दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम आपको Garud Puran in Hindi PDF निःशुल्क रूप से उपलब्ध करवाने जा रहे है, जिसे आप पोस्ट में दिए गए Download Link की सहायता से आसानी से फ्री में Download कर सकते है।
गरुड़ पुराण को सनातन धर्म के 18 पुराणों में से प्रमुख पुराण माना जाता है। इस पुराण के मुख्य देवता के रूप में भगवान विष्णु को माना गया है। गरुड़ पुराण में सनातन धर्म के रीती-रिवाजो के बारे में जानकारी दी गयी है, जिसके अंतर्गत सनातन धर्म में मृत्यु , पुनर्जन्म और अंतिम संस्कार से संबंधित बातें बताई गयी है।
इस पोस्ट में हम आपको सम्पूर्ण गरुड़ पुराण PDF फॉर्मेट में उपलब्ध करवाने जा रहे है। यदि आप गरुड़ पुराण में बताई गयी जन्म, मृत्यु, पुनर्जन्म, कर्म, आत्मा, पाप-पुण्य, नीति-नियम, धर्म और ज्ञान से संबंधित जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इस पोस्ट को शुरू से लेकर अंत तक ध्यानपूर्वक जरूर पढ़े।
Garud Puran in Hindi PDF Details
PDF Title | Garud Puran in Hindi |
---|---|
Language | Hindi |
Category | Religion |
Total Pages | 276 |
PDF Size | 2.6 MB |
Download Link | Available |
PDF Source | Geeta Press |
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Garud Puran in Hindi PDF
गरुड़ पुराण को महाभारत के रचियता वेदव्यास जी द्वारा लिखा गया है। यदि आप मानवता के जीवन-मरण के बारे में जानना चाहते है तो आपको गरुड़ पुराण अवश्य ही पढ़ना चाहिए, जिसके अंतर्गत वे समस्त बाते शामिल की गयी है, जिन्हे भगवान विष्णु ने अपने वाहन गरुड़ से की थी।
ऐसा माना जाता है कि इस पुराण को खुद ब्रह्माजी ने सुना और बाद में उन्होंने इसे वेदव्यास जी को सुनाया था। इसके बाद वेदव्यास जी ने सूतजी को सुनाया और बाद में सूतजी ने अन्य ऋषियों को सुनाया था। यदि आप भी अपने जीवन के बारे में विस्तार से जानना चाहते है तो आपको भी एक बार गरुड़ पुराण अवश्य ही पढ़ना चाहिए।
गरुड़ पुराण की 7 सबसे महत्वपूर्ण याद रखने योग्य बातें
1. संयम और सतर्कता –
गरुड़ पुराण में कहा गया है कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में शत्रु और मित्र दोनों होते है। कहा जाता है कि जिसके जीवन में कोई शत्रु नहीं, वह अपने जीवन में कुछ नहीं कर पाता है। वही दूसरी ओर ऐसे में उसका मित्र भी नहीं होता है। शत्रु भी दो प्रकार के होते है। एक सामान्य शत्रु और दूसरा खतरनाक शत्रु।
खतरनाक शत्रु आपको कभी भी नुक्सान पंहुचा सकते है, जिसका कोई भी समय निर्धारित नहीं होता है। इसलिए गरुड़ पुराण के नीतिसार में कहा गया है कि आपको शत्रु से बचने के लिए सदैव ही सतर्क और चतुर रहना चाहिए। इस प्रकार जिस प्रकार का शत्रु आपके जीवन में है उसके अनुरूप ही विशेष निति का प्रयोग करें, जिससे शत्रु आपको नुक्सान नहीं पंहुचा सकें।
2. सदैव ही साफ़ सुथरे और सुगंधित वस्त्र धारण करें –
गरुड़ पुराण में कहा गया है कि यदि आप अमीर और सौभाग्यशाली बनना चाहते है तो इसके लिए जरुरी है कि आप साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। पुराण में कहा गया है कि यदि आप साफ सुथरे वस्त्र धारण करते है तो आपके घर में लक्ष्मी जी का निवास होता है और आपके घर में सभी प्रकार की दरिद्रता समाप्त हो जाती है।
वही दूसरी ओर कहा गया है कि यदि आप धनवान है, लेकिन यदि आप साफ-सुथरे वस्त्र धारण नहीं करते है तो आपके घर में लक्ष्मी प्रवेश नहीं करेगी तथा धीरे-धीरे आपके घर में निहित धन का पतन होना आरम्भ हो जाएगा। अतः जीवन में हमेशा स्वछता का विशेष ध्यान रखे और साफ़ तथा सुगंधित वस्त्र धारण करें, जिससे लक्ष्मी जी का विशेष आशीर्वाद आप पर बना रहे।
3. ज्ञान की वृद्धि के लिए अभ्यास करें –
