दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम आपको 12 Jyotirlinga Name And Place List PDF मुफ्त में उपलब्ध करवाने वाले है, जिसे आप पोस्ट में दिए गए Download Link की सहायता से आसानी से Download कर सकते है।
सामान्यतः ज्योतिर्लिंग से तात्पर्य भगवान शिव का ज्योति के रूप में प्रकट होने से है। साथ ही ज्योतिर्लिंग की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इन 12 ज्योतिर्लिंग में से एक भी मानव निर्मित नहीं है अर्थात यह सभी स्वयंभू है। इसके अतिरिक्त यह सभी 12 ज्योतिर्लिंग भारत में ही स्थित है।
इस पोस्ट में हम आपको 12 ज्योतिर्लिंग Pdf फॉर्मेट में उपलब्ध करवाने वाले है। साथ ही इन सभी ज्योतिर्लिंग के बारे में विस्तार से जानने वाले है। यदि आप इन 12 ज्योतिर्लिंग के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो इस पोस्ट को शुरू से लेकर अंत तक ध्यानपूर्वक जरूर पढ़े।
12 Jyotirlinga Name And Place List PDF Details
PDF Title | 12 Jyotirlinga Name And Place List in Hindi |
---|---|
Language | Hindi |
Category | Religion |
Total Pages | 24 |
Pdf Size | 1 MB |
Download Link | Available |
Pdf Source | Unknown |
NOTE - 12 Jyotirlinga Name And Place List Pdf Free Download करने के लिए नीचे दिए गए Download बटन पर क्लिक करें।
12 Jyotirlinga Name And Place List
- Somnath Jyotirlinga – located in Gujarat
- Mallikarjuna Jyotirlinga – located in Andhra Pradesh
- Mahakaleshwar Jyotirlinga – located in Madhya Pradesh
- Omkareshwar Jyotirlinga – located in Madhya Pradesh
- Kedarnath Jyotirlinga – located in Uttarakhand
- Bhimashankar Jyotirlinga – located in Maharashtra
- Viswanath Jyotirlinga – located in Uttar Pradesh
- Triambakeshwar Jyotirlinga – located in Maharashtra
- Vaidyanath Jyotirlinga – located in Jharkhand
- Nageshwar Jyotirlinga – located in Gujarat
- Rameshwaram Jyotirlinga – located in Tamil Nadu
- Grishneshwar Jyotirlinga – located in Maharashtra
12 ज्योतिर्लिंग के बारे में संक्षिप्त विवरण
हिन्दू धर्म में कई देवता ब्रह्माण्ड में बनाये गए नियमन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। इन्ही देवताओ में से भगवान शिव का हिन्दू धर्म में प्रमुख स्थान है। भगवान शिव को हिन्दू धर्म में कई नामो से जाना जाता है जिसमे से आशुतोष, महादेव, महाकाल और पहसुपति प्रमुख है।
भगवान शिव साकार और निराकार दोनों रूपों में विध्यमान है। आप उनके किसी भी रूप में पूजा कर सकते है। ऐसा माना जाता है कि ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से श्रद्धालुओ के सभी पाप धूल जाते है।
आइये, अब हम इन 12 ज्योतिर्लिंगों को एक एक करके विस्तार से जान लेते है, जो की निम्न है –
1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात
यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के सौराष्ट्र में अरब सागर के तट पर स्थित है। यह भारत का सबसे पहला ज्योतिर्लिंग है। ऐसा माना जाता कि प्रजापति दक्ष ने चन्द्रमा को क्षय रोग का श्राप दिया था।
चन्द्रमा ने इस श्राप से मुक्ति प्राप्त करने के लिए भगवान शिव की पूजा अर्चना की और अंत में उन्होंने प्रजापति दक्ष द्वारा दिए गए श्राप से मुक्ति पा ली। चन्द्रमा के द्वारा ही इस ज्योतिर्लिंग को स्थापित किया गया था।
2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, आंध्र प्रदेश
यह ज्योतिर्लिंग आंध्रप्रदेश में कृष्णा नदी के किनारे स्थित है। इस ज्योतिलिंग को कैलाश भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि यहां से कुमार कार्तिकेय के जाने के बाद भगवान शिव ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हो गए।
साथ ही मल्लिकार्जुन शब्द को यदि विभाजित कर इसके अर्थ को समझे तो यहां मलिक्का से आशय माता पार्वती से है तथा अर्जुन से तात्पर्य भगवान शिव से है। ऐसा माना जाता है कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से भक्त के सभी कष्ट दूर हो जाते है।
3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश
यह ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में क्षिप्रा नदी के किनारे स्थित है। यह एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है, जहां की भस्म आरती सम्पूर्ण विश्वभर में प्रसिद्ध है।
ऐसा माना जाता है कि इस जगह पर भगवान शिव धरती फाड़कर पर प्रकट हुए थे और अपनी हुंकार से राक्षसों का सर्वनाश किया था। इसके बाद भक्तो के निवेदन से वे इसी जगह पर विराजमान हो गए थे। इसी कारण इसे महाकालेश्वर के नाम से जाना जाता है।
4. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश
यह ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र में स्थित है। यह नर्मदा नदी के किनारे पर स्थित एक पर्वत पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि तीर्थ यात्री सभी तीर्थो का जल लाकर ओंकारेश्वर में अर्पित करते है, तभी उनके द्वारा किये गए तीर्थ सफल माने जाते है।
