दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम आपको Maruti Stotra PDF मराठी भाषा में मुफ्त में उपलब्ध करवाने जा रहे है, जिसे आप पोस्ट में दिए गए Download Link पर क्लिक करके आसानी से फ्री में Download कर सकते है।
मारुती स्तोत्र पूर्णतया राम भक्त भगवान हनुमानजी को समर्पित है। भगवान हनुमान जी को कई नामो से जाना जाता है, जैसे – पवन पुत्र, बजरंगबली, बालाजी, अंजनी के लाल, आदि। इन्ही नामो में से उनको एक और अन्य नाम से जाना जाता है, जो कि मारुतिनंदन है। इनका यह नाम उनके पिता वायुदेव मारुत के कारण है।
भगवान हनुमानजी के भक्तो के द्वारा इनकी आरधना के लिए मारुती स्तोत्र का पाठ किया जाता है। यदि आप भी बजरंबली के सच्चे भक्त है और उनकी सच्चे मन से भक्ति करना चाहते है तो इस पोस्ट में दिए गए मारुती स्तोत्र का पाठ जरूर करें। जिससे भगवान बजरंबली का आशीर्वाद सदैव आप पर बना रहे और जीवन में सफल हो सकें।
Maruti Stotra PDF Details
PDF Title | Maruti Stotra PDF |
---|---|
Language | Hindi |
Category | Religion |
PDF Size | 0.6 MB |
Total Pages | 7 |
Download Link | Available |
PDF Source | Instapdf.com |
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Maruti Stotra Lyrics in Hindi
भीमरूपी महारुद्रा, वज्र हनुमान मारुती ।
वनारी अंजनीसूता, रामदूता प्रभंजना ।।१।।
महाबळी प्राणदाता, सकळां उठवीं बळें ।
सौख्यकारी शोकहर्ता, धूर्त वैष्णव गायका ।।२।।
दिनानाथा हरीरूपा, सुंदरा जगदंतरा ।
पाताळदेवताहंता, भव्य सिंदूरलेपना ।।३।।
लोकनाथा जगन्नाथा, प्राणनाथा पुरातना ।
पुण्यवंता पुण्यशीला, पावना परतोषका ।।४।।
ध्वजांगे उचली बाहू, आवेशें लोटिला पुढें ।
काळाग्नी काळरुद्राग्नी, देखतां कांपती भयें ।।५।।
ब्रह्मांड माईला नेणों, आवळें दंतपंगती ।
नेत्राग्नी चालिल्या ज्वाळा, भृकुटी त्राहिटिल्या बळें ।।६।।
पुच्छ तें मुरडिलें माथां, किरीटी कुंडलें बरीं ।
सुवर्णकटीकासोटी, घंटा किंकिणी नागरा ।।७।।
ठकारे पर्वताऐसा, नेटका सडपातळू ।
चपळांग पाहतां मोठें, महाविद्युल्लतेपरी ।।८।।
कोटिच्या कोटि उड्डाणें, झेपावे उत्तरेकडे ।
मंद्राद्रीसारिखा द्रोणू, क्रोधे उत्पाटिला बळें ।।९।।
आणिता मागुता नेला, गेला आला मनोगती ।
मनासी टाकिलें मागें, गतीस तूळणा नसे ।।१०।।
अणूपासोनि ब्रह्मांडा, येवढा होत जातसे ।
तयासी तुळणा कोठें, मेरुमंदार धाकुटें ।।११।।
ब्रह्मांडाभोंवते वेढे, वज्रपुच्छ घालूं शके ।
तयासि तूळणा कैचीं, ब्रह्मांडीं पाहतां नसे ।।१२।।
आरक्त देखिलें डोळां, गिळीलें सूर्यमंडळा ।
वाढतां वाढतां वाढे, भेदिलें शून्यमंडळा ।।१३।।
धनधान्यपशुवृद्धी, पुत्रपौत्र समग्रही ।
पावती रूपविद्यादी, स्तोत्र पाठें करूनियां ।।१४।।
भूतप्रेतसमंधादी, रोगव्याधी समस्तही ।
नासती तूटती चिंता, आनंदें भीमदर्शनें ।।१५।।
हे धरा पंधराश्लोकी, लाभली शोभली बरी।
दृढदेहो निसंदेहो, संख्या चंद्रकळागुणें ।।१६।।
रामदासी अग्रगण्यू, कपिकुळासी मंडण
रामरूपी अंतरात्मा, दर्शनें दोष नासती ।।१७।।
।। इति श्रीरामदासकृतं संकटनिरसनं मारुतिस्तोत्रं संपूर्णम् ।।
।। श्रीसीतारामचंद्रार्पणमस्तु ।।
मारुती स्तोत्र के पाठ की सही विधि
