाब नहीं है तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं इस लेख में हम रेडियो का आविष्कार किसने किया, रेडियो कैसे कार्य करता हैऔर रेडियो के उपयोग तथा रेडियो के इतिहास की जानकारी प्राप्त करेंगे तो चलिए शुरू करते है।
रेडियो क्या होता है
रेडियो एक ऐसा यंत्र है जिसके द्वारा हम सूचना, गाने, शिक्षा व कृषि क्षेत्र से जुड़ी खबरे घर बैठकर बिना बिजली की खपत के सुन सकते है यह श्रव्य संचार माध्यम है, रेडियो Radio Wave द्वारा ध्वनि संचार के प्रसारण को जनता तक पहुंचाता है। जब टेलीविजन, मोबाइल फोन, आदि का आविष्कार नहीं हुआ तब से रेडियो जनता का मनोरंजन करते थे।
लेकिन टेलीविजन और मोबाइल फोन के आ जाने के बाद लोगो ने रेडियो को महत्व देना कम कर दिया इसके बावजूद रेडियो लगातार टेक्नोलॉजी से जुड़ते रहा और वर्तमान में रेडियो ने अपना एक नया स्थान बना लिया है अब मोबाइल फोन मे भी रेडियो को सुनकर लोग अपना मनोरंजन करते हैं। चुंबकीय Energy Wave के माध्यम से रेडियो का प्रसारण होता है बिना चुंबकीय Energy Wave के रेडियो का प्रसारण संभव नहीं है।
रेडियो का आविष्कार किसने किया
इटली के वैज्ञानिक गुगेलियन मार्कोनी ने 1895 में रेडियो का आविष्कार किया गुगेलियन मार्कोनी को जी. मार्कोनी भी कहा जाता है, जी. मार्कोनी के पिता का नाम गुसेप मार्कोनी और उनकी माता का नाम सिनोरा मार्कोनी है।
जी. मार्कोनी को शुरू से ही विज्ञान के नए नए प्रयोग करने में काफी रुचि थी वे अपना पूरा समय अपने कमरे में ही बिताया करते उनका खाना पीना सब वही होता था। जी. मार्कोनी जब 20 वर्ष के हुए तभी से उन्होंने Radio Wave पर अध्ययन करना शुरू कर दिया।
1909 में जी. मार्कोनी को Wireless Teligraph के लिए भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया तथा 1923 में रेडियो पर विज्ञापन की शुरुआत की गई, 20 जुलाई 1937 को जी. मार्कोनी की मृत्यु हो गई।
रेडियो का इतिहास (History of Radio)
जब लोगों के पास मनोरंजन का कोई साधन नहीं था तब कई वेज्ञानिको ने अपने स्तर पर अनेकों प्रयास किए लेकिन रेडियो के आविष्कार में तीन वेज्ञानिको को जाना जाता है। रेजीनॉल्ड fessenend, गुलेलियन Markoni, विलियम डुबिलियर। रेडियो का आविष्कार इन तीन वेज्ञानिको ने किया लेकीन मुख्य रूप से इसका श्रेय इटली के गेलिलियो मार्कोनी को जाता है जी. मार्कोनी को बेतार संचार का जीवनदाता कहा जाता है। विश्व का पहला Radio Station न्यू यॉर्क में बनाया गया।
1835-36 में अल्फ्रेड वेल और सैमुअल F.B. मोर्स दोनो ने मिलकर 1700 Ft. लंबे तार से Message प्रेषण किया। Washington से Baltimore तक 1843 में संदेश प्रेषित किया गया, साइट्स फील्ड की निगरानी में 1866 में समुद्र पारिय Cable का निर्माण किया गया। 1895 में जी. मार्कोनी ने बिना तार के Radio Wave से एक मील दूर तक संदेश प्रेषित किया और बेतार संचार के जीवनदाता बन गए। 1901 में उन्होंने रेडियो का एक सफल प्रयास किया।
1920 में भारत में रेडियो प्रसारण की सर्वप्रथम शुरुआत की गई और 1923 में रेडियो क्लब मुंबई में रेडियो का पहला कार्यक्रम हुआ। निजी कंपनियों के माध्यम से 31 जुलाई 1924 को रेडियो प्रसारण को प्रारंभ किया गया, मुंबई में रेडियो प्रसारण को ‘डाक तार विभाग’ व ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ इन दोनो ने मिलकर प्रारंभ किया।
