Durga Kavach PDF Download Free | दुर्गा देवी कवच पाठ

दोस्तों यदि आप देवी दुर्गा की आरधना के लिए दुर्गा कवच का पाठ करना चाहते है तो यह पोस्ट आपके लिए खास होने वाली है। आज की इस पोस्ट हम आपको Durga Kavach PDF मुफ्त में उपलब्ध करवाने जा रहे है, जिसे आप पोस्ट में दिए गए Download Link की सहायता से आसानी से फ्री में Download कर सकते है।

यदि आप माता दुर्गा के सच्चे भक्त है तो आपको इस कवच का पाठ अवश्य ही करना चाहिए। इस कवच के अंतर्गत देवी पार्वती के अलग-अलग रूपों की प्रशंशा की गयी है। देवी कवच का उपदेश ब्रह्मा जी ने श्री मार्कण्डेय ऋषि को दिया था। इस कवच में अपूर्ण शक्ति निहित है। इस कवच में देवी के अलग-अलग नामो और उनकी शक्तियों का उल्लेख किया गया है।

इसके पाठ से आपके जीवन में सभी प्रकार की दरिद्रता दूर होती है और देवी दुर्गा का विशेष आशीर्वाद आप पर सदेव बनाात रहता है और देवी माँ आपकी हर मनोकामना पूर्ण करती है।

इस पोस्ट में हम आपको दुर्गा कवच पाठ को PDF फॉर्मेट में उपलब्ध करवाने जा रहे है, साथ ही इस कवच के पाठ से होने वाले लाभ तथा इसके पाठ की सही विधि के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले है। यदि आप दुर्गा कवच से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त करना चाहते है और इसका पाठ करना चाहते है तो इस पोस्ट को शुरू से लेकर अंत तक जरूर पढ़े।

Durga Kavach PDF Details

PDF Title Durga Kavach PDF
Language Hindi
Category Religion
PDF Size 9 MB
Total Pages 12
Download Link Available
PDF Source Pdfhindi.com
Note - यदि आप Durga Kavach PDF मुफ्त में Download करना चाहते है तो निचे दिए गए Download बटन पर क्लिक करे। 

