आज की इस पोस्ट में हम आपको Psychology Book in Hindi PDF मुफ्त में उपलब्ध करवाने वाले है, जिसे आप पोस्ट में दिए गए Download Link की सहायता से आसानी से Download कर सकते है।
दोस्तों मानव के व्यवहार को समझने लिए मनोविज्ञान के बारे में ज्ञान होना आवश्यक इसलिए Psychology in Hindi Pdf पोस्ट काफी महत्वपूर्ण होने वाली है क्योकि अगर आप भी मनोविज्ञान के बारे में अध्यन करने में रूचि रखते है तो मनोविज्ञान की अनेक पुस्तके है। जिन्हे पढ़कर आप मनोविज्ञान की दुनिया की खोज के बारे में अध्यन कर सकोंगे।
इस पोस्ट में Psychology की अनेक बुक की पीडीऍफ़ उपलब्ध कराई है। इन पुस्तको को पढ़ने के बाद आप मनोविज्ञान के बारे अच्छे से जान पाएंगे और आप किसी भी व्यक्ति के व्यवहार को समझ सकोंगे। मनोविज्ञान की पुस्तके PDF फॉर्मेट में डाउनलोड करने के लिए पोस्ट में दी गयी सारणी में Download लिंक पर क्लिक करें।
Psychology Books in Hindi
PDF Title | Psychology Books in Hindi |
---|---|
Language | Hindi |
Category | Book |
Download Link | Available |
Best Psychology Book in Hindi PDF
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Sr no. | Mentalism Books Pdf in Hindi | Get Link |
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1. | मनोविज्ञान | Download PDF |
2. | आधुनिक मनोविज्ञान | Download PDF |
3. | बाल मनोविज्ञान | Download PDF |
4. | मनोविज्ञान और शिक्षाशास्त्र | Download PDF |
5. | बेहतर जीवन के लिए मनोविज्ञान | Download PDF |
6. | विकासात्मक मनोविज्ञान | Download PDF |
7. | व्यावहारिक मनोविज्ञान | Download PDF |
8. | मनोविज्ञान मीमांसा | Download PDF |
9. | मनोविज्ञान और शिक्षा | Download PDF |
10. | जाति और मनोविज्ञान | Download Pdf |
11. | शिक्षा के मनोवैज्ञानिक आधार | Download PDF |
12. | मनोविज्ञान | Download PDF |
वर्तमान में आज हमारे देश में मनोविज्ञान पढ़ने की रूचि दिनों दिन बढ़ रही है यह हमारे देश के लिए सर्वतोमुखी जागृति का एक मुख्य लक्षण है। हमारे देश के युवा हमारे देश को विकसित देशो के समान बनाने के लिए पूर्ण रूप से प्रयत्नशील है।
मनोविज्ञान से पूर्व हम ज्ञान के बारे में जानते है। ज्ञान सामन्यतः दो प्रकार का होता है। पहला ज्ञान बहरी ज्ञान होता है तथा दूसरा जो हमारे अंतर्मन में निहित होता है। मनुष्य के पूर्ण रूप से विकास के लिए उसे दोनों तरह के ज्ञान की आवश्यकता होती है।
अब यदि बाह्य ज्ञान की बात करे तो पदार्थ-विज्ञान हमे बाह्य ज्ञान का बोध करवाती है, वही दूसरी ओर मनोविज्ञान तथा दर्शन हमे अंतर्मन के ज्ञान का बोध करवाते है।
अक्सर सभी लोगो की रूचि किसी एक ज्ञान में ही निहित नहीं होती होती है अर्थात विभिन्न्न प्रकृति के लोगो की रूचि विभिन्न ज्ञानो में होती है। सामन्यतः बहिर्मुखी व्यक्ति पदार्थ-विज्ञान के ज्ञान में रूचि रखते है तथा अंतर्मुखी व्यक्ति मनोविज्ञान में रूचि रखते है।
मनोविज्ञान के अध्यन से मनुष्य की मानसिक प्रक्रिया के बारे में पता चलता है। इस अध्यन में मनुष्य मानसिक प्रकिया में ज्ञानात्मक, भावात्मक तथा इच्छात्मक अनुभव का अध्ययन किया जाता है।