‘इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कम्पनी’ का निर्माण 1926 में हुआ इस कंपनी ने इसी वर्ष 13 सितम्बर को प्रसारण का लाइसेंस लेकर कोलकात्ता और मुंबई में रेडियो प्रसारण के Media Wave Transmiter लगाए।
लॉर्ड इर्विन द्वारा 23 जुलाई 1927 में मुंबई के केंद्र का उद्गाटन किया तथा उसी वर्ष 26 अगस्त 1927 में कोलकात्ता के केंद्र का उद्गाटन भी किया गया। 1927 में ही ब्रिटिश सरकार द्वारा ‘इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कम्पनी’ का नाम परिवर्तित कर ‘इंडियन स्टेट ब्रॉडकास्टिंग सर्विस’ रख दिया।1 मई 1935 में लायनल फिनल्ड को बी.बी.सी. के अधिकारी के पद पर नियुक्त किया गया।
8 जून 1936 को ‘इंडियन स्टेट ब्रॉडकास्टिंग सर्विस’ का नाम परिवर्तित कर ‘ऑल इंडिया रेडियो’ या ‘आकाशवाणी’ कर दिया गया, इसके बाद दिल्ली में भी रेडियो प्रसारण की शुरुआत हुई तथा दिल्ली केंद्र से गांव और शहर दोनो को जोड़ा गया था। 9 सितम्बर 1937 को Radio के पहले संपादक ‘चार्ल्स वार्नर्स’ बने तथा ‘सेंट्रल न्यूज आर्गेनाइजेशन’ का गठन समाचार प्रसारण के लिए किया गया।
रेडियो के कार्य
रेडियो से हम कई तरीके की जानकारी प्राप्त करते हैं रेडियो के माध्यम से हमें कई शिक्षाप्रद कहानियां, महत्वपूर्ण तथ्य, तथा कृषि क्षेत्र संबंधित खबरें मिलती है अब तक हमने रेडियो का इतिहास जाना है अब रेडियो के कार्य जानेंगे।
सूचना प्रसारण के कार्य – जब रेडियो का निमार्ण हुआ तब इसका कार्य मात्र सूचना का प्रसारण ही था रेडियो के माध्यम से पूरे विश्व की सूचनाएं घर बैठे मिल जाती है।
शैक्षिक कार्य – रेडियो के माध्यम से छात्रों को अपनी पुस्तक से संबंधित अध्याय के साथ एनसीईआरटी व इग्नू से संबंधित शैक्षिक कार्य किए जाते है। रेडियो में कई शिक्षाप्रद कहानियां, कविताओ के कार्यक्रम भी प्रसारित किए जाते है जिनको सुनकर बच्चों के साथ बड़ो को भी लाभ मिलता है।
मनोरंजन के कार्य – रेडियो निर्माण के समय सिर्फ सूचनाओं का प्रसारण करता था लेकिन समय के साथ परिवर्तन कर मनोरंजन की दृष्टि में भी एक अहम हिस्सा बन गया है घर हो या खेत हर जगह रेडियो पर सूचनाएं, गाने सुनते सुनते समय कट जाता है आजकल गाडियों में भी रेडियो की सुविधा कर दी गई है जिससे सफर को और सुहाना बनाया जा सके।
जन जागरूकता के कार्य – रेडियो कार्यक्रम के माध्यम से जनता को हर समस्या का समाधान बताने में लोगो को जागरूक करने में सहायता मिलती है रेडियो के प्रसारण में समाज में फैली कुरीतियों के दुष्प्रभाव तथा कुरीतियों को खत्म करने की जागरूकता फैलाई जाती है।
आत्मरक्षा के कार्य – रेडियो के माध्यम से आत्मरक्षा के तरीके बताए जाते है मनोरंजन व सूचना संबंधित किसी भी कार्यक्रम के बिच बिच में आत्मरक्षा के तरीके बताए जाते है जैसे कभी आप रास्ते में अकेले जा रहे है और कोई आपका पीछा कर रहा है तो डरे नहीं बल्की ऐसा दर्शाए की आप वहा के सभी लोगों को जानते है और हो सकें तो किसी खेत या घर में चले जाए और जोर जोर से किसी का नाम पुकारे इससे पीछा करने वाले को लगेगा कि वहा आपके अलावा भी कोई है और वह भाग जाएगा।
