दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम आपको Kali Chalisa PDF मुफ्त में उपलब्ध करवाने जा रहे है, जिसे आप पोस्ट में दिए गए Download बटन पर क्लिक करके आसानी से मुफ्त में Download कर सकते है।
काली देवी हिन्दू धर्म की प्रमुख देवी है। काली देवी दुर्गा माता का सबसे विकराल और भयप्रद रूप माना जाता है। काली माता को परिवर्तन, मृत्यु और काल की देवी माना जाता है। हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार दुर्गा माता ने असुरों का संहार करने के लिए इस रूप को धारण किया।
यदि आप दुर्गा माँ के सबसे विकराल रूप माँ काली की आराधना के लिए काली चालीसा का पाठ करना चाहते है तो इस पोस्ट को शुरू से लेकर अंत तक जरूर पढ़े। इस पोस्ट में हमने Kali Chalisa in Hindi PDF में उपलब्ध करवाया है, और इससे होने वाले लाभ के बारे में जानकारी प्रदान की गयी है।
Kali Chalisa PDF Details
PDF Title | Kali Chalisa PDF |
---|---|
Language | Hindi |
Category | Religion |
Total Pages | 2 |
PDF Size | 40 KB |
Download Link | Available |
PDF Source | instapdf.in |
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Kali Chalisa Lyrics in Hindi
॥ दोहा ॥
जय काली जगदम्ब जय,हरनि ओघ अघ पुंज।
वास करहु निज दास के,निशदिन हृदय निकुंज॥
जयति कपाली कालिका,कंकाली सुख दानि।
कृपा करहु वरदायिनी,निज सेवक अनुमानि॥
॥ चौपाई ॥
जय जय जय काली कंकाली।जय कपालिनी, जयति कराली॥
शंकर प्रिया, अपर्णा, अम्बा।जय कपर्दिनी, जय जगदम्बा॥
आर्या, हला, अम्बिका, माया।कात्यायनी उमा जगजाया॥
गिरिजा गौरी दुर्गा चण्डी।दाक्षाणायिनी शाम्भवी प्रचंडी॥
पार्वती मंगला भवानी।विश्वकारिणी सती मृडानी॥
सर्वमंगला शैल नन्दिनी।हेमवती तुम जगत वन्दिनी॥
ब्रह्मचारिणी कालरात्रि जय।महारात्रि जय मोहरात्रि जय॥
तुम त्रिमूर्ति रोहिणी कालिका।कूष्माण्डा कार्तिका चण्डिका॥
तारा भुवनेश्वरी अनन्या।तुम्हीं छिन्नमस्ता शुचिधन्या॥
धूमावती षोडशी माता।बगला मातंगी विख्याता॥
तुम भैरवी मातु तुम कमला।रक्तदन्तिका कीरति अमला॥
शाकम्भरी कौशिकी भीमा।महातमा अग जग की सीमा॥
चन्द्रघण्टिका तुम सावित्री।ब्रह्मवादिनी मां गायत्री॥
रूद्राणी तुम कृष्ण पिंगला।अग्निज्वाला तुम सर्वमंगला॥
मेघस्वना तपस्विनि योगिनी।सहस्त्राक्षि तुम अगजग भोगिनी॥
जलोदरी सरस्वती डाकिनी।त्रिदशेश्वरी अजेय लाकिनी॥
पुष्टि तुष्टि धृति स्मृति शिव दूती।कामाक्षी लज्जा आहूती॥
महोदरी कामाक्षि हारिणी।विनायकी श्रुति महा शाकिनी॥
अजा कर्ममोही ब्रह्माणी।धात्री वाराही शर्वाणी॥
स्कन्द मातु तुम सिंह वाहिनी।मातु सुभद्रा रहहु दाहिनी॥
नाम रूप गुण अमित तुम्हारे।शेष शारदा बरणत हारे॥
तनु छवि श्यामवर्ण तव माता।नाम कालिका जग विख्याता॥
अष्टादश तब भुजा मनोहर।तिनमहँ अस्त्र विराजत सुन्दर॥
शंख चक्र अरू गदा सुहावन।परिघ भुशण्डी घण्टा पावन॥
शूल बज्र धनुबाण उठाए।निशिचर कुल सब मारि गिराए॥
शुंभ निशुंभ दैत्य संहारे।रक्तबीज के प्राण निकारे॥
