हेलो एंड वेलकम दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हम आपको एक शापित ग्रन्थ जिसका नाम है नीलवन्ती ग्रन्थ और इससे सम्बंधित पूरी कहानी बताने वाले है साथ ही इस पोस्ट में हम आपको Nilavanti Granth PDF भी उपलब्ध करवाने वाले है।
निलावंती ग्रंथ एक ऐसा ग्रंथ है जिससे मनुष्य काल का ज्ञाता बन सकता है। और यह एक रहस्य भी है जिसको सुलझाने के लिए जिसने भी प्रयास किया है उसको मृत्यु की प्राप्ति हो गई है।
तो अगर आप भी इस रहस्यमय ग्रन्थ के बारे में जानना चाहते है और इस ग्रन्थ को पढ़ना चाहते है तो पोस्ट को अच्छे से पूरा जरूर पढ़े और पोस्ट में दिए Download लिंक पर क्लिक करके आप Nilavanti Granth PDF in Hindi Free Download कर सकते है।
Original Nilavanti Granth PDF Details
PDF Title | Nilavanti Granth in Hindi |
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Category | Religion |
Language | Hindi |
PDF Size | 9.9 MB |
Total Pages | 49 |
Download Link | Available |
Note - Nilavanti Granth Hindi PDF Download करने के लिए आप दिए गए Download लिंक का इस्तेमाल कर सकते है और मुफ्त में असली निलावन्ती ग्रन्थ (Nilavanti Granth PDF) अपने डिवाइस में डाउनलोड कर सकते है।
Nilavanti Granth Book in Hindi
निलावन्ती ग्रन्थ | Nilavanti Granth Book PDF

दोस्तों निलावंती ग्रंथ के रचयता मुंशी भवानीदास है जिन्होंने इस ग्रंथ को सन् 1733 में लिखा था। इस ग्रंथ में तंत्र-मंत्र, समुद्र विज्ञान, रोगनिदान, आयुर्वेद, वास्तु, ज्योतिष, दैवज्ञान, यात्रा, रत्न, रत्न निपुणता और अन्य विषयों के बारे में जानकारी मिलती है।
निलावन्ती ग्रन्थ को एक राजा को समर्पित किया गया था जिसका नाम ‘निलज’ था और इसी कारण इस ग्रंथ का नाम ‘निलावन्ती’ रखा गया था। यह एक ऐसा ग्रन्थ है जिससे आप काल के ज्ञाता बन सकते है लेकिन इस ग्रन्थ को अभी तक कोई भी मनुष्य पूरा सुलझा नहीं पाया हैं।
जिन-जिन व्यक्तियों ने इस ग्रन्थ को सुलझाने की कोशिश की उन सभी की मृत्यु हो गयी और इसी कारण भारत सरकार द्वारा इसे बैन कर दिया गया। लोगो का मानना है की इस ग्रंथ को एक श्रापित यक्षिणी के द्वारा लिखा गया है इसलिए इस ग्रंथ को जिसने सुलझाने की कोशिस की उनकी मत्यु हो गई।
इस ग्रंथ का ठिकाना किसी भी व्यक्ति को मालूम नहीं है। बहुत से लोगो ने निलावन्ती ग्रन्थ को ढूंढने या इसके ठिकाने का पता लगाने का भरभूर प्रयास किया लेकिन अभी तक किसी भी व्यक्ति को इस ग्रंथ का ठिकाना नहीं मिला और बहुत सारे व्यक्तियों की पूरी जिंदगी निकल गई इस ग्रंथ के ठिकाने को ढूढ़ने में लेकिन अभी तक कोई भी व्यक्ति कामयाब नहीं हुआ है।
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निलावन्ती ग्रन्थ रहस्य | Nilavanti Granth PDF
काल पर नियंत्रण रखने की चाह मनुष्य की पुरानी है। जब से मनुष्य ने काल के रहस्य के बारे में जाना है तब से उस पर नियंत्रण रखने की चाह है और उसके आगे पीछे सफर रखने की इच्छा है मनुष्य की, काल को हम समय कह सकते है यह एक बहुत ही बेचिदा चीज है।