रेडियो फील्ड रिपोर्टिंग
टेलीविजन और सामाचार पत्रों में हम कई तरह के रिपोर्ट को देखते रहते हैं उनमें कुछ शिक्षा से संबंधित होते है तो कुछ कृषि से संबंधित होते है सभी सूचनाओं को टीवी और समाचार पत्रों में बड़ा बनाकर बताया जाता है लेकिन रेडियो में ऐसा नहीं होता है रेडियो में फील्ड रिपोर्टिंग के लिए ज्यादा समय नहीं होता है एक सीमित समय में सारे फील्ड की रिपोर्ट को कम शब्दो में बताना होता है।
फील्ड रिपोर्टर अपनी पैनी निगाह से चारों ओर की खबर रखते हैं और छोटी छोटी जानकारियों को भी बारीकी से जांचते है, रेडियो कार्यक्रम के माध्यम से नेत्रहीन व्यक्ति भी समाचार सुन सकते है उनके लिए तो यह वरदान से कम नहीं है, रेडियो की सूचनाओं को अमीर-गरीब, शिक्षित-अनपढ़, नोकरीपेशा-बेरोजगार सभी सुनते हैं।
व्यवसायिक रेडियो
रेडियो मात्र सूचना प्रसारण का साधन ही नहीं है बल्कि रेडियो के माध्यम से कई विज्ञापन बताए जाते है रेडियो कार्यक्रम से लोग मंनोरंजन तो करते ही है लेकिन साथ ही वे रेडियो में आए विज्ञापनों को सुनकर उसके प्रति आकर्षित होते है। रेडियो की इस ‘विज्ञापन प्रसारण सेवा’ को लोगों ने काफी सराहा है इस सेवा से छोटे बड़े व्यापारी, स्वरोजगारो को सहारा मिला है सभी तक उनकी पहुंच बनी है।
वर्तमान समय में रेडियो जिंगल भी ‘विज्ञापन प्रसारण सेवा’ का एक महत्वपूर्ण जरिया बना है रेडियो पर आकाशवाणी की ‘विज्ञापन प्रसारण सेवा’ 1964 से प्रारंभ हो गई जिसमें वर्तमान समय में 75 से ज्यादा लोकल चैनल सेंटर,4 F.M. मेट्रो चैनल, 40 विविध भारती सेंटर, 126 प्राथमिक चैनल केंद्रों के माध्यम से विज्ञापन प्रसारित किए जाते है।
रेडियो की नई सेवाएं
रेडियो पहले तो समाचार का ही प्रसारण करता था लेकिन वर्तमान में रेडियो ने कई नई सेवाएं भी शुरू कर दी है रेडियो समय के साथ हमेशा आगे बढ़ने में लगा हुआ है रेडियो में लगातार नई तकनीकी आ रही है वर्तमान के रेडियो में कई नई सेवाएं प्रारंभ की गई है जिनमे कुछ निम्न है –
रेडियो द्वारा बधाई का संदेश प्रेषित करने की सेवा शुरू की गई है जिससे लोग अपने मित्र या प्रियजन को उनकी सफलता, शादी,जन्मदिन पर बधाई प्रेषित कर सकते है। अब तक तो टीवी और समाचार पत्रों में ही विज्ञापन प्रसारित किए जाते थे लेकिन अब रेडियो पर भी विज्ञापन को प्रसारित किया जाता है।
किसी व्यापार, विवाह, लेन-देन का व्यापार विज्ञापन रेडियो पर भी शुरू कर दिया गया है।
रेडियो के माध्यम से अब आम आदमी भी लाइव न्यूज़ सुन सकते हैं वे क्रिकेट की सुचना लाइव सुन सकते हैं।
आकाशवाणी क्या है
‘इंडियन स्टेट ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेस’ का नाम 1936 में परिवर्तित कर ‘ऑल इंडिया रेडियो’ (AIR) रखा जिसे 1957 से ‘आकाशवाणी’ नाम से जाना जाने लगा। आकाशवाणी के माध्यम से जनता को समाचार और कई कार्यक्रम घर बैठे आसानी से मिल जाते है, वर्तमान समय में 90% से ज्यादा लोग रेडियो से जुड़े हुए हैं। 1939 अक्टूबर से विदेश में भी ऑल इंडिया रेडियो कार्यक्रम शुरू कर दिए गए वर्तमान समय में 100 से ज्यादा देशों में 20 से ज्यादा भाषाओं में आकाशवाणी के कार्यक्रम प्रसारित किए जाते है।
आकाशवाणी के कार्यक्रम निम्न है
