नमस्कार दोस्तो, आज की इस पोस्ट में हम आपको Chanakya Niti in Hindi PDF उपलब्ध करवाने वाले है, जिसे आप पोस्ट में दिए गए Download लिंक की सहयता से अपने डिवाइस में सेव कर सकते है।
चाणक्य को इतिहास में सबसे चतुर और बुद्धिमान बताया गया है। आचार्य चाणक्य तक्षशिला विश्वविद्यालय में राजनीति तथा अर्थशास्त्र के आचार्य थे। यदि आप चाणक्य द्वारा बतायी गयी नीतियों को अपने जीवन में उतारते है, तो आप अपने जीवन के किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकते है।
चाणक्य निति पुस्तक के अंतर्गत आपको प्रकृति, जानवरों, महिलाओं, पुरुषों, बच्चों, दुश्मन, दोस्त, पड़ोसी, पत्नी और मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गयी है।
Chanakya Niti in Hindi PDF Overview
Pdf Title | Chanakya Niti in Hindi PDF |
---|---|
Language | Hindi |
Category | Book |
Total Pages | 379 |
Pdf Size | 4.4 MB |
Download Link | Available |
NOTE - चाणक्य निति बुक PDF Download करने के लिए कृपया नीचे दिए गए Download लिंक पर क्लिक करे।
Chanakya Niti Book PDF in Hindi
इतिहासकार बताते है की एक समय की बात थी, जब एक छोटा बालक पैर में घास के चुभने से क्रोधित हो जाता है, तब वह उस घास को उसकी मूल से उखाड़ फेंकता है तथा घास की बची हुई छोटी जड़ो को बाद में जला देता है। यह सम्पूर्ण घटना एक योग्य आचार्य देख रहे थे।
आचार्य ने उस बालक के अंदर छिपी सम्भावनाओ को पहचान लिया। बालक के अंदर निहित ऐसी प्रबल इच्छाशक्ति तथा आत्मविश्वास ही एक बड़े महापुरुष की पहचान होती है। जैसा आचार्य ने सोचा वैसा ही हुआ।
अंत में वही बालक इतिहास में आचार्य चाणक्य बना। इनका असली नाम “विष्णुगुप्त” था। चाणक्य की कूटनीतिक विलक्षणता की वजह से इन्हे “कौटिल्य” कहा गया।
यह घटना तब की है जब भारत की सीमा अफगानिस्तान से लेकर बर्मा तथा कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक फैली हुई थी। भारत सोने की चिड़िया कहलाता था। विदेशी आक्रांताओ की नजर भारत की समृद्धि पर खटक रही थी, लेकिन उनमे इतनी हिम्मत नहीं थी की वे भारत के वीर योद्धाओं से लड़ सके।
अंत में आक्रांताओ ने दान और भेद की निति का सहारा लेते हुए धर्मनंद की सभी कमियों के बारे में जानकारी हासिल कर ली। वर्तमान में पटना तथा तत्कालीन में पाटलिपुत्र के समीप मगध बहुत ही शक्तिशाली और समृद्ध राज्य था। धर्मनंद सूरा-सुंदरी में इतना डूब चूका था की उसे राज्य के बाकि किसी राजकार्यो से कोई मतलब नहीं था।
धर्मनंद अपनी मौजमस्ती के कारण प्रजा पर अत्याचार करता था। धर्मनंद के खिलाफ जो भी आवाज उठाता था, उसे मोत की नींद सुला दिया जाता था। दिनों-दिन यह बढ़ती घटना चणक पुत्र चाणक्य के ह्रदय के अंदर फ़ांस के धसने जैसी चुभ रही थी।
चाणक्य ने एक दिन इन अत्याचारों को सहने की शक्ति को खो दिया और भरी सभा में धर्मनंद को उसका मूल कर्तव्य याद दिलाने के लिए आवाज उठाई। धर्मनंद चाणक्य की इन बातो से बहुत ही क्रोधित हो गया और चाणक्य को अपने सैनिको के द्वारा धक्के मारकर मगध राज्य से निकालने का आदेश दे दिया।
इस दौरान चाणक्य ने अपने शिखा को तब तक नहीं बांधने की कसम खायी, जब तक की वह पुरे नन्द वंश को समाप्त न कर दे। चाणक्य ने अपने लक्ष्य के लिए चन्द्रगुप्त को चुना। चंदगुप्त के अंदर समाहित पराक्रम को चाणक्य ने एक-एक करके तराशा।
