Ashtanga Hridayam PDF in Hindi [2024] Free Download

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यदि आप आयुर्वेद के सभी विषय के बारे में जानना चाहते है तो अष्टांग हृदयम आपके लिए बहुत ही उपयोगी साबित होने वाला है। इसके अंतर्गत आपको एक ही जगह पर आयुर्वेद के सभी विषयों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त हो जाएगी।

आयुर्वेद के सम्पूर्ण विषय- कायचिकित्सा, शल्यचिकित्सा, शालाक्य आदि आठों अंगों के बारे में विस्तृत रूप से जानने के लिए इस पोस्ट को शुरू से लेकर अंत तक ध्यानपूर्वक जरूर पढ़े।

Ashtanga Hridayam PDF in Hindi Details

PDF Title Ashtanga Hridayam PDF in Hindi
Language Hindi
Category Book
PDF Size 90 mb
Total Pages
Download Link Available
PDF Source panotbook.com
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Ashtanga Hridayam PDF in Hindi

अष्टांग ह्रदयम की रचना वाग्भट्ट ऋषि के द्वारा की गयी है। वाग्भट ऋषि द्वारा रचित इस ग्रन्थ का अनुवाद जर्मन भाषा में भी हो चूका है। आयुर्वेदीय वाङ्मय का इतिहास ब्रह्मा, इन्द्र आदि देवों से सम्बन्धित होने के कारण अत्यन्त प्राचीन, गौरवास्पद एवं विस्तृत है। भगवान् धन्वन्तरि ने इस आयुर्वेद को ‘तदिदं शाश्वतं पुण्यं स्वयं यशस्यमायुष्यं वृत्तिकरं चेति’ (सु.सू. १११९) कहा है। 

अष्टांग हृदयम में कुल 6 खंड और 120 अध्याय सहित कुल 7120 श्लोक सम्मिलत किये गए हैं। लोकोपकार द्वारा इस विस्तृत आयुर्वेद को बाद में आठ भागों में विभाजित कर दिया गया। तब से इस ग्रन्थ को अष्टांग आयुर्वेद के नाम से जाना जाता है।

वाग्भट के अनुसार जिस प्रकार शरीर के लिए ह्रदय महत्वपूर्ण है, ठीक उसी प्रकार आयुर्वेद के लिए अष्टांग ह्रदयम अहम है। भारत में व्यक्ति अपने शरीर को निरोगी रखने के जिस ज्ञान को प्राप्त करता है, उस ज्ञान को आयुर्वेद कहा जाता है।

आयुर्वेद के अंतर्गत धर्मा उसे ही माना गया है, जो निरोगी होकर आपने जीवन का निर्वाह करता है। रोगी होकर लम्बी आयु को प्राप्त करना या निरोगी होकर कम आयु को प्राप्त करना दोनों ही आयुर्वेद में मान्य नहीं हैं। आयुर्वेद के अनुसार किसी भी व्यक्ति को निरोगी जीवन के बिना धन की प्राप्ति, सुख की प्राप्ति और धर्म की प्राप्ति नहीं होती है।

अर्थात कोई भी रोगी व्यक्ति अपने जीवन में किसी भी प्रकार का सुख परैत नहीं कर सकता। वह इस रोग अवस्था में किसी भी तरह का धन नहीं कमा सकता। अतः आयुर्वेद हमे स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित करता है। क्योकि जब हम स्वस्थ होंगे तो हम सभी प्रकार के ज्ञान को अर्जित कर सकेंगे।

जीवन में हमे स्वस्थ रहना अतिआवश्यक है, क्योकि जब शरीर नष्ट हो जाता है तो हमारे लिए संसार में बनी हुई सभी वस्तुए बेकार है। यदि हमारा शरीर स्वस्थ है तो हम जीवन के सभी सुखो का आनंद ले सकते है। दुनिया में आयुर्वेद एकमात्र ऐसा ज्ञान है, जो मनुष्य को जीवन में स्वस्थ रहने का ज्ञान अर्जित करता है।

बाकी की अन्य चिकित्सा प्रणाली जब आप बीमार पड़ जाते है, उसके बाद आपका इलाज किया जाता है और किये गए इलाज की भी कोई गारंटी नहीं होती है। लेकिन आयुर्वेद जब आप स्वस्थ होते है, उस समय भी स्वस्थ रहने के विभिन्न तरीको के बारे में ज्ञान प्रदान करती है।

आयुर्वेद की उत्पति | Ashtanga hridayam hindi pdf

आयुर्वेद एक शाश्वत एवं सातत्य वाला शास्त्र हैं । इसकी उत्पत्ति सृष्टि के रचियता श्री ब्रह्माजी के द्वारा हुई ऐसा कहा जाता हैं । ब्रह्माजी ने आयुर्वेद का ज्ञान दक्ष प्रजापति को दिया । श्री दक्ष प्रजापति ने यह ज्ञान अश्विनी कुमारों को दिया । उसके बाद यह ज्ञान देवताओं के राजा इन्द्र के पास पहुँचा ।

देवराजा इन्द्र ने इस ज्ञान को ऋषियों-मुनियों जैसे आत्रेय, पुतर्वसु आदि को दिया । उसके बाद यह ज्ञान पृथ्वी पर फैलता चला गया । इस ज्ञान को पृथ्वी पर फैलाने वाले अनेक महान ऋषि एवं वैद्य हुए हैं जो समय-समय पर आते रहे और लोगों को यह ज्ञान देते रहे हैं।

जैसे चरक ऋषि, सुश्रुत, आत्रेय ऋषि, पुनर्वसु ऋषि आदि-आदि । इसी श्रृंखला में एक महान ऋषि हुए वाग्भट्ट ऋषि, जिन्होंने आयुर्वेद के ज्ञान को लोगों तक पहुँचाने के लिए एक शास्त्र की रचना की जिसका नाम “अष्टांग हृदयम्” ।

इस अष्टांग हृदयम् शास्त्र में लगभग 7000 श्लोक दिये गये हैं । ये श्लोक मनुष्य जीवन को पूरी तरह निरोगी बनाने के लिए हैं ।

FAQs :- Ashtanga Hridayam Book in Hindi

Ashtanga Hridayam PDF in Hindi Free Download कैसे करे?

यदि आप अष्टांग ह्रदय PDF को फ्री में डाउनलोड करना चाहते है तो पोस्ट में दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके आसानी से फ्री में Download कर सकते है।

अष्टांग हृदयम में क्या लिखा है?

अष्टांग हृदयम में कुछ 7120 श्लोक हैं, जिसमें 6 खंड और 120 अध्याय हैं. वाग्भट ऋषि ने अष्टांग हृदयम में बीमारियों को ठीक करने के 7000 से अधिक सूत्र बताए हैं। अष्टांग हृदयम के पांच भागों में बीमारी, कारण और उपचार का वर्णन मिलता है।

अष्टांग के रचयिता कौन है?

अष्टांगसंग्रह आयुर्वेद का प्रसिद्ध ग्रन्थ है, इसके रचयिता वाग्भट हैं।

Conclusion :-

इस पोस्ट में Ashtanga Hridayam PDF in Hindi फ्री में उपलब्ध करवाया गया है। साथ ही आयुर्वेद से संबंधित जानकारी प्रदान की गयी है। उम्मीद करते है कि astanga hridaya pdf in hindi Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हुई होगी।

आशा करते है कि यह पोस्ट आपके लिए जरूर मददगार साबित हुई होगी। यदि आपको ashtanga hridayam book in hindi pdf Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही तो कमेंट करके जरूर बताये। साथ ही इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।

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