दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम आपको Navratri Aarti PDF निःशुल्क रूप से उपलब्ध करवाने जा रहे है, जिसे आप पोस्ट में दिए गए Download Link पर क्लिक करके आसानी से फ्री में Download कर सकते है।
नवरात्री हिन्दू धर्म का सबसे पावन पर्व माना जाता है, जिसे सम्पूर्ण भारतवर्ष में हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाता है। नवरात्रि में माता दुर्गा के अलग-अलग रूपों की नौ दिन तक पूजा की जाती है।
उनमें पहला शैलपुत्री, दूसरा ब्रह्मचारिणी, तीसरा चंद्रघंटा, चौथा कूष्मांडा, पांचवां स्कंदमाता, छठा कात्यायनी, सातवां कालरात्रि, आठवां महागौरी और नौवां सिद्धिदात्री की पूजन की जाती है।
यदि आप भी माता दुर्गा के इन नौ रूपों के दर्शन तथा माँ दुर्गा की सच्चे मन से आरधना करना चाहते है तो इस पोस्ट में दी गयी आरती का पाठ अवश्य करे। जिससे माता दुर्गा का विशेष आशीर्वाद और कृपा आप पर सदैव बनी रहे।
Navratri Aarti PDF Details
PDF Title | Navratri Aarti PDF |
---|---|
Language | Hindi |
Category | Religion |
PDF Size | 356 KB |
Total Pages | 6 |
Download Link | Available |
NOTE - यदि आप माता दुर्गा की आरधना के लिए Navratri Aarti PDF Free Download करना चाहते है तो नीचे दिए गए Download बटन पर क्लिक करें।
Navratri Aarti Lyrics in Hindi
जय अम्बे गौरी,मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत,हरि ब्रह्मा शिवरी॥
जय अम्बे गौरी
माँग सिन्दूर विराजत,टीको मृगमद को।
उज्जवल से दोउ नैना,चन्द्रवदन नीको॥
जय अम्बे गौरी
कनक समान कलेवर,रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला,कण्ठन पर साजै॥
जय अम्बे गौरी
केहरि वाहन राजत,खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर-मुनि-जन सेवत,तिनके दुखहारी॥
जय अम्बे गौरी
कानन कुण्डल शोभित,नासाग्रे मोती।
कोटिक चन्द्र दिवाकर,सम राजत ज्योति॥
जय अम्बे गौरी
शुम्भ-निशुम्भ बिदारे,महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना,निशिदिन मदमाती॥
जय अम्बे गौरी
चण्ड-मुण्ड संहारे,शोणित बीज हरे।
मधु-कैटभ दोउ मारे,सुर भयहीन करे॥
जय अम्बे गौरी
ब्रहमाणी रुद्राणीतुम कमला रानी।
आगम-निगम-बखानी,तुम शिव पटरानी॥
जय अम्बे गौरी
चौंसठ योगिनी मंगल गावत,नृत्य करत भैरूँ।
बाजत ताल मृदंगा,अरु बाजत डमरु॥
जय अम्बे गौरी
तुम ही जग की माता,तुम ही हो भरता।
भक्तन की दु:ख हरता,सुख सम्पत्ति करता॥
जय अम्बे गौरी
भुजा चार अति शोभित,वर-मुद्रा धारी।
मनवान्छित फल पावत,सेवत नर-नारी॥
जय अम्बे गौरी
कन्चन थाल विराजत,अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत,कोटि रतन ज्योति॥
जय अम्बे गौरी
श्री अम्बेजी की आरती,जो कोई नर गावै।
कहत शिवानन्द स्वामी,सुख सम्पत्ति पावै॥
जय अम्बे गौरी
अम्बे तू है जगदम्बे काली आरती PDF
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली l
तेरे ही गुण गायें भारती,
ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ll
तेरे भक्त जनों पे माता, भीर पड़ी है भारी l
दानव दल पर टूट पडो माँ, करके सिंह सवारी ll
सौ सौ सिंहों से तु बलशाली, दस भुजाओं वाली l
दुखिंयों के दुखडें निवारती,
ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ll
माँ बेटे का है इस जग में, बडा ही निर्मल नाता l
पूत कपूत सूने हैं पर, माता ना सुनी कुमाता ll
सब पर करुणा दरसाने वाली, अमृत बरसाने वाली l
दुखियों के दुखडे निवारती,
ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ll
नहीं मांगते धन और दौलत, न चाँदी न सोना l
हम तो मांगे माँ तेरे मन में, इक छोटा सा कोना ll
सबकी बिगडी बनाने वाली, लाज बचाने वाली l
सतियों के सत को संवारती,
ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ll
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली l
तेरे ही गुण गायें भारती,
ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ll