मारुती स्तोत्र हनुमानजी का एक सिद्ध मंत्र है। इसका जाप भगवान हनुमानजी की आरधना करने के लिए किया जाता है। इस स्तोत्र के पाठ के लिए सही विधि के बारे में बोध होना आवश्यक है। यदि आपने भी इस मंत्र का अभी-अभी पाठ आरम्भ किया है और आप इसकी सही विधि के बारे में नहीं जानते है तो निम्न बिन्दुओ का अनुसरण अवश्य करें –
- हालांकि मारुती स्तोत्र का पाठ करने का निश्चित समय निर्धारित नहीं किया गया है, लेकिन प्रातःकाल का समय सबसे शुभ माना जाता है।
- प्रातःकाल में सबसे पहले स्नान करें।
- इसके बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
- अब उस स्थान पर चले जाए जहा पर आप इस स्तोत्र का पाठ करना चाहते है। इसके लिए आप अपने घर के अतिरिक्त अपने निजी हनुमान मंदिर में भी जा सकते है।
- इसके बाद भगवान हनुमानजी में दृढ विश्वास के साथ पूर्व दिशा की ओर मुख करके इस स्तोत्र का पाठ आरम्भ करें।
- पाठ समाप्ति के बाद भगवान हनुमानजी को नतमस्तक होकर प्रणाम करे और अपने जीवन में आने वाली समस्त कठिनाइयों को दूर करने के लिए दोनों हाथ जोड़कर विनती करें।
Note – हनुमानजी की आरधना के लिए मारुती स्तोत्र के पाठ को रोजाना करना अनिवार्य नहीं है, आप चाहे तो इस स्तोत्र का पाठ सप्ताह में एक बार मंगलवार के दिन कर सकते है।
मारुती स्तोत्र के पाठ से होने वाले लाभ
यदि आप भगवान हनुमानजी की सच्चे मन से आरधना करते है तो आपको निम्न लाभ मिलते है –
- मारुती स्तोत्र का पाठ करने से भगवान हनुमानजी सदैव आपके निकट रहते है और किसी भी बड़ी आपदा से आपकी रक्षा करते है।
- भगवान हनुमानजी के इस स्तोत्र का पाठ करने से आपके जीवन में चल रही सभी परेशानिया दूर हो जाती है।
- मारुती स्तोत्र के पाठ से हनुमानजी बहुत जल्द प्रसन्न होते है और अपने भक्त को निरोगी और निर्भय होने का आशीर्वाद प्रदान करते है।
- हनुमानजी अपने भक्त के अंदर सम्पूर्ण भय का नाश करते है और उसमे एक आत्मविश्वास की महान शक्ति को स्थापित करते है।
- रोजाना हनुमान जी के इस स्तोत्र के पाठ से बुरी शक्तिया सदैव आपसे दुरी बनाकर रखती है।
- भगवान हनुमानजी की आरधना करने से उनका विशेष आशीर्वाद और कृपा सदैव आप पर बनी रहती है।
FAQs :- Maruti Stotra Marathi PDF
Maruti Stotra PDF Free Download कैसे करें?
यदि आप मारुती स्तोत्र मराठी Pdf फॉर्मेट में डाउनलोड करना चाहते है तो पोस्ट में दिए गए Download बटन पर क्लिक करके आसानी से फ्री में डाउनलोड कर सकते है।
हनुमान जी को मारुति क्यों कहा जाता है?
मारुत शब्द का अर्थ है वायु देव। मारूत के पुत्र होने के कारण हनुमान जी को मारुति कहते हैं। इसलिए मारूति नन्दन का अर्थ भी हनुमान ही है।
हनुमान जी का असली नाम क्या है?
बहुत कम लोग जानते हैं कि हनुमान जी के बचपन का नाम मारुति था, जो दरअसल उनका सबसे पहला व असली नाम था।
Conclusion:-
इस पोस्ट में Maruti Stotra PDF मुफ्त में उपलब्ध करवाई गयी है। साथ ही इस स्तोत्र के जाप से होने वाले लाभ और इसके पाठ की सही विधि के बारे में जानकारी दी गयी है। उम्मीद करते है कि आपको Hanuman Stotra PDF Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हुई होगी।
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