16 सोमवार व्रत कथा | Somvar Vrat Katha PDF Download Free (2024)

नमस्कार दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हम आपको Somvar Vrat Katha PDF Download Link उपलब्ध करवाने वाले है जहाँ से आप Solah Somvar Vrat Katha PDF Free Download कर सकते है।

यह व्रत पूर्ण रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है। ऐसा माना जाता है कि यदि कोई भी स्त्री अपनी कुमारी अवस्था में भगवान शिव का सोलह सोमवार तक व्रत करती है, तो उसे एक बहुत अच्छा वर मिलता है।

साथ ही भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद उस पर बना रहता है। इस पुस्तक के अंतर्गत आपको आपको शिव आरती, चालीसा तथा शिव जी की व्रत की सही विधि के बारे जानकारी उपलब्ध करवाई गयी है।

Somvar Vrat Katha PDF Overview

Somvar Vrat Katha PDF
Pdf Title सोलह सोमवार व्रत कथा
Language Hindi
Category Religious
Total Pages N/A
Pdf Size N/A
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NOTE - सोमवार व्रत कथा PDF Download करने के लिए नीचे दिए गए Download Link पर क्लिक करे। 

Somvar Vrat Katha PDF in Hindi Download

इस Pdf के अंतर्गत आपको भहगवां शिव को समर्पित सोलह सोमवार की व्रत कथा को उपलब्ध करवाया गया है। यदि आप भगवान शिव के सच्चे भक्त है, और आप भगवान शिव के नाम का उपवास करते है, तो आपको इस व्रत कथा का पाठ अवश्य ही करना चाहिए।

सोमवार व्रत कथा को शिवमनसाव्रत कथा के नाम से भी जाना जाता है। यदि आप भगवान शिव की इस कथा का वचन करते है, तो आपके सभी दुःख दूर हो जाते है तथा आपकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। सोमवार का दिन महादेव की पूजा आरती का विशेष दिन होता है।

सोमवार की व्रत कथा हिंदी में

एक नगर में साहूकार निवास करता था। वह धन से सम्पन्न था, लेकिन उसकी कोई संतान नहीं थी। ऐसे में दोनों पति-पत्नी ने प्रण लिया और शिवजी और पार्वती की प्रत्येक सोमवार शिवालय में जाकर पूर्ण श्रद्धा के साथ पूजा अर्चना करते थे। ऐसे में पार्वती ने भगवान शिव से उन्हें संतान प्राप्ति की मांग रखी, लेकिन भगवान शिव ने एक बार के लिए इंकार कर दिया।

भगवान शिव ने पार्वति से कहा की हे! देवी यह तो सम्पूर्ण श्रष्टि का नियम है, जिस मनुष्य के कर्म में संतान नहीं है, वह उसका अभाग्य है और इसमें मै कुछ नहीं कर सकता। पार्वती ने भगवान शिव की इन बातों को टालते हुए साहूकार को पुत्र प्राप्ति के लिए विशेष रूप से इच्छा जताई।

ऐसे में भगवान शिव ने साहूकार को पुत्र प्राप्ति का वरदान दे दिया, किन्तु उस पुत्र की उम्र केवल 12 वर्ष ही दी थी। इन सभी बातो को साहूकार सुन रहा था। इसे सुनकर साहूकार अंदर ह अंदर खुश भी था और दुखी भी। इसके बाद साहूकार में अन्ततया पुत्र धन की प्राप्ति हुई।

जब वह बालक 11 वर्ष का था तब साहूकार दवरा उसे उसके मामा के साथ शिक्षा के लिए कशी भेज दिया गया और साथ में बहुत सारा धन दे दिया और कहा की रस्ते में जहां भी रुको वहा पर यज्ञ करवाना और ब्राह्मणो को भोजन करवाना। दोनों मामा-भांजा यज्ञ करवाते हुए और ब्राह्मणो को दक्षिणा देते हुए कशी की और चल पड़े।

