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यदि आप शनिदेव की सच्चे मन से पूजा अर्चना करते है, तो आपको शनिदेव की आरती की समाप्ति के बाद चालीसा का पाठ अवश्य ही करना चाहिए। जिससे शनि देव आपके जीवन में आने वाली समस्याओ और कष्टों को दूर करते है और उनकी विशेष कृपा आप पर बनी रहती है।
Shani Chalisa in Hindi PDF Details
Pdf Title | Shani Chalisa In Hindi |
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Language | Hindi |
Category | Religion |
Total Pages | 3 |
Pdf Size | 215 KB |
Download Link | Available |
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शनि चालीसा लिरिक्स | Shani Chalisa Lyrics In Hindi
॥ दोहा ॥
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल ।
दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल ॥
जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज ।
करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज ॥
॥ चौपाई ॥
जयति जयति शनिदेव दयाला ।
करत सदा भक्तन प्रतिपाला ॥
चारि भुजा, तनु श्याम विराजै ।
माथे रतन मुकुट छबि छाजै ॥
परम विशाल मनोहर भाला ।
टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला ॥
कुण्डल श्रवण चमाचम चमके ।
हिय माल मुक्तन मणि दमके ॥
कर में गदा त्रिशूल कुठारा ।
पल बिच करैं अरिहिं संहारा ॥
पिंगल, कृष्णों, छाया नन्दन ।
यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन ॥
सौरी, मन्द, शनी, दश नामा ।
भानु पुत्र पूजहिं सब कामा ॥
जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं ।
रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं ॥
पर्वतहू तृण होई निहारत ।
तृणहू को पर्वत करि डारत ॥
राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो ।
कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो ॥
बनहूँ में मृग कपट दिखाई ।
मातु जानकी गई चुराई ॥
लखनहिं शक्ति विकल करिडारा ।
मचिगा दल में हाहाकारा ॥
रावण की गतिमति बौराई ।
रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई ॥
दियो कीट करि कंचन लंका ।
बजि बजरंग बीर की डंका ॥
नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा ।
चित्र मयूर निगलि गै हारा ॥
हार नौलखा लाग्यो चोरी ।
हाथ पैर डरवाय तोरी ॥
भारी दशा निकृष्ट दिखायो ।
तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो ॥
विनय राग दीपक महं कीन्हयों ।
तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों ॥
हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी ।
आपहुं भरे डोम घर पानी ॥
तैसे नल पर दशा सिरानी ।
भूंजीमीन कूद गई पानी ॥
श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई ।
पारवती को सती कराई ॥
तनिक विलोकत ही करि रीसा ।
नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा ॥
पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी ।
बची द्रौपदी होति उघारी ॥
कौरव के भी गति मति मारयो ।
युद्ध महाभारत करि डारयो ॥
रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला ।
लेकर कूदि परयो पाताला ॥
शेष देवलखि विनती लाई ।
रवि को मुख ते दियो छुड़ाई ॥
वाहन प्रभु के सात सजाना ।
जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना ॥
जम्बुक सिंह आदि नख धारी ।
सो फल ज्योतिष कहत पुकारी ॥
गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं ।
हय ते सुख सम्पति उपजावैं ॥
गर्दभ हानि करै बहु काजा ।
गर्दभ सिद्धकर राज समाजा ॥
जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै ।
मृग दे कष्ट प्राण संहारै ॥
जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी ।
चोरी आदि होय डर भारी ॥
तैसहि चारि चरण यह नामा ।
स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा ॥
लौह चरण पर जब प्रभु आवैं ।
धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं ॥
समता ताम्र रजत शुभकारी ।
स्वर्ण सर्व सर्व सुख मंगल भारी ॥
जो यह शनि चरित्र नित गावै ।
कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै ॥
अद्भुत नाथ दिखावैं लीला ।
करैं शत्रु के नशि बलि ढीला ॥
जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई ।
विधिवत शनि ग्रह शांति कराई ॥
पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत ।
दीप दान दै बहु सुख पावत ॥
कहत राम सुन्दर प्रभु दासा ।
शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा ॥
॥ दोहा ॥
पाठ शनिश्चर देव को, की हों विमल तैयार ।
करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार ॥
Shani Chalisa in Hindi PDF
इस Pdf के अंतर्गत आपको सम्पूर्ण रूप से शनि चालीसा को उपलब्ध करवाया गया है। यदि आप शनि देव के सच्चे है और आप प्रत्येक शनिवार के दिन शनि देव की उपासना करने के लिए पूजा आरती करते है, तो आपको साथ में शनि चालीसा का पाठ अवश्य ही करना चाहिए। यदि आपको यह चालीसा यद् नहीं है, तो यह pdf आपके लिए काफी मददगार साबित होगी।
यदि आप इस PDF को डाउनलोड करते है, तो आपको इसे बार-बार इंटरनेट पर सर्च करने की समस्या नहीं रहती है। साथ ही इस Pdf को आप अपने मोबाइल या लैपटॉप के किसी भी डिवाइस में आसानी से सेव कर इसे सुरक्षित रख सकते है। इसके अतिरिक्त इसे आपको बुक की तरह साथ में संभालने की जरूरत नहीं होती है।
शनि चालीसा में कुल चालीस चौपाइयां होने के कारण इसे चालीसा कहा गया है। शनि चालीसा का प्रत्येक दोहा शनिदेव की महिमा का गुणगान और भक्तो को आशीर्वाद प्रदान करता है। यदि आपकी जन्म कुंडली में शनि का प्रकोप है,तो आप शनि देव की चालीसा के पाठ से शनि को प्रसन्न कर सकते है।
शनि देव को तेल चढ़ाने का क्या कारण है
क्या आप जानते है, की भगवान शनि को तेल क्यों चढ़ाया जाता है। ऐसा माना जाता है की यदि कोई भक्त शनि देव को तेल चढ़ाता है, तो शनिदेव उसके जीवन में आने वाले सभी प्रकार कष्टों का निवारण करते है।
पौराणिक रामायण कथा के अनुसार जब हनुमानजी माता सीता की खोज में लंका गये थे, उस दौरान उन्होंने एक अँधेरी काल कोटरी अर्थात बंदी गृह में शनिदेवता को बंदी बने हुए देखा। जिन्हे रावण ने बंदी बनाकर रखा था। शनि देव ने रावण के कारागृह से मुक्ति दिलाने के लिए हनुमानजी से प्रार्थना की।
तब हनुमानजी ने रावण की विशाल महल पर पैरा देते सैनिको को ध्यान में रखते हुए शनि देव को लंका से उछाल दिया। हनुमानजी के दवरा शनिदेव को लंका से उछालने पर शनिदेव जहा पर गिरे, जिसके कारण उन्हें बहुत सारी चोटे आयी। हनुमानजी ने शनिदेव के चोट के दर्द को कम करने के लिए उन सम्पूर्ण शरीर की सरसों के तेल की मालिश की। उसी दिन से शनिदेव को सरसो का तेल चढ़ाया जाता है।
शनि चालीसा के पाठ से होने वाले लाभ
यदि आप शनि देव की सच्चे मन से आराधना करते है, तो आपको बहुत सारे लाभ मिलते है, जो की निम्न है –
- शनिवार के दिन यदि आप शनि देव की आरती के समाप्ति के बाद शनि चालीसा का पाठ करते है, तो आपके जीवन में आने वाले सभी संकट दूर हो जाते है।
- आपके जन्मकुंडली में शनि का प्रकोप कम होता है।
- आप शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते है और आपकी काया निरोगी बनी रहती है।
- आपके जीवन में आने वाली कठिनाईयों का सामना करने के लिए हिम्मत मिलती है और आप अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते है।
- आपके आंतरिक मन में समाहित नकारात्मक विचारो का नाश होता है।
- आप सदैव भुत-प्रेतों जैसी बुरी शक्तियों से सुरक्षित रहते है।
- भगवान शनि आपकी हर मनोकामना पूर्ण करते है।
- आपके जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है।
- भगवान शनि की सच्चे मन से उपासना करने से आपके सभी दुख दूर हो जाते है और आप पर भगवांन शनि की विशेष कृपा बनी रहती है।
FAQ: शनि चालीसा PDF
Shani Chalisa In Hindi Pdf को फ्री में कैसे डाउनलोड करें?
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Conclusion :-
हमारे द्वारा आपको इस पोस्ट में Shani Chalisa In Hindi PDF को फ्री में उपलब्ध करवाया गया। साथ ही कुछ रोचक तथ्य और शनि चालीसा से होने वाले लाभ के बारे में जानकारी प्रदान की। उम्मीद करते है की Shani Chalisa Lyrics in Hindi PDF को डाउनलोड करने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं रही होगी।
दोस्तों हम आशा करते है की यह पोस्ट आपको अवश्य ही पसंद आयी होगी। यदि आपको Shani Chalisa Lyrics PDF से समन्धित कोई डाउट हो तो कमेंट करके जरूर बताये।
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