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“मैया करू अम्बे तेरी आरती” माता दुर्गा की वंदना के लिए एक बहुत ही मधुर भक्तिमय भजन है। यदि आप माता दुर्गा के सच्चे भक्त है और सच्चे मन से दुर्गा माता की आरती का पाठ करते है, तो आप पर माता दुर्गा का आशीर्वाद और कृपा बनी रहती है तथा आप सदैव बुरी शक्तियों से सुरक्षित रहते है।
इस पोस्ट में हम आपको माता दुर्गा की आरती Pdf फॉर्मेट में उपलब्ध करवाने जा रहे है, साथ ही आरती की सही विधि के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले है। अतः इस आरती के पाठ के लिए इस पोस्ट को शुरू से लेकर अंत तक ध्यानपूर्वक जरूर पढ़े।
Maiya Karu Ambe Teri Aarti Lyrics in Hindi PDF Details
PDF Title | Maiya Karu Ambe Teri Aarti Lyrics in Hindi |
---|---|
Language | Hindi |
Category | Religion |
Total Pages | 1 |
Pdf Size | 0.3 MB |
Download Link | Available |
O Maiya Hum Sab Utare Teri Aarti Lyrics in Hindi
मैंया करूं दुर्गे तोरी आरती हो मां ।
अरे सब पर रहियो सहाय मैया मोरी ।। 1||
अरे कंचन थाल सजा के रे, दिया कपूर जलाएं ।
पांच फूल की बतियां रे, मैया तोरे दरबार ।। 2||
मैंया करूं दुर्गे तोरी आरती हो मां । अरे सब पर रहियो सहाय मैया मोरी ।।
रे एक हाथ खप्पर लियो रे, दूजे में त्रिशुल ।
तीजे हाथ खाड़ा लिये रे, चौथे में धरे फूल ।। 3
मैंया करूं दुर्गे तोरी आरती हो मां । अरे सब पर रहियो सहाय मैया मोरी ।।
चम्पा-चमेली और केवड़ा रे, रघुवंश गुलाब |
मोंगरन कली छिटकन लगी रे, मैया तोरे दरबार ।।4
मैंया करूं दुर्गे तोरी आरती हो मां । अरे सब पर रहियो सहाय मैया मोरी ।।
दाहिने हाथ हिंगला लियो रे, डेरे में लंगूर ।
मैया तोरी विनती करत हो रे, माफ करियो कसूर ।। 5
मैंया करूं दुर्गे तोरी आरती हो मां । अरे सब पर रहियो सहाय मैया मोरी ।।
चम्पा के फूलत चमेली फूली रे, फूले गेंदा और गुलाब ।
आधी रात के खिल रही रे, मैया तोरे दरबार ।। 6
मैंया करूं दुर्गे तोरी आरती हो मां । अरे सब पर रहियो सहाय मैया मोरी ।।
शुंभ निशुंभ दोई दानव रे, जोधा बलवान ।
तीन भुवन उन जीतो रे, माने न हार ॥ 7
मैंया करूं दुर्गे तोरी आरती हो मां । अरे सब पर रहियो सहाय मैया मोरी ।।
खुली जोत जगतारन रे, सब सुनी है पुकार ।
सकल मनोरथ पूर्ण भयो रे, दुख हुए सब दूर ।। 8
मैंया करूं दुर्गे तोरी आरती हो मां । अरे सब पर रहियो सहाय मैया मोरी ।।
ओ मोरी आदि भवानी रे, रख लइयो मोरी लाज ।
सब मिलकर जस गावें रे, आये तोरे दरबार ।। 9
मैंया करूं दुर्गे तोरी आरती हो मां । अरे सब पर रहियो सहाय मैया मोरी ।।
सुमर-सुमर जस गावें रे, रहे चरण अपार ।
चरण छोड़ कहां जावे रे, आये शरण तुम्हार ।। 10
मैंया करूं दुर्गे तोरी आरती हो मां । अरे सब पर रहियो सहाय मैया मोरी ।।
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Aarti Sangrah Book in Hindi
माता की आरती की सही विधि
हिन्दू धर्म में किसी भी देवी-देवता की पूजा पाठ एक विशेष विधि के द्वारा की जाती है। यदि आप माता के सच्चे भक्त है और माँ की सच्चे मन से वंदना करना चाहते है, तो आपको भी इस विशेष विधि को अवश्य ही अपनाना चाहिए। जिससे माता का आशीर्वाद और कृपा सदैव ही आप पर बनी रहती है।