रास्ते में एक नगर आया, जहा उस नगर के राजा की कन्या का ब्याह रचा जा रहा था। कन्या का जिस राजकुमार से ब्याह रचा जा रहा था, वह एक आँख से काना था। राजकुमार के पिता ने इस बात को छुपाने के लिए के लिए साहूकार के पुत्र की उस नगर के राजा की पुत्री से ब्याह रचा दिया।

ऐसे में साहूकार के पुत्र ने विवाह के बाद उस कन्या की चुनरी पर लिखा की “जिस राजकुमार के साथ तुम्हे भेजा जायेगा वह एक आँख से अँधा है” यह कहकर मामा और भांजा दोनों ही वहा से कशी के लिए रवाना हो गए। कन्या ने ये सारी बाते अपने माता-पिता को बताई। जिसके कारण कन्या के माता-पिता ने उसकी विदाई नहीं की।

अन्ततया साहूकार का पुत्र और मामा दोनों ही कशी पहुंच गए। काशी पहुंचते है ही उन्होंने यज्ञ आरम्भ करवाया। जिस दिन यज्ञ रखा गया, उस दिन वह लड़का 12 वर्ष का था। लड़के ने अपने मामा से अपनी बिगड़ती हुई तबियत के बारे में बताया। थोड़ी देर बाद उस लड़के की मृत्यु हो गयी। मामा अपने भांजे के वियोग में विलाप कर रहे थे।

उस समय शिव और पार्वती वही से गुजर रहे थे। पार्वती ने जब उसके मामा के विलाप को देखा था, उनसे यह देखा नहीं गया और शिव जी से उस पुत्र को पुनः जीवित करने के लिए विनती की। पार्वती ने कहा की हे ! त्रिलोक यदि आज आप इस लड़के को नया जीवन नहीं देंगे तो, इसके वियोग में इसके माँ-बाप भी अपने प्राण त्याग देंगे, जो कदापि उचित नहीं है।

पार्वती की सभी बातो को सुनकर शिव जी ने उस लड़के को पुनः जीवित कर दिया। उधर साहूकार और उसकी पत्नी भगवान शिव की पूजा अर्चना कर रहे थे और मन ही मन दुखी थे की यदि उनके पुत्र के प्राण निकल गए होंगे तो वे भी अपने प्राण त्याग देंगे।

लेकिन भगवान शिव के आशीर्वाद से उनके जीवन में एक नयी किरण का उजाला हो गया। साथ ही कशी से लौटते समय उस महानगर के राजा ने भी अपने दामाद को पहचान लिया और अपनी पुत्री की बड़ी धूम-धाम से विदाई कर दी।

इसके बाद उसी रात को साहूकार के स्वप्न में आकर शिव ने कहा की हे ! श्रेष्ठि मै तुम्हारी सोलह सोमवार की व्रत कथा से प्रसन्न होकर तुम्हारे पुत्र की आयु को दीर्घ बनाया। साथ ही शिव जी ने कहा की जो भी मेरी तन मन से पूजा अर्चना करेगा और सोलह सोमवार व्रत करता है, मै उसकी प्रत्येक मनोकामना को अवश्य ही पूर्ण करूँगा।

इसलिए यदि आप भी भगवान शिव की सोलह सोमवार व्रत कथा का पाठ करते है, तो शिव जी आपकी हर मनोकामना पूर्ण करते है और उनका विशेष आशीर्वाद आप पर सदैव बनी रहती है।

