दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम आपको Karwa Chauth Katha in Hindi PDF मुफ्त में उपलब्ध करवाने वाले है, जिसे आप पोस्ट में दिए गए Download Link की सहायता से आसानी से फ्री में Download कर सकते है।
करवा चौथ का व्रत हिन्दू धंर्म का सबसे प्रमुख व्रत माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पत्नियां अपने पति की लम्बी उम्र के लिए उपवास करती है। इसके बाद वे रात को चन्द्रमा का इन्तजार करती है और करवा चौथ व्रत कथा का पाठ करती है तथा चन्द्रमा के दिखाई देने के ततपश्चात वे अपने पति के हाथ से पानी पीकर अपना व्रत तोड़ती है।
इस पोस्ट में हम आपको करवा चौथ कथा की कहानी Pdf फॉर्मेट में उपलब्ध करवाने जा रहे है। साथ ही इस व्रत कथा के पाठ के करने की सही विधि के बारे में जानकारी देने वाले है। यदि आपने भी अपने पति की लम्बी उम्र के लिए उपवास रखा है और करवा चौथ की कथा का पाठ करना चाहती है, तो इस पोस्ट को शुरू से लेकर अंत तक जरूर पढ़े।
Karwa Chauth Katha in Hindi PDF Details
PDF Title | Karwa Chauth Katha in Hindi PDF |
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Language | Hindi |
Category | Religion |
PDF Size | 824 KB |
Total Page | 5 |
Download Link | Available |
PDF Source | Pdffile.co.in |
नोट - दोस्तों अगर आप Karwa Chauth Katha in Hindi PDF Free Download करना चाहते है तो नीचे दिए गए Download बटन पर क्लिक करें।
Karva Chauth ki Katha in Hindi PDF | करवा चौथ कहानी
एक ब्राह्मण के सात पुत्र थे। इन सात भाइयो की इकलौती बहन वीरावती थी। वीरावती के सातों भाई अपनी इकलौती बहन से बहुत ज्यादा स्नहे करते थे। कुछ समय बाद वीरावती का ब्याह किसी ब्राह्मण लड़के साथ हो गया था। विवाह के बाद वीरावती करवा चौथ के व्रत के समय मायके में ही थी।
उसने अपनी भाभियो के साथ अपने पति की लम्बी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था। वीरावती शाम होते-होते भूख से व्याकुल हो गयी थी। इसके बाद सभी भाई खाना खाने के लिए बैठते और वीरावती से भी खाना खाने के लिए आग्रह करते है।
वीरावती अपने व्रत के बारे में बताती है और कहती है कि उसने निर्जल व्रत रख रखा है और वह खाना सिर्फ चन्द्रमा को देखकर उसे अर्घ्य देकर ही खायेगी। वीरावती की दशा सभी भाइयो को दिख रही थी, क्योकि वह भूख से बहुत ही व्याकुल दिख रही थी।
ऐसे में एक भाई ने पीपल के पेड़ पर एक दिया प्रज्वलित कर दिया और उसे चलनी की ओट में रख देता है। इसके बाद एक भाई आकर वीरावती से कहता है कि चाँद निकल आया है, तुम अपना व्रत तोड़ सकती हो। ऐसे में वीरावती उस दीपक को चाँद समझकर गलत तरीके से अपना निर्जल व्रत तोड़ लेती है।
जब वह रोटी के एक टुकड़े को अपने मुँह में रखने का प्रयास करती है तो उसे अचानक छींक आ जाती है तथा दूसरा टुकड़े में बाल आ जाता है और तीसरे और अंतिम टुकड़े को अपने मुँह में रखने के का प्रयास करती है और उसे सके पति के मृत्यु के समाचार प्राप्त हो जाते है।
इस समाचार को सुनने के पश्चात उसकी एक भाभी ने उसे सच्चाई से अवगत करवाया कि गलत तरीके से उसने व्रत तोडा इसलिए देवता वीरावती से नाराज हो गए। यह सुनकर वह बहुत दुखी हुई।
एक बार भगवान इंद्र की पत्नी इंद्राणी धरती पर आयी। वीरावती इंद्राणी के पास गयी। देवी इन्द्राणी ने वीरावती को करवा चौथ के व्रत की प्रक्रिया को पूरी श्रद्धा के साथ करने के नियम तथा उपाय बताये। इसके बाद वीरावती ने पुनः करवाचौथ का व्रत रखा।
इस बार वीरावती ने बहुत ही श्रद्धा पूर्वक यह व्रत रखा था। वीरावती की इस अद्भुत श्रद्धा और भक्ति को देखकर भगवान बहुत ही प्रसन्न होकर वीरावती को सदा सुहागन का आशीर्वाद प्रदान किया। इसके बाद वीरावती का पति पुनः जिन्दा हो गया और उसकी भक्ति सफल हो गयी।
इस काठ के बाद महिलाओ को भगवान पर अटूट विश्वास हो गया और इसी दिन से महिलाये करवा चौथ का व्रत रखने लगी।
करवा चौथ व्रत पूजा विधि
यदि आप करवा चौथ की सही विधि के बारे में नहीं जानते है तो निचे दिए गए बिंदु को फॉलो करें –
- करवा चौथ की आवश्यक सम्पूर्ण सामग्री को एकत्र करें।
- व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद ‘मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये पंक्ति का वाचन करें।
- पूरे दिन निर्जला रहें।
- दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा चित्रित करें। इसे वर कहते हैं। चित्रित करने की कला को करवा धरना कहा जाता है।
- आठ पूरियों की अठावरी बनाएं। हलुआ बनाएं। पक्के पकवान बनाएं।
- पीली मिट्टी से गौरी बनाएं और उनकी गोद में गणेशजी बनाकर बिठाएं।
- गौरी को लकड़ी के आसन पर बिठाएं। चौक बनाकर आसन को उस पर रखें। गौरी को चुनरी ओढ़ाएं। बिंदी आदि सुहाग सामग्री से गौरी का श्रृंगार करें।