चौंसठ योगिनी नाचत संगा।मद्यपान कीन्हैउ रण गंगा॥
कटि किंकिणी मधुर नूपुर धुनि।दैत्यवंश कांपत जेहि सुनि-सुनि॥
कर खप्पर त्रिशूल भयकारी।अहै सदा सन्तन सुखकारी॥
शव आरूढ़ नृत्य तुम साजा।बजत मृदंग भेरी के बाजा॥
रक्त पान अरिदल को कीन्हा।प्राण तजेउ जो तुम्हिं न चीन्हा॥
लपलपाति जिव्हा तव माता।भक्तन सुख दुष्टन दु:ख दाता॥
लसत भाल सेंदुर को टीको।बिखरे केश रूप अति नीको॥
मुंडमाल गल अतिशय सोहत।भुजामल किंकण मनमोहन॥
प्रलय नृत्य तुम करहु भवानी।जगदम्बा कहि वेद बखानी॥
तुम मशान वासिनी कराला।भजत तुरत काटहु भवजाला॥
बावन शक्ति पीठ तव सुन्दर।जहाँ बिराजत विविध रूप धर॥
विन्धवासिनी कहूँ बड़ाई।कहँ कालिका रूप सुहाई॥
शाकम्भरी बनी कहँ ज्वाला।महिषासुर मर्दिनी कराला॥
कामाख्या तव नाम मनोहर।पुजवहिं मनोकामना द्रुततर॥
चंड मुंड वध छिन महं करेउ।देवन के उर आनन्द भरेउ॥
सर्व व्यापिनी तुम माँ तारा।अरिदल दलन लेहु अवतारा॥
खलबल मचत सुनत हुँकारी।अगजग व्यापक देह तुम्हारी॥
तुम विराट रूपा गुणखानी।विश्व स्वरूपा तुम महारानी॥
उत्पत्ति स्थिति लय तुम्हरे कारण।करहु दास के दोष निवारण॥
माँ उर वास करहू तुम अंबा।सदा दीन जन की अवलंबा॥
तुम्हारो ध्यान धरै जो कोई।ता कहँ भीति कतहुँ नहिं होई॥
विश्वरूप तुम आदि भवानी।महिमा वेद पुराण बखानी॥
अति अपार तव नाम प्रभावा।जपत न रहन रंच दु:ख दावा॥
महाकालिका जय कल्याणी।जयति सदा सेवक सुखदानी॥
तुम अनन्त औदार्य विभूषण।कीजिए कृपा क्षमिये सब दूषण॥
दास जानि निज दया दिखावहु।सुत अनुमानित सहित अपनावहु॥
जननी तुम सेवक प्रति पाली।करहु कृपा सब विधि माँ काली॥
पाठ करै चालीसा जोई।तापर कृपा तुम्हारी होई॥
॥ दोहा ॥
जय तारा, जय दक्षिणा,कलावती सुखमूल।
शरणागत ‘भक्त ‘ है,रहहु सदा अनुकूल॥
श्री काली माता की आरती / Shri Kali Mata Aarti Lyrics PDF
अम्बे तू है जगदम्बे काली,जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती,ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
तेरे भक्त जनो पर माताभीर पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पड़ो माँकरके सिंह सवारी॥
सौ-सौ सिहों से बलशाली,है अष्ट भुजाओं वाली,
दुष्टों को तू ही ललकारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
माँ-बेटे का है इस जग मेंबड़ा ही निर्मल नाता।
पूत-कपूत सुने हैपर ना माता सुनी कुमाता॥
सब पे करूणा दर्शाने वाली,अमृत बरसाने वाली,
दुखियों के दुखड़े निवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
नहीं मांगते धन और दौलत,न चांदी न सोना।
हम तो मांगें तेरे चरणों मेंछोटा सा कोना॥
सबकी बिगड़ी बनाने वाली,लाज बचाने वाली,
सतियों के सत को संवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
चरण शरण में खड़े तुम्हारी,ले पूजा की थाली।
वरद हस्त सर पर रख दो माँसंकट हरने वाली॥
माँ भर दो भक्ति रस प्याली,अष्ट भुजाओं वाली,
भक्तों के कारज तू ही सारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
श्री काली कवच / Shri Kali Kavach PDF