नवरात्रि स्थापना कब शुरू होगी
हिंदू पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होते हैं और नवमी तिथि को समापन होता है। इस साल नवमी तिथि 23 अक्टूबर को है। ऐसे में शारदीय नवरात्रि 15-23 अक्टूबर तक रहेंगे और 24 अक्टूबर 2023, बुधवार को विजयदशमी या दशहरा का पर्व मनाया जाएगा।
नवरात्रि में पूजा कैसे करें
- नवरात्रि में माँ दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा करने के लिए पहले स्नान करके पूजा स्थल को गंगा जल के छींटे से पवित्र करे।
- इसके बाद पूजा स्थल पर चौकी रखे तथा उस पर लाल कपड़ा बिछा ले।
- अब आपके द्वारा बिछाये गए लाल कपडे पर भगवती देवी की प्रतिमा स्थापित करे।
- प्रतिमा के सामने एक जल का कलश रखे, क्योकि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कलश को नौ देवियो का रूप माना जाता है।
- अब घी का एक अखंड दीपक प्रतिमा के दायी ओर प्रज्वलित करें और याद रहे है कि यह अखंड दीपक नौ दिन तक बुझना नहीं चाहिए।
- इसके बाद साफ आसन पर आसन ग्रहण करें।
- साथ ही अपने आप को टिका लगाये और अपने परिवार वालो को टिका लगाए।
- याद रहे माता रानी को खट्टे फल कभी न चढ़ाये, क्योकि इन्हे अशुभ माना जाता है।
- अब माता दुर्गा की आरती का पाठ आरम्भ करें।
- पाठ समाप्ति के बाद माता रानी से हाथ जोड़कर पूजा विधि में हुई किसी भी प्रकार की त्रुटि के लिए क्षमा मांगे तथा अपने जीवन में आने वाले कष्टों को दूर करने के लिए हाथ जोड़कर प्रार्थना करें।
प्रियजनों के लिए Navratri Wishes in Hindi
कई लोग अपने प्रियजन को अलग-अलग प्रकार से नवरात्री के पावन पर्व की बधाइयाँ देते है, यदि आप भी अपने प्रियजनों को नवरात्रि की सबसे आकर्षक बधाई देना चाहते है तो नीचे दी गई पंक्तियों का उपयोग कर सकते है-
1 . सर्व मंगल मांगल्ये,
शिवे सर्वार्थ साधिके,
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते ।
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं !
2. लाल रंग की चुनरी से सजा है माता रानी तेरा दरबार
तेरे आने से मन हुआ खुश और जगमगाया सारा संसार
शरद नवरात्रि मां आए आपके द्वार
भर के झोली मांग लो मां से आज
हैप्पी नवरात्रि
3. मां का था इंतजार, मां दर्शन देने आ गई,
जिसका था इंतजार वो घड़ी आ गई
होकर सिंह पर सवार मां शेरावाली आ गई
करना मुरादें पूरी, कष्ट हरना मां, यही है मेरी पुकार
हैप्पी नवरात्रि
FAQs: Navratri Aarti in Hindi
Navratri Aarti PDF Free Download कैसे करें?
यदि आप माता दुर्गा के अलग-अलग रूपों की आरधना करने के लिए आरती पाठ PDF फॉर्मेट में प्राप्त करना चाहते है तो पोस्ट में दिए गए Download बटन पर क्लिक करके आसानी से डाउनलोड कर सकते है।
नवरात्रि के 9 दिन क्या चढ़ाएं?
नौवां दिन मां सिद्धिदात्री- नवरात्रि के नौवां दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा का विधान होता है। इस दिन देवी सिद्धिदात्री को हलवा-पूड़ी और खीर का भोग लगा कर कन्या पूजन करना चाहिए।
नवरात्रि में कितने व्रत रखने चाहिए?
यदि आप माता के सच्चे भक्त है और श्रद्धा पूर्वक इनके उपवास रखना चाहते है तो आपका नवरात्रि का व्रत तभी सफल होता है, जब आप विधि-विधान से नियमों का पालन करते हैं. नवरात्रि में 9 दिनों का व्रत रखने की मान्यता है .
Conclusion:-
इस पोस्ट में Navratri Aarti PDF मुफ्त में उपलब्ध करवाई गयी है। साथ ही नवरात्रि की स्थापना तथा पूजा विधि के बारे में जाकारी दी गयी है। उम्मीद करते है कि Navratri Aarti Marathi PDF Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हुई होगी।
यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आयी होगी। यदि आपको Navratri Aarti Chi Aarti in Marathi PDF Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही हो तो कमेंट करके जरूर बताये। साथ ही इस पोस्ट को अपने दोस्तो के साथ जरूर साझा करें।
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