आज की इस पोस्ट में हम आपको Kanakadhara Stotram PDF मुफ्त में उपलब्ध करवाने वाले है, जिसे आप पोस्ट दिए गए Download Link की सहायता से आसानी से फ्री में Download कर सकते है।
कनकधारा स्तोत्रम की रचना शंकराचार्य के द्वारा की गयी थी। कनकधारा का शाब्दिक अर्थ स्वर्ण की वर्षा से है। ऐसा माना जाता है की इस स्तोत्रं से माता लक्ष्मी को प्रसन्न करके इन्होने सोने की वर्षा करवाई थी। कनकधारा स्त्रोतम धन प्राप्ति का शक्तिशाली स्त्रोत है।
इस पोस्ट में हम आपको कनकधारा स्त्रोतम Pdf उपलब्ध करवाने जा रहे है। यदि आप धन से समन्धित परेशानियों से दुखी है, और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते है, तो इस पोस्ट को शरू से लेकर अंत तक जरूर पढे, जिससे आपकी सारी परेशानिया अवश्य ही दूर होगी।
Kanakadhara Stotram PDF Overview
PDF Title | Kanakadhara Stotram in Hindi |
---|---|
Language | Hindi |
Category | Religious |
Total Pages | 1 |
Pdf Size | 3 MB |
Download Link | Available |
Kanakadhara Stotram PDF
एक बार आदि शंकराचार्य जंगल से होकर गुजर रहे थे। उन्हें रस्ते में एक बूढी औरत मिली। शंकराचार्य ने उनसे भिक्षा मांगी, तो एक बार के लिए वह औरत बहुत चिंतित हो गयी, क्योकि वह बहुत गरीब थी, जिसके कारण कारण उसके घर में कुछ भी नहीं था। उसके बावजूद भी उसने अपने घर को टंटोला।
अंत में उसे कुछ सूखे आंवले मिले। उस माता ने यह सूखे आंवले आदि शंकराचार्य को भिक्षा के रूप में में दे दिए। ऐसे में शंकराचार्य बहुत दुखी हुए और वे उस माता के बारे में चिंतित होने लगे की वह अपनी आजीविका कैसे चलाती होगी।
इसके बाद शंकराचार्य ने माता की इस गरीबी को दूर करने के लिए बहुत ही मधुर स्वर में माता लक्ष्मी जी आरधना प्रारम्भ की, जिसे हम आज कनकधारा स्त्रोतम के नाम से जानते है। इसके बाद लक्ष्मी जी शंकराचार्य जी की वंदना से प्रसन्न होकर उन्हें दिव्य दर्शन दिए।
तब शंकराचार्य ने लक्ष्मी जी को प्रणाम करके उस औरत की गरीबी को दूर करने की प्रार्थना की। लक्ष्मी जी ने कहा की इस औरत ने अपनी उसके पिछले जन्म में किसी भी प्रकार का कोई पुण्य काम नहीं किया था, इसलिए मै इसके घर में विराजमान नहीं हो सकती।
शंकराचार्य ने लक्ष्मी माता के इस सवाल का जवाब देते हुए कहा की इस माता ने मुझे आंवले देकर पिछले जन्म के सभी पुण्य इस जन्म में ही पूर्ण कर लिए है। अतः आप इस पर अवश्य ही कृपा करें। शंकराचार्य की विनती के बाद माता लक्ष्मी ने आसमान से आंवले के आकर में सोने की वर्षा करवाई।
माता लक्ष्मी जी ने कहा की जो भी कनकधारा स्त्रोतम का पाठ करेगा, मै उसकी धन से सम्बन्धित सभी प्रकर की परेशानिया अवश्य ही दूर करुँगी। इसलिए यदि आप भी अपने जीवन में धन से सम्बन्धित समस्या से परेशान है, तो आपको भी कनकधारा स्तोत्रम का पाठ अवश्य ही करना चाहिए।