ऊँ क्लीं मे हृदयम् पातु पादौ श्रीकालरात्रि।
ललाटे सततम् पातु तुष्टग्रह निवारिणी॥
रसनाम् पातु कौमारी, भैरवी चक्षुषोर्भम।
कटौ पृष्ठे महेशानी, कर्णोशङ्करभामिनी॥
वर्जितानी तु स्थानाभि यानि च कवचेन हि।
तानि सर्वाणि मे देवीसततंपातु स्तम्भिनी॥
श्री काली स्तोत्र / Shri Kali Stotra PDF
हीं कालरात्रि श्रीं कराली च क्लीं कल्याणी कलावती।
कालमाता कलिदर्पध्नी कमदीश कुपान्विता॥
कामबीजजपान्दा कमबीजस्वरूपिणी।
कुमतिघ्नी कुलीनर्तिनाशिनी कुल कामिनी॥
क्लीं ह्रीं श्रीं मन्त्र्वर्णेन कालकण्टकघातिनी।
कृपामयी कृपाधारा कृपापारा कृपागमा॥
काली चालीसा के पाठ से होने वाले लाभ
यदि आप काली चालीसा का नियमित रूप से पाठ करते है तो आपको निम्न लाभ मिलते है –
- यदि आप नियमित रूप से काली चालीसा का पाठ करते है तो आप सदैव बुरी शक्तियों से दूर रहते है और माता काली भुत प्रेत जैसी दुष्ट शक्तियों से आपकी रक्षा करती है।
- इसके अतिरिक्त काली चालीसा के पाठ से आप सदैव अपने शत्रु पर विजय प्राप्त करते है।
- जो भी भक्तगण माँ काली चालीसा का सच्चे मन से पाठ करता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है।
- काली चालीसा का पाठ करके आप अपने अंदर के नकारात्मक विचारों को समाप्त कर सकते है।
- यदि आप किसी बड़ी मुसीबत से गिरे हुए हो तो आपको काली चालीसा का पाठ अवश्य ही करना चाहिए, जिससे आपके जीवन में चल रही सभी मुसीबते दूर हो जाती है।
- काली चालीसा का पाठ करने से काली माँ प्रसन्न होती है। माँ काली की कृपा से कलयुग में कलि के सभी प्रभाव दूर होते है।
FAQs: Kali Chalisa PDF
Kali Chalisa PDF मुफ्त में कैसे Downoad करे?
यदि आप काली चालीसा PDF मुफ्त में Download करना चाहते है तो पोस्ट में दिए गए गए Download बटन पर क्लिक करके आसानी से फ्री में डाउनलोड कर सकते है।
मां काली किसकी बेटी थी?
महाकाली की उत्पत्ति कथा : श्रीमार्कण्डेय पुराण एवं श्रीदुर्गा सप्तशती के अनुसार काली मां की उत्पत्ति जगत जननी मां अम्बा के ललाट से हुई थी।
काली और महाकाली में क्या अंतर है?
काली जी माता पार्वती जी का ही रूप हैं काली जी चतुर्भुजा हैं शांत रूप है अर्थात जायदा डरावना नहीं है मुख पर एक हल्की सी मुस्कान है ,जो कि ध्यान से देखने पर नजर आ जाती है किंतु जो महाकाली रूप है वह रूप दश मुख , भुजाओं और पैरों से युक्त है इनको ही दुर्गा सप्तशती में महाकाली कहा गया
Conclusion:-
इस पोस्ट में Kali Chalisa PDF मुफ्त में उपलब्ध करवाई गयी है। साथ ही काली चालीसा के पाठ से होने वाले लाभ के में जानकारी प्रदान की गयी है। उम्मीद करते है कि Maa Kali Chalisa PDF Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हुई होगी।
आशा करते है कि यह पोस्ट जरूर पसंद आयी होगी। यदि आपको Mahakali Chalisa PDF Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही हो तो कमेंट करके जरूर बताये। साथ ही इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।
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