जीवन के प्रत्येक अनुभव में इन तीनो गुणों का बहुत ही अधिक महत्व है इन तीनो गुणों में इतना गनिष्ठ संबंध है की इन तीनो को अलग नहीं किया जा सकता है।
मनोविज्ञान के बारे में अध्ययन अलग-अलग प्रकार में कर सकते है जैसे बाल मनोविज्ञान में अध्ययन, बेहतर जीवन के लिए मनोविज्ञान का अध्ययन इसी प्रकार आप अपने अनुरूप ही इसके बारे में अनुभव ग्रहण कर सकते हो।
मनोविज्ञान के बारे में अध्ययन करना आसान नहीं होता है क्योकि इसमें उन क्रियाओ के बारे में समझना पढ़ता है, जिन्हे मनुष्य अपने जीवन में करता है।
व्यक्ति उन्ही चीजों को देखता जिसमे उसकी रूचि होती है और उन्हें देखकर अपने मन में अलग-अलग विचार प्रकट करता है इन विचारो से व्यक्ति के मन जो भावात्मक विचार उत्पन होते है उनके बारे में पता चलता है।
व्यक्ति के व्यवहार से उसकी मानसिक प्रक्रिया का प्रकट होता है। हम व्यक्ति के व्यवहार से अनुमान लगा सकते है की व्यक्ति का किसी और ध्यान आकर्षित है और क्या करना चाहता है।
हर व्यक्ति की मानसिक क्रिया अलग-अलग प्रकार की होती है और उनके सोचने की क्षमता भी अलग-अगल होती है जैसे किसी तीन साल के बच्चे में सोचने की क्षमता पांच साल के बच्चे के समान है।
अगर कोई बच्चा तीव्र गति से सोच सकता है तो उसकी यह प्रक्रिया उसके अनुसार चलती रहती है जिससे वह इसका अनुभव भी कर सकता है।
बच्चो में मानसिक विकास की प्रकिया तीव्र गति से होती है इसीलिए इनकी इस विकास की प्रक्रिया को सही रास्ता देने के लिए बाल मनोविज्ञान के अध्ययन किए हुए व्यक्ति की आवश्यकता होती है जो इन बच्चो को सही मार्ग दिखा सके और भविष्य में सफल करा सके।
सामन्यतः मनोविज्ञान हर क्षेत्र में अहम भूमिका निभाता है। इसीलिए आज के इस युग में प्रत्येक शिक्षक को मनोविज्ञान ज्ञान होना अतिआवश्यक है। शिक्षक को बालक के आंतरिक मन को भलीभांति पहचानना आवश्यक है। जिससे उन्हें पता चल सके की बालक को किस प्रकार शिक्षा की आवश्यकता है या वह उन्हें किस प्रकार से समझाने की कोशिश की जाए की वह आसानी से समझ सकें।
मनोविज्ञान हमे यह सिखाता है कि बालक एक कोरी पाटिया नहीं है जिस पर कुछ भी लिख दिया जाए। वंशानुगति के अनुसार बालक जन्म के दौरान कुछ गुणों तथा कुछ अवगुणो के साथ ही इस धरती पर जन्म लेता है।
इस प्रकार बालक की मानसिकता का विकास करने के लिए शिक्षक को उसके दिमाग का मनोवैज्ञानिक रूप से अध्ययन करना आवश्यक है।
Best Psychology Books in Hindi की उपयोगिता
मनोविज्ञान में केवल मानसिक शक्तियों, नैसर्गिक इच्छाओ तथा उनके विकासक्रम का ही विवरण नहीं रहता है, इसके अतिरिक्त सहज व्यवहार के उन परिवर्तनों का भी वर्णन रहता है जो भौतिक या सामाजिक सम्पर्क से व्यक्ति में सामान्यतया पाए जाते है।
संसार में मनुष्य बाल्यावस्था में असाय होता है और इसकी यह प्रक्रिया दीर्घकालीन चलती है। उसका दुसरो के बिना जीवित रहना भी असम्भव होता है।