ऐतिहासिकता के आधार पर ऐसा माना जाता है कि ओंकारेश्वर भील राजाओ का शासन क्षेत्र था। इसके बाद देवी अहिल्या बाई होल्कर के द्वारा नित्य मृतिका के 18 सहस्र शिवलिंगो को निर्मित कर उनका पूजन करने के पश्चात उन्हें नर्मदा में विसर्जित कर दिया था।
5. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तराखंड
यह ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड राज्य के अलखनंदा और मंदाकनी नदी के तट पर केदार नाम की पर्वत चोटी पर स्थित है। इस चोटी के पूर्वी दिशा में बद्रीनाथ का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि भगवान केदारनाथ के दर्शन के बिना बद्रीनाथ की यात्रा का कोई अर्थ नहीं है।
इसके अतिरिक्त यह मान्यता है कि इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना पांडवो के द्वारा की गयी थी। इसके अतिरिक्त यह माना जाता है कि इस मंदिर जीर्णोद्धार जगतगुरु आदि शंकराचार्य के द्वारा करवाया गया था। मंदिर के षष्ठभाग में आदि शंकराचार्य की समाधि स्थित है।
6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र
यह ज्योतिर्लिंग भारत के महाराष्ट्र राज्य के पुणे शहर से 100 किलोमीटर दूर डाकिनी में स्थित है। यहां स्थित शिवलिंग काफी बड़ा है, जिसके कारण इस स्थान को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है।
इस ज्योतिर्लिंग के बारे में अलग-अलग किवदंतिया मिलती है। इस स्थान के बारे में एक पौराणिक कथा के अनुसार त्रिपुरासुर नामक राक्षस ने भगवान शिव से उपहार के रूप में अमरता प्राप्त करने के लिए भीमाशंकर नामक जंगल में कठोर तपस्या की थी।
7. विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तर प्रदेश
यह ज्योतिर्लिंग उत्तरप्रदेश के सबसे प्रसिद्ध शहर वारणसी में गंगा नदी के तट पर स्थित है। इसी स्थान को बाबा विश्वनाथ का मंदिर स्थित है, जिसे काशी नगरी के नाम से भी जाना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने माता पार्वती की बात मानकर कैलाश को छोड़कर इसी स्थान को अपना निवास स्थल बनाया था। साथ ही धार्मिक मान्यताओ के अनुसार भगवान शिव की यहनगरी उनके त्रिशूल की नोक पर स्थित है।
8. त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र
यह ज्योतिर्लिंग गोदावरी नदी के किनारे महाराष्ट्र राज्य के नासिक शहर से मात्र 30 किलोमीटर की दुरी पर पश्चिम में स्थित है। यह मंदिर पूर्णतया काले पत्थरो से निर्मित है।
इस ज्योतिर्लिंग के बारे में शिवपुराण कहा गया है कि गौतम ऋषि और गोदावरी की प्रार्थना पर भगवान शिव ने इस जगह को अपना निवास स्थल घोषित किया। इसके बाद इस स्थल को त्र्यंबकेश्वर के नाम से जाना जाने लगा।
9. वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, झारखंड
इस स्थान को वैद्यनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह ज्योतिर्लिंग झारखंड राज्य के देवघर में स्थित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एक बार रावण ने कठिन तप करके शिव जी को अपनी लंका में ले जाते समय कुछ व्यवधानों के कारण शिव जी यही पर स्थापित हो गए।
10. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, गुजरात
धार्मिक पुराणों में भगवान शिव को नागों के देवता कहा गया है। नागेश्वर का तात्पर्य नागो के देवता से है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि इस शिव लिंग का नामकरण स्वयं भगवान शिव के द्वारा ही किया गया था।
11. रामेश्वर ज्योतिर्लिंग, तमिलनाडु
यह शिवलिंग भारत के दक्षिण में तमिलनाडु के रामनाथम नामक स्थान पर है। इस शिवलिंग के बारे में धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि रावण की लंका पर कूच करने से पहले भगवान राम ने इस शिवलिंग की स्थापना की थी।
12. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में यह सबसे अंतिम ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यह शिवलिंग महाराष्ट्र राज्य के संभाजीनगर के पास दौलताबाद में स्थित है। इस ज्योतिर्लिंग को घुश्मेश्वर के नाम से भी जाना जाता है।
यदि आप इन 12 ज्योतिर्लिंगों के बारे में विस्तारपूर्वक जानना चाहते है तो पोस्ट में दी गयी Pdf Download कर सकते है , जिसके अंतर्गत सभी ज्योतिर्लिंगों के बारे में विस्तार से बताया गया है।
FAQs : 12 Jyotirlinga Name With Place
12 Jyotirlinga Name And Place List Pdf कैसे Download करें?
12 ज्योतिर्लिंगों में से पहला ज्योतिर्लिंग कौन सा है?
भारत में कुल कितने ज्योतिर्लिंग है
Conclusion :-
इस पोस्ट में 12 Jyotirlinga Name And Place List Pdf मुफ्त में उपलब्ध करवाई गयी है। साथ ही इन 12 ज्योतिर्लिंगों के बारे में संक्षिप्त में जानकारी प्रदान की गयी है। उम्मीद करते है कि 12 Jyotirlinga Location List Download करने प्रकार की समस्या नहीं हुई होगी।
यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आयी होगी। यदि आपको 12 Jyotirlinga List Pdf Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही हो तो कमेंट करके जरूर बताये। साथ ही इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, ताकि वे भी इन 12 ज्योतिर्लिंग के बारे में विस्तार से जान पाए।
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