श्री दुर्गा चालीसा | Durga Chalisa in Hindi PDF Download Free

नमस्कार दोस्तों यदि आप Durga Chalisa in Hindi PDF को डाउनलोड करना चाहते है, तो एकदम सही जगह पर आये है। आज की इस पोस्ट में हम आपको Durga Chalisa Lyrics in Hindi PDF को फ्री में उपलब्ध करवाने वाले है।

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यदि आप दुर्गा माता के सच्चे भक्त है, तो आपको माँ की तन मन से उपासना करने के लिए पूजा आरती के साथ-साथ दुर्गा चालीसा का पाठ अवश्य ही करना चाहिए। क्योकि बिना चालीसा के पाठ किये आरती को अधूरा माना जाता है अथवा आरती खंडित हो जाती है।

Durga Chalisa in Hindi PDF Details

PDF Title Durga Chalisa Lyrics in Hindi
Language Hindi
Category Religion
Total Pages 7
PDF Size 1.4 MB
Download Link Available
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Durga Chalisa in Hindi PDF Download

माँ दुर्गा चालीसा पीडीऍफ़ क्या है

इस Pdf के अंतर्गत आपको दुर्गा चालीसा के पाठ को शुद्ध रूप से हिंदी भाषा में उपलब्ध करवाया गया है। यदि आप माता के भक्त है, और माँ की वंदना करने के लिए पूजा आरती करते है, तो आपको साथ में दुर्गा चालीसा के पाठ को करने के लिए यह PDF आपके लिए काफी मददगार साबित होगी।

दुर्गा चालीसा एक बहुत ही मनोहर भक्तिमय भजन है, जो पूर्ण रूप से दुर्गा माँ को समर्पित है। दुर्गा चालीसा का पाठ माँ दुर्गा के गुणों और शक्ति का गुणगान करता है।

दुर्गा चालीसा में 40 पंक्तिया होने के कारण इसे चालीसा के रूप में जाना जाता है। चालीसा शब्द मुख्य रूप से संस्कृत भाषा से लिया गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ 40 (चालीस) से है।

दुर्गा चालीसा का पाठ मंदिरो में भक्तो द्वारा माँ दुर्गा की आराधना करने के लिए माँ की पूजा आरती के बाद किया जाता है। प्रथम श्लोक में माँ दुर्गा की प्रंशसा को लेकर चालीसा का पाठ आरम्भ किया जाता है।

देवी के सच्चे भक्त सच्चे मन से वंदना करते हुए माता दुर्गा से आशीर्वाद मांगते है और अपने कष्टों को दूर करने की प्रार्थना करते है।

दुर्गा चालीसा लिरिक्स | Durga Chalisa Lyrics PDF in Hindi

Durga Chalisa in Hindi PDF

दुर्गा चालीसा पाठ

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ ( 1 )

निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥ ( 2 )

शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥ ( 3 )

रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे॥ ( 4 )

तुम संसार शक्ति लै कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना॥ ( 5 )

अन्नपूर्णा हुई जग पाला। तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥ ( 6 )

प्रलयकाल सब नाशन हारी। तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥ ( 7 )

शिव योगी तुम्हरे गुण गावें। ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥  ( 8 )

रूप सरस्वती को तुम धारा। दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥ ( 9 )

धरयो रूप नरसिंह को अम्बा। परगट भई फाड़कर खम्बा॥ ( 10 )

रक्षा करि प्रह्लाद बचायो। हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥ ( 11 )

लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं। श्री नारायण अंग समाहीं॥ ( 12 )

क्षीरसिन्धु में करत विलासा। दयासिन्धु दीजै मन आसा॥ ( 13 )

हिंगलाज में तुम्हीं भवानी। महिमा अमित न जात बखानी॥ ( 14 )

मातंगी अरु धूमावति माता। भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥ ( 15 )

श्री भैरव तारा जग तारिणी। छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥ ( 16 )

केहरि वाहन सोह भवानी। लांगुर वीर चलत अगवानी॥ ( 17 )

कर में खप्पर खड्ग विराजै ।जाको देख काल डर भाजै॥ ( 18 )

सोहै अस्त्र और त्रिशूला। जाते उठत शत्रु हिय शूला॥ ( 19 )

नगरकोट में तुम्हीं विराजत। तिहुँलोक में डंका बाजत॥ ( 20 )

शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे। रक्तबीज शंखन संहारे॥ ( 21 )

महिषासुर नृप अति अभिमानी। जेहि अघ भार मही अकुलानी॥ ( 22 )

रूप कराल कालिका धारा। सेन सहित तुम तिहि संहारा॥ ( 23 )

परी गाढ़ सन्तन र जब जब। भई सहाय मातु तुम तब तब॥ (24 )

अमरपुरी अरु बासव लोका। तब महिमा सब रहें अशोका॥ (25 )

ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी। तुम्हें सदा पूजें नरनारी॥ (26 )

प्रेम भक्ति से जो यश गावें। दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥ ( 27 )

ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई। जन्ममरण ताकौ छुटि जाई॥ ( 28 )

जोगी सुर मुनि कहत पुकारी।योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥ ( 29 )

शंकर आचारज तप कीनो। काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥ ( 30 )

निशिदिन ध्यान धरो शंकर को। काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥ ( 31 )

शक्ति रूप का मरम न पायो। शक्ति गई तब मन पछितायो॥ ( 32 )

शरणागत हुई कीर्ति बखानी। जय जय जय जगदम्ब भवानी॥ ( 33 )