- जल से भरा हुआ लोटा रखें। वायना (भेंट) देने के लिए मिट्टी का टोंटीदार करवा लें। करवा में गेहूं और ढक्कन में शक्कर का बूरा भर दें। उसके ऊपर दक्षिणा रखें।
- रोली से करवा पर स्वस्तिक बनाएं।
- गौरी-गणेश और चित्रित करवा की परंपरानुसार पूजा करें। पति की दीर्घायु की कामना करें। “नमः शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम्। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे॥”
- करवा पर 13 बिंदी रखें और गेहूं या चावल के 13 दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कथा कहें या सुनें।
- कथा सुनने के बाद करवा पर हाथ घुमाकर अपनी सासुजी के पैर छूकर आशीर्वाद लें और करवा उन्हें दे दें।
- तेरह दाने गेहूं के और पानी का लोटा या टोंटीदार करवा अलग रख लें।
- रात्रि में चन्द्रमा निकलने के बाद छलनी की ओट से उसे देखें और चन्द्रमा को अर्घ्य दें।
- इसके बाद पति से आशीर्वाद लें। उन्हें भोजन कराएं और स्वयं भी भोजन कर लें।
पूजन के पश्चात आस-पड़ोस की महिलाओं को करवा चौथ की बधाई देकर पर्व को संपन्न करें।
Karwa Chauth Aarti Lyrics in Hindi
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया.. ओम जय करवा मैया।
सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।
यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी.. ओम जय करवा मैया।
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।
दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती.. ओम जय करवा मैया।
होए सुहागिन नारी, सुख संपत्ति पावे।
गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे.. ओम जय करवा मैया।
करवा मैया की आरती, व्रत कर जो गावे।
व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे.. ओम जय करवा मैया।
करवा चौथ 2023 का शुभ मुहूर्त
ज्योतिष निखिल भारद्वाज बताते हैं कि हिंदू पंचांग के मुताबिक, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर रात्रि 9:30 से शुरू हो रही है और 1 नवंबर दिन बुधवार रात्रि 9:19 पर समाप्त होगी। वहीं करवा चौथ व्रत के लिए पूजा का शुभ मुहूर्त 1 नवंबर शाम 5:44 से लेकर रात्रि 7:02 तक रहेगा. करवा चौथ के दिन चंद्रोदय का समय रात्रि 8:26 PM है.
Karwa Chauth Pooja Samagri List PDF | करवा चौथ व्रत सामग्री
- करवा चौथ व्रत में पूजा के लिए आपको मिट्टी का एक करवा और उसका ढक्कन चाहिए।
- मां गौरी या चौथ माता एवं गणेश जी की मूर्ति बनाने के लिए काली या पीली मिट्ठी चाहिए।
- पानी के लिए एक लोटा होना जरुरी है।
- गंगाजल का होना आवश्यक है।
- इसके अतिरिक्त गाय का कच्चा दूध, दही एवं देसी घी को सामग्री में शामिल कर ले।
- अगरबत्ती, रूई और एक दीपक
- अक्षत, फूल, चंदन, रोली, हल्दी और कुमकुम
- मिठाई, शहद, चीनी और उसका बूरा
- बैठने के लिए आसन
- इत्र, मिश्री, पान एवं खड़ी सुपारी
- पूजा के लिए पंचामृत
- अर्घ्य के समय छलनी
- भोग के लिए फल एवं हलवा-पूड़ी
इसके अतिरिक्त आपको सुहागन के लिए भी कुछ विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है, जो कि निम्न है –
- महावर, मेहंदी, बिंदी, सिंदूर, चूड़ी, कंघा, बिछुआ, चुनरी आदि।
करवाचौथ का व्रत रखने वाली महिलाओ के लिए ध्यान रखने योग्य विशेष बातें
1. हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य के दौरान काला पहनने की मनाही होती है। यह अशुभता का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं कि मंगलसूत्र के काले दाने के अलावा इस दिन किसी काले रंग का प्रयोग न करें।
2. मान्यता है कि सुहागिनों को सफेद वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए। सफेद रंग सौम्यता और शांति का प्रतीक माना जाता है। लेकिन सुहाग के लिए रखे जाने वाले करवा चौथ व्रत में सफेद रंग की मनाही होती है।
3. करवा चौथ के दिन सुहागिन स्त्रियों को भूरा रंग पहनने से बचना चाहिए। मान्यता है कि यह रंग राहु और केतु का प्रतिनिधित्व करता है।
FAQs: Karwa Chauth Katha in Hindi PDF
Karwa Chauth Katha in Hindi PDF Free Download कैसे करें?
करवा चौथ में कौन सा कथा पढ़ा जाता है?
करवा चौथ की कथा कब पढ़नी चाहिए?
Conclusion:-
इस पोस्ट में Karwa Chauth Katha in Hindi PDF मुफ्त में उपलब्ध करवाई गयी है। साथ ही करवा चौथ व्रत की सही पोज्जा विधि तथा पूजा के दौरान आवश्यक सामग्री के बारे जानकारी दी गयी है। उम्मीद करते है कि Karva Chauth Vrat Katha Book PDF Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हुई होगी।
यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आयी होगी। यदि आपको Karva Chauth Vrat Katha Book PDF in Hindi Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही हो तो कमेंट करके जरूर बताये। साथ ही इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर, ताकि वे भी करवा चौथ कथा का पाठ कर सकें।
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