किसी भी प्रकार के ज्ञान को प्राप्त करने के लिए निरंतर अभ्यास करना आवश्यक है। लगातार अभ्यास करने से व्यक्ति उस ज्ञान को कभी नहीं भूलता अर्थात वह उसे लम्बे समय तक याद रख सकता है। अभ्यास के संदर्भ में ही निम्न पंक्तिया प्रस्तुत की गयी है –
करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान,
रसरि आवत जात, सील पर करत निशान
उपरोक्त पंक्तियों से आशय है कि जब एक रस्सी के बार-बार किसी पत्थर पर गुजारने से पत्थर पर निशान बन सकते है, तो एक अज्ञानी व्यक्ति भी निरंतर प्रयास से बुद्धिमान बन सकता है।
गरुड़ पुराण में कहा कि बिना अभ्यास के विद्या आपके दिमाग से नष्ट हो जाती है। इसलिए हमेशा आपके द्वारा पढ़े गए का एक बार अभ्यास अवश्य करना है। जिससे आपके द्वारा पढ़ा गया आपके मस्तिष्क में हमेशा के लिए ताजा रहे।
4. निरोगी काया –
निरोगी काया से तात्पर्य है कि रोगमुक्त शरीर। गरुड़ पुराण में कहा गया है कि निरोगी रहने के लिए सबसे पहले हमे एक अच्छे संतुलित आहार की आवश्यकता होती है। क्योकि भोजन से ही व्यक्ति को जीवन जीने के लिए पर्याप्त ऊर्जा मिलती है। भोजन ही हमारे शरीर के लिए मुख्य स्रोत है।
अधिकाँश हम बीमार इसलिए पड़ जाते है, क्योकि हम असंतुलित आहार ग्रहण करते है, जिसका हमारा पाचन तंत्र सही से पाचन नहीं कर पाता है। इसलिए सदैव सुपाच्य आहार ग्रहण करें, जिसका सही से पाचन हो सके और जिससे हमारा पाचन तंत्र कमजोर न पड़े तथा हम किसी भी प्रकार की बिमारी से ग्रसित न हो सकें।
5. एकादशी व्रत –
एकादशी व्रत को हिन्दू धर्म में ग्रंथो और पुराणों में सर्वश्रेष्ट बताया गया है। गरुड़ पुराण में एकादशी की महिमा का बखान किया गया है। एकादशी व्रत शुभ और बहुत ही असरदार माना जाता है। कहा जाता है कि इस एकादशी का उपवास करने से चंद्र का कितना भी बुरा असर हो, इससे समाप्त हो जाता है।
एकादशी व्रत के लिए कुछ विशेष नियम बाध्य होते है, जिनका अनुसरण करना अनिवार्य होता है। जैसे एकादशी उपवास करते समय व्यसन न करें तथा इस दिन केवल फ़लाहार ही करना चाहिए।
6. तुलसी का महत्व समझे –
गरुड़ पुराण में तुलसी का विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि विष्णु जी पूजा के बाद तुलसी जी की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए, जो कि शुभ भी मानी जाती है। साथ ही इसका भगवान के प्रसाद वितरण में सेवन करने से भी कई प्रकार के रोगो से मुक्ति मिलती है।
ऐसा माना जाता है कि तुलसी को अपने घर में स्थान देने और इसे जल अर्पित करने से आपके जीवन के सभी अवरुद्ध रास्ते खुल जाते है। तुलसी का पूजन करने से आपके मानसिक विकार दूर हो जाते है।
7. मंदिर और धर्म का सम्मान करें –
गरुड़ पुराण में किसी भी धर्म या मंदिर का अपमान करने वाले व्यक्ति के बारे में विस्तृत रूप में लिखा गया है। गरुड़ पुराण में कहा गया है कि धर्म का अपमान करने वाला व्यक्ति बहुत पछताता है और उसे अंत में नरक में जाना होता है।
गरुड़ पुराण के अनुसार धर्म को गाली देने वाले को, अच्छे व्यक्ति के साथ बुरा करने वाले को तथा पवित्र स्थानों पर गंदे काम करने वाले को नर्क में रखा जाता है।
FAQs:- Garun Puran in Hindi PDF
Garud Puran in Hindi PDF Free Download कैसे करें?
गरुड़ पुराण कौन पढ़ सकता है?
गरुड़ पुराण कितने दिन पढ़ना चाहिए?
Conclusion:-
इस पोस्ट में Garud Puran in Hindi PDF मुफ्त में उपलब्ध करवायी गयी है। साथ ही गरुड़ पुराण में बताये ज्ञान के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की गयी है। उम्मीद करते है कि Garud Puran in Hindi PDF Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हुई होगी।
यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आयी होगी। यदि आपको Garud Puran PDF Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही हो तो कमेंट करके जरूर बताये। साथ ही Garun Puran PDF अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
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