सिलाई मशीन का अविष्कार किसने और कब किया

नमश्कार दोस्तों इस पोस्ट में आप सभी का स्वागत है आज हम बात करने वाले है सिलाई मशीन का अविष्कार किसने और कब किया आज के युग में सभी को मॉडर्न रहना पसंद है मोर्डर्न कपडे पहनना , प्रिंटेड सिले सिलाये कपडे पहनना पसंद है साथ ही ज्यादातर घरो में कपडे सिलने की मशीन होती है

महिलाए अपने घरो से सिलाई मशीन द्वारा रोजगार भी प्राप्त करती है कही बड़े बड़े फैशन डिजाइनर मोडल व एक्टर्स के भी कपडे सिलते है। सिलाई मशीन कई लोगो के रोजगार का साधन है लेकिन बहुत कम लोगो को पता होगा की सिलाई मशीन का अविष्कार किसने किया और कब किया अगरआपको भी नहीं पता तो यह पोस्ट आपके लिए है।

इस पोस्ट में हम आपको बताएँगे की सिलाई मशीन का अविष्कार किसने किया और कब किया ,सिलाई मशीन कैसे काम करता है व सिलाई मशीन कितने प्रकार की होती है इन सब के बारे में यहाँ विस्तार जानेंगे ।

सिलाई मशीन का अविष्कार किसने और कब किया

सिलाई मशीन के अविष्कार का काम कई वर्षो से चला आ रहा है सिलाई मशीन में जो कमी रह जाती है उसे इंजीनियर दूर कर नई सिलाई मशीन बनाते है इसलिए हर बार सिलाई मशीन में कुछ न कुछ सुधार कर नई सिलाई मशीन बनाई जाती है

पहले लोग हाथ से बुनकर कपडे बनाते थे लेकिन मशीनो के दौर में ऐसी मशीन बनाने की आवयश्कता पड़ी जिससे लोगो का काम आसान हो जाए और काम भी समय पर पूरा हो जाए।

बात करे सबसे पहले सिलाई मशीन का अविष्कार किसने किया तो आपको बता दे सबसे पहले सिलाई मशीन का अविष्कार 1755 में ए वाईसेंथल ने किया था यहाँ से ही सिलाई मशीन से काम होना प्रारम्भ हुआ इनके कुछ समय बाद 1790 थॉमस सेंटर ने भी सिलाई मशीन का अविष्कार किया लेकिन इस मशीन से कपड़ो में छेद हो जाते थे क्योकि इसमें काम आने वाली सुई मोची जो सुई काम में लेते थे वैसी थी इसलिए यह मशीन भी सफल नहीं हो पाई।

इसके बाद जोसेफ मदर्सपर्गर ने सिलाई मशीन का अविष्कार किया तब इनके द्वारा बनाये गए सिलाई मशीन को सफल सिलाई मशीन माना गया इसके लिए इन्हे सिल्वर मैडल भी मिला लेकिन बाद में किसी कमी के कारण यह सिलाई मशीन भी सफल नहीं हो पाई

सेना के जवानो की ज्यादा संख्या होने के कारण उसकी वर्दी को हाथो से सिल पाना बहुत मुश्किल था इसलिए 1830 में फ्रांस के अविष्कारक बर्थेलेमी थिमोनियर ने एक सिलाई मशीन का अविष्कार किया लेकिन इनके द्वारा बनाई गयी सिलाई मशीन केवल सेनिको की वर्दी सिलने में ही काम आती थी।

इसके कुछ समय बाद एक सिलाई मशीन बनाई गयी जिसका इस्तेमाल हम लोग आज भी करते है इस सिलाई मशीन को बनाने का श्रेय अमेरिकी अविष्कारक इलायस होवे को जाता है यह एक सफल सिलाई मशीन थी इन्होने 1846 में इस सिलाई मशीन का अविष्कार किया और इस सिलाई मशीन के अविष्कार के लिए 1846 में पेटेंट भी मिला।