अगर समय के साथ थोड़ी सी भी छेड़छाड़ होती है तो वह पुरे इतिहास को बदल देती है। अगर आपने इतिहास बदलने की कोशिश की और कुछ घटनाओ को बदला तो पूरा इतिहास ही बदल जायेगा लेकिन यह सम्भव नही है।
यही से उस ग्रंथ का काम शुरू होता है लोग खुद ही समय बदलना चाहते है और यह ग्रंथ पढ़ने वाले को इस प्रकार की ताकत मिलती है की वह इसके माध्यम से समय को बदल सकता है, इस ग्रंथ से एक ऐसी शक्ति प्राप्त होती है जिससे किसी का भी इतिहास बदल सकता है।
लेकिन अभी तक यह सब सुनी सुनाई बाते है क्योकि अभी तक इस ग्रंथ को किसी आँखों से नहीं देखा है सिर्फ उसका नाम और इस ग्रंथ के कारनामे सुने है तथा इस ग्रंथ का नाम “नीळावंती” है।
अगर आज भी आप महाराष्ट्र के किसी भी गांव में जाकर किसी बुजुर्ग से पूछेंगे तो वह इस ग्रंथ के बारे में आपको बतायेगे साथ ही एक चेतावनी भी देंगे की इस ग्रंथ को पढ़ने से पढ़ने वाले का वशं समाप्त हो जायेगा। इस ग्रंथ की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की इसे पढ़ने वाले को पशु-पक्षिओ की भाषा समझने आने लगती है।
हमेशा यह देखा गया है की पशु-पक्षिओ का समय और मनुष्यो का समय अलग चलता है। चीटियों के लिए काल कई सालो तक हो सकता है तो वही मनुष्यो के लिए काल एक दिन का समय होता है और एक यह भी मान्यता है की समय को समय जितना सूक्ष्म होकर परिवर्तन किया जा सकता है।
लेकिन यह बात उस समय की है तब यह ग्रंथ मिल जाये और उसे पढ़ने की सही कला से परिचित हो जाए क्योकि यह ग्रंथ किसी मानवीय लिपि में नहीं है बल्कि पैशाप लिपि में लिखा हुआ है। पैशाप लिपि के बारे में जानकरी रखने वाला कोई भी मनुष्य इस धरती पर अभी जीवित नहीं है।
बहुत सारे लोगो के द्वारा यह भी कहा जाता है की इस लिपि का ध्यान हिमालय की गुफा में बैठे साधु मुनियो में इस रहस्यमयि लिपि आती है लेकिन इस साधु मुनियो को ढूढ़ना बहुत ही मुश्किल है और ये कहा है किसी को भी मालूम नहीं है।
निलावंती एक श्रापित ग्रंथ की पूरी कहानी | Nilavanti Granth PDF
दोस्तों यह कहानी बहुत समय पहले की है और यह कहानी उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव की है। उस गांव में एक व्यक्ति के साथ उसकी पत्नी और एक छोटी बच्ची रहती थी। जब उस बच्ची की उम्र पांच साल हुई थी तब उसकी माँ की मृत्यु हो गई थी। इस बच्ची का नाम ‘निलावन्ती’ था।
निलावन्ती के पिता को आयुर्वेद का ज्ञान था और जब निलावन्ती की माँ की मृत्यु हुई थी उसके बाद निलावन्ती और उसके पिता इस गांव को छोड़कर किसी दूसरे गांव में चले गए थे। निलावन्ती भी अपने पिताजी से आयुर्वेद के बारे में जानकारी लेती थी।
निलावन्ती के अंदर एक विशेषता थी की वह पेड़-पौधे, जानवर और पशु-पक्षीओ की आवाज को समझती थी और उनकी क्रियाओ को के बारे में सब जानकारी रहती थी।