यदि आप माता की आरती की सही विधि के बारे में पहले से जानते है, तो बहुत ही ख़ुशी की बात है। लेकिन यदि आप नए है और आपने अभी अभी माता की आरधना करना आरम्भ किया है, तो आप माता की आरती की सही विधि के के लिए निम्न बिन्दुओ का अनुसरण करें –
- सबसे पहले प्रातः काल में उठकर स्नान करें।
- साफ सुथरे वस्त्र धारण करें।
- अब माता की प्रतिमा को तस्वीर के रूप में लाल कपड़े पर अपने सामने स्थापित कर दें।
- अब माता को ताजा पुष्प अर्पित करें।
- देवी माँ को प्रसाद का भोग चढ़ाये।
- घी का दीपक प्रज्वलित करें।
- अब आरती स्टैंड के द्वारा माता की आरती के पाठ के साथ आरती प्रारम्भ करें।
- आरती स्टैंड को सदैव ही ॐ के आकार में घुमाये, क्योकि ब्रह्माण्ड की सर्वशक्तियो ॐ शब्द में स्थापित होती है।
- आरती समापन के बाद माता की प्रतिमा को दंडवत प्रणाम करें और अपने जीवन में आने वाले सभी कष्टों को दूर करने के लिए प्रार्थना करें।
- अंत में प्रसाद को लोगो में वितरित कर दे।
FAQs: Aarti Lyrics in Hindi Pdf
आरती कितने प्रकार की होते हैं?
मुख्य रूप से आरती 7 प्रकार की होती है – मंगला आरती, पूजा आरती, श्रृंगार आरती, भोग आरती, धूप आरती, संध्या आरती, शयन आरती।
आरती करने से क्या होता है?
आरती करने से तात्पर्य भगवान की आराधना करना या उन्हें याद करने से है। आरती के माध्यम से कोई भी भक्त भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा पूर्वक सदभावना व्यक्त करता है। मुख्यतः आरती को भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने का बेहतरीन स्त्रोत है।
रोज कौन सी आरती करनी चाहिए?
रोजाना सबसे पहले आप गणेश जी की आरती करने के बाद अपने इष्ट देवता की आरती करें और उसके बाद जिन देवता से आपको सबसे अधिक भक्ति के साथ जुड़ाव हो, उनकी आरती करें।
क्या हम बैठकर आरती कर सकते हैं?
आरती कभी भी बैठकर नहीं करना चाहिए।
Maiya Karu Ambe Teri Aarti Lyrics in Hindi PDF Download कैसे करें?
इस आरती को Pdf के रूप में मुफ्त में Download करने के लिए पोस्ट में दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।
Conclusion:-
इस पोस्ट में Maiya Karu Ambe Teri Aarti Lyrics in Hindi PDF मुफ्त में उपलब्ध करवाई गयी है। साथ ही इस आरती की सही विधि के बारे में जानकारी प्रदान की गयी है। उम्मीद करते है की Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Pdf Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हुई होगी।
यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आयी होगी। यदि आपको Jay Ambe Gauri Lyrics in Hindi Pdf Download करने में कोई समस्या आ रही हो तो कमेंट करके जरूर बताये। साथ ही इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, ताकि वे भी माता की वंदना कर माता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।
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