सिलाई मशीन क्या है

सिलाई मशीन एक ऐसा उपकरण है जिसमे धागे की सहायता से कपडे बेग व अन्य चीजों को सिला जाता है सिलाई मशीन द्वारा आज के युग में औद्योगिक क्रांति आई है सिलाई मशीन से पहनने के सुन्दर कपडे बनाये जाते है व अलग अलग सिलाई मशीन से अलग अलग कार्य किये जाते है

वैसे तो सिलाई का कार्य कोई भी कर सकता है लेकिन दर्जी समाज के लोग यह कार्य ज्यादा करते है। सिलाई की मशीन आने के बाद लोगो के कार्य आसान हुए है क्योकि इस मशीन द्वारा कम समय में अधिक कार्य किया जा सकता है और अलग-अलग डिजाइन से कपडे बनाये जा सकते है सिलाई मशीन को अंग्रेजी में Sewing machine कहते है।

सिलाई मशीन कितने प्रकार की होती है

वर्तमान में सिलाई मशीन के कई प्रकार है पहले हाथो से चलाने वाली सिलाई मशीन का घरो इस्तेमाल किया जाता था उसके बाद बड़ी सिलाई मशीन बनी जिसको पेरो की सहायता से चलाया जाता है आज बहुत सी सिलाई मशीन है

जैसे मेनुअल सिलाई मशीन जिसे पैडलिंग द्वारा चलाया जाता है इसमें बैटरी व बिजली की आवस्यकता नहीं होती है यह इलेक्ट्रॉनिक व कम्प्यूरीकृत की तुलना में खाफी धीमी है इलक्ट्रोनिक सिलाई मशीन यह मशीन बिजली से चलती है इसमें एक मोटर होती हैं पेडल को दबाकर मोटर से शक्ति प्राप्त कर सकते है

कम्प्यूटरीकृत सिलाई मशीन यह सबसे उत्तम सिलाई मशीन है यह मशीन सबसे तेज चलती है इसमें LED टचस्क्रीन सुविधा भी होती है ऑनलाइन डिजाइन और अतिरिक्त सुविधा के लिए WIFI और USB सुविधा भी है।

घरेलू सिलाई मशीन मुख्यतः 6 प्रकार की होती है।

  1. मैकेनिकल सिलाई मशीनें
  2. Electronic सिलाई मशीनें
  3. कम्प्यूटरीकृत या स्वचालित सिलाई मशीनें
  4. कढ़ाई सिलाई मशीनें
  5. क्विल्टिंग सिलाई मशीन
  6. ओवरलॉकिंग या सर्जर सिलाई मशीनें

भारत में सिलाई मशीन का अविष्कार कब हुआ

सिलाई मशीन के बारे मुख्य जानकारी लेने के बाद भारत में सिलाई मशीन का अविष्कार कब और कहा हुआ इसको लेकर बात करते है भारत में सबसे पहले 1935 में कोलकाता के एक कारखाने में सिलाई मशीन का अविष्कार हुआ जिसे उषा मशीन नाम दिया गया। कोलकाता की यह सिलाई मशीन बहुत ही प्रसीद हुई इसके बाद इसके पार्ट्स भी भारत में ही बनाये जाने लगे। भारत में उषा और मेरिट कंपनी का सिलाई मशीन सबसे ज्यादा प्रसीद है।

How to use sewing machine in hindi

सिलाई मशीन को कैसे चलाते है यह जानने से पहले सिलाई मशीन के पार्ट्स के बारे में जान लेते है क्योकि पार्ट्स के बारे में जानकारी होने के बाद सिलाई मशीन को कैसे चलाना है यह सीखना और भी आसान होगा। तो चलिए स्टेप वाइज बात करते है।

1 . पावर स्वीच बटन स्वीच बटन ज्यादातर मशीन के दाही तरफ होता है यह इलक्ट्रोनिक मशीनों को बंद , चालू करने के काम आता है

2 स्पूल पिन प्लास्टिक की पिन होती है जो मशीन के ऊपरी भाग में होती है इसमें गीटक को लगाया जाता है।