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Kanakdhara Stotram Boos in Hindi
कनकधारा स्तोतम | Kanakdhara Stotram Lyrics in Hindi
अङ्ग हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्ती
भृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम् ।
अङ्गीकृताखिलविभूतिरपाङ्गलीला
माङ्गल्यदास्तु मम मङ्गलदेवतायाः ॥1॥
मुग्धा मुहुर्विदधती वदने मुरारेः
प्रेमत्रपाप्रणिहितानि गतागतानि ।
माला दृशोर्मधुकरीव महोत्पले या
सा मे श्रियं दिशतु सागरसम्भवायाः ॥ 2॥
विश्वामरेन्द्रपदविभ्रमदानदक्ष –
मानन्दहेतुरधिकं मुरविद्विषोऽपि ।
ईषन्निषीदतु मयि क्षणमीक्षणार्ध –
मिन्दीवरोदरसहोदरमिन्दिरायाः ॥3॥
आमीलिताक्षमधिगम्य मुदा मुकुन्द –
मानन्दकन्दमनिमेषमनङ्गतन्त्रम् ।
आकेकरस्थितकनीनिकपक्ष्मनेत्रं
भूत्यै भवेन्मम भुजङ्गशयाङ्गनायाः ॥4॥
बाह्वन्तरे मधुजितः श्रितकौस्तुभे या
हारावलीव हरिनीलमयी विभाति ।
कामप्रदा भगवतोऽपि कटाक्षमाला
कल्याणमावहतु मे कमलालयायाः ॥5॥
कालाम्बुदालिललितोरसि कैटभारे –
र्धाराधरे स्फुरति या तडिदङ्गनेव ।
मातुः समस्तजगतां महनीयमूर्ति –
र्भद्राणि मे दिशतु भार्गवनन्दनायाः ॥6॥
प्राप्तं पदं प्रथमतः किल यत्प्रभावान्
माङ्गल्यभाजि मधुमाथिनि मन्मथेन।
मय्यापतेत्तदिह मन्थरमीक्षणार्धं
मन्दालसं च मकरालयकन्यकायाः ॥7॥
दद्याद् दयानुपवनो द्रविणाम्बुधारा –
मस्मिन्नकिञ्चनविहङ्गशिशौ विषण्णे।
दुष्कर्मघर्ममपनीय चिराय दूरं
नारायणप्रणयिनीनयनाम्बुवाहः ॥8॥
इष्टा विशिष्टमतयोऽपि यया दयार्द्र –
दृष्ट्या त्रिविष्टपपदं सुलभं लभन्ते।
दृष्टिः प्रहृष्टकमलोदरदीप्तिरिष्टां
पुष्टिं कृषीष्ट मम पुष्करविष्टरायाः ॥9॥
गीर्देवतेति गरुडध्वजसुन्दरीति
शाकम्भरीति शशिशेखरवल्लभेति।
सृष्टिस्थितिप्रलयकेलिषु संस्थितायै
तस्यै नमस्त्रिभुवनैकगुरोस्तरुण्यै ॥10॥
श्रुत्यै नमोऽस्तु शुभकर्मफलप्रसूत्यै
रत्यै नमोऽस्तु रमणीयगुणार्णवायै।
शक्त्यै नमोऽस्तु शतपत्रनिकेतनायै
पुष्ट्यै नमोऽस्तु पुरुषोत्तमवल्लभायै ॥11॥
नमोऽस्तु नालीकनिभाननायै
नमोऽस्तु दुग्धोदधिजन्मभूत्यै।
नमोऽस्तु सोमामृतसोदरायै
नमोऽस्तु नारायणवल्लभायै ॥12॥
सम्पत्कराणि सकलेन्द्रियनन्दनानि
साम्राज्यदानविभवानि सरोरुहाक्षि।
त्वद्वन्दनानि दुरिताहरणोद्यतानि
मामेव मातरनिशं कलयन्तु मान्ये ॥13॥
यत्कटाक्षसमुपासनाविधिः
सेवकस्य सकलार्थसम्पदः।
संतनोति वचनाङ्गमानसै –
स्त्वां मुरारिहृदयेश्वरीं भजे ॥14॥
सरसिजनिलये सरोजहस्ते
धवलतमांशुकगन्धमाल्यशोभे।
भगवति हरिवल्लभे मनोज्ञे
त्रिभुवनभूतिकरि प्रसीद मह्यम् ॥15॥
दिग्घस्तिभिः कनककुम्भमुखावसृष्ट –
स्वर्वाहिनीविमलचारुजलप्लुताङ्गीम्।
प्रातर्नमामि जगतां जननीमशेष –
लोकाधिनाथगृहिणीममृताब्धिपुत्रीम् ॥16॥
कमले कमलाक्षवल्लभे
त्वं करुणापूरतरङ्गितैरपाङ्गैः।
अवलोकय मामकिञ्चनानां
प्रथमं पात्रमकृत्रिमं दयायाः ॥17॥
स्तुवन्ति ये स्तुतिभिरमूभिरन्वहं