अपने निर्धारित लक्ष्य को पूरा करना चाणक्य के लिए आसान नहीं था। मकदूनिया के छोटे से प्रदेश से सिकंदर जैसे आक्रांताओं की गूंज भारत की सीमाओं पर छाने लगी थी।
सिकंदर से कंधार के राजकुमार आम्भी ने संधि कर ली। पोरस ने सिकंदर की सेना का सामना किया लेकिन अंत में वह भी पराजित हो गया। इस पराजय के बाद चन्द्रगुप्त अपने गुरु चाणक्य की देखरेख में अपनी सेना को युद्ध अभ्यास और युद्ध के लिए पूर्ण रूप से तैयार करने के लिए जुट गया। भारी भरकम शस्त्रों और कवचो की जगह हलके परन्तु मजबूत हथियारों ने ली।
चाणक्य ने अपने साम, दाम, दंड, भेद – चारों नीतियों का प्रयोग किया। अंत में कठिन परिश्रम के बाद चाणक्य ने अंततः अपनी प्रतिज्ञा पूर्ण की और उन्होंने नंदवंश की मूल को समाप्त कर दिया। बाद में चन्द्रगुप्त ने मगध की बागडोर संभाली। सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस की बेटी हेलन से चन्द्रगुप्त का विवाह हुआ।
इस प्रकार चाणक्य ने अपनी नीतियों के माध्यम मगध राज्य में नंदवंश को समाप्त कर मौर्यवंश की स्थापना की।
आचार्य चाणक्य की कुछ नीतियाँ
चाणक्य निति के अंतर्गत चाणक्य के व्यक्तिगत अनुभवों का संग्रह है, जिसे यदि हम अपने जीवन में अपनाये तो हम किसी भी लक्ष्य को आसानी के साथ साहस पूर्वक पूर्ण कर सकते है। चाणक्य की कुछ मुख्य नीतियाँ निम्न है, जो आपको जरूर पसंद आएगी।
1. भाग्य तथा प्रभु की महिमा अपरम पार है। उसके कारण एक निर्धन भिखारी एक पल में राजा बन सकता है और राजा को कंगाल होना पड़ता है।
2. देखने वाले एक ही वस्तु को तीन प्रकार से देखते है। योगी उसे अति निन्दित शव के रूप में देखते है। कामी लोग सूंदर नारी के रूप में देखते है और कुत्ता उसे एक मांस के लोथड़े के रूप में देखता है।
3. किसी कष्ट तथा आपत्तिकाल से बचाव के लिए धन की रक्षा करनी चाहिए। धन खर्च करके भी स्त्रियों की रक्षा करनी चाहिए। परन्तु स्त्रियों और धन से भी आवश्यक है, व्यक्ति स्वयं की रक्षा करें।
4.बुद्धिमान व्यक्ति को अपनी इन्द्रियों को वश में करके समय के अनुरूप बगुले के समान अपने कार्य को पूर्ण करना चाहिए। जब तक लक्ष्य पास में न आ जाये।
5. जिस प्रकार हजारो गायों में बछड़ा केवल अपने माँ के ही पास आता है, उसी प्रकार जो कर्म किया जाता है, वह कर्म करने वाले के पीछे-पीछे चलता है।
FAQs : Sampuran Chanakya Niti Hindi PDF
Chanakya Niti in Hindi PDF कैसे Download करें?
यदि आप चाणक्य निति बुक को फ्री में डाउनलोड करना चाहते है, तो पोस्ट में दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके आसानी से डाउनलोड कर सकते है।
चाणक्य नीति वास्तव में क्या है?
चाणक्य निति मुख्य रूप से चाणक्य द्वारा रचित सूक्तियों का संग्रह है।
चाणक्य शिक्षा के बारे में क्या कहते हैं?
चाणक्य का मानना है की शिक्षा यौवन और सुंदरता को भी परास्त कर देती है। शिक्षा किसी भी व्यक्ति की सबसे अच्छी मित्र होती है। शिक्षित व्यक्ति का समाज में हर जगह सम्मान होता है।
Conclusion :-
इस पोस्ट के माध्यम से Chanakya Niti in Hindi PDF फ्री में उपलब्ध करवाई गयी है। उम्मीद है आपको इस पोस्ट में उपलब्ध Sampuran Chanakya Niti PDF Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं रही होगी।
आशा करते है की यह पोस्ट आपको अवश्य ही पसंद आयी होगी। यदि आपको Chanakya Niti PDF डाउनलोड करने में किसी भी प्रकार की समस्या हो रही हो, तो कमेंट करके जरूर बताये। साथ ही इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।
Download More PDFs:-