निलावन्ती के सपनो में शैतान आते थे वे निलावन्ती को जमीन में गड़े हुए खजाने के बारे में जानकारी देते थे। लेकिन निलावन्ती के संस्कार अच्छे थे और ये संस्कार अपने पिताजी से ग्रहण किये थे तो उस खजाने के बारे में सबकुछ जानते हुए भी कभी भी उसे ढूढ़ने का प्रयास नहीं किया और नहीं कभी उस जमीं को खोदने का प्रयास किया।
निलावन्ती को शैतान और पेड़-पौधे जो भी मंत्र बताते थे उन मंत्र को वह पीपल के पतों से बनी किताब पर लिख देती थी और जब उसकी उम्र 20 साल से 22 साल की हुई थी तब जो शैतान सपने में आते थे वे हकीकत में सामने आने लग गए थे।
धीरे-धीरे कुछ समय ऐसा ही बिता फिर निलावन्ती को पता चला की वह एक श्रापित यक्षिणी है और वह उस श्राप की वजह से उस दुनिया में नही जा पा रही थी जिस जगह वह होनी चाहिए थी। यह सारी बात उसने अपने पिताजी को बताई।
जब निलावन्ती के पिता को उसकी बताई हुई बात के बारे में पता चला तो उसके पिता निलावन्ती को कहते है की बेटी यदि तू इस दुनिया की नहीं है और किसी श्राप के कारण इस दुनिया में आ गई है और इस दुनिया में फसी हुई है तो तुम अपनी इच्छा से यहा से जा सकते हो।
यह कहने के बाद निलावंती उस गांव को छोड़कर जाने लगी तो उसको रास्ते में एक व्यक्ति मिला जो की व्यापारी था, निलावंती ने उस व्यापारी को उस गांव को छोड़कर दूसरे गांव में जाने के लिए कहा क्योकि निलावंती को एक अच्छी आत्मा ने कहा था की यहाँ से 35 मिल की दुरी पर एक दूसरा गांव मिलेगा, जहा पर एक बरगद का पेड़ मिलेगा वही से तुम्हे अपनी दुनिया में जाने का रास्ता मिलेगा, और वहा पर तुम्हे अपने रक्त के साथ पशु-पक्षिओ की भी बलि देनी होगी।
इसी बात को ध्यान में रखकर निलावंती उस व्यापारी को उस गांव से चलने के लिए कहती है। लेकिन वह व्यापारी निलावंती को देखकर मन्त्र मुक्त हो गया और कहने लगा की में तुम्हे उस गांव में छोड़ दूंगा लेकिन एक शर्त पर शर्त यह है की तुम्हे मुझसे शादी करनी पड़ेगी।
निलावंती उस व्यापारी की बात मुस्कराते हुए मान लेती है और कहती है मेरी भी एक शर्त है में रात के समय कहा जाती हूँ, क्या करती हूँ, इसके बारे में तुम मुझसे कभी नही पूछोगे और रात के समय में तुम्हारे साथ कभी नहीं रहूँगी, व्यापारी ने निलावंती की बात मान ली।
यह सब बात होने पर व्यापारी निलावंती को अपनी बैलगाड़ी में बैठाकर उस गांव में ले गया। फिर जो शर्त हुई थी उसके अनुसार निलावंती ने व्यापारी से शादी कर ली। रात के समय में निलावंती प्रतिदिन उस बरगद के पेड़ के निचे जाती और तंत्र-मंत्र करती थी इसके साथ ही वह अपने रक्त के साथ पशु-पक्षिओ को बलि देती थी।
लेकिन एक दिन जब निलावंती तंत्र-मंत्र कर रही थी रात के समय में बरगद के पेड़ के निचे और पशु-पक्षिओ की बलि दे रही थी तो कुछ गांव के लोगो ने उसको देख लिया। यह सारी घटना गांव के लोगो ने उस व्यापारी को बताई।
यह सब बात सुनकर व्यापारी ने निर्णय लिया की कल में निलावंती का पीछा करूंगा। अगले दिन जब निलावंती उस बरगद के पेड़ के निचे तंत्र-मंत्र करने जाती है तो व्यापारी के द्वारा उसका पीछा किया जाता है और निलावंती के द्वारा जो पशु-पक्षिओ की बली दे रही थी यह सब कुछ उस व्यापारी ने देखा।