त्रयीमयीं त्रिभुवनमातरं रमाम्।
गुणाधिका गुरुतरभाग्यभागिनो
भवन्ति ते भुवि बुधभाविताशयाः ॥18॥
कनकधारा स्तोत्र के पाठ से होने वाले लाभ
यदि इस स्तोत्र का सच्चे दिल से किया जाता है तो इससे अधिक से अधिक दरिद्र परिवार में भी सम्पनता आ सकती है। इस स्तोत्र के पाठ से निम्न लाभ प्राप्त होते है –
- इस स्तोत्र के पाठ से काम धंधे से जुडी सभी प्रकार की समस्या दूर हो जाती है।
- ऐसा माना जाता है कि यदि कोई व्यक्ति इसका 21 बार जाप कर लेता है तो उसके जीवन में आने वाली सभी प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती है।
- इस स्तोत्र का पाठ करने से माता लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- आपके जीवन में सभी प्रकार की दरिद्रता समाप्त हो जाती है।
- धन संबंधित समस्या या अन्य किसी भी दुःख को दूर करने में यह स्तोत्र कारगर साबित हुआ है।
- इस स्तोत्र के पाठ से पारिवारिक प्रेम बना रहता है और घर के सभी सदस्य अपने- अपने क्षेत्र में उन्नति करते है।
FAQs : Kanakadhara Stotram Path PDF Download
कनकधारा स्तोत्र का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
कनकधारा स्त्रोत का पाठ करने से लक्ष्मी माता खुश होती हैं और धन की प्राप्ति होती है। कनकधारा स्त्रोत का पाठ आपको रोज करना चाहिए प्रतिदिन नियमित रूप से 13 पाठ करने चाहिए। इसके अतिरिक्त यदि आप इस पाठ को रोज करने में असमर्थ है, सप्ताह का शुक्रवार का दिन भी शुभ माना जाता है।
कनकधारा स्तोत्रम का जाप कौन कर सकता है?
यदि कोई व्यक्ति धन की समस्या से अत्यधिक परेशान है और अपनी गरीबी को सदा के लिए दूर करना चाहते है, तो वह इस स्त्रोतम का जाप कर सकता है। जिससे उसके जीवन में धन से सम्बन्धित सभी परेशानी दूर हो जाएगी तथा उसके घर में लक्ष्मी जी विराजमान होगी।
Kanakadhara Stotram PDF कैसे Download करें?
कनकधारा स्तोत्रम pdf के रूप में मुफ्त में डाउनलोड करने के लिए पोस्ट में दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके आसानी से डाउनलोड कर सकते है।
Conclusion :-
इस पोस्ट में Kanakadhara Stotram PDF मुफ्त में उपलब्ध करवाई गयी है। साथ ही कनकधारा स्तोत्तम से सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की गयी है। उम्मीद करते है की Kanakdhara Path Pdf के रूप में डाउनलोड करने में किसी भी प्रकर की समस्या नहीं हुई होगी।
यह पोस्ट आपको अवश्य ही पसंद आयी होगी। यदि आपको Kanakadhara Stotram in Hindi PDF डाउनलोड करने में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही हो तो कमेंट करके जरूर बताये। साथ ही इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, ताकि वे भी इस मन्त्र के जाप से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।
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