व्यक्ति आरम्भ में ही अपनी आवश्कताओ के लिए दुसरो पर निर्भर रहता है और उनकी देखभाल में शारीरिक इच्छाओ की ही पूर्ति नहीं की जाती बल्कि नैसर्गिक इच्छाओ के बारे मे भी ध्यान रखा जाता है। स्वाभाव की सफलता के कारण परिवेश के सम्पर्क का प्रभाव बालक पर बहुत गहरा पढता है।
इसलिए बालक की प्रवृति के अनुरूप परिवेश होना आवश्यक है। अनुकूल परिवेश से बालक का मानसिक विकास अच्छे से होता है। इससे बालक में अच्छी आदते देखने को मिलती है।
अगर बालक परिवेश अनुकूल नहीं होगा तो उसके मन में नारात्मक भावना जाग्रत होगी और बालक का व्यवहार भी अलग प्रवृति का देखने को मिलता है।
परिवेश की अनुकूलता के बारे में व्यक्ति जाँच तभी कर सकता है जब उसे मनोविज्ञान का ज्ञान हो या फिर मनोविज्ञान से परिचित हो। इसलिए माता-पिता और एक शिक्षक को मनोविज्ञान के बारे में अध्ययन उत्तम रूप से करना चाहिए और उनके लिए मनोविज्ञान का अध्ययन अतिआवश्यक नहीं है।
जब बच्चे विद्यालय में पढ़ने जाते है तो उन्हें उनके नई-नई वस्तुएँ देखने को मिलती है तो उनके मन में एक नई ऊर्जा जाग्रत होती है इसलिए इस विकास की प्रक्रिया में शिक्षक अहम भूमिका निभाता है।
शिक्षक का यह लक्ष्य होता है की बच्चे में अनेक गुणों को विकसित करे और उन्हें समाज के अनुरूप शिक्षा दे। शिक्षक को केवल बालक को किताबी ज्ञान देना ही नहीं है बल्कि उसे भविष्य के लिए तैयार भी करना है।
अध्यापक इस कार्य को आसनी से पूर्ण तभी करा सकता है जब उन्हें बाल मनोविज्ञान के बारे में अध्ययन किया हुआ हो तथा बालक के विकास क्रम के बारे में बोध हो।
बच्चो का हित उन्ही हाथो में सुरखित रह सकता है, जिन्हे उनकी मानसिक वृति, नेसर्गिग इच्छाओं, भावना तथा उनके विकास क्रम का पूरा ज्ञान हो तथा उनके अंदर बच्चे के प्रति पूरी सहानुभूति हो।
मनोविज्ञान की अलग-अलग विधिया होती है जिसमे से मुख्य विधिया निम्नलिखित है -निरक्षण, प्रक्षिक्षण और अन्तः प्रेक्षण विधि इन विधियों के बारे में व्याख्या पुस्तक में मिल जाएगी।
FAQs : Psychology Book in Hindi PDF
Psychology Book in Hindi PDF Free Download कैसे करें?
यदि आप Psychology पुस्तके PDF फॉर्मेट में Download करना चाहते है तो पोस्ट में दिए गए Download Link पर क्लिक करके आसानी से फ्री में Download कर सकते है।
मनोविज्ञान के 4 मुख्य प्रकार कौन से हैं?
मनोविज्ञान में चार प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं: नैदानिक मनोविज्ञान (मानसिक और व्यवहारिक स्वास्थ्य के लिए परामर्श), संज्ञानात्मक मनोविज्ञान (मानसिक प्रक्रियाओं का अध्ययन), व्यवहारिक मनोविज्ञान (विभिन्न प्रकार की कंडीशनिंग के माध्यम से व्यवहार को समझना), और बायोसाइकोलॉजी (मस्तिष्क, व्यवहार पर शोध) और विकास)।
मनोविज्ञान का मुख्य अध्ययन क्या है?
मनोविज्ञान में मुख्य रूप से मन और व्यवहार का विस्तृत रूप से अध्ययन है।
Conclusion:-
दोस्तों उम्मीद करता हूँ की Psychology Book in Hindi Pdf आसानी से डाउनलोड कर ली होगी और Mentalist Book in Hindi के बारे में अच्छे से समझ में आ गया होगा। अगर Human Psychology in Hindi Book Pdf पोस्ट पसंद आई हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
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