3 .थ्रेड गाइड यह मशीन के बाई तरफ होता है इसका काम धागे को बोबिन वाइडर तक लेजाना का होता है

4 .बोबिन वाइडर स्पूल पिन के दाई तरफ होता है सिलाई करने से पहले धागे को इसमें लपेटा जाता है।

5 . स्वीच एडजेस्ट मशीन यह घरो में लगे स्वीच बटन जैसा ही होता है इसका काम कपड़ो की कटिंग लम्बाई को चुनती है।

6 थ्रेड टेकअप बटन यह मशीन के सामने अलग से निकला हुआ होता है जब मशीन में धागा लाएगा जाता है तो इसको घुमाया जाता है।

7 .टेंसन डायल बटन टेक उप बटन के पास ही एक गोल बटन होता है जिसमे नंबर लगे हुए होते है यह धागे को टूटने से बचता है।

8 .नीडल क्लेम्प स्क्रू इस स्क्रू के पास ही सुई को लगाया जाता है यह सुई को एक जगह बनाये रखने का काम करता है।

9 . प्रेशर फुट बटन सिलाई करते समय कपडे पर प्रेशर का काम करता है फेब्रिक को एक जगह बांये रखता है सुई के निचे की तरफ यह बटन होता है।

10 .फीड डॉग प्रेशर बटन के पास होता है सिलाई करते समय फेब्रिक को आगे पीछे करने का काम करता है।

हमने सिलाई मशीन के पार्ट्स के बारे में जान लिया है अब हम जानेंगे की सिलाई मशीन को कैसे चलाते है सबसे पहले मशीन को पार्ट्स की सहायता से सेट कर ले मशीन सेट करना सिख जाते तो है तो कपडे का माप लेकर उसको काटना सीखे। पहले अपने ही पुराने कपड़े या वेस्ट कपडे ही काम करे कपडे की कटिंग के बाद कपडे को सुई के निचे लगा दे और बाकि कपडे को मशीन के बाई तरफ रख दे इससे मशीन स्मूथ और सही चलेगी और प्रेशर फुट को कपडे के ऊपर ही रखे इससे धागा जिकजैक नहीं होगा और आप आसानी से कपडे सिल पाएंगे।

CONCLSION

तो दोस्तों आज इस पोस्ट में हमने सिलाई मशीन का अविष्कार किसने किया इसको लेकर बात करी साथ ही अन्य जानकारी जैसे भारत में सिलाई मशीन का अविष्कार कब और कहा हुआ ,सिलाई मशीन का उपयोग कैसे करते है इस बारे में बात करी आपको हमारी यह पोस्ट कैसे लगी कमेंट करके जरूर बताये व अधिक अधिक सेयर करे धन्यवाद।

सिलाई मशीन के जनक कौन थे?

सबसे पहले सिलाई मशीन का अविष्कार 1755 में ए वाईसेंथल ने कि उनके बाद एक सफल सिलाई मशीन का अविष्कार एलाइस होवे ने 1846 में किया इनको ही सिलाई मशीन का जनक कहते है।

भारत में सिलाई मशीन का आविष्कार कब हुआ?

1935 में भारत के कोलकाता में उषा नाम की सिलाई मशीन का अविष्कार हुआ।

सिलाई कितने प्रकार के होते हैं?

सिलाई मशीन 2 प्रकार की होती है हाथो से सिलाई और मशीन से सिलाई।

सिलाई मशीनें कितने प्रकार की होती हैं?

सिलाई मशीन 6 प्रकार की होती है।
मैकेनिकल सिलाई मशीनें
Electronic सिलाई मशीनें
कम्प्यूटरीकृत या स्वचालित सिलाई मशीनें
कढ़ाई सिलाई मशीनें
क्विल्टिंग सिलाई मशीन
ओवरलॉकिंग या सर्जर सिलाई मशीनें

सबसे सरल सिलाई क्या है?

सबसे सरल सिलाई मशीन रनिंग स्टीच है।

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