Durga Kavach in Hindi | दुर्गा कवच पाठ

ऋषि मार्कंड़य ने पूछा जभी !
दया करके ब्रह्माजी बोले तभी !!
के जो गुप्त मंत्र है संसार में !
हैं सब शक्तियां जिसके अधिकार में !!
हर इक का कर सकता जो उपकार है !
जिसे जपने से बेडा ही पार है !!
पवित्र कवच दुर्गा बलशाली का !
जो हर काम पूरे करे सवाल का !!
सुनो मार्कंड़य मैं समझाता हूँ !
मैं नवदुर्गा के नाम बतलाता हूँ !!
कवच की मैं सुन्दर चोपाई बना !
जो अत्यंत हैं गुप्त देयुं बता !!
नव दुर्गा का कवच यह, पढे जो मन चित लाये !
उस पे किसी प्रकार का, कभी कष्ट न आये !!
कहो जय जय जय महारानी की !
जय दुर्गा अष्ट भवानी की !!
पहली शैलपुत्री कहलावे !
दूसरी ब्रह्मचरिणी मन भावे !!
तीसरी चंद्रघंटा शुभ नाम !
चौथी कुश्मांड़ा सुखधाम !!
पांचवी देवी अस्कंद माता !
छटी कात्यायनी विख्याता !!
सातवी कालरात्रि महामाया !
आठवी महागौरी जग जाया !!
नौवी सिद्धिरात्रि जग जाने !
नव दुर्गा के नाम बखाने !!
महासंकट में बन में रण में !
रुप होई उपजे निज तन में !!
महाविपत्ति में व्योवहार में !
मान चाहे जो राज दरबार में !!
शक्ति कवच को सुने सुनाये !
मन कामना सिद्धी नर पाए !!
चामुंडा है प्रेत पर, वैष्णवी गरुड़ सवार !
बैल चढी महेश्वरी, हाथ लिए हथियार !!
कहो जय जय जय महारानी की !
जय दुर्गा अष्ट भवानी की !!
हंस सवारी वारही की !
मोर चढी दुर्गा कुमारी !!
लक्ष्मी देवी कमल असीना !
ब्रह्मी हंस चढी ले वीणा !!
ईश्वरी सदा बैल सवारी !
भक्तन की करती रखवारी !!
शंख चक्र शक्ति त्रिशुला !
हल मूसल कर कमल के फ़ूला !!
दैत्य नाश करने के कारन !
रुप अनेक किन्हें धारण !!
बार बार मैं सीस नवाऊं !
जगदम्बे के गुण को गाऊँ !!
कष्ट निवारण बलशाली माँ !
दुष्ट संहारण महाकाली माँ !!
कोटी कोटी माता प्रणाम !
पूरण की जो मेरे काम !!
दया करो बलशालिनी, दास के कष्ट मिटाओ !
चमन की रक्षा को सदा, सिंह चढी माँ आओ !!
कहो जय जय जय महारानी की !
जय दुर्गा अष्ट भवानी की !!
अग्नि से अग्नि देवता !
पूरब दिशा में येंदरी !!
दक्षिण में वाराही मेरी !
नैविधी में खडग धारिणी !!
वायु से माँ मृग वाहिनी !
पश्चिम में देवी वारुणी !!
उत्तर में माँ कौमारी जी!
ईशान में शूल धारिणी !!
ब्रहामानी माता अर्श पर !
माँ वैष्णवी इस फर्श पर !!
चामुंडा दसों दिशाओं में, हर कष्ट तुम मेरा हरो !
संसार में माता मेरी, रक्षा करो रक्षा करो !!
सन्मुख मेरे देवी जया !
पाछे हो माता विजैया !!
अजीता खड़ी बाएं मेरे !
अपराजिता दायें मेरे !!
नवज्योतिनी माँ शिवांगी !
माँ उमा देवी सिर की ही !!
मालाधारी ललाट की, और भ्रुकुटी कि यशर्वथिनी !
भ्रुकुटी के मध्य त्रेनेत्रायम् घंटा दोनो नासिका !!
काली कपोलों की कर्ण, मूलों की माता शंकरी !
नासिका में अंश अपना, माँ सुगंधा तुम धरो !!
संसार में माता मेरी, रक्षा करो रक्षा करो !!
ऊपर वाणी के होठों की !
माँ चन्द्रकी अमृत करी !!
जीभा की माता सरस्वती !
दांतों की कुमारी सती !!
इस कठ की माँ चंदिका !
और चित्रघंटा घंटी की !!
कामाक्षी माँ ढ़ोढ़ी की !
माँ मंगला इस बनी की !!
ग्रीवा की भद्रकाली माँ !
रक्षा करे बलशाली माँ !!
दोनो भुजाओं की मेरे, रक्षा करे धनु धारनी !
दो हाथों के सब अंगों की, रक्षा करे जग तारनी !!
शुलेश्वरी, कुलेश्वरी, महादेवी शोक विनाशानी !
जंघा स्तनों और कन्धों की, रक्षा करे जग वासिनी !!
हृदय उदार और नाभि की, कटी भाग के सब अंग की !
गुम्हेश्वरी माँ पूतना, जग जननी श्यामा रंग की !!
घुटनों जन्घाओं की करे, रक्षा वो विंध्यवासिनी !
टकखनों व पावों की करे, रक्षा वो शिव की दासनी !!
रक्त मांस और हड्डियों से, जो बना शरीर !
आतों और पित वात में, भरा अग्न और नीर !!
बल बुद्धि अंहकार और, प्राण ओ पाप समान !
सत रज तम के गुणों में, फँसी है यह जान !!
धार अनेकों रुप ही, रक्षा करियो आन !
तेरी कृपा से ही माँ, चमन का है कल्याण !!
आयु यश और कीर्ति धन, सम्पति परिवार !
ब्रह्मणी और लक्ष्मी, पार्वती जग तार !!
विद्या दे माँ सरस्वती, सब सुखों की मूल !
दुष्टों से रक्षा करो, हाथ लिए त्रिशूल !!
भैरवी मेरी भार्या की, रक्षा करो हमेश !
मान राज दरबार में, देवें सदा नरेश !!
यात्रा में दुःख कोई न, मेरे सिर पर आये !
कवच तुम्हारा हर जगह, मेरी करे सहाए !!
है जग जननी कर दया, इतना दो वरदान !
लिखा तुम्हारा कवच यह, पढे जो निश्चय मान !!
मन वांछित फल पाए वो, मंगल मोड़ बसाए !
कवच तुम्हारा पढ़ते ही, नवनिधि घर मे आये !!
ब्रह्माजी बोले सुनो मार्कंड़य !
यह दुर्गा कवच मैंने तुमको सुनाया !!
रहा आज तक था गुप्त भेद सारा !
जगत की भलाई को मैंने बताया !!
सभी शक्तियां जग की करके एकत्रित !
है मिट्टी की देह को इसे जो पहनाया !!
चमन जिसने श्रद्धा से इसको पढ़ा जो !
सुना तो भी मुह माँगा वरदान पाया !!
जो संसार में अपने मंगल को चाहे !
तो हरदम कवच यही गाता चला जा !!
बियाबान जंगल दिशाओं दशों में !
तू शक्ति की जय जय मनाता चला जा !!
तू जल में तू थल में तू अग्नि पवन में !
कवच पहन कर मुस्कुराता चला जा !!
निडर हो विचर मन जहाँ तेरा चाहे !
चमन पाव आगे बढ़ता चला जा !!
तेरा मान धन धान्य इससे बढेगा !
तू श्रद्धा से दुर्गा कवच को जो गाए !!
यही मंत्र यन्त्र यही तंत्र तेरा !
यही तेरे सिर से हर संकट हटायें !!
यही भूत और प्रेत के भय का नाशक !
यही कवच श्रद्धा व भक्ति बढ़ाये !!
इसे निसदिन श्रद्धा से पढ़ कर !
जो चाहे तो मुह माँगा वरदान पाए !!
इस स्तुति के पाठ से पहले कवच पढे !
कृपा से आधी भवानी की, बल और बुद्धि बढे !!
श्रद्धा से जपता रहे, जगदम्बे का नाम !
सुख भोगे संसार में, अंत मुक्ति सुखधाम !!
कृपा करो मातेश्वरी, बालक चमन नादाँ !
तेरे दर पर आ गिरा, करो मैया कल्याण !!
!! जय माता दी !!