लेकिन उसके अगले दिन निलावंती के सपने में एक शैतान आया और कहने लगा की कल जब तुम बरगद के पेड़ के निचे तंत्र – मंत्र करने जाओगी तब तुम्हे तालाब के पास एक तैरती हुई लाश दिखाई देगी उस लाश के गले में एक ताबीज होगा उस ताबीज को तुम्हे खोलना है और खोलने के बाद तुम्हे नाव पर सवार एक आदमी मिलेगा तम्हे उस ताबीज को उस आदमी को दे देना है।
वह आदमी तुम्हे दूसरी दुनिया में ले जाने के लिए मदद करेगा। और शैतान ने कहा की यह एक चांस है इसके बाद तुम्हे अपनी दुनिया में जाने का और कोई चांस नहीं मिलेगा।
अगले दिन निलावंती बहुत खुश थी क्योकि उसे अपनी दुनिया में जाने का रास्ता मिल रहा था। जैसे ही रात हुई और निलावंती उस बरगद के पेड़ के निचे पहुंची और तंत्र-मंत्र करने लगी तभी तालाब से एक लाश तैरती हुई दिखाई दी।
जब निलावंती उस लाश के पास जाती है और उसके गले में एक ताबीज देखती है और उस ताबीज को खोलने लगती है तभी वह व्यापारी वहा आ जाता है और निलावंती को देखता है।
उस व्यापारी के साथ गांव के लोग भी आ जाते है। तभी वह व्यापारी निलावंती से कहता है की जो तूने तंत्र -मंत्र की विद्या से जो ग्रंथ लिखा है वह मुझे दे दो। क्योकि वह व्यापारी एक राक्षस था।
तभी गांव वाले दोनों को मारने का निर्णय करते है और साथ में सभी हथियार लाये थे। वे उस राक्षस के ऊपर हमला करते है जिससे की वह मर जाता है और फिर से जिन्दा हो जाता है। तभी निलावंती ने सोचा की यह ग्रंथ उस राक्षस के हाथ लग गया तो बहुत ही बड़ा अनर्थ हो जायेगा।
तभी निलावंती उस ग्रंथ के बारे में एक श्राप देती है जो भी इस ग्रंथ को लालच में आकर इस ग्रंथ को पढ़ने की कोशिश करेगा उसकी तुरंत ही मृत्यु हो जाएगी और जिसने भी इस ग्रंथ को आधा पढ़कर छोड़ दिया तो वह पागल हो जायेगा।
यह कहकर निलावंती वहा से उस ग्रंथ को लेकर भाग जाती है। इसके बाद निलावंती का कुछ पता नहीं चला और यह ग्रंथ एक साधु को मिलता है और उस साधु के मन में किसी प्रकार का कोई लालच नहीं था। क्योकि यह किताब दूसरी भाषा में लिखी गई थी और साधु इस किताब को सरलतम भाषा में लिखता है ताकि यह पढ़ने में आसानी हो।
Conclusion:- Nilavanti Granth PDF
उम्मीद करते है इस पोस्ट में शेयर की गयी जानकारी आपको पसंद आयी होगी। साथ ही इस पोस्ट में उपलबध Nilavanti Granth PDF Download करने में भी आपको कोई परेशानी नहीं रही होगी।
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kya problem aa rha hai.
Is neela vanti granth ko pad sakte hai kya, iska pdf download kar sakte hai kya, is neelavanti granth ka pdf asli hai kya, ye neelavanti granth mujhe kaha milega kuch hint mil sakta hai kya mujhe. Mai isko jarur doondna chaugi plz
padh skte hai lekin iski original copy abhi kisi ke pass uplabdh nhi hai.
Kyu mujhe parna tha
nahi asli nahi he
mere pas kitab he 70 saal purni mere dada ji ke room se mili par padne me dar lagta he kisi ko lena ho to 9425081923
mjhe chahiye 8962819806
Bhai mujhe lena hai…