नमस्कार दोस्तो, आज की इस पोस्ट में हम आपको Ramayana Book PDF का डायरेक्ट डाउनलोड लिंक उपलब्ध करवाने वाले है जिसे आप इस पोस्ट में बिलकुल मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।
अगर आप रामायण बुक की भौतिक प्रति खरीद नहीं सकते है या खरीदना नहीं चाहते है तो आप रामायण की डिजिटल कॉपी अपने मोबाइल में सहेज सकते है और आसानी से रामायण की पूरी बुक पढ़ सकते है।
रामायण काव्य की रचना और इसके रचियता से सम्बंधित जानकारी और रामायण बुक पीडीऍफ़ डाउनलोड करने के लिए इस पोस्ट को शुरू से अंत तक ध्यानपूर्वक पूरा जरूर पढ़े।
Ramayana Book PDF Details
PDF Title | Ramayana Book in Hindi |
PDF Size | N/A |
Category | Religion |
Language | Hindi |
Total Pages | N/A |
Download Link | Available |
Note - Valmiki Ramayana PDF Download करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड लिंक पर क्लिक करे। Download Ramayana PDF from download link given below.
सम्पूर्ण वाल्मीकि रामायण PDF
रामायण प्राचीन भारत का लोकप्रिय महाकाव्य है जिसकी रचना महर्षि वाल्मीकि द्वारा संस्कृत भाषा में की गयी थी और बाद में इन छंदो की व्याख्या तुलसीदास जी ने रामचरित्र मानस के रूप में हिंदी में की थी।
महर्षि वाल्मीकि एक महान संत, कवि, ऋषि और आचार्य थे। रामायण हिन्दू धर्म का प्रसिद्ध महाकाव्य है। इसमें लगभग 24000 श्लोक है।
रामायण महाकाव्य को सात कांडों में विभाजित किया गया है जिसमे लगभग 500 अध्याय शामिल है। रामायण महाकाव्य के सात खंड निम्न्लिखित है। नीचे दिए गए डाउनलोड लिंक की मदद से आप प्रत्येक कांड की पीडीऍफ़ डाउनलोड कर सकते है।
1. वाल्मीकि रामायण बालकाण्ड
रामायण की शुरुआत बालकाण्ड से होती है, इस काण्ड में भगवान राम ने राजा दशरथ के घर पर जन्म लिया और भगवान राम और उनके भाइयो का बचपन किस प्रकार से बिता और किस प्रकार की बचपन में शरारते की इसके बारे में लिखा हुआ है।
2. वाल्मीकि रामायण अयोध्याकाण्ड
इस काण्ड में भगवान राम और उनके भाइयों की बाल कथा के बारे में बताया गया है साथ ही इसमें सीता माता और भगवान राम के विवाह के बारे में लिखा गया है।
3. वाल्मीकि रामायण अरण्यकाण्ड
इस काण्ड में भगवान राम किस प्रकार से 14 वर्षो के लिए वनवास के लिए जाते है और उनके साथ माता सीता व लक्ष्मण जी भी जाते है और वनवास में लंकापति रावण के छल कपट से किस प्रकार सीता का हरन किया गया था इसके बारे में विस्तृत वर्णन किया गया है।
4. वाल्मीकि रामायण किस्किंदकाण्ड
इस काण्ड में भगवान राम के द्वारा सीता का हरण हो जाने के बाद ढूढ़ते हनुमान जी से मिलन और हनुमानजी के द्वारा भगवान राम की सहायता करना व राम के द्वारा बाली का वध करना और सुग्रीव की सेना के द्वारा भगावन राम की सहायता करना बताया है।
5. वाल्मीकि रामायण सुंदरकाण्ड
इस काण्ड में सीता माता की खोज में वानर सेना का लंका की तरफ जाना और हनुमानजी के द्वारा लंका में जाके सीता माता का पता लगाना और यह सुनिश्चित करना की सीता माता लंका में ही है इसके बारे में वर्णन किया है।
6. वाल्मीकि रामायण युद्धकाण्ड
इस काण्ड में भगवान राम के द्वारा लंकापति रावण का वध करना और लंका से सीता माता को छुड़ाना तथा इस समय भगवान राम का वनवास का समय भी पूर्ण हो जाता है। वनवास पूर्ण होने के बाद अयोध्या लौटने के बारे में वर्णन है।
7. वाल्मीकि रामायण उत्तरकाण्ड
यह रामायण का अंतिम काण्ड है इसमें राम, लक्ष्मण और सीता के पुनः अयोध्या लौटने के बारे में विस्तृत वर्णन किया गया है।
रामायण बुक की कहानी | Ramayana Story in Hindi PDF
रामायण में राजा दशरथ के चार पुत्र श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के सम्पूर्ण जीवन की प्रेरणादायी कथाओ को दर्शाया गया है। रामायण में भगवान श्री राम जब 14 साल के वनवास के लिए जाते है और उनके साथ उनकी पत्नी माता सीता व लक्ष्मण भी जाते है।
वनवास के दौरान किस प्रकार से लंकापति रावण के द्वारा सीता का हरण किया, जब सीता का हरण किया था तब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के द्वारा किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा व जब वे सीता को ढूढ़ रहे थे तब महाबली हनुमान और उनकी वानर सेना किस प्रकार से भगवान राम की सहायता की इसके बारे में वर्णन मिलता है।
जब हनुमान जी के द्वारा माता सीता का पता चल गया था तब समुन्द्र के उस पार पर लंका था, तब लंका में जाने के लिए रामसेतु का निर्माण किया गया था।