दुर्गा कवच के पाठ से होने वाले लाभ

  • दुर्गा कवच को संसार के सभी कवच में से उत्तम माना गया है। यह कवच आपको सुरक्षा प्रदान करता है।
  • इस कवच के पाठ से व्यक्ति अकाल मृत्यु, मुकदमे अदि बाधाओं से बच्चा रहता है।
  • इस कवच के पाठ से आपको आपकी मनचाही वस्तु प्राप्त हो सकती है।
  • यह कवच हमे साहस और हिम्मत प्रदान करता है तथा दुष्टों से हमारी रक्षा करता है।
  • यह कवच आपकी नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है।
  • दुर्गा कवच व्यक्ति की तांत्रिक शक्तियों से रक्षा करता है।
  • इस कवच के पाठ से व्यक्ति के जीवन में चल रहे सभी रोग धीरे-धीरे दूर होने लगते है।
  • आपकी सोच सकारात्मक होने लगती है और आप अपने जीवन में उन्निति के पथ की ओर अग्रसर होते है।
  • यह हमारे बाहरी और आंतरिक अंगो की सदैव रक्षा करता है।
  • ऐसी मान्यता है कि जो भक्त इस कवच का सच्चे मन से पाठ करता है वह दुनिया में पायी जाने वाली हर प्रकार की बुराई से सुरक्षित और मुक्त रहता है।
  • यदि आप नवरात्रि के समय इस मन्त्र का पाठ करते है तो यह अतिशुभ माना जाता है, और आपको देवी माँ का विशेष आशीर्वाद प्रदान होता है।

दुर्गा कवच के पाठ की सही विधि

  • रोज सुबह और मध्यरात्रि के समय इस कवच का पाठ करे, जिससे आपको अवश्य ही लाभ प्राप्त होगा।
  • देवी के समक्ष घी का एक दीपक प्रज्वलित करे।
  • सामने एक जल का पात्र भी रखे।
  • अब दुर्गा कवच का पाठ आरम्भ करें।
  • पाठ के थोड़ी देर बाद (10 से 15 मिनिट बाद) सामने रखे जल को अपने ऊपर छिड़क ले।
  • इसके अतिरिक्त यदि आपके शरीर के किसी विशेष हिस्से में समस्या है तो उस हिस्से पर जल लगाए।
  • ऐसा माना जाता है किइसको भोजपत्र पर लिखकर गले में धारण करना अमोघ होता है।
  • इसका प्रयोग करने वाले व्यक्ति को सात्विक रहना आवश्यक है अर्थात इसके मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।

FAQs:- Durga Kavach PDF

Durga Kavach PDF मुफ्त में कैसे Download करे?

यदि आप दुर्गा कवच Pdf फॉर्मेट में डाउनलोड करना चाहते है तो पोस्ट में दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके आसानी से फ्री में डाउनलोड कर सकते है।

दुर्गा कवच कितना शक्तिशाली है?

दुर्गा कवच संसार के सभी कवचो में से एक प्रमुख शक्तिशाली स्तोत्र है। इस कवच के पाठ से व्यक्ति अकाल मृत्यु, तंत्र-मन्त्र की शक्तिया, मुकदमे आदि प्रकार की समस्याओ से सुरक्षित रहता है। साथ ही इस शक्तिशाली कवच के पाठ से आपके आंतरिक मन में नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और आप सकारात्मकता के पथ की ओर अग्रसर होते है।

Conclusion :-

इस पोस्ट में Durga Kavach PDF मुफ्त में उपलब्ध करवाई गयी है, साथ ही इस कवच के पाठ से होने वाले लाभ और इसके पाठ की सही विधि के बारे में जानकारी प्रदान की गयी है। उम्मीद करते है कि Durga Devi Kavch PDF Hindi Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हुई होगी।

यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आयी होगी। यदि आपको Durga Kavch PDF in Hindi Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही हो तो कमेंट करके जरूर बताये। साथ ही इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।

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