शिव पूजन की मुख्य सामग्री लिस्ट

भगवान शिवजी की पूजा अर्चना के दौरान निम्न्लिखित पूजा सामग्री काम में ली जाती है।

  1. मिश्री
  2. गुड़
  3. दूर्वा
  4. भस्म
  5. दाख
  6. कर्पूर
  7. सुपारी
  8. केसर
  9. नाड़ा
  10. लवंग
  11. खारक
  12. श्री फल
  13. अंतर
  14. गुलाल
  15. अबीर
  16. बिल्वपत्र
  17. अगरबत्ती
  18. आक के फूल
  19. गंगाजल
  20. अक्षत (चावल)
  21. इलायची
  22. श्री फल
  23. पुष्प माला
  24. आक के फूल
  25. कुमकुम
  26. ऋतू फूल
  27. घी का दीपक
  28. नागर वेल का पान
  29. आधा सेर आते का गुड़ का चूरमा
  30. पवित्र जल से भरा ताम्बे का लोटा
  31. संकल्प तथा पूजा में चढाने के पैसे
  32. पंच-अमृत (दूध, दही, शक्कर, घृत,शहद)

सोमवार व्रत पूजा विधि

  1. गाय के शुद्ध कच्चे दूध को शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए। यह करने से मनुष्य के तन-मन-धन से जुड़ी सारी परेशानियां खत्म हो जाती है।
  2. इसके बाद शिवलिंग पर शहद या गन्ने का रस चढ़ाए। फिर कपूर, इत्र, पुष्प-धतूरे और भस्म से शिवजी का अभिषेक कर शिव आरती प्रारम्भ करें।
  3. अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए ह्रदय से प्रार्थना करना चाहिए।
  4. इस व्रत में सफेद रंग का खास महत्व होता है। व्रत वाले को दिन में सफेद कपड़े पहनकर शिवलिंग पर सफेद पुष्प चढ़ाने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
  5. सोमवार के दिन शिवपूजा का विधान है।
  6. भोलेनाथ एक लोटे जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं।
  7. सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना की पूर्ति होती है।
  8. यदि भोलेनाथ की पूजा शिवमंत्र के साथ की जाए तो भाग्योदय के साथ रोजगार, उन्नति व मनचाहे जीवन-साथी पाने की मनोकामना शीघ्र पूर्ण होती है।
  9. शिवलिंग पर जलाभिषेक के बाद गाय का दूध अर्पित करें। इससे तन, मन और धन संबंधी हर समस्या दूर होती है।
  10. शिवलिंग पर शहद की धारा अर्पित करें। इससे आजीविका, नौकरी व व्यवसाय से संबंधित सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
  11. लाल चंदन लगाएं व श्रृंगार करें। माना जाता है कि शिवलिंग पर चंदन लगाने से जीवन में सुख-शांति आती है।
  12. इन उपायों के बाद यथाशक्ति गंध, अक्षत, फूल, नैवेद्य अर्पित कर शिव आरती करें। साथ ही शिव जी को अर्पित किए गए दूध, शहद को चरणामृत के रूप में ग्रहण करें और चंदन लगाकर मनोकामना पूर्ति हेतु भोलेनाथ से प्रार्थना करें।

शिव जी की आरती | Shiv Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi

ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे। हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे। त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी। त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघंबर अंगे। सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूलधारी। सुखकारी दुखहारी जगपालनकारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका। मधु-कैटभ दो‌उ मारे, सुर भयहीन करे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

लक्ष्मी, सावित्री पार्वती संगा। पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा। भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला। शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी। नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे। कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित फल पावे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

FAQs:- 16 Somvar Vrat Katha PDF

Somvar Vrat Katha PDF को कैसे Download करें?

यदि आप सोलह सोमवार व्रत कथा को पीडीऍफ़ प्रारूप में प्राप्त करना चाहते है, तो पोस्ट में दिए गए Download बटन पर क्लीक करके आसानी से Download कर सकते है।

Conclusion :-

हमने आपको इस पोस्ट में Somvar Vrat Katha PDF को फ्री में उपलब्ध करवाया। साथ ही सोमवार के दिन की जाने वाली व्रत कथा के लिए पूजा सामग्री के बारे में जानकारी प्रदान की। उम्मीद है आपको Sawan Somvar Vrat Ktha in Hindi Pdf Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हुई होगी।

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