भई प्रसन्न आदि जगदम्बा। दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥ ( 34 )

मोको मातु कष्ट अति घेरो। तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥ ( 35 )

आशा तृष्णा निपट सतावें। मोह मदादिक सब बिनशावें॥ ( 36 )

शत्रु नाश कीजै महारानी। सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥ ( 37 )

करो कृपा हे मातु दयाला। ऋद्धिसिद्धि दै करहु निहाला॥ ( 38 )

जब लगि जिऊँ दया फल पाऊँ । तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊँ ॥ ( 39 )

श्री दुर्गा चालीसा जो कोई गावै। सब सुख भोग परमपद पावै॥ ( 40 )

देवीदास शरण निज जानी। कहु कृपा जगदम्ब भवानी॥

दुर्गा चालीसा के पाठ की सही विधि

हिन्दू धर्म में किसी भी देवी-देवता की पूजा अर्चना विशेष विधि-विधान के अनुसार सम्पन्न की जाती है। जिससे देवी-देवता प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद प्रदान करते है।

यदि आप भी दुर्गा माता की पूजा अर्चना के साथ दुर्गा चालीसा का पाठ विशेष विधि-विधान के अनुसार करते है, तो माँ दुर्गा की विशेष कृपा आप पर बनी रहती है।

यदि आप माँ दुर्गा चालीसा का पाठ करने की सही विधि के बारे में पहले से ही जानते है, तो बहुत ही ख़ुशी की बात है। लेकिन यदि आप नए है और आपने अभी-अभी दुर्गा चालीसा का पाठ आरम्भ किया है और आप इसकी सही विधि के बारे में नहीं जानते है, तो हमारे दवरा बताये जा रहे निम्न विधिवत बिन्दुओ का अनुसरण करें –

  • सबसे पहले प्रातः काल में उठकर स्वछ पानी से स्नान करें।
  • साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
  • अब पूजा स्थल पर चले जाये।
  • माँ दुर्गा की प्रतिमा पर स्वच्छ जल छिटकार लगाए।
  • अब माँ की प्रतिमा पर ताजा पुष्प की माला चढ़ाये और पुष्प अर्पित करें।
  • माँ को प्रसाद का भोग चढ़ाये।
  • अब एक घी का दीपक प्रज्वलित करें।
  • अब आरती आरम्भ करें
  • आरती स्टैंड को सदैव ॐ के आकार में घुमाये, क्योकि ॐ में सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की सर्वशक्तिया विध्यमान रहती है।
  • आरती समाप्ति के बाद दुर्गा चालीसा का पाठ आरम्भ करें।
  • दुर्गा चालीसा के पाठ की समाप्ति के बाद माँ की प्रतिमा को दंडवत प्रणाम करते हुए माँ से अपने जीवन में आने वाले कष्टों को दूर करने के लिए प्रार्थना करें।
  • अंत में प्रसाद को लोगो में वितरित कर दें।

दुर्गा चालीसा पाठ से होने वाले लाभ

हमे किसी भी देवी-देवता की बिना किसी फल की इच्छा किये निःस्वार्थ रूप से सच्चे मन से आराधना करनी चाहिए। यदि आप भी देवी दुर्गा की सच्चे तन मन से पूजा अर्चना करते है, तो आपको निम्न रुप से फायदे होते है –

  1. आप सदैव भुत-प्रेत जैसी बुरी शक्तियों से सुरक्षित रहते है।
  2. आपके जीवन में आने वाली परेशानियों का हल होता है और आप अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते है।
  3. आपके अंदर समाहित नकारात्मक विचारो का नाश होता है।
  4. माँ दुर्गा आपके जीवन में आने वाले कष्टों का निवारण करती है।
  5. आप सदैव धन-धान्य से परिपूर्ण रहते है।
  6. इस पाठ के वाचन से आप सदैव सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण रहते है।
  7. आपके जीवन में सुख समृद्धि का आगमन है।
  8. आपका मन शाट और स्थिर रहता है और आप मानसिक रूप से स्वस्थ रहते है।
  9. माँ दुर्गा आपकी हर मनोकामना पूर्ण करती है।
  10. यदि आप माँ दुर्गा की सच्चे मन से आराधना करते है, तो दुर्गा माता आपक आशीर्वाद प्रदान करती है और उनका विशेष आशीर्वाद आप पर बना रहता है।

FAQs: दुर्गा चालीसा लिरिक्स पीडीऍफ़ इन हिंदी

Durga Chalisa in Hindi PDF को कैसे डाउनलोड करें?

यदि आप इस Pdf को डाउनलोड करना चाहते है, तो पोस्ट में दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लीक करके आसानी से फ्री में डाउनलोड कर सकते है।

Conclusion :-

हमने आपको इस पोस्ट में Durga Chalisa in Hindi PDF को फ्री में उपलब्ध करवाया। साथ ही इस दुर्गा चालीसा से होने वाले लाभ और इसके पाठ की सही विधि के बारे में जानकारी प्रदान की। हम उम्मीद करते है की आपको Durga Chalisa PDF को डाउनलोड करने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हुई होगी।

दोस्तों हम आशा करते है की यह पोस्ट आपको अवश्य ही पसंद आयी होगी। यदि आपको Durga Chalisa in Hindi PDF Download करने में कोई समस्या आ रही हो तो कमेंट करके जरूर बताए। इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ अवश्य ही शेयर करें, ताकि वे भी Maa Durga Chalisa PDF को आसानी से फ्री में डाउनलोड कर इससे लाभान्वित हो सकें।

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