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यदि आप दुर्गा माता के सच्चे भक्त है, तो आपको देवी की आराधना करने के लिए दुर्गा माता की आरती अवश्य ही करनी चाहिए। जिससे देवी माँ आपके जीवन में आने वाले सभी कष्ट दूर करती है और आपको आशीर्वाद प्रदान करती है। ऐसा माना जाता है की देवी की नवरात्री में पूजा अर्चना करना काफी शुभ और मंगलकारी है।
इस पोस्ट में उपलब्ध PDF की सहायता से आप माता दुर्गा की आरती का पाठ कर सकते है और नवरात्रि में माँ को प्रसन्न कर उनकी विशेष कृपा प्राप्त कर सकते है, जिसके लिए इस पोस्ट को शुरू से लेकर अंत तक जरूर
Durga Aarti PDF Details
Pdf Title | Durga Aarti Pdf |
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Language | Hindi |
Category | धार्मिक और आध्यात्मिक |
Total Pages | 1 |
Pdf Size | 78.1 KB |
Download Details | Available |
NOTE - यदि आप Durga Aarti Pdf को फ्री में डाउनलोड करना चाहते है, तो नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें
Durga Ji ki Aarti PDF
इस Pdf के अंतर्गत Durga Aarti Hindi अर्थात शुद्ध रुप से हिंदी में उपलब्ध करवाई गयी है। यदि आप दुर्गा माँ के सच्चे भक्त है और आप नवरात्र में माँ की सच्चे मन से पूजा अर्चना करना चाहते है, तो यह Pdf आपके लिए काफी मददगार साबित होगी।
नवरात्री के पवन पर्व पर जो भी भक्त सच्चे मन से देवी माँ की सच्चे मन से पूजा अर्चना करता है, उस पर देवी माँ का विशेष आशीर्वाद बना रहता है और देवी अपने भक्तो की हर मनोकामना अवश्य ही पूर्ण करती है। ऐसा माना जाता है की देवी की पूजा बिना आरती गायन के अधूरी है। अतः आप देवी की पूजा करते समय आरती का पाठ अवश्य करें।
नवरात्री मनाने के कई कारण है। उनमे से एक है दुर्गा माँ और महिषासुर के बीच लगाई गयी शर्त। ऐसा मना जाता है की महिषासुर नामक राक्षस ने दुर्गा माँ के समक्ष शादी का प्रस्ताव रखा। ऐसे में दुर्गा माँ ने महिषासुर के इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। लेकिन देवी माँ ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करने के पीछे एक शर्त रखी थी।
जिसके अंतर्गत माँ ने शर्त के रूप में महिषासुर को उनसे जीतने को कहा अर्थात यदि महिषासुर ने देवी दुर्गा को युद्ध में हरा दिया तो माँ महिषासुर का शादी का प्रस्ताव स्वीकार कर लेगी। ऐसे में यह युद्ध कुल 9 दिनों तक चला। अंत में 10वें दिन दुर्गा माँ ने महिषासुर का अंत कर दिया। इसी दिन से नवरात्री मनाई जाती है।
Durga Aarti Lyrics in Hindi | दुर्गा आरती
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी ।
सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे ।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता,
भक्तन की दुख हरता। सुख संपति करता॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
भुजा चार अति शोभित, खडग खप्पर धारी।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
दुर्गा आरती की सही विधि
हिन्दू धर्म में सभी देवी देवता की आराधना करने के लिए विधि-विधान के अनुसार पूजा अर्चना की जाती है। जिससे देवी-देवता प्रसन्न होकर अपने भक्तो को आशीर्वाद प्रदान करते है। यदि आप भी दुर्गा माता की सच्चे मन से आराधना करते है, तो आपको दुर्गा माता की पूजा विधि-विधान के अनुसार अवश्य करनी चाहिए।
- प्रातः काल में उठकर सबसे पहले स्नान करें।
- साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
- दुर्गा माँ के पूजा स्थल पर चले जाये।
- देवी माँ की प्रतिमा पर लाल चुनरी अभिषेक करें।
- अब देवी माँ को पुष्प माला का हार चढ़ाये।
- आरती थाल में कपूर या गाय के घी का दीपक जलाये।
- माँ को प्रसाद का भोग अवश्य ही चढ़ाये।
- आरती करते समय सदैव ॐ का आकार बनाये क्योकि ब्रह्माण्ड की सर्वशक्तिया इस शब्द में स्थापित है।
- अब माँ की आरती करते समय आरती का पाठ आरम्भ करें।
- आरती करने के साथ शंख और घंटी अवश्य बजाए। इसके अतिरिक्त ढोल-नगाड़ा भी बजाए।
- अंत में आरती समाप्ति के बाद माँ की प्रतिमा के समक्ष खड़े होकर दंडवत प्रणाम करें और देवी माँ से अपने जीवन में आने वाले सभी कष्टों के निवारण के लिए प्रार्थना करें।
- अंत में प्रसाद को लोगो में वितरित कर दे।
दुर्गा आरती के लिए आवश्यक पूजा सामग्री
- दुर्गा सप्तशती किताब
- देवी दुर्गा की मूर्ति
- मिट्टी का पात्र और जौ
- जल भरा हुआ चांदी, तांबे, पीतल या मिट्टी का कलश
- लाल सूत्र, मौली, लॉन्ग, इलायची, कपूर और रोली
- साबुत सुपारी, साबुत चावल और सिक्के
- अशोक या आम के पांच पते
- पानी वाला नारियल
- लाल कपडा या चुनरी और सिंदूर
- फूल और फूलमाला
- पंचमेवा
- मिष्ठान
- फल
- सुहाग का सामान
- पीतल या मिट्टी का दिया साफ कर ले
- जोत के लिए रुई की बत्ती
- रोली या सिंदूर
- चावल
- हवन कुंड , लॉन्ग का जोड़ा, कपूर, सुपारी, गुग्ल, लोबान, घी, पांच मेवा और चावल
दुर्गा आरती से होने वाले लाभ
- देवी माँ की आरती का पाठ करने से आपके जीवन में आने वाली सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती है।
- आप सदैव बुरी शक्तियों से मुक्त रहते है।
- आरती के समय बजने वाले शंख और घंटी की आवाज से आपके अंदर निहित नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
- आपके जीवन में आने वाली सभी कठिनाइया और परेशानिया दूर होती है और आप अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते है।
- देवी की सच्चे मन से आराधना करने से आपके जीवन में सुख समृद्धि आती है।
- आपके आंतरिक मन में शांति बनी रहती है।
- आप सदैव सकारात्मक विचारों से परिपूर्ण रहते है।
- देवी माता की विशेष कृपा सदैव आप पर बनी रहती है और आपकी हर मनोकामना पूर्ण होती है।
FAQs: Durga Aarti Pdf
Durga Aarti Pdf कैसे डाउनलोड करें?
दुर्गा माता का असली नाम क्या है?
दुर्गा माता की मां कौन है?
Conclusion :-
इस पोस्ट में Durga Aarti Pdf को फ्री में उपलब्ध करवाया गया है। इसके अतिरिक्त हमने आपको इस पोस्ट में इस आरती से होने वाले लाभ और विधि के बारे में जानकारी प्रदान की।उम्मीद करते है की durga aarti in hindi pdf Download करने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं हुई होगी।
आशा करते है यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आयी होगी। यदि आपको durga mata aarti pdf Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही हो तो कमेंट करके जरूर बताये। साथ ही durga ji ki aarti pdf पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें। ताकि वे भी इस Pdf को आसानी से फ्री में डाउनलोड कर सकें और इससे लाभान्वित हो सकें।
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