6-14 वर्ष की आयु के बालकों के लिए आकाशवाणी के माध्यम से मनोरंजन के प्रसारण, फिल्म, नाटक, छोटी कविता और कहानी का प्रसारण होता है।
घरेलू और नोकरीपेशा सभी महिलाओं के लिए गीत और नुस्खे का प्रसारण किया जाता है।
व्यापारियों व ग्राहकों के लिए मोल-भाव तथा डिस्काउंट ऑफर की सूचना प्रसारित की जाती है।
किसानों के लिए कृषि क्षेत्र से जुड़ी खबरे, मौसम पूर्वानुमान की खबर, खाद बीज, पौधे आदि की जानकारी दी जाती है।
18-30 वर्ष के युवाओं के लिए ‘युवावाणी कार्यक्रम’ राष्ट्र के विकास से जोड़ने हेतु शुरू किया गया है।
वृद्ध लोगो के लिए गीतों और किस्सो का प्रसारण किया जाता है।
Educational Radio
रेडियो अब सिर्फ़ समाचार का माध्यम ही नहीं रह गया है बल्कि अब रेडियो के माध्यम से बालकों को शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी लाभ मिलता है, बच्चे घर बैठे अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। रेडियो ने अपना शैक्षिक प्रसारण 1924 में ब्रिटेन के, 1931 में जापान के, 1932 में न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के विद्यालयी कार्यक्रम को प्रसारित किया जाने लगा
रेडियो के शैक्षिक प्रसारण में कई कार्यक्रम प्रसारित किए गए जैसे विद्यालयी शिक्षा, उच्च माध्यमिक शिक्षा, स्वास्थ्य शिक्षा, कॉलेज शिक्षा, परिवहन शिक्षा, कृषि व गृह शिक्षा से संबंधित कार्यक्रम प्रसारित किए गए।
FM Radio
FM का पूरा नाम “फ्रीक्वेंसी मॉड्यूलेशन” होता है जिसे हिंदी में आवृत्ति मॉड्यूलन कहा जाता है, एडविन हॉवर्ड आर्मस्ट्रांग ने FM Radio का आविष्कार किया।1977 को भारत में पहली बार FM Radio को शुरू किया गया, FM रेडियो से उच्च गुणवत्ता का व स्पष्ट डिजिटल साउंड सुन सकते है यह कैरियर की Frequency को प्रसारण Sound के अनुसार Modulate करता है। यह रेडियो मुख्यतः दो प्रकार के होते है -:
- Private FM Radio -: Mirchi FM, My FM Radio, Red FM
- Government FM Radio -: AIR (आकाशवाणी)
महत्वपूर्ण जानकारी
देश की आजादी वाले दिन 15 अगस्त 1947 को देश की आजादी की खबर रेडियो के माध्यम से ही सारी जनता को पता चली थी।
1927 में मुंबई ओर कोलकात्ता में रेडियो प्रसारण का कार्यक्रम चला और 1936 से पुरे भारत में रेडियो का प्रसारण होने लगा।
3 अक्टूबर 2014 से प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी प्रत्येक महीने के अंतिम रविवार को सुबह 11 बजे “मन की बात” आकाशवाणी कार्यक्रम के माध्यम से जन सम्पर्क करते हैं।
“मन की बात” कार्यक्रम ने रेडियो में नवाचार के साथ एक क्रान्ति ला दी है दुकानों पर बेकार पड़े रेडियो की कीमत दोगुनी होने पर भी लोग उसे खरीद रहे है।
93.5 FM भारत का सबसे पसंदीदा रेडियो चैनल है।
13 सितम्बर 2015 से छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह जी ने “रमन के गोठ” आकाशवाणी कार्यक्रम से प्रसारण प्रत्येक महीने के दुसरे रविवार को सुबह 10:45 पर करते है।
Conclusion
तो दोस्तो आज हमने रेडियो के बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर ली है रेडियो का आविष्कार किसने किया, रेडियो के कार्यक्रम, आकाशवाणी क्या है, FM Radio सभी के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की है आपको यह लेख कैसा लगा कमेंट कर अवश्य बताए धन्यवाद।