पार्वती चालीसा | Parvati Chalisa PDF Download Now [2024]

दोस्तों यदि आप माता पार्वती के सच्चे भक्त है और उनकी आराधना के लिए पार्वती चालीसा का पाठ करना चाहते है तो यह पोस्ट आपके लिए खास होने वाली है। आज की इस पोस्ट में हम आपको Parvati Chalisa PDF मुफ्त में उपलब्ध करवाने जा रहे है, जिसे Download करके आप किसी भी समय बिना इंटरनेट की सहायता से माता पार्वती की वंदना कर सकते है।

देवी पार्वती को हिन्दू धर्म की प्रमुख देवी माना गया है। इन्हे और भी कई नामों से जाना जाता है। माता को पार्वती, दुर्गा, काली, गौरी, उमा, जगदम्बा, गिरीजा, अम्बे, शेरांवाली, शैलपुत्री, पहाड़ावाली, चामुंडा, तुलजा, अम्बिका आदि नामों से जाना जाता है। 

यदि आप माता के विभिन्न रूपों की वंदना के लिए पार्वती चालीसा का पाठ PDF फॉर्मेट में Download करना चाहते है, तो पोस्ट में दिए गए Download बटन पर क्लिक करके आसानी से फ्री में Download कर सकते है।

Parvati Chalisa PDF Details

Parvati Chalisa PDF
PDF Title Parvati Chalisa PDF
Language Hindi
Category Religion
PDF Size 0.6 MB
Total Pages 7
Download Link Available
PDF Source instapdf.com
NOTE - Parvati Chalisa PDF Free Download करने के लिए नीचे दिए गए Download बटन पर क्लिक करे। 

Parvati Chalisa Lyrics in Hindi

॥ दोहा॥

जय गिरी तनये दक्षजे शम्भू प्रिये गुणखानि ।
गणपति जननी पार्वती अम्बे! शक्ति! भवानि ॥