वानर सेना के द्वारा उस रामसेतु को पार करके जब लंका पहुंचे तो वहा पर लंकापति रावण और भगवान के बिच में युद्ध हुआ था जिसे रामायण का युद्ध भी कहते है।
इस युद्ध में लंकापति रावण के भाई विभीषण ने भगवान राम की सहायता की थी। रावण बहुत ही शक्तिशाली योद्धा था उसे हराना किसी के बस की बात नहीं थी क्योकि उसको अमर रहने का वरदान प्राप्त था लेकिन जब रामायण का युद्ध हो रहा था तब विभीषण के कहने पर जिस प्रकार राम ने रावण का वध किया था उसका वर्णन मिलता है।
रामायण में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के चारित्रिक गुणों और बुराई पर अच्छाई की जीत की विस्तारपूर्वक चर्चा की गयी है।
जब भगवान राम ने लंका पर विजय पाई और माता सीता को अपने साथ लेकर 14 साल के वनवास के बाद फिर से अयोध्या लोटे थे। तब अयोध्या में राम का स्वागत किया गया और कुछ समय के बाद राम के दो पुत्र लव-कुश का जन्म हुआ। रामायण में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के चारित्रिक गुणों और बुराई पर अच्छाई की जीत की वीर गाथा का वर्णन मिलता है।
इस प्रकार यदि हम संक्षेप में इसका सार समझे तो संक्षेप में रामायण-कथा हिन्दू शास्त्रों के अनुसार भगवान राम, विष्णु के मानव अवतार थे। इस अवतार का उद्देश्य मृत्युलोक में मानवजाति को आदर्श जीवन के लिये मार्गदर्शन देना था। अन्ततः श्रीराम ने राक्षसों के राजा रावण का वध किया और धर्म की पुनर्स्थापना की।
रामायण बुक की प्रसिद्धि एवं महत्त्व
रामायण हिन्दू धर्म का सबसे पवित्र ग्रंथ माना जाता है। रामायण की हिन्दू धर्म के सभी लोग मानते है और पहले दूरदर्शन पर रामयण का धारावाहिक आता था जिसे करोडो लोग रोज देखते थे जो की इसकी प्रसिद्धि का पता चलता है।
भारत में अनेक मंदिरो में सुबह और शाम रामायण की चौपाइयां बड़े ही भक्ति भाव से गया जाता है। आपने देखा होगा की विभिन्न अवसरों पर देश भर में रामलीला का मंचन होता है तब इसे हजारो लोगो द्वारा देखा जाता है।
बहुत सारे लोग रामायण का पाठ अपने घरो में करते है। जिससे की घर में सुख और शांति बनी रहती है। देश भर में रामनवमी के दिन अनेक कार्यकर्म आयोजित किय जाते है क्योकि इस दिन भगवान श्री राम का जन्म हुआ था पुरे देश में इस दिन को बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है।
जब भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास से अयोध्या लोटे थे तब अयोध्या में घी के दीपक जलाये थे तब से आज दिन तक उस दिन दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है।
इस पवित्र ग्रंथ में भारतीय इतिहास, धर्म, राजनीति, संस्कृति और मानवीयता के बहुत सारे सिद्धांत और उपदेश दिए गए हैं। यह भारतीय साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान बना चूका है। रामायण का प्रचार भारत में ही नहीं बल्कि विभिन्न राष्ट्रों में हुआ है।
FAQ: Full Ramayan Download in Hindi
Ramayana PDF in Hindi Download कैसे करे?
इस पोस्ट में दिए गए डाउनलोड लिंक की मदद से आप सम्पूर्ण वाल्मीकि रामायण को अपने डिवाइस में पीडीऍफ़ प्रारूप में डाउनलोड कर सकते है।
असली रामायण कौन सी है?
महर्षि वाल्मीकि के द्वारा श्लोकबद्ध भगवान श्री राम की कथा को वाल्मीकि रामायण के नाम से जाना जाता है। भगवान राम पर लिखे गए हैं सबसे ज्यादा ग्रंथ : रामायण को वाल्मीकि ने श्रीराम के काल में ही लिखा था इसीलिए इस ग्रंथ को सबसे प्रामाणिक ग्रंथ माना जाता है।
राम भगवान असली में कैसे दिखते थे?
महर्षि वाल्मीकि ने रामायण में बताया है कि, भगवान श्री राम का चेहरा एकदम चंद्रमा की तरह चमकीला, सौम्य, कोमल और सुंदर था। उनकी आंखे कमल की भांति खबसूरत और बड़ी थी। उनकी नाक उनके चेहरे की तरह ही लंबी और सुडौल थी। उनके होठों का रंग सूर्य के रंग की तरह लाल था और उनके दोनों होठ समान थे।
Conclusion:-
इस प्रकार दोस्तों अब आपको वाल्मीकि रामायण की जानकारी अच्छे से प्राप्त हो गयी होगी और सम्पूर्ण वाल्मीकि रामायण बुक पीडीऍफ़ भी आसानी से उपलब्ध हो गयी होगी।
अगर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आयी है तो इसे अन्य लोगो के साथ सोशल मीडिया पर अवश्य शेयर करे साथ ही अगर आपको हमारी इस पोस्ट में उपलबध Ramayana Book PDF Download करने में कोई भी समस्या आ रही है तो हमे कमेंट करके जरूर बताये।
Download More PDFs:-