॥ चौपाई ॥

ब्रह्मा भेद न तुम्हरो पावे ।
पंच बदन नित तुमको ध्यावे ॥

षड्मुख कहि न सकत यश तेरो ।
सहसबदन श्रम करत घनेरो ॥

तेऊ पार न पावत माता ।
स्थित रक्षा लय हिय सजाता ॥

अधर प्रवाल सदृश अरुणारे ।
अति कमनीय नयन कजरारे ॥

ललित ललाट विलेपित केशर ।
कुंकुंम अक्षत शोभा मनहर ॥

कनक बसन कंचुकि सजाए ।
कटी मेखला दिव्य लहराए ॥

कंठ मदार हार की शोभा ।
जाहि देखि सहजहि मन लोभा ॥

बालारुण अनंत छबि धारी ।
आभूषण की शोभा प्यारी ॥

नाना रत्न जड़ित सिंहासन ।
तापर राजति हरि चतुरानन ॥

इन्द्रादिक परिवार पूजित ।
जग मृग नाग यक्ष रव कूजित ॥ 10

गिर कैलास निवासिनी जय जय ।
कोटिक प्रभा विकासिनी जय जय ॥

त्रिभुवन सकल कुटुंब तिहारी ।
अणु अणु महं तुम्हारी उजियारी ॥

हैं महेश प्राणेश तुम्हारे ।
त्रिभुवन के जो नित रखवारे ॥

उनसो पति तुम प्राप्त कीन्ह जब ।
सुकृत पुरातन उदित भए तब ॥

बूढ़ा बैल सवारी जिनकी ।
महिमा का गावे कोउ तिनकी ॥

सदा श्मशान बिहारी शंकर ।
आभूषण हैं भुजंग भयंकर ॥

कण्ठ हलाहल को छबि छायी ।
नीलकण्ठ की पदवी पायी ॥

देव मगन के हित अस किन्हो ।
विष लै आपु तिनहि अमि दिन्हो ॥

ताकी तुम पत्नी छवि धारिणी ।
दुरित विदारिणी मंगल कारिणी ॥

देखि परम सौंदर्य तिहारो ।
त्रिभुवन चकित बनावन हारो ॥ 20

भय भीता सो माता गंगा ।
लज्जा मय है सलिल तरंगा ॥

सौत समान शम्भू पहआयी ।
विष्णु पदाब्ज छोड़ि सो धायी ॥

तेहि कों कमल बदन मुरझायो ।
लखी सत्वर शिव शीश चढ़ायो ॥

नित्यानंद करी बरदायिनी ।
अभय भक्त कर नित अनपायिनी ॥

अखिल पाप त्रयताप निकन्दिनी ।
माहेश्वरी हिमालय नन्दिनी ॥

काशी पुरी सदा मन भायी ।
सिद्ध पीठ तेहि आपु बनायी ॥

भगवती प्रतिदिन भिक्षा दात्री ।
कृपा प्रमोद सनेह विधात्री ॥

रिपुक्षय कारिणी जय जय अम्बे ।
वाचा सिद्ध करि अवलम्बे ॥

गौरी उमा शंकरी काली ।
अन्नपूर्णा जग प्रतिपाली ॥

सब जन की ईश्वरी भगवती ।
पतिप्राणा परमेश्वरी सती ॥ 30

तुमने कठिन तपस्या कीनी ।
नारद सों जब शिक्षा लीनी ॥

अन्न न नीर न वायु अहारा ।
अस्थि मात्रतन भयउ तुम्हारा ॥

पत्र घास को खाद्य न भायउ ।
उमा नाम तब तुमने पायउ ॥

तप बिलोकी ऋषि सात पधारे ।
लगे डिगावन डिगी न हारे ॥

तब तब जय जय जय उच्चारेउ ।
सप्तऋषि निज गेह सिद्धारेउ ॥

सुर विधि विष्णु पास तब आए ।
वर देने के वचन सुनाए ॥

मांगे उमा वर पति तुम तिनसों ।
चाहत जग त्रिभुवन निधि जिनसों ॥

एवमस्तु कही ते दोऊ गए ।
सुफल मनोरथ तुमने लए ॥

करि विवाह शिव सों भामा ।
पुनः कहाई हर की बामा ॥

जो पढ़िहै जन यह चालीसा ।
धन जन सुख देइहै तेहि ईसा ॥ 40

॥ दोहा ॥

कूटि चंद्रिका सुभग शिर,
जयति जयति सुख खा‍नि
पार्वती निज भक्त हित,
रहहु सदा वरदानि ।

॥ इति श्री पार्वती चालीसा ॥

पार्वती चालीसा के पाठ से होने वाले लाभ

यदि आप नियमित रूप से पारवती चालीसा का पाठ करते है, तो आपको निम्न लाभ प्राप्त होते है –

  • सावन महीने में पार्वती चालीसा का पाठ बहुत ही शुभ और लाभदायक माना जाता है।
  • पार्वती चालीसा का पाठ करने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • इस चालीसा का पाठ करने से आपकी प्रत्येक गुप्त मनोकामना पूर्ण होती है।
  • माता पार्वती की आराधना करने से आपको मनपसंद जीवनसाथी मिलता है।
  • पार्वती चालीसा का पाठ करने से परिवार में एकता आती है।
  • पार्वती चालीसा का पाठ नियमित रूप से पाठ करने वाले जातको की आदिशक्ति माँ पार्वती जी सब मनोरथ पूर्ण करती है।
  • आपके जीवन में आने वाली सभी प्रकार की कठिनाइयाँ दूर हो जाती है।
  • आपके आंतरिक मन में नकारात्मकता का नाश होता है तथा आप एक नयी ऊर्जा के साथ जीवनयापन करते है।
  • पार्वती चालीसा का नियमित रूप से पाठ करने से आदिशक्ति का आशीर्वाद तथा उनकी विशेष कृपा सदैव आप पर बनी रहती है।

FAQs: Parvati Chalisa PDF

Parvati Chalisa PDF Free Download कैसे करे?

यदि आप पार्वती चालीसा का पाठ PDF फॉर्मेट में डाउनलोड करना चाहते है तो पोस्ट में दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके आसानी से फ्री में डाउनलोड कर सकते है।

पार्वती ने शिव से शादी क्यों की?

पार्वती ने भगवन शिव का ध्यान पाने के लिए कठोर तपस्या की किन्तु भगवन शिव अपने तपस्या में लीन रहे। माता पार्वती ने फिर और कड़ी तपस्या की। सदियों के तपस्या के बाद, भगवन शिव माता पवर्ती के समर्पण, भक्ति और प्यार से प्रभावित हुए और उन्हें अपना पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया ।

शिव या पार्वती कौन अधिक शक्तिशाली है?

देवी-उन्मुख शाक्त ग्रंथों में कहा गया है कि वह शिव से भी आगे निकल जाती हैं और उन्हें सर्वोच्च सत्ता के रूप में पहचाना जाता है। जिस प्रकार शिव एक साथ विनाश और पुनर्जनन के अधिष्ठाता देवता हैं, उसी प्रकार यह जोड़ा संयुक्त रूप से त्याग और तपस्या की शक्ति और वैवाहिक सुख के आशीर्वाद दोनों का प्रतीक है।

Conclusion:-

इस पोस्ट में Parvati Chalisa PDF मुफ्त में उपलब्ध करवाई गयी है, साथ ही पार्वती चालीसा का पाठ करने से मिलने वाले फायदे के बारे में जानकारी प्रदान की गयी है। उम्मीद करते है कि Parvati Mata Chalisa PDF Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हुई होगी।

आशा करते है कि यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आयी होगी। यदि आपको Parvati Chalisa Lyrics PDF Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही हो तो कमेंट करके जरूर बताये